भारत के साथ साथ विश्वभर में बेबी कॉर्न की तेजी से मांग बढ़ रही है। बेबी कॉर्न का स्वाद सबको को पसंद आ रहा है। वर्तमान में बेबी कॉर्न होटलों और रेस्टोरेंट तक ही सीमित नहीं रह गए, इनकी घरेलू और विदेशी बाजारों में भी खूब मांग बढ़ रही है।
बेबी कॉर्न को कृषकों के लिए कम वक्त में ज्यादा आय करने का सबसे शानदार विकल्प माना जा रहा है। किसान बेबी कॉर्न की फसल से सालभर में करीब 3 से 4 बार मोटी आय अर्जित कर सकते हैं।
बेबी कॉर्न एक स्वादिष्ट, पौष्टिक तथा बिना कोलेस्ट्रोल का पौष्टिक खाद्य आहार है। इसके साथ ही इसमें फाइबर भी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। इसमें खनिज की मात्रा एक अंडे में पाए जाने वाले खनिज की मात्रा के बराबर होती है।
बेबी कॉर्न के भुट्टे, पत्तों में लिपटे होने के कारण कीटनाशक रसायन से मुक्त होते हैं। स्वादिष्ट एवं सुपाच्य होने के कारण इसे एक आदर्श पशु चारा फसल भी माना जाता है। हरा चारा, विशेष रूप से दुधारू मवेशियों के लिए अनुकूल है जो एक लैक्टोजेनिक गुण है।
बतादें, कि बेबी कॉर्न स्वादिष्ट होने के साथ साथ पौष्टिक आहार भी है। दरअसल, इसके अंदर कैल्शियम, आयरन, विटामिन, कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन आदि विघमान हैं।
बेबी कॉर्न की फसल पर कीटनाशक दवाइयों का भी प्रभाव नहीं पड़ता है। बेबी कॉर्न का सबसे ज्यादा इस्तेमाल सलाद, सूप, सब्जी, अचार, पकोड़ा, कोफ्ता, टिक्की, बर्फी लड्डू हलवा और खीर के लिए किया जाता है।
किसान बेबी कॉर्न की खेती दोमट मृदा में करके कम वक्त में अधिक लाभ अर्जित कर सकते हैं। किसानों को बेबी कॉर्न की फसल लगाने के लिए पहली जुताई मिट्टी पलटने वाले हल से करनी चाहिए। इसके बाद की दो से तीन जुताई किसानों को कल्टीवेटर में पाटा लगाकर करनी चाहिए।
ये भी पढ़ें: बेबी कॉर्न की खेती (Baby Corn farming complete info in hindi)
बेबी कॉर्न की बुवाई करते वक्त खेत की मृदा में पर्याप्त नमी होनी चाहिए। इसकी फसल को तैयार होने के लिए करीब दो से तीन सिंचाई की जरूरत होती है। इसकी पहली सिंचाई के करीब 20 दिनों उपरांत दूसरी सिंचाई करें और तीसरी फूल आने से पहले करें।
अगर आप भी बेबी कॉर्न की खेती करके कम समय में अधिक अधिक लाभ प्राप्त करना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको बेबी कॉर्न की उन्नत किस्मों का भी चयन करना चाहिए।
बेबी कॉर्न की खेती से बेहतरीन उपज हांसिल करने के लिए आप बी.एल.-42, प्रकाश, एच.एम.-4 और आजाद कमल किस्म की खेती कर सकते हैं।
किसान भाइयों को बेबी कॉर्न की फसल की तुड़ाई तीन से चार सेमी रेशमी कोपलें आने तक कर लेनी चाहिए। आपको ध्यान रखना है, कि बेबी कॉर्न की तुड़ाई करते समय गुल्ली के ऊपर की पत्तियों को नहीं तोड़ना चाहिए।
ये भी पढ़ें: बेबीकॉर्न उत्पादन की नई तकनीक आयी सामने, कम समय में ज्यादा मुनाफा
अगर आप भी बेबी कॉर्न की खेती से शानदार मुनाफा अर्जित करना चाहते हैं, तो आपको इसे सही ढ़ंग से करना चाहिए। ताकि आप प्रति हेक्टेयर पर 40 से 50 हजार रुपये की आसानी से कमाई कर सकते हैं।
किसान बेबी कॉर्न की फसल से 1 साल में 3 से 4 बार तुड़ाई कर सकते हैं। ऐसा करने से किसान 1 साल में ही बेबी कॉर्न की फसल से 2 लाख से भी ज्यादा की आमदनी कर सकते हैं।