पंजाब के इन क्षेत्रों में कुल आलू उत्पादन का 80 प्रतिशत बीज के लिए उपयोग होता है
पंजाब के कपूरथला और जालंधर में होने वाले आलू का सर्वाधिक उपयोग बीजों के लिए किया जाता है। आलू की ये किस्में कुफरी पुखराज और ज्योति हैं। भारत में इनकी सबसे अधिक खरीदारी कर्नाटक, पश्चिम बंगाल और दिल्ली में की जाती है। विश्व में आलू उत्पादन के संबंध में भारत दूसरे स्थान पर आता है। परंतु, यदि हम खपत की बात करें, तो भारत में ही इसका काफी भाग खाने में उपयोग कर लिया जाता है। परंतु, आज हम आपको आलू की पुखराज और ज्योति किस्म के विषय में बताने जा रहे हैं, जिसकी मांग भारत ही नहीं, बल्कि विश्व भर में है। हम बात कर रहे हैं, पंजाब के कपूरथला-जालंधर जनपद में हो रहे आलू के विषय में। दरअसल यहां होने वाले आलू की मांग इसलिए ज्यादा है, क्योंकि इसका बीज उत्पादन एवं गुणवत्ता के लिए सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण माने जाने वाला बीज है।
यहां के समकुल आलू उत्पादन का 85 फीसद बीजों के लिए होता है
कपूरथला और जालंधर में होने वाले इस आलू की बात करें, तो इसकी कुल पैदावार का 85 फीसद तो सिर्फ बीजों के लिए ही निकाल दिया जाता है। एक रिपोर्ट के अनुसार, इन क्षेत्रों में समकुल आलू उत्पादन का 85 प्रतिशत किसान बीज के लिए ही निकाल देते हैं। इसकी प्रमुख वजह यह है, कि आलू की तुलना में उसके बीजों को बेचने पर किसानों का मुनाफा कई गुना तक बढ़ जाता है। भारत के बहुत से किसान तो इन बीजों की बुकिंग यहां के किसानों से फसल के काटने से पहले ही करा लेते हैं।ये भी पढ़ें: इन राज्यों के आलू उत्पादन से बिहार के आलू किसानों की आई सामत
सबसे ज्यादा पुखराज और ज्योति किस्म की खेती की जाती है
आलू के लिए पुखराज और ज्योति की किस्में पंजाब के दोआब क्षेत्र की सबसे ज्यादा बोई जाने वाली किस्मों में सबसे खास हैं। इसकी मुख्य वजह है, कि यह किस्में दोआब क्षेत्र में सबसे ज्यादा देखी जाती हैं। इसके होने वाले बीजों के द्वारा जो उत्पादन मिलता है, वो काफी ज्यादा होता है। यही कारण है, कि इन कि स्मों की खेती इन क्षेत्रों में सबसे ज्यादा होती है।जानें कितने हेक्टेयर में इसकी खेती होती है
पंजाब में आलू की इस फसल को जनपद में बहुत बड़ी मात्रा में बोया जाता है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, इसकी जनपद में लगभग 10000 हेक्टेयर में बुवाई की जाती है। वहीं, यदि हम इसके उत्पादन की बात करें, तो तकरीबन 2 लाख मैट्रिक टन आलू की उपज की पैदावार जनपद में प्रति वर्ष होती है।ये भी पढ़ें: सामान्य आलू की तुलना में गुलाबी आलू दिलाऐगा किसानों अधिक मुनाफा