केसर की खेती करना न सिर्फ आर्थिक लाभ कमाना है बल्कि यह एक सामाजिक प्रेरणात्मक कार्य भी है। पूर्व सैनिक महेंद्र सिंह ने बंजर जमीन पर केसर की खेती कर लाखो रुपया कमाए है। इस कार्य से युवा और किसान भी प्रेरित होकर रोजगार के अवसर प्राप्त कार सकते है।
पूर्व सैनिक महेंद्र सिंह जो की ज्वाली विधानसभा के सुकनाड़ा पंचायत से सम्बन्धित है उन्होंने अपनी मेहनत और द्रढ़ संकल्प से बंजर भूमि को उपजाऊ बना दिया है।
महेंद्र सिंह ने चार मरला खेत में केसर की खेती की जिसे न केवल उनकी आर्थिक स्थिति में सुधर आया बल्कि सभी स्थानीय किसानों को भी उससे प्रेरणा मिली है।
नगरोटा सूरियां क्षेत्र में उन्होंने कृषि को अपने ज्ञान और रुचि के आधार पर एक नयी दिशा प्रदान की है। मीडिया के द्वारा बताया गया है की मेह्नद्र सिंह ने लगभग 17 साल तक सेना में अपनी सेवाएं दी है। साथ ही उन्होंने ये भी बताया उनकी पत्नी संतोष भी इस कार्य में अपना सहयोक प्रदान करती थी।
दोस्त से मिली खेती की प्रेरणा
महेंद्र सिंह पठानिया ने बताया उन्हें अपने दोस्त से इस खेती के लिए प्रेरणा मिली थी। साथ ही इसके अलावा केसर की खेती के लिए भी बीज भी उन्ही के दोस्त ने उपलब्ध कराया था।
महेंद्र सिंह पठानिया ने केसर की खेती चार मरले भूमि में की थी इस वक्त उनकी यह खेती पैदावार भी देने लगी है , रोजाना वो केसर के फूल तोड़कर उन्ही एकत्रित करते है।
केसर की खेती के अलावा महेंद्र सिंह पठानिया ने तीन कनाल भूमि पर द्वितीय किस्म के चावल की खेती भी की थी, जिसकी पैदावार बी काफी अच्छी रही।
उन्होंने यह भी बताया यदि खेती के लिए पर्याप्त पानी मिलता रहे तो नगरोटा के किसान नगदी फसलों का उत्पादन कर बेहतर कमा सकते है, उन्हें छोटी मोटी नौकरियों के लिए इधर उधर नहीं भटकना पड़ेगा।
मेहन्द्र सिंह पठानिया ने यह भी बताया नगरोटा क्षेत्र के किसानों के पास भूमि तो है लेकिन खेती करने और सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी नहीं है।
सिंचाई सुविधा के अभाव में किसान खेती नहीं कर पाते है। सिंचाई सुविधाओं के अभाव को लेकर महेंद्र सिंह पठानिया ने सरकार से भी इस मामले में बात की है ताकि खेती से पीछे हटने वाले किसानों को अच्छी नकदी फसलों की पैदावार के लिए प्रेरित किया जा सके।
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मेहन्द्र सिंह पठानिया द्वारा की गई कर की खेती से युवा और किसान भी काफी प्रेरित हुए है। केसर की खेती और नकदी फसल की खेती से प्रेरित होकर किसान रोजगार के अवसर प्राप्त कर सकता है।
केसर की खेती कैसे करें ?
सबसे पहला प्रश्न आता है की केसर की खेती कैसे और उसकी पैदावार के लिए कैसी जलवायु चाहिए, कितनी सिंचाई करें किस प्रकार की भूमि और मिट्टी की आवश्यकता पड़ेगी।
1 भूमि का चयन और तैयारी
केसर की खेती के लिए सबसे पहले भूमि का चयन करना पड़ता है, उसके बाद केसर की बुवाई के लिए भूमि को तैयार किया जाता है।
केसर की खेती के लिए अच्छे जल निकास वाली भूमि की आवश्यकता रहती है इसके बाद भूमि की अच्छे से जुताई कर ले। जुताई के बाद भूमि को पाटा लगाकर अच्छे से समतल बना ले और भूमि को बुवाई के लिए तैयार कर ले।
2 बीजो का चयन और रोपण
भूमि को तैयार करने के बाद बीजो का चयन करें, ध्यान रहे बीज किसी रोग से ग्रस्त न हो। बुवाई करने से पहले बीजो को उपचार कर ले।
रोपण के लिए उच्च गुणवत्ता वाले बीजो का चयन करें और केसर की खेती का सही समय सितम्बर से अक्टूबर माह के बीच में होता है।
3 सिंचाई
केसर की बुवाई के बाद खेत में सिंचाई का कार्य नियमित रूप से किया जाता है। सिंचाई का कार्य खासकर रोपण के बाद वाले महीनो में ज्यादातर किया जाता है।
4 खाद और उर्वरक
केसर की खेती में रासायनिक खादों का कम उपयोग किया जाता है। केसर की खेती में ज्यादातर जैविक गोबर खाद या डीकम्पोस्ट खाद का उपयोग ज्यादातर किया जाता है।
5 कटाई और उत्पादन
केसर की कटाये या फूलो को सुबह के वक्त तोड़े क्योंकि उस समय केसर के पौधे खिले हुए होते है। फूलो को तोड़ने के बाद उन्हें धूप में सूखा दे।