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अमृत सरोवर

किसानों के लिए मिशन अमृत सरोवर बनेगा ढ़ाल, ये मिशन सूखे की समस्या को खत्म करेगा

किसानों के लिए मिशन अमृत सरोवर बनेगा ढ़ाल, ये मिशन सूखे की समस्या को खत्म करेगा

मिशन अमृत सरोवर ग्रामीण विकास मंत्रालय, जल शक्ति मंत्रालय, संस्कृति मंत्रालय, पंचायती राज मंत्रालय, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय एवं तकनीकी संगठनों की हिस्सेदारी के साथ "संपूर्ण सरकार" दृष्टिकोण पर आधारित है।  दिन-प्रतिदिन पानी की समस्याओं से लड़ रहे कृषकों और ग्रामीणों के लिए सरकार ने एक महत्वाकांक्षी योजना का आरंभ किया है। इस योजना का नाम है, अमृत सरोवर योजना। यह योजना जल संरक्षण तथा सूखे जैसी भयानक स्थिति से जूझने के लिए केंद्र सरकार की तरफ से लाई गई है। इस योजना के मुताबिक, 15 अगस्त 2023 तक भारत भर के हर एक जनपद में 75-75 तालाबों का निर्माण किया जाना था। इससे गर्मी के दिनों में होने वाले भूजल की गिरावट को काफी हद तक काबू में किया जा सकेगा।

मिशन अमृत सरोवर की प्रमुख विशेषताएं क्या-क्या हैं

मिशन अमृत सरोवर 24 अप्रैल 2022 को जारी किया गया और 15 अगस्त 2023 को पूर्ण हुआ। इसका लक्ष्य भारत के हर एक जनपद में 75 अमृत सरोवर (तालाब) का विकास, मरम्मत करना है, जिससे भारत भर में कुल मिलाकर तकरीबन 50,000 अमृत सरोवर होंगे। मिशन अमृत सरोवर 15 अगस्त 2023 को पूर्ण हो चुका है। दरअसल, मिशन अमृत सरोवर ग्रामीण विकास मंत्रालय, पंचायती राज मंत्रालय, पर्यावरण, जल शक्ति मंत्रालय, संस्कृति मंत्रालय, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय और तकनीकी संगठनों की हिस्सेदारी के साथ "संपूर्ण सरकार" दृष्टिकोण पर आधारित है। 

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इस राज्य सरकार ने देश के सरोवरों को सुंदर और संरक्षित करने की कवायद शुरू करदी है इस मिशन के अंतर्गत भारत के हर जनपद में कम से कम 75 अमृत सरोवरों का निर्माण अथवा कायाकल्प किया जा सकेगा। हर एक अमृत सरोवर में कम से कम 01 एकड़ का तालाब क्षेत्र होगा, जिसकी जल धारण क्षमता तकरीबन 10,000 घन मीटर होगी। हर एक अमृत सरोवर नीम, पीपल एवं बरगद इत्यादि वृक्षों से घिरा होगा। प्रत्येक अमृत सरोवर सिंचाई, मछली पालन, बत्तख पालन, सिंघाड़े की खेती, जल पर्यटन एवं बाकी गतिविधियों जैसे बहुत सारे उद्देश्यों के लिए पानी का इस्तेमाल करके आजीविका सृजन का स्रोत होगा। अमृत सरोवर उस क्षेत्र में एक सामाजिक मिलन स्थल के तोर पर भी कार्य करेगा। मिशन अमृत सरोवर आजादी का अमृत महोत्सव के दौरान की गई कार्रवाई का एक स्पष्ट उदाहरण है।  प्रत्येक अमृत सरोवर स्थल हर एक स्वतंत्रता दिवस पर ध्वजारोहण का स्थान है। मिशन अमृत सरोवर में स्वतंत्रता सेनानी अथवा उनके परिवार के सदस्य, शहीदों के परिवार के सदस्य, पद्म पुरस्कार विजेता जुड़े हुए हैं। मिशन अमृत सरोवर राज्यों एवं जनपदों के जरिए से विभिन्न योजनाओं जैसे महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (महात्मा गांधी एनआरईजीएस), 15वें वित्त आयोग अनुदान, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना उपयोजनाएं जैसे वाटरशेड विकास घटक, हर खेत के अभिसरण के साथ कार्य करता है। मिशन अमृत सरोवर बुनियादी ढांचागत परियोजनाओं को प्रोत्साहन देने के लिए जल संरक्षण, लोगों की हिस्सेदारी और जल निकायों से निकाली गई मृदा के उचित इस्तेमाल पर केंद्रित है। रेल मंत्रालय, सड़क परिवहन तथा राजमार्ग मंत्रालय एवं बुनियादी ढांचा परियोजना विकास के लिए लगी बाकी सार्वजनिक एजेंसियां भी अमृत सरोवर से निकली मृदा, खाद के उपयोग के उद्देश्य से मिशन में शम्मिलित हैं।
इस राज्य सरकार ने देश के सरोवरों को सुंदर और संरक्षित करने की कवायद शुरू करदी है

इस राज्य सरकार ने देश के सरोवरों को सुंदर और संरक्षित करने की कवायद शुरू करदी है

नदी, नहरें, तालाब, सरोवर एवं झरने देश की सुंदरता को काफी उत्कृष्ट बनाने में अपनी अहम भूमिका अदा करते हैं। उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से विश्व पृथ्वी दिवस को लेकर सरोवरों को संवारने और उनका सौंदर्यीकरण करने का कार्य किया जा रहा है। अमृत सरोवर महोत्सव स्कीम के अंतर्गत सरोवरों को सेल्फी प्वॉइंट बनाने की कवायद की जा रही है। जानकारी के लिए बतादें कि प्रति वर्ष 22 अप्रैल को विश्व पृथ्वी दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस धरती को किस तरह से सुंदर बनाया जाए एवं किस प्रकार प्राकृतिक वस्तुओं दिवस का संरक्षण किया जाए। इसके लिए विश्व के प्रत्येक देश की तरफ से इस दिशा में कार्य किया जाता है। भारत में भी विभिन्न राज्य सरकारें अपने-अपने स्तर से तैयारियां कर रही हैं। विश्व पृथ्वी दिवस को लेकर भारत सरकार काफी सजग और सतर्क है। साथ ही, उत्तर प्रदेश सरकार ने तो इसको लेकर तैयारियां भी चालू कर दी हैं। तालाब मतलब सरोवर भू संरक्षण एवं जमीन की उर्वरकता व नमी को कायम रखने का बड़ा जरिया माने जाते हैं। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा इस पृथ्वी दिवस पर सरोवरों को संवारने व सौंदर्यीकरण के लिए कवायद शुरू करदी है।

अमृत सरोवर महोत्सव स्कीम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 अप्रैल 2022 को
आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में अमृत सरोवर महोत्सव स्कीम को जारी किया था। इस योजना को संपूर्ण भारत के लिए जारी किया गया था। योजना के अंतर्गत प्रत्येक जनपद में 75 से ज्यादा तालाब खुदवाने निर्धारित किए गए थे। इन तालाबों की सहायता से भूजल संरक्षण को सहायता प्राप्त होती है। आजकल भूमिगत जल स्तर में गिरावट प्रत्येक राज्य सरकारों एवं निवासियों के लिए एक चुनौती बन चुका है। इसको नियंत्रित करने के लिए विभिन्न राज्य सरकारें अपने-अपने स्तर से कार्य कर रहीं हैं। कुछ राज्य सरकारें कम जल खपत वाली फसलों के उत्पादन पर अनुदान राशि भी किसानों को मुहैय्या करा रही हैं। तो कुछ सरकारें वाटर टैंक बनाने के लिए अनुदान प्रदान कर रही हैं।

उत्तर प्रदेश में सरोवर बनेंगे सेल्फी प्वाइंट

अमृत सरोवर योजना के अंतर्गत तालाबों को संवारने और सुंदर बनाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से कवायद की गई है। उत्तर प्रदेश सरकार विश्व पृथ्वी दिवस पर राज्य में स्थापित समस्त सरोवरों को अच्छी तरह सजाने का कार्य कर रही है। इसके उपरांत इनको सेल्फी प्वाइंट के लिहाज से भी तैयार किया जाएगा। प्रदेश सरकार का कहना है, कि सरोवरों को टूरिस्ट प्लेस के तौर पर तैयार किया जाएगा। इससे यहां साफ- सफाई और बेहतर तरीके से हो सकेगी। साथ ही, विभिन्न प्रकार के सूक्ष्म उद्योगों को भी प्रोत्साहन मिलेगा। यह भी पढ़ें: एग्री लोन लें फसल बुवाई पर, चुकाएं किसान कटाई पर : प्रोत्साहन राशि दे रही सरकार उस पर

उत्तर प्रदेश में 10 हजार सरोवरों का होगा सौंदर्यीकरण

अमृत सरोवर योजना के चलते उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक 10 हजार सरोवर निर्मित किए गए हैं। राज्य सरकार द्वारा योजना में बढ़-चढ़कर हिस्स्सेदारी की गई है। अब सरोवरों को बेहतर बनाने के लिए राज्य सरकार ने कदम उठाने चालू कर दिए हैं। सरोवरों के सुधरने से स्वच्छता अभियान को भी प्रोत्साहन मिलेगा। साथ ही, टूरिस्ट प्लेस निर्मित होने की वजह से स्थानीय लोगों की आमदनी में भी काफी इजाफा देखने को मिलेगा। भारत के तालाब और नदियां देश की सुंदरता को बढ़ाने में अहम भूमिका अदा करते हैं।