Published on: 29-Sep-2023
विगत वर्ष की अपेक्षा में इस साल डीएपी और यूरिया की खपत में काफी बढ़ोत्तरी दर्ज हुई है। केंद्रीय उर्वरक सचिव ने किसानों एवं राज्यों से इनका संतुलित इस्तेमाल करने के लिए कहा है।
दरअसल, विगत वर्षों के मुकाबले में इस साल चल रहे खरीफ फसल सीजन में डीएपी और यूरिया (DAP and Urea) की बढ़ती खपत को मद्देनजर रखते हुए केंद्रीय उर्वरक सचिव रजत कुमार मिश्रा ने किसानों और राज्यों से संतुलित इस्तेमाल करने के लिए कहा है। इस खरीफ फसल सीजन के चलते यूरिया और डीएपी की बेहद ज्यादा खपत देखी गई है। विगत वर्ष की अपेक्षा में अभी तक 13 लाख टन यूरिया और 10 लाख टन डीएपी की खपत में बढ़ोत्तरी देखी गई है।
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इस खरीफ सीजन में 1.8 करोड़ टन उर्वरक की खपत की गई
एक कॉन्फ्रेंस के दौरान केंद्रीय उर्वरक सचिव रजत कुमार मिश्रा ने कहा कि इस खरीफ सीजन के दौरान रिकॉर्ड मात्रा में 1.8 करोड़ टन उर्वरक का उपयोग किया गया है। यूरिया की खपत में 13 लाख टन से भी ज्यादा की बढ़ोत्तरी देखी गई है। उन्होंने रबी अभियान के अंतर्गत आयोजित कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए कहा कि यदि आप 10,000 करोड़ रुपये से एक आधुनिक और बेहद कुशल यूरिया संयंत्र स्थापित करते हैं, तो आप एक वर्ष में 10.5 लाख टन की पैदावार कर सकते हैं। इस वजह से अतिरिक्त मांग को पूर्ण करने के लिए हमें एक नया संयंत्र स्थापित करना पड़ेगा।
केंद्रीय उर्वरक सचिव ने वितरण की कड़ी निगरानी को कहा
केंद्रीय उर्वरक सचिव का कहना है, कि
डीएपी की खपत विगत खरीफ सीजन से 10 लाख टन अधिक होने वाली है। उन्होंने कहा कि पानी के उपरांत उर्वरक उन नौ फसल आदानों में से एक है, जो कि पैदावार को प्रभावित करता है। उन्होंने कहा कि केंद्र कृषि क्षेत्र की जरूरतों के मुताबिक उर्वरक मुहैय्या कराने के लिए प्रतिबद्ध है। रजत कुमार मिश्रा का कहना है, कि केंद्र ने 2022-23 में 2.5 लाख करोड़ रुपये का अनुदान भार वहन किया है। उन्होंने राज्यों से उर्वरकों के वितरण की कड़ी निगरानी करने और क्षेत्रीय असमानता को खत्म करने के लिए भी कहा है।