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गुलाब की खेती

अप्रैल माह में गुलाब के फूल की खेती की विस्तृत जानकारी

अप्रैल माह में गुलाब के फूल की खेती की विस्तृत जानकारी

गुलाब यानी रोज एक ऐसा फूल है, जिसको प्रेमी अपनी प्रेमिका को प्रेम स्वरुप भेंट करता है। अब इससे आप इस फूल की संसार में महत्ता और विशेषता को समझ सकते हैं। 

गुलाब का फूल दिखने में आकर्षक और सुन्दर होने के साथ-साथ बहुत सारे औषधीय गुणों से भी भरपूर होता है। गुलाब को सबसे पुराना सुगन्धित फूल माना जाता है। इन्हीं सब वजहों के चलते बाजार में इसकी हमेशा मांग बनी रहती है। इसलिए भारत के विभिन्न राज्यों में किसान गुलाब की खेती (Rose Cultivation) करते हैं। 

सामान्य तौर पर गुलाब का पौधा ऊंचाई में 4 से 6 फुट का होता है। इसके तने में असमान कांटे लगे होते हैं। इसके साथ ही गुलाब की 5 पत्तियां मिली हुई होती हैं। 

गुलाब का फल अंडाकार होता है, तो वहीं इसका तना कांटेदार, पत्तियां बारी-बारी से घेरे में होती हैं। इसकी पत्तियों के किनारे दांतेदार होते हैं। गुलाब की खेती उत्तर और दक्षिण भारत के मैदानी व पहाड़ी क्षेत्रों में जाड़े के दिनों में की जाती है। 

लेकिन, आज हम इस लेख में एक सफल किसान रविन्द्र सिंह तेवतिया से आपको रूबरू कराएंगे जो कि उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर के मूल निवासी हैं। आइए जानते हैं, किसान रविंद्र  सिंह तेवतिया ने मार्च और अप्रैल में गुलाब की खेती (Rose Cultivation) करने वाले किसानों को किन-किन बातों का विशेष ध्यान रखने की सलाह दी है।

मौसमिक परिवर्तन के समय विशेष सावधानी की जरूरत  

रविन्द्र सिंह तेवतिया का कहना है, कि जब मौसम में बदलाव होता है यानी सर्दी से गर्मी के मौसम में प्रवेश करते हैं, तब पौधे का विकास हो रहा होता है। 

ऐसे में पौधे में बुवाई के बाद खरपतवार उग आती है। क्योंकि, बुवाई के बाद फसल को दैनिक सिंचाई की आवश्यकता होती है। इसलिए हर 1 से 2 महीने के बाद और फिर 3 से 4 महीने में खरपतवार को निकालना जरूरी होता है।

गुलाब के पौधों का कीट व रोगों से संरक्षण 

रविंद्र सिंह तेवतिया ने कहा, कि मौसमिक परिवर्तन के चलते कई बार गुलाब में विभिन्न तरह के कीट और रोगों का आक्रमण शुरू हो जाता है। 

इसलिए इसके बचाव के लिए पौधों पर सही कीटनाशकों का छिड़काव करना बेहद जरूरी होता है। रविन्द्र सिंह ने बताया कि अक्सर गुलाब में थिप्स और माइट कीट का प्रकोप हो जाता है। इसलिए ऐसी स्थिति में कीटनाशक का इस्तेमाल करना चाहिए। 

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कीट की रोकथाम के लिए गुलाब के खेत में सफाई बनाए रखें। साथ ही, ग्रसित पौधे के भागों को नष्ट कर दें, ताकि वह अधिक नुकसान ना पहुँचा सकें। 

डाइमेथोएट 2 ग्राम प्रति लीटर पानी के घोल का 10 से 15 दिन के समयांतराल पर छिड़काव कर दें। वहीं, दीमक पर काबू करने के लिए हर पौधे की मिट्टी में 10 से 15 ग्राम फोरट डालना चाहिए। 

गुलाब के फूलों की छटाई कब की जानी चाहिए 

गुलाब की खेती में फूल की एक या दो पंखुडियां खिल जाए, तो फूल को पौधे से अलग कर देना चाहिए। इसके लिए तेज धार वाले चाकू या ब्लेड का उपयोग करना चाहिए। 

फूल की कटाई के शीघ्र बाद उसको पानी से भरे बर्तन में रख दें। इसके बाद कोल्ड स्टोरेज में रख दें। इसका तापमान लगभग 10 डिग्री तक होना चाहिए। इसके बाद फूलों की ग्रेडिंग की जाती है, जिसे कोल्ड स्टोरेज में ही पूरा किया जाता है। इसको फूलों की छटाई भी कहा जाता है। 

गुलाब की खेती के लिए अत्यंत जरूरी बातें  

रविन्द्र सिंह तेवतिया का कहना है, कि गुलाब की खेती में फूलों को बढ़ाने के लिए बर्ड कैप का उपयोग करना चाहिए। इससे आप फूलों को तकरीबन 4 दिनों तक सुरक्षित व संरक्षित रख सकते हैं।

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गुलाब की खेती से किसान कितना मुनाफा कमा सकते हैं

गुलाब की खेती से मुनाफा कमाना सीजन पर निर्भर करता है। रविन्द्र सिंह तेवतिया ने बताया कि मौजूदा समय में फूल 40 से 120 रुपए प्रति किलो के हिसाब से बिक रहा है, जो कि अप्रैल में 100 से 150 रुपए प्रति किलो तक पहुंच जाएगा।

बतादें, कि अप्रैल में शादी का सीजन शुरू हो जाता है। इसके अलावा फरवरी में फूलों की कीमत 500 रुपए प्रति किलो तक थी। इस तरह किसान गुलाब की खेती से अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। सरकार गुलाब के फूलों की खेती को प्रोत्साहन देने के लिए अनुदान भी प्रदान करती है।

पारंपरिक खेती की जगह इस फूल की खेती किसानों को कर सकता है मालामाल

पारंपरिक खेती की जगह इस फूल की खेती किसानों को कर सकता है मालामाल

हाल के दिनों में आपको देखने को मिलता होगा कि पारंपरिक खेती से किसान अपना रुख बदल रहे हैं, क्योंकि पारंपरिक खेती में किसानों को लागत के अनुसार मुनाफा नहीं मिल पा रहा है। 

विगत कुछ दिनों में आपको ये भी देखने को मिल रहा होगा कि किसान फूलों की खेती की तरफ अपना रुझान दे रहे हैं, क्योंकि उनको ऐसा लगता है कि फूलों की खेती में पारंपरिक खेती से ज्यादा मुनाफा मिल सकता है। 

इसके अलावा भी फूलों की खेती करने के पीछे किसानों की मंशा ये भी है कि आए दिन फूलों की मांग पूरे देश में काफी बढ़ गयी है। गौरतलब हो कि पूरे भारत में लगभग 2 लाख मैट्रिक टन फूल का उत्पादन किया जाता है।

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फूलों में भी आजकल जिस फूल की खेती सबसे ज्यादा की जा रही है वो है गुलाब (Gulab; Rose)। गुलाब को फूलों का राजा कहा जाता है, आपको बता दें कि इसका कारण यह नहीं है की सिर्फ इसको सजावट के लिए प्रयोग करते हैं। 

अपितु इसका बहुत सारा औषधीय प्रयोग भी है, जैसे कि गुलाब जल, गुलाब इत्र आदि। आपको यह जान कर भी हैरानी होगी कि किसान इस फूल को एक बार लगा कर इससे लगभग 10 साल तक फूलों का उत्पादन कर पैसा कमा सकते हैं।

आपको बताते चलें कि गुलाब की खेती के लिए किसान को किसी खास तरह की मिट्टी की बाध्यता नहीं है। किसान इसे किसी भी तरह के मिट्टी में उपजा कर अच्छा मुनाफा कमा सकता है। 

लेकिन अगर किसान बलुई या दोमट मिट्टी का प्रयोग करते हैं, तो फसल और भी अच्छी होगी। लेकिन अगर मिट्टी की उपज अच्छी हो या फिर इसमें जीवांश की मात्रा अधिक हो तो उपज और भी अच्छी होती है। लेकिन किसान एक बात का हमेशा ध्यान रखें कि इस मिट्टी का पीएच मान 6.5 से 7.5 के बीच होना चाहिए।

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अगर बात करें गुलाब के खेती के लिए जलवायु का तो इसके लिए जलवायु समशीतोष्ण किस्म का होना चाहिए। किसानों को यह भी ध्यान रखना होगा कि गुलाब की खेती के लिए गर्म जलवायु काफी नुकसानदेह हो सकता है, 

जिससे किसानों को नुकसान भी हो सकता है। आपको बता दें कि किसानों को गुलाब की खेती के लिए 25 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान से नीचे का तापमान अच्छी उपज दे सकता है। 

गौरतलब हो की पूरे भारत में गुलाब के किस्म की बात करें तो लगभग 20 हजार से ज्यादा है। लेकिन जिस किस्म का प्रयोग किसान आमतौर पर करते हैं, उनमें मोहनी, प्रेमा, डेलही प्रिंसेज नूरजहां आदि शामिल हैं।

गुलाब में लगने वाले ये हैं प्रमुख कीड़े एवं उनसे बचाव के उपाय

गुलाब में लगने वाले ये हैं प्रमुख कीड़े एवं उनसे बचाव के उपाय

वैसे तो गुलाब में कई प्रकार के कीड़े लगते हैं जो फूलों को भारी नुकसान पहुंचाते हैं। लेकिन आज हम यहां किसान भाइयों को कुछ प्रमुख प्रकार के कीड़ों के बारे में बताएंगे जो अक्सर गुलाब के फूलों की फसल को नष्ट करने के लिए उत्तरदायी होते हैं। ये कीड़े गुलाब के पेड़ और गुलाब के फूलों को बुरी तरह से प्रभावित करते हैं, जिनसे उत्पादन कम होता है और किसानों को भारी घाटा उठाना पड़ता है।

एफिड या चेंपा:

यह एक विशेष प्रकार का कीड़ा होता है, जो गुलाब की फूलों की फसल पर जनवरी और फरवरी माह में आक्रमण करता है। ये कीड़े सामान्यतः काले रंग के होते हैं, जो गुलाब के फूलों पर या फूलों की कलियों पर चिपके रहते हैं। इस दौरान ये कीड़े फूल का और कलियों का रस चूसते हैं, जिसके कारण फूल और कलियां मुरझाकर पेड़ से गिर जाती हैं। इसके साथ ही फूलों में ढंग से ग्रोथ दिखाई नहीं देती और उनका आकार विकृत हो जाता है।

एफिड या चेंपा कीड़ों ने निपटने के लिए करें ये उपाय

इन कीड़ों ने निपटने के लिए रोगोर या मैलाथियान दवा की 2 मिलीलीटर मात्रा को 1 लीटर पानी में मिलाएं और इसका स्प्रे मशीन की सहायता से छिड़काव करें। इसके अलावा एक मिलीलीटर मेटासिड को एक लीटर पानी में मिलाकर भी छिड़काव कर सकते हैं।
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थ्रिप्स:-

यह कीड़ा काले एवं भूरे रंग का होता है। साथ ही इस कीड़े का शिशु कीड़ा लाल रंग का होता है। इसका आक्रमण गुलाब के पेड़ की पत्तियों पर मार्च से नवंबर माह के बीच होता है। इन कीड़ों की वजह से पत्तियों पर भूरे रंग के धब्बे पड़ जाते हैं। साथ ही पत्तियां सिकुड़ जाती हैं। पत्तियों के साथ कलियां भी सिकुड़कर गिरने लगती हैं। इसके साथ ही ये कीड़े गुलाब के फूलों को भी भारी नुकसान पहुंचाते हैं।

थ्रिप्स कीड़ों से बचने के उपाय

साबुन के घोल के साथ आधा कप कैरोसीन डालकर स्प्रे मशीन की सहायता से छिड़काव करें। साथ ही रोगोर दवा की 2 मिली मात्रा को 1 लीटर पानी के साथ मिश्रित करके छिडक़ाव करें।
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रेड स्केल:

इस कीड़े का प्रकोप जनवरी और फरवरी माह में होता है। यह सामान्यतः पेड़ के तनों पर पाया जाता है और पेड़ के रस को चूसता है, जिससे पेड़ बेजान हो जाता है। यह बेहद हानिकारक कीट तेजी से अपनी संख्या को बढ़ाता है। जिससे इसको कंट्रोल करना बेहद चुनौतीपूर्ण है।

रेड स्केल कीड़ों से बचने के उपाय

इन कीड़ों से गुलाब की फसल को बचाने के लिए ट्राइजोफॉस 40 ईसी दवाई की एक मिलीलीटर मात्रा को 1 लीटर पानी में मिलाएं। इस घोल का स्प्रे मशीन की सहायता से छिड़काव करें। इसके अलावा कार्बोरिल का भी छिड़काव किया जा सकता है।

चैपर बीटल:-

ये अलग प्रकार के कीड़े होते हैं जो गुलाब के पेड़ की पत्तियों को खा जाते हैं। जिससे पत्तियों में छेद हो जाते हैं और पत्तियां पेड़ से गिर जाती हैं।

चैपर बीटल से बचने के उपाय

इन कीड़ों से गुलाब के पेड़ को बचाने के लिए 1 मिलीलीटर पेराथियान दवाई को 1 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें।

जैसिड्स:-

जैसिड्स कीटों का आक्रमण गुलाब के पेड़ों पर अप्रैल और मई के महीने में होता है। ये कीट पत्तियों पर चिपके रहते हैं और उनका रस चूसते हैं।
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जैसिड्स से गुलाब की फसल को बचाने के उपाय

जैसिड्स कीटों से गुलाब की फसल को बचाने के लिए कार्बोरिल दवा का छिडकाव कर सकते हैं। इसके साथ ही रोगोर की एक मिलीलीटर मात्रा को 1 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।

ब्रिसटली रोज स्लग्स:-

अगर इन कीड़ों की बात करें तो इनका आक्रमण फरवरी और मार्च में होता है। ये कीड़े पत्तियों के निचले भाग को खा जाते हैं। जिससे इन्हें तना छेदक, पणऊ कीट या रोज कैटरपिलर कहा जाता है। इन कीड़ों के चार पंख होते हैं।

ब्रिसटली रोज स्लग्स से गुलाब की फसल को बचाने के उपाय

बसंत आगमन से पूर्व पौधों की पत्तियों पर मैलाथियान या कार्बोरिल का छिड़काव 15 दिनों के अंतराल में कम से कम दो बार करें।

निमेटोड:-

इन कीड़ों का आक्रमण गुलाब के पेड़ में हर मौसम में होता है। ये कीड़े ज्यादातर पेड़ की जड़ों में अटैक करते हैं। जिसे पौधा कमजोर हो जाता है और उसकी ग्रोथ रुक जाती है। पेड़ में फूल नहीं बनते और पत्तियां पीली पड़ जाती है।

निमेटोड से बचाव के उपाय

पौधों की रोपाई से कम से कम 6 सप्ताह पहले फ्यूराडान अथवा निमागोन दवाई का सिंचाई के साथ प्रयोग करें।

कैटरपिलर:-

ये एक प्रकार से भूरे रंग की सुंडियां होती हैं जो पेड़ों की पत्तियों को खा जाती हैं।
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कैटरपिलर से बचाव के उपाय

हर सप्ताह कार्बोरिल को पानी के साथ मिश्रित करके छिड़काव करें।

रोज मिसीज:-

ये अलग तरह के कीड़े होते हैं जो पेड़ की पत्तियों और कलियों पर अंडे देते हैं, इनका लार्वा पत्तियों और कलियों को खा जाता है। ये पेड़ों के पास भुनगे की तरह उड़ते हैं, इनका रंग मटमैला, पीला या लाल होता है।

रोज मिसीज से बचाव के उपाय

जब गुलाब के फूल खिलने लगें तब कार्बोरिल और मैलाथियान दवा को पानी के साथ मिश्रित करके किड़काव करें।

स्पाइडर माइट्स:-

इन कीड़ों की आक्रमण गुलाब के पेड़ों पर सितंबर से जनवरी के मध्य होता है। लाल रंग के स्पाइडर माइट्स कीड़े पत्तियों के निचले भाग पर रेशमी धागों का जाला बुनते हैं। जिसके कारण पत्ते पीले पड़ जाते हैं और सूखकर झड़ जाते हैं।

स्पाइडर माइट्स से बचाव के उपाय

इथियान की 4 मिलीलीटर मात्रा को एक लीटर पानी में मिलाएं और पौधों पर छिड़काव करें। इसके साथ ही पैराथियान को भी पानी में मिलाकर छिड़काव किया जा सकता है।
गमले में कैसे उगाएं गुलाब के खूबसूरत फूल

गमले में कैसे उगाएं गुलाब के खूबसूरत फूल

गुलाब के फूल की सुंदरता और उसकी बेहद मोहक खुशबू के बारे में कौन नहीं जानता है। सदियों से गुलाब का फूल सुंदरता और प्रेम का प्रतीक माना गया है और बहुत से लोग चाहते हैं, कि वह अपने घर में यह गुलाब का पौधा लगा सकें। गुलाब का पौधा लगाते समय एक समस्या यह हो जाती है, कि यह पौधा बाकी फूलों के पौधे के मुकाबले जरा ज्यादा जगह लेता है। लेकिन अगर आपके घर में जगह की कमी है तो भी आपको निराश होने की जरूरत नहीं है। क्योंकि हम किसी कंटेनर या गमले में गुलाब की किसी भी प्रजाति को विकसित कर सकते हैं। ऐसे में अगर आपके घर में छोटी सी बालकनी है या फिर गार्डनिंग (Gardening) के लिए आपने बहुत कम जगह रखी है। तब भी आप गुलाब की अलग-अलग किस्में अपने घर में उगा सकते हैं।

कभी भी गुलाब का पौधा लगाने से पहले आपको नीचे दी गई चीजों के बारे में जानकारी होना बेहद जरूरी है;

  • गुलाब के लिए गमले का चुनाव
  • गमले के लिए मिट्टी
  • गुलाब के लिए सर्वश्रेष्ठ खाद
  • गमले के लिए गुलाब प्रजातियों
  • गुलाब में होने वाले रोग
  • देखभाल

किसी भी बर्तन में कैसे लगाएं गुलाब का पौधा

1. कंटेनर या गमले का चुनाव

सबसे पहले आपको गुलाब का पौधा लगाते समय किसी भी कंटेनर या गमले के चुनाव करने की जरूरत है। आप गुलाब की अलग-अलग किस्मों के हिसाब से कंटेनर का चुनाव कर सकते हैं। अगर आप छोटे गुलाब लगाना चाहते हैं, तो आप लगभग 12 इंच के गमले में यह कैसे लगा सकते हैं। जबकि फ्लोरिबुंडा और हाइब्रिड के लिए १५ इंच (38 सेमी) की आवश्यकता होती है। बड़े संकर और वृक्ष गुलाब 18 इंच (45.7 सेमी) या इससे अधिक बड़े मापने वाले कंटेनरों में होना चाहिए। एक बात को ध्यान में रखना चाहिए कि कंटेनर में अच्छा जल निकासी होनी चाहिए।
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अगर आप चाहते हैं, कि एक बार गुलाब का पौधा उग जाने के बाद आप कंटेनर को एक जगह से दूसरी जगह पर ले जाना चाहते हैं। हमेशा ही हल्के कंटेनर या गमले का इस्तेमाल करें। आप चाहे तो प्लास्टिक के बने हुए गमले का इस्तेमाल भी कर सकते हैं।

2. गुलाब के पौधे के लिए मिट्टी

गुलाब के पौधे के लिए सही तरह की मिट्टी का इस्तेमाल किया जाना बेहद जरूरी है। आप चार चीजों को मिलाकर इसके लिए उचित मिट्टी बना सकते हैं। वह है, साधारण मिट्टी 50%, गोबर खनिज 30%, नीम केक पाउडर 10% और रेत 10% इस संयोजन की मात्रा अगर थोड़ी से कम या ज्यादा रहती है। आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है, लेकिन फिर भी कोशिश करें कि आप इस मात्रा को इसी प्रतिशत में रखें। ऐसा करने से आप के पौधे को अच्छी तरह से बढ़ने में बेहद मदद मिलेगी।

3. गुलाब के लिए सर्वश्रेष्ठ खाद

गुलाब पौधे के लिए सबसे अच्छा खाद जैव खाद जैसे गोबर खनिज, वर्मीकंपोस्ट, कंपोस्ट है। गुलाब का पौधा एक ऐसा पौधा है, जिसे बहुत ज्यादा मात्रा में पोषक तत्वों की जरूरत होती है। इसके अलावा अगर आप बहुत ज्यादा केमिकल गया फिर रासायनिक उर्वरक का इस्तेमाल करते हैं, तो आप का पौधा खराब भी हो सकता है। अपने पौधे में आप गोबर खनिज आदि जैसी खादे हर 15 दिन के अंतराल पर डाल सकते हैं।

4. गमले के लिए गुलाब की प्रजातियों

हालांकि गुलाब प्लांट में हजारों प्रजातियां हैं, जैसे भारतीय दैनिक, इंग्लिश रोज, डच रोज, ऑस्ट्रेलियाई रोज हैं। लेकिन गमले के लिए आप चीनी गुलाब के पौधे बहुत आसानी से विकसित कर सकते हैं।

5. गुलाब में लगने वाले रोग

गुलाब के पौधे में बहुत सी बीमारियां लग सकती हैं, जिसमें से ब्लैक स्पॉट और पाउडर मिल्डेव सबसे ज्यादा प्रभावित करने वाली बीमारियां है। गुलाब के पौधे पर बहुत ज्यादा फंगल से जुड़ी हुई बीमारियां होने का खतरा भी रहता है। इसलिए समय-समय पर इस पर कीटनाशकों का इस्तेमाल करते रहना चाहिए।
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6. गुलाब पौधे लगाने के लिए कुछ देखभाल युक्तियाँ

अगर आप घर में गमले में गुलाब का पौधा लगा रहे हैं, तो आपको कुछ बातों पर ध्यान देने की जरूरत है। जो इस प्रकार से हैं;
  • हमेशा गुलाब के पौधे का कमला ऐसी जगह पर रखें जहां पर सूरज की रोशनी अच्छी तरह से आती है। इस पौधे को दिन में लगभग 6 से 7 घंटे सूरज की रोशनी की जरूरत पड़ती है।
  • अगर आप बेहद गर्मी के मौसम में इस पौधे को लगाना चाहते हैं, तो दिन में लगभग 2 बार गमले में पानी जरूर डालें।
  • हमेशा पौधे में पानी डालने से पहले मिट्टी की नमी की जांच जरूर कर लें। अगर हाथ लगाने से मिट्टी एकदम सुखी लग रही है, तो पौधे को तुरंत पानी की जरूरत है और आप उसमें पानी डाल दें।
  • जब भी आप गुलाब के पौधे में पानी डाल रहे हैं, तो इस बात का बेहद ख्याल रखें कि आप बार-बार पौधे के पत्तों को गिला ना करें ऐसा करने से पौधे के पत्तों में अलग-अलग तरह के रोग लगने की संभावना बढ़ जाती है।
  • अगर आप बार-बार पानी नहीं डाल पा रहे हैं, तो एक बार पानी डालने के बाद आप पौधे की सतह पर गीली घास बिछा दें। ऐसा करने से पौधे में से बार-बार पानी का वाष्पीकरण नहीं होगा और नमी बरकरार रहेगी। अगर बारिश का मौसम है तो आप यह घास हटा दें वरना यह पौधे की जड़ों को खराब कर सकती हैं।
  • हम सभी यह जानते हैं, कि गुलाब के पौधे में कांटे होते हैं, जिससे आपके हाथों को हानि पहुंच सकती हैं। इसलिए किसी भी तरह का रखरखाव करते समय दस्ताने पहनना ना भूलें।
  • एक बार जब आप के पौधे पर फूलों के मौसम में फूल आने शुरू हो जाए तो गुलाब की छटाई जरूर करें। ऐसा करने से आप का पौधा एक आकर्षक आकार में बना रहता है और इससे बाद में और ज्यादा अच्छे फूल आने की संभावना भी बढ़ जाती है।
  • गुलाब के पौधे के आस पास प्रत्येक वसंत ऋतु में एप्सॉन नमक (Epson Salt) का एक बड़ा चमचा डाले। पौधे के आधार के आसपास नमक छिड़कें यह पत्ते के विकास को प्रोत्साहित करने के लिए मैग्नीशियम की एक अतिरिक्त खुराक प्रदान करता है।
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इस तरह से इन सभी छोटी-छोटी बातों को ध्यान में रखते हुए आप अपने घर के छोटे या फिर बड़े बगीचे में गुलाब के खूबसूरत फूल उगा सकते हैं।
इस राज्य के गुलाब उत्पादक किसान ने गुलाब की खेती कर मिशाल पेश की है

इस राज्य के गुलाब उत्पादक किसान ने गुलाब की खेती कर मिशाल पेश की है

आज हम आपको इस लेख में एक सफल फूल उत्पादक किसान के बारे में बताने जा रहे हैं। जो कि प्रतिमाह 80 किलो तक गुलाब के फूल की पैदावार कर रहे हैं। विशेष बात यह है, कि वह गुलाब के फूल की स्वयं ही बाजार में आपूर्ति करते हैं। सामान्य तौर पर जब हम हरियाणा का नाम सुनते हैं, तो सबसे पहले हमारे मन में धान और गेंहू की खेती का नाम सामने आता है। लोगों का ऐसा मनना है, कि हरियाणा में किसान केवल धान और गेंहू की ही खेती किया करते हैं। परंतु, इस तरह की कोई बात नहीं है। देश के अन्य राज्यों की ही भांति हरियाणा में भी किसान बागवानी फसलों का उत्पादन किया करते हैं। इससे किसान भाइयों की अच्छी-खासी कमाई हो जाती है। विशेष बात यह है, कि बागवानी फसलों पर राज्य सरकार के स्तर से किसान भाइयों को अनुदान दिया जाता है। हरियाणा के फूल उत्पादक किसान राजेश कुमार ने गुलाब की खेती करके अन्य लोगों के लिए नजीर पेश की है।

राजेश ने 6 कनाल में गुलाब की खेती कर रखी है

किसान तक के मुताबिक, इस किसान का नाम राजेश कुमार है। जो कि हिसार जनपद के हिदवान गांव के निवासी हैं। दरअसल, पहले राजेश सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी किया करते थे। परंतु, इसके बावजूद भी उनके घर में आर्थिक समस्या बनी रहती थी। ऐसी स्थिति में उनको एक माली ने गुलाब की खेती करने की राय दी। इसके उपरांत राजेश ने सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी छोड़ दी। वह हिदवान गांव में आकर अपनी पुश्तैनी जमीन पर जैविक विधि से गुलाब की खेती करने लगे। वर्तमान में राजेश ने 6 कनाल में गुलाब की खेती कर रखी है। इससे वह प्रतिमाह 80 किलो तक गुलाब के फूल उत्पादित कर रहे हैं। विशेष बात यह है, कि वह गुलाब के फूल को स्वयं ही बाजार में सप्लाई करते हैं।

राजेश कुमार प्रतिवर्ष 5 लाख रुपये की आमदनी कर रहे हैं

साथ ही, अपने खेत में उत्पादित किए गए गुलाब के फूल द्वारा गुलकंद, शरबत और गुलाब जल भी तैयार करते हैं। इन उत्पादों को वह और उनकी पत्नी मिलकर स्वयं ही घर-घर जाकर बेचते हैं। राजेश ने बताया है, कि गुलाब की खेती से वह प्रतिवर्ष 5 लाख रुपये की आमदनी कर रहे हैं। विशेष बात यह है, कि अब वह अन्य किसानों को भी जैविक विधि से गुलाब के फूलों की खेती करने का प्रशिक्षण प्रदान कर रहे हैं। उनको देखकर फिलहाल 40 किसानों ने गुलाब की खेती चालू कर दी है। इससे समस्त किसान भाइयों को काफी ज्यादा लाभ हो रहा है। ये भी देखें: गमले में कैसे उगाएं गुलाब के खूबसूरत फूल

किसान राजेश खाद के तौर पर सदैव गोबर का ही उपयोग करते हैं

किसान राजेश कुमार ने बताया है, कि उनके खेत में उत्पादित किए गए गुलाब के फूल एवं उससे निर्मित किए गए उत्पादों की मांग बाजार में आहिस्ते-आहिस्ते बढ़ती जा रही है। उनका कहना है, कि अपने खेत में वह खाद के तौर पर सदैव गोबर का ही उपयोग किया करते हैं। वह अपने उत्पाद को भिवानी, बहादुरगढ़, पंचकूला, सिरसा, हिसार, फतेहाबाद, चंडीगढ़, मोहाली, अंबाला और रोहतक में जाकर स्वयं ही सप्लाई करते हैं। राजेश कुमार के मुताबिक, किसान राजेश और उनकी पत्नी दोनों एकसाथ मिलकर प्रतिदिन सुबह गुलाब के फूलों को तोड़ने के बाद बेचने के लिए बाजार लेकर जाते हैं।
इस राज्य में गुलाब की खेती से सालाना लाखों का मुनाफा कमा रहा किसान

इस राज्य में गुलाब की खेती से सालाना लाखों का मुनाफा कमा रहा किसान

आज हम आपको एक सफल फूल उत्पादक किसान के बारे में बताने वाले हैं। जो कि गुलाब की खेती करके अच्छी-खासी आमदनी कर रहा है। बतादें, कि महाराष्ट्र के लातूर जनपद में काफी बड़ी संख्या में किसान गुलाब की खेती कर रहे हैं। इन किसानों में से ही एक किसान हैं बाबूराव शामराव सुरवसे। यह पहले पारंपरिक फसलों की खेती किया करते थे। लेकिन, पारंपरिक फसलों की खेती करने से किसान बाबूराम शामराव सुरवसे को अच्छी आय अर्जित नहीं हो पा रही थी। इस वजह से उन्होंने बागवानी की तरफ अपना रुख करके गुलाब की खेती करना शुरू किया।

महाराष्ट्र में बागवानी फसलों के रकबे में काफी वृद्धि हुई है

अधिकांश लोगों की यह धारणा है, कि महाराष्ट्र में किसान केवल गन्ना, कपास, प्याज और
सोयाबीन की ही खेती करते हैं। परंतु, इस प्रकार की कोई बात नहीं है। वर्तमान में यहां पर किसान बाकी राज्यों की भांति बागवानी में भी रुची दिखा रहे हैं। महाराष्ट्र में काफी बड़ी तादात में किसान केला, हरी सब्जी, आम और अमरूद की खेती कर रहे हैं। हालाँकि, विशेष बात यह है कि वर्तमान में बहुत सारे किसानों ने तो फूलों की खेती भी चालू कर दी है, जिससे उन्हें काफी अच्छी कमाई हो रही है। खबरों के अनुसार किसानों ने सरकार की सलाह पर आधुनिक विधि से फूलों की खेती शुरू की है।

पारंपरिक फसलों की जगह शुरू की गुलाब की खेती

मीडिया खबरों के मुताबिक, महाराष्ट्र के लातूर जनपद में बड़ी संख्या में किसान गुलाब का उत्पादन कर रहे हैं। बाबूराव शामराव सुरवसे भी इन्ही किसानों में से एक हैं। इन्होंने पहले पारंपरिक फसलों की खेती की जिसमें प्राकृतिक आपदाओं के की वजह से उनको प्रति वर्ष नुकसान वहन करना पड़ता था। अब ऐसी स्थिति में उन्होंनें 9 एकड़ भूमि में गुलाब की खेती चालू कर दी। इसकी खेती आरंभ करते ही बाबूराव शामराव सुरवसे की तकदीर पूर्णतय बदल गई। अब वह साढ़े 3 लाख रुपये सालाना शुद्ध मुनाफा उठा रहे हैं। यह भी पढ़ें: इस राज्य के गुलाब उत्पादक किसान ने गुलाब की खेती कर मिशाल पेश की है

बाबूराव शामराव सुरवसे से गुलाब की खेती सीखने आ रहे अन्य किसान

आपकी जानकारी के लिए बतादें, कि वर्तमान में बाबूराव शामराव सुरवसे से गांव के अन्य किसानों के लिए भी प्रेरणा के स्त्रोत बन चुके हैं। दरअसल, अब उनके पास गांव व आसपास के इलाकों से लोग गुलाब की खेती करने के गुर सीख रहे हैं। बाबूराव शामराव सुरवसे का कहना है, कि उन्होंने 9 एकड़ भूमि पर गुलाब की खेती की है। इसके लिए उन्हें 35 हजार रुपये का खर्चा करना पड़ा है। परंतु, फिलहाल वह फूल विक्रय करके खर्च निकाल कर प्रतिदिन एक हजार रुपये का मुनाफा अर्जित कर रहे हैं। इस प्रकार बाबूराम एक वर्ष में लगभग साढ़े तीन लाख रुपये से ज्यादा की आय कर रहे हैं।

हरियाणा का राजेश भी फूल की खेती से उठा रहा लाखों का मुनाफा

बतादें, कि विभिन्न राज्यों में फूल की खेती करने पर किसानों को बढ़ावा दिया जा रहा है। विगत माह इसी प्रकार की एक खबर हरियाणा में सामने आई थी। जहां पर एक किसान गुलाब की खेती से अमीर हो गया। जानकरी के लिए बतादें, कि हरियाणा के उस किसान का नाम राजेश कुमार है। जो कि पहले गार्ड की नौकरी किया करता था। परंतु, इससे उसके घर का भरण पोषण भी ठीक से नहीं हो पा रहा था। इस वजह से राजेश ने गुलाब की खेती करना शुरू किया था। वर्तमान में राजेश साल में 5 लाख रुपये तक की आमदनी कर रहे हैं।