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बिहार न्यूज

सेवानिवृत फौजी महज 8 कट्ठे में सब्जी उत्पादन कर प्रति माह लाखों की आय कर रहा है

सेवानिवृत फौजी महज 8 कट्ठे में सब्जी उत्पादन कर प्रति माह लाखों की आय कर रहा है

राजेश कुमार का कहना है, कि उन्होंने वीएनआर सरिता प्रजाति के कद्दू की खेती की है। बुवाई करने के एक माह के उपरांत इसकी पैदावार शुरू हो गई। नौकरी से सेवानिवृत होने के उपरांत अधिकतर लोग विश्राम करना ज्यादा पसंद करते हैं। उनकी यही सोच रहती है, कि पेंशन के सहयोग से आगे की जिन्दगी आनंद और मस्ती में ही जी जाए। परंतु, बिहार में सेना के एक जवान ने रिटायरमेंट के उपरांत कमाल कर डाला है। उसने गांव में आकर हरी सब्जियों की खेती चालू कर दी है। इससे उसको पूर्व की तुलना में अधिक आमदनी हो रही है। वह वर्ष में सब्जी बेचकर लाखों रुपये की आमदनी कर रहे हैं। 

राजेश कुमार पूर्वी चम्पारण की इस जगह के निवासी हैं

सेवानिवृत फौजी पूर्वी चम्पारण जनपद के पिपरा कोठी प्रखंड मोजूद सूर्य पूर्व पंचायत के निवासी हैं। उनका नाम राजेश कुमार है, उन्होंने रिटायरमेंट लेने के पश्चात विश्राम करने की बजाए खेती करना पसंद किया। जब उन्होंने खेती आरंभ की तो गांव के लोगों ने उनका काफी मजाक उड़ाया। परंतु, राजेश ने इसकी परवाह नहीं की और अपने कार्य में लगे रहे। परंतु, जब मुनाफा होने लगा तो समस्त लोगों की बोलती बिल्कुल बंद हो गई। 

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कद्दू की बिक्री करने हेतु बाहर नहीं जाना पड़ता

विशेष बात यह है, कि राजेश कुमार को अपने उत्पाद की बिक्री करने के लिए बाजार में नहीं जाना पड़ता है। व्यापारी खेत से आकर ही सब्जियां खरीद लेते हैं। सीतामढ़ी, शिवहर, गोपालगंज और सीवान से व्यापारी राजेश कुमार से सब्जी खरीदने के लिए उनके गांव आते हैं। 

कद्दू की खेती ने किसान को बनाया मालामाल

किसान राजेश कुमार की मानें तो 8 कट्ठा भूमि में कद्दू की खेती करने पर 10 से 20 हजार रुपये की लागत आती थी। इस प्रकार उनका अंदाजा है, कि लागत काटकर इस माह वह 1.30 लाख रुपये का मुनाफा हांसिल कर लेंगे।

 

किसान राजेश ने 8 कट्ठे खेत में कद्दू का उत्पादन किया है

विशेष बात यह है, कि पूर्व में राजेश कुमार ने प्रयोग के रूप में पपीता की खेती चालू की थी। प्रथम वर्ष ही उन्होंने पपीता विक्रय करके साढ़े 12 लाख रुपये की आमदनी कर डाली। इसके पश्चात सभी लोगों का मुंह बिल्कुल बंद हो गया। मुनाफे से उत्साहित होकर उन्होंने आगामी वर्ष से केला एवं हरी सब्जियों की भी खेती शुरू कर दी। इस बार उन्होंने 8 कट्ठे भूमि में कद्दू की खेती चालू की है। वह 300 कद्दू प्रतिदिन बेच रहे हैं, जिससे उनको 4 से 5 हजार रुपये की आय अर्जित हो रही है। इस प्रकार वह महीने में डेढ़ लाख रुपये के आसपास आमदनी कर रहे हैं।

आर्थिक तंगी के चलते महिला किसान ने शुरू की मशरूम की खेती, आज कमा रही लाखों का मुनाफा

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महिला किसान संगीता कुमारी ने बताया है, कि बिहार जैसे गरीब राज्य में महिलाओं को भी आत्मनिर्भर होना बेहद आवश्यक है। वर्तमान में राज्य सरकार राज्य की बहुत सारी महिलाएं जीविका से जुड़कर अपनी नई पहचान बना रही हैं। साथ ही खेती से अच्छी खासी आमदनी भी कर रही हैं। बिहार राज्य में महिलाएं भी वर्तमान में पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं। अब चाहे वो शिक्षा का क्षेत्र हो अथवा खेती-किसानी का। आज हर क्षेत्र में महिलाएं अपना स्थान बना रही हैं। इस लेख में आज हम आपको एक ऐसी महिला के बारे में जानकारी देंगे, जो कि सब्जी की खेती से लाखों रुपये की आमदनी कर रही है। आज कल इस महिला किसान की चर्चा जनपद के सभी क्षेत्रों में हो रही है। मुख्य बात यह है, कि यह महिला किसान जैविक विधि के माध्यम से हरी सब्जियों की खेती करती है। यही कारण है, कि उनसे सब्जी खरीदने के लिए अन्य गांव से भी काफी लोग आते हैं।

 

महिला किसान का नाम संगीता कुमारी है

आपकी जानकारी के लिए बतादें, कि इस महिला किसान का संगीता कुमारी नाम है। यह पटना जिला स्थित अथमलगोला प्रखंड के फुलेरपुर गांव की मूल निवासी हैं। वर्तमान में संगीता कुमारी जीरो टिलेज की सहायता से मशरूम और आलू समेत बाकी हरी सब्जियों की भी खेती कर रही हैं। वहीं, इसके साथ साथ वह अन्य महिलाओं को भी खेती करने का प्रशिक्षण दे रही हैं। संगीता कुमारी का कहना है, कि "पहले मेरे पास घर का खर्च चलाने के लिए पैसों कि किल्लत रहती थी। मेरे पास समय पर एक हजार रुपये भी नहीं रहते थे। परंतु, जब से मैंने सब्जी की खेती की है, उनकी आर्थिक स्थिति बदल गई है। आज संगीता खेती की बदौलत वार्षिक दो लाख से ज्यादा की आमदनी कर रही हैं। इससे उनका परिवार भी काफी खुशहाल हो गया है। 

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महिला किसान संगीता ने शुरू की मशरूम की खेती

महिला किसान संगीता कुमारी एक बीघा जमीन में मशरूम, आलू और बाकी फसलों की खेती करती हैं। साथ ही, जीविका में मुख्यमंत्री के पद पर भी कार्यरत हैं। संगीता कुमारी के मुताबिक तो वर्ष 2015 में उनकी पुत्री की शादी हुई। इसके उपरांत उनके घर की आर्थिक स्थिति काफी खराब हो गई। अब ऐसी स्थिति में उनके पति ने एक स्कूल में 1500 रुपये महीने पर एक नौकरी चालू कर दी। परंतु, इतने कम पैसे में घर का खर्च तक चलाना कठिन था। ऐसी स्थिती में 2016 में जीविका से जुड़कर संगीता ने 2019 में मशरूम समेत अन्य सब्जियों की खेती करने का प्रशिक्षण लिया। इसके उपरांत उन्होंने घर आकर मशरूम की खेती शुरू कर दी। 

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महिला किसान संगीता को कितनी आमदनी हो रही है

प्रथम बार में उन्होंने मशरूम बेचकर 10 हजार रुपये की आमदनी करी है। साथ ही, जीरो टिलेज विधि के माध्यम से दो कट्ठे में आलू की पैदावार की है। इससे 40 मन से ज्यादा आलू की पैदावार हुई। संगीता कुमारी आगे बताती हैं, कि ये एक बीघा में आलू की खेती के साथ टमाटर, गोभी, मिर्च, बैंगन समेत अन्य सब्जियों का भी उत्पादन करती हैं। इससे उनको वर्ष में 2 लाख रुपये से ज्यादा की आमदनी हो रही है।