महिला किसान स्मारिका चंद्राकर ने MNC कंपनी से लाखों की नौकरी छोड़ खेती को चुना
आज हम मेरीखेती के इस लेख में आपको एक सफल महिला किसान स्मारिका चंद्राकर के विषय में बताऐंगे। बतादें, कि महिला किसान के कृषि फार्म में 19 एकड़ में बैंगन और टमाटर लगा हुआ है। हालाँकि, इससे पूर्व उसी खेत में अन्य बागवानी फसलें जैसे कि खीरा, करेला और लौकी लगा हुआ था। दरअसल, स्मारिका का बचपन गांव में बीता है, इसके बाद वह पढ़ाई करने के लिए पुणे चली गई हैं। परंतु, वह पुनः गांव में ही आकर बस गई। अब वह आत्मनिर्भर किसान है। कृषि वर्तमान में एक व्यवसाय भी बन गया है। नवीनतम एवं उन्नत तकनीकों के आने से पूर्व की तुलना में फल, सब्जी और अनाजों का उत्पादन भी गढ़ गया है। इससे किसानों की आय काफी बढ़ गई है। यही कारण है, कि अब पढ़े- लिखे युवा भी लाखों रुपये महीने की नौकरी छोड़ कर खेती- किसानी की ओर कदम बढ़ा रहे हैं। परंतु, आज हम एक ऐसी युवती के विषय में जानकारी देंगे, जो नौकरी छोड़ने के उपरांत खेती से करोड़पति बन गई। वर्तमान में अन्य दूसरे लोग भी युवती से खेती करने की बारीकी सीख रहे हैं।स्मारिका चंद्राकर मूलतयः कहाँ की रहने वाली है
दरअसल, हम जिस युवती के विषय में चर्चा कर रहे हैं, उसका नाम स्मारिका चंद्राकर है। वह छत्तीसगढ़ के धमतरी जनपद स्थित कुरुद प्रखंड के चरमुड़िया गांव की मूल निवासी हैं। स्मारिका चंद्राकर ने पुणे महाराष्ट्र से एमबीए पास है। साथ ही, उसने कम्प्यूटर साइंस में बीई भी कर रखी है। पहले वह मल्टीनेशनल कंपनी में 15 लाख रुपए के वार्षिक पैकेज पर नौकरी किया करती थी। बतादें, कि सबकुछ अच्छा चल रहा था। इसी दौरान उसके पिताजी की तबीयत खराब हो गई। यही स्मारिका चंद्राकर के लिए टर्निंग प्वांइट साबित हुआ।ये भी पढ़ें: सरकारी नौकरी को छोड़कर मुकेश पॉलीहाउस के जरिए खीरे की खेती से मोटा मुनाफा कमा रहा है
स्मारिका चंद्राकर बागवानी से जबरदस्त उत्पादन प्राप्त कर रही हैं
स्मारिका चंद्राकर का कहना है, कि उसके पिता के पास गांव में काफी ज्यादा भूमि है। उन्होंने वर्ष 2020 में 23 एकड़ भूमि पर सब्जी की खेती चालू की थी। परंतु, स्वास्थ्य खराब होने के चलते वे बेहतर ढ़ंग से खेती नहीं कर पा रहे थे। ऐसे में स्मारिका चंद्राकर ने नौकरी छोड़ गांव आकर अपने पिता के साथ खेती में सहयोग करना शुरू कर दिया। उसके बाद देखते ही देखते वह वैज्ञानिक ढ़ंग से अपने समस्त भू-भाग पर खेती शुरू कर दी। उसने मृदा की गुणवत्ता के मुताबिक ही फसल का चुनाव भी किया। इससे उन्हें जबरदस्त उत्पादन प्राप्त होने लगा।स्मारिका चंद्राकर की सब्जियों की सप्लाई कई राज्यों में होती है
बतादें, कि स्मारिका चंद्राकर ने कुछ रुपये खर्च कर अपने खेत को आधुनिक कृषि फार्म बना दिया। इसका लाभ यह हुआ कि अब स्मारिका चंद्राकर के धारा कृषि फार्म से प्रतिदिन 12 टन टमाटर और 8 टन बैंगन की पैदावार हो रही है। स्मारिका का वार्षिक टर्नओवर एक करोड़ रुपये से भी ज्यादा है। मुख्य बात यह है, कि स्मारिका न केवल खेती से आमदनी कर रही है, बल्कि 150 लोगों को रोजगार भी उपलब्ध कर रखा है। स्मारिका के खेत में उगाए गए बैंगन और टमाटर की आपूर्ति उत्तर प्रदेश, बिहार, ओडिशा, आंध्र प्रदेश और दिल्ली में भी होती है।
16-Oct-2023