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नीति आयोग ने बताए किसानों की कमाई को बढ़ाने के मूलमंत्र, बताया किस तरह बढ़ सकती है कमाई

Published on: 07-Dec-2022

नीति आयोग के मुख्य कार्यपालक अधिकारी परमेश्वरन अय्यर ने कहा है, कि भारत में किसानों की आय बढ़ाना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है, जिसके लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि किसानों को अब खेती के अलावा कृषि स्टार्टअप लगाने पर भी जोर देना चाहिए, जिससे किसानों के लिए रोजगार के नए साधन बन सकें। उन्होंने कहा कि फूड प्रोसेसिंग किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण सेक्टर साबित हो सकता है। जहां किसान निवेश करके प्रोसेस्ड प्रोडक्ट्स का निर्यात कर सकते हैं। उन्होंने एक सेमीनार को संबोधित करते हुए कहा कि भारत में फूड प्रोसेसिंग सेक्टर में एंट्री के लिए सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों को प्रोत्साहित करने की जरूरत है। उन्होंने आगे कहा कि फूड प्रोसेसिंग सेक्टर किसानों की आय को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकता है। साथ ही, यह भारत में कुपोषण के विरुद्ध लड़ाई में पोषण लक्ष्यों को हासिल करने में सहायक हो सकता है। सरकार ने इन चीजों को देखते हुए कई कदम उठाए हैं। जिससे खेतों के स्तर पर ही फूड प्रोसेसिंग उद्योग को बढ़ावा दिया जा सके। उन्होंने कहा कि आजकल खाद्य सुरक्षा के लिए बहुत ही ज्यादा कड़े मानक बनाए जा चुके हैं। इसलिए इसको वैश्विक स्तर पर बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण माना जाता है। सरकार खाद्य सुरक्षा में सुधार को लेकर लगातार प्रयत्न कर रही है।

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परमेश्वरन अय्यर ने कहा, साल 2023 को संयुक्त राष्ट्र ने 'इंटरनेशनल ईयर ऑफ मिलेट्स' (IYoM) घोषित किया है जो एक महीने से भी कम समय में शुरू होने जा रहा है। इसमें संयुक्त राष्ट्र मोटे अनाज के उत्पादन, प्रोसेसिंग और खाने के ऊपर जोर देगा। मोटे अनाज की प्रोसेसिंग न केवल रोजगार के लिहाज से बल्कि स्वास्थ्य के लिहाज से भी बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि मोटे अनाज के प्रोसेसिंग में सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों को लाने की भी जरूरत है। ये उद्यम इस क्षेत्र में ढेर सारे रोजगार पैदा कर सकते हैं। इनसे प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से किसानों को ही फायदा होने वाला है। इंटरनेशनल ईयर ऑफ मिलेट्स (IYoM) 2023 योजना का सरकारी दस्तावेज पढ़ने या पीडीऍफ़ डाउनलोड के लिए, यहां क्लिक करें अय्यर ने भारत में बनने वाले फूड प्रोसेस्ड उत्पादों के निर्यात पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इससे बाजार में कच्चे माल की मांग बढ़ेगी जिससे किसान ज्यादा उत्पादन करेंगे। इसके साथ ही मांग बढ़ने के साथ ही किसानों को उनकी फसलों का उचित दाम भी मिल सकेगा। साथ ही उन्होंने भारत में खाद्य पदार्थों की बर्बादी पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि अब भी दुनिया में ऐसे लोग हैं, जिनके पास खाने के लिए पर्याप्त खाना नहीं है और वो गंभीर कुपोषण के शिकार हैं।

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