आपकी जानकारी के बतादें, कि इस साल बारिश के अभाव की वजह से लाल प्याज की आवक विलंभ से हो रही है। इसकी रोपाई विलंभ से हुई थी, क्योंकि राज्य के ज्यादातर हिस्सों में मॉनसून की वर्षा काफी विलंभ से शुरू हुई थी। किसानों को यह आशा है, कि आने वाले समय में बाजार में नया प्याज भरपूर मात्रा में आने तक प्याज की कीमतें स्थिर रहेंगी।
बतादें कि देश के महाराष्ट्र राज्य में वाशिम जिला स्थित करंजाड उपबाजार में प्याज की शानदार आवक हो रही है। बतादें, कि लगभग एक हजार वाहनों से करीब 19 हजार 500 क्विंटल ग्रीष्मकालीन लाल प्याज की आवक हुई। लाल प्याज को ग्रीष्मकालीन प्याज के मुकाबले में ज्यादा कीमत मिली है।
बाजार समिति के सभापति मनीषा पगार और सचिव संतोष गायकवाड के मुताबिक ग्रीष्मकालीन प्याज को सबसे ज्यादा 3300 से 3695 रुपये प्रति क्विंटल एवं औसत भाव 3000 रुपये प्रति क्विंटल मिला है। उसके मुकाबले में लाल प्याज को अधिकतम 4150 रुपये और औसतन 3600 रुपये प्रति क्विंटल का मूल्य मिला। दिवाली के पंद्रह दिन के अवकाश के पश्चात सोमवार को प्याज बाजार खुलने के बाद से ही प्याज की बेहतरीन आवक हो रही है। ग्रीष्मकालीन प्याज का मौसम अपने आखिरी चरण में है। साथ ही, आशा है कि आगामी समय में प्याज की कीमतें स्थिर रहेंगी।
इस वर्ष मौसम की बेरुखी मतलब कि बारिश के अभाव की वजह से लाल प्याज की आवक विलंभ से हो रही है। दरअसल, इसकी रोपाई काफी विलंभ से हुई थी। क्योंकि, राज्य के ज्यादातर हिस्सों में मॉनसून की वर्षा काफी विलंभ से हुई थी। किसानों को आशा है, कि आगामी समय में बाजार में नवीन प्याज भरपूर मात्रा में आने तक प्याज की कीमतें नियंत्रित रहेंगी। दिवाली से पूर्व प्याज की कीमतें 5,000 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच चुकी थीं। यही वजह थी, कि बाजार में केवल ग्रीष्मकालीन प्याज था, नया प्याज आया ही नहीं था। खरीफ सीजन वाले लाल प्याज की आवक शुरू हो गई है। इससे कीमत स्थिर हो गई है।
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हालांकि, अतीत में, हजारों कृषकों ने अपना प्याज सस्ती कीमतों पर बेचा है। प्याज उत्पादक किसान संघ के पदाधिकारियों ने प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा है, कि मूल्य वृद्धि का लाभ किसानों से अधिक व्यापारियों को हो रहा है। पूर्व में जब किसान 200 रुपये क्विंटल प्याज बेच रहे थे, तब सरकार सहायता के लिए सामने नहीं आई। अब जब कीमतें थोड़ी ठीक हुई तो दाम गिराने आ गई। इस प्रकार के रवैये से कृषकों में गुस्सा है। काफी समय तक राज्य के कृषकों ने उत्पादन लागत से कम भाव पर प्याज बेचा है। तब सरकार को उनकी सहायता करनी चाहिए थी।
फिलहाल, दिवाली के पश्चात मंडियों में प्याज की आवक इतनी ज्यादा हो रही है, कि उससे भरे वाहनों की भीड़ रोड पर जाम लगा रही है। करंजाड उपमंडी परिसर में क्षेत्रों से बड़ी मात्रा में प्याज की आवक हो रही है। सचिव संतोष गायकवाड, अरुण अहिरे ने अपील करी है, कि किसान माल छांटकर माल बेचें, नीलामी के उपरांत संबंधित व्यापारियों से नकद भुगतान लें। वाहन पार्क करने के दौरान किसान बाजार समिति प्रशासन का सहयोग करें।
महंगाई का प्रकोप पिछले बहुत से दिनों से विश्वभर के देशों में रहने वाले लोग झेल रहे हैं। भारत भी इसकी मार से बचा नहीं है। देश में बढ़ती महंगाई का प्रभाव खाद्य पदार्थों पर भी देखने को मिल रहा है। विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सब्जियों की कीमतों में भी काफी अच्छी बढ़ोतरी हो रही है। टमाटर की बात करें तो इसकी कीमत वार्षिक आधार पर 50 प्रतिशत तक बढ़ी है। साथ ही, ये रिटेल बाजार में 30 रुपये प्रति किलो तक बिक रहा है।
दरअसल, प्याज की भी स्थिति कुछ ऐसी ही है। हालांकि, प्याज की रिटेल कीमत में 20% फीसद का इजाफा हुआ है। ये बढ़कर 30 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गईं हैं। सिर्फ इतना ही नहीं कुछ खबरों में तो ये भी कहा गया है, कि आगामी वक्त में आलू, टमाटर, प्याज आदि की कीमतों में इजाफा होगा। बीते वर्ष की बात करें तो टमाटर और आलू की कीमतों में कमी देखने को मिली थी। जुलाई 2023 में मानसून प्रतिकूल होने के चलते टमाटर की कीमतों में 200% फीसद से अधिक बढ़ोतरी देखने को मिली थी।
सरकार की तरफ से टमाटर और प्याज की कीमतों को नियंत्रण में रखने का कार्य किया जाता है। कुछ समय पहले भारत के भिन्न-भिन्न क्षेत्रों में टमाटर काफी ऊंची कीमतों पर बिका था। कहीं-कहीं तो इसकी कीमत 100 रुपये से लेकर 250 रुपये तक पहुंच गईं थीं। जिसके बाद सरकार ने मामले को लेकर गंभीर कदम उठाए और इसकी चैन ठीक कर इसकी कीमतों को नियंत्रित किया था।
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वहीं, वर्तमान में प्याज रिटेल बाजार में 30 रुपये प्रति किलो की कीमत पर बिक रहा है। वहीं, इसकी रिटेल कीमतों में बीते तीन माह में 25% प्रतिशत की गिरावट देखी गई है। अक्टूबर 2023 में प्याज की कीमतों में 74% प्रतिशत तक की बढ़त दर्ज की गई थी, जिसके पश्चात केंद्र सरकार की ओर से प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। इसके साथ ही सरकार की ओर से 25 रुपये के भाव पर प्याज की बिक्री का भी निर्णय किया गया था। केंद्र व महाराष्ट्र सरकार की कोशिशों से नासिक मंडी में 1000 रुपये/क्विंटल से नीचे आ गया है, जो महीने की शुरुआत में 2000 रुपये/क्विंटल तक था।
प्याज किसानों के लिए एक बड़ी खुशी की खबर है। केंद्र सरकार ने प्याज के निर्यात को हरी झंडी दिखा दी है, जिससे किसानों को काफी सहूलियत मिलेगी। दरअसल, बीते कुछ वर्षों से प्याज किसानों की दिक्कत-परेशानियां कुछ ज्यादा ही बढ़ गई हैं।
2022 में प्याज की कीमतो में गिरावट के पश्चात किसानों के सामने एक बड़ी चुनौती खड़ी हो गई थी। हालात ये थे की किसानों को अपना प्याज 1 से 2 रुपये किलो तक में बेचने को मजबूर होना पड़ा था।
2023 के मध्य तक स्थिति ऐसी ही थी। प्याज की कम कीमत के चलते किसान लागत तक नहीं वसूल पा रहे थे। हालांकि, अगस्त 2023 में प्याज की कीमतों में सुधार देखने को मिला और भाव तेजी से बढ़े।
परंतु, बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने के लिए केंद्र सरकार ने 8 दिसंबर 2023 को प्याज के नियमित आयात पर 40% प्रतिशत की इम्पोर्ट ड्यूटी लगा दी थी। लेकिन इससे भी बात नहीं बनी, तो सरकार को मजबूरन कीमतों को नियंत्रित करने के लिए प्याज के निर्यात पर बैन लगाना पड़ा था। जो 31 मार्च तक जारी रहेगा।
प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगने के बाद, महाराष्ट्र की मंडियों में प्याज का थोक मूल्य 4000 रुपये प्रति क्विंटल से 800 से 1000 रुपये प्रति क्विंटल तक गिर गया था। इस वजह से किसानों की परेशानियां और अधिक बढ़ गई थीं।
क्योंकि, प्याज को बर्बाद होने से बचाने के लिए कृषकों को लागत से कम कीमत पर प्याज बेचने पर मजबूर होना पड़ा था। लेकिन, लोकसभा चुनाव से पूर्व केंद्र सरकार ने एक बार फिर प्याज निर्यात को हरी झंडी दिखा दी है।
आपकी जानकारी के लिए बतादें, कि प्याज के एक्सपोर्ट पर रोक लगाने के 85 दिन बाद, केंद्र सरकार ने एक्सपोर्ट को हरी झंडी दिखाई है। सरकार ने सशर्त प्याज एक्सपोर्ट को मंजूरी दी है।
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वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय की तरफ से इस संबंध में जारी की गई एक अधिसूचना के मुताबिक, भारत से संयुक्त अरब अमीरात और बांग्लादेश को प्याज एक्सपोर्ट किया जाएगा।
दोनों देशों को एक कुल मिलाकर 64,400 टन प्याज निर्यात किया जाएगा। मीडिया खबरों की मानें तो भूटान, मारीशस और बहरीन जैसे देशों में भी प्याज निर्यात को मंजूरी मिली है। इन देशों में तकरीबन 4700 टन प्याज भारत से निर्यात किया जाएगा।