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वैक्सीनेशन

लंपी स्किन बीमारी का हरियाणा में कहर, 633 पशुओं की मौत

लंपी स्किन बीमारी का हरियाणा में कहर, 633 पशुओं की मौत

लंपी स्किन बीमारी (Lumpy Skin Disease) अब आए दिन अपना कहर बरपा रही है। इस बीमारी की वजह से हरियाणा और राजस्थान में हालात बद से बदतर हो गए हैं। मीडिया में छपी खबरों के मुताबिक अब हरियाणा में लंपी बीमारी की वजह से 633 पशुओं की जानें गई हैं, जो चौंकाने वाली खबर है। सरकार का कहना है कि वे वैक्सिनेशन पर जोर दे रहे हैं, लेकिन जिस तरह से पशु दिन ब दिन दम तोड़ रहे हैं उससे लग रहा है कि इतने प्रयास काफी नहीं हैं। पिछले दिनों मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था कि इस बीमारी की रोकथाम के लिए राज्य में 20 लाख टीके लगाए जाएंगे। जिसमें 3 लाख उपलब्ध हैं और बाकी 17 लाख का ऑर्डर दिया जाएगा। प्राप्त आंकड़ों के अनुसार अब तक केवल 245249 पशुओं का ही टीकाकरण हुआ है। ऐसे में एक बात साफ होती है कि जितनी तेजी से काम होना चाहिए, उसे देखते हुए हरियाणा सरकार अपने लक्ष्य से काफी पीछे चल रही है। अगर ऐसा ही रहा तो जल्दी ही राज्य में हालात और भी बदतर हो जाएंगे।


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देशभर के आंकड़ों पर नजर डालें तो अब तक 3497 गांव इस विकराल बीमारी की चपेट में आ चुके हैं। साथ ही 52,544 पशु इस बीमारी से संक्रमित हो चुके हैं। अगर आने वाले कुछ दिनों तक तुरत प्रयास नहीं किए जाते, तो मौतों का आंकड़ा और बढ़ेगा। इसके अलावा एक और अफवाह उड़ी है जिससे लोग सकते में हैं। कहा जा रहा है कि लंपी स्किन बीमारी जानवरों से इंसानों को भी लग सकती है। वैसे इस बात तो लेकर राज्य सरकार ने स्पष्टीकरण दिया है और कहा है कि ऐसा कुछ भी नहीं है और अफवाहों पर यकीन न करें।


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मुख्यमंत्री ने कहा है कि इस रोग से पशुओं की मृत्यु होने की आशंका बहुत कम है। और मृत्यु की दर को 1 से 5 प्रतिशत के बीच बताया गया है। कोरोना की तरह इस रोग के लिए भी बताया गया है कि केवल उन पशुओं को खतरा है जो पहले से किसी अन्य बीमारी से बीमार चल रहे हैं। वैसे अगर समय रहते पशुओं को वैक्सीनेशन मिल जाती है, तो पशु 2-3 दिन में ठीक भी हो जाता है। वैसे इस बीमारी से सबसे ज्यादा प्रभावित गौशालाएं हैं, क्योंकि उसमें पशु पास-पास बांधे जाते हैं। आंकड़ों के मुताबिक अब तक 286 गौशालाओं में 7938 गाय, बछड़े और बैल बीमार चल रहे हैं। जिसमें मृत्यु का आंकड़ा 126 है। सरकार का कहना है कि इस रोग की रोकथाम के लिए आप फॉगिंग करें ताकि मक्खी और मच्छर कम से कम पनप सकें।
राजस्थान: लंपी स्किन रोग को लेकर सरकार एक्शन मोड पर

राजस्थान: लंपी स्किन रोग को लेकर सरकार एक्शन मोड पर

अगले 2 माह में 40 लाख पशुओं का वैक्सीनेशन करवाएगी सरकार

देश भर में इन दिनों लंपी स्किन रोग या ‘लम्पी स्किन डिजीज‘ या एलएसडी (LSD –
Lumpy Skin Disease) मवेशियों के ऊपर कहर बनकर टूट पड़ा है। इस रोग की वजह से अभी तक देश में हजारों गायों की मौत हो चुकी है और लाखों गायें संक्रमित हो चुकी हैं, जिससे दुग्ध उत्पादन में कमी आई है और किसानों को भारी घाटा झेलना पड़ा है। राज्य में ज्यादातर पशु बीमार हैं, इसलिए राज्य सरकार के ऊपर इसे ठीक करने का प्रेशर भी बढ़ता जा रहा है। इसको देखते हुए अब राजस्थान की सरकार लंपी स्किन रोग से निपटने के लिए एक्शन मोड में आ गई है। राज्य सरकार ने त्वरित फैसला लेते हुए बताया है, राजस्थान के भीतर सरकार अगले 60 दिनों में 40 लाख मवेशियों का वैक्सीनेशन करवाने जा रही है। वैक्सीनेशन के प्रबंधन को लेकर सरकार ने आदेश जारी कर दिए हैं। मवेशियों में फैल रही लंपी स्किन बीमारी की रोकथाम के लिए जो भी कार्य हो रहे हैं, उसको लेकर राजस्थान सरकार की मुख्य सचिव ऊषा शर्मा ने सभी जिला कलेक्टरों एवं पशुपालन विभाग के अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से चर्चा की तथा कार्यों में प्रगति की जानकारी ली। लम्पी स्किन डिजीज के देशी उपचार के लिए यह पोस्ट पढ़ें : लम्पी स्किन डिजीज (Lumpy Skin Disease) ऊषा शर्मा ने बताया कि मवेशियों में फैल रही लंपी स्किन डिजीज को लेकर राज्य सरकार बेहद चिंतित है तथा इसके रोकथाम के लिए आवश्यक कदम उठा रही है। अब पशुओं को जितनी भी वैक्सीन लगाईं जाएंगी, उनकी प्रतिदिन समीक्षा की जाएगी। टीकाकरण के लिए सरकार ने जो लक्ष्य रखा है उसके अनुसार ही प्रतिदिन काम किया जाएगा। अब पशु विभाग के अधिकारियों को गौशालाओं में प्रतिदिन अवलोकन के आदेश दिए गए हैं। पशुपालन विभाग के सरकारी सचिव पीसी किशन ने कहा, "वैक्सीनेशन के काम में किसी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। 40 लाख वैक्सीन लगाने के टारगेट को देख़ते हुए प्रतिदिन एक लाख वैक्सीन लगाने का लक्ष्य रखा गया है। अभी तक गोट पॉक्स वैक्सीन Goat Pox Vaccine ) की सबसे ज्यादा 7 लाख डोज एकमेर जिले को आवंटित की गईं हैं।"

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पीसी किशन ने बताया कि अभी तक इस वायरस के रोकथाम के लिए राज्य में 16 लाख 22 हजार मवेशियों को पूर्ण रूप से वैक्सीनेट किया जा चुका है। राज्य में अभी तक लम्पी स्किन रोग की वजह से 14.16 लाख पशु संक्रमित हुए हैं, जिनमें से 13.63 लाख का अभी तक उपचार किया जा चुका है। उपचार किये जाने के बाद अभी तक 8.67 लाख पशु पुर्ण रूप से स्वस्थ्य हो चुके हैं। सरकार लगातार प्रयास कर रही है ताकि जल्दी से जल्दी इस बामारी को पूर्ण रूप से ख़तम किया जा सके। इस बीमारी की वजह से किसानों को बहुत ज्यादा घाटा हुआ है, इसलिए राजस्थान सरकार ने केंद्र सरकार से इस इस बीमारी को महामारी घोषित करने की मांग की है, ताकि पशुपालकों और गौशालाओं को इस बीमारी से मरने वाली गायों का मुआवजा दिलवाया जा सके। इसके लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख चुके हैं, जिसमें उन्होंने इस बीमारी की भयावहता पर प्रधाममंत्री मोदी का ध्यान आकृष्ट करवाया है।
इस राज्य में बनाए जा रहे हैं पशुओं के लिए आधार कार्ड जिससे मिल पायेगा सरकारी लाभ

इस राज्य में बनाए जा रहे हैं पशुओं के लिए आधार कार्ड जिससे मिल पायेगा सरकारी लाभ

पशुओं की यूआईडी टैगिंग सहित वैक्सीनेशन हेतु पशुपालन विभाग की तरफ से फिलहाल पशुओं हेतु 12 नंबर के टैग निर्मित हो रहे हैं। जो कि पशुओं हेतु आधार कार्ड की भाँति कार्य करेंगे। भारत सरकार द्वारा प्रत्येक देशवासी को पहचान हेतु आधार कार्ड व पहचान पत्र अनिवार्य किए हैं। प्रत्येक आधार कार्ड पर 12 अंक का एक नंबर लिखा होता है, जो कि व्यक्ति विशेष की पहचान प्रस्तुत करता है। इसी क्रम में पशुओं हेतु भी आधार कार्ड बांटे जा रहे हैं एवं इन पशुओं की पहचान करने हेतु 12 अंक का टैग भी निर्मित किया जा रहा है, इसके लिए पशु के मालिक से 5 रुपये का शुल्क लिया जाता है। हम आपको बतादें, कि 12 नंबर के इस Identification tag के माध्यम से पशुओं की पहचान व उनका समयानुसार टीकाकरण करवाना बेहद सुगम हो गया है। यह पहल पशुपालन विभाग द्वारा की गयी है, जिसको राष्ट्रीय टीकाकरण अभियान के तहत समस्त पशुओं की टैगिंग करने एवं उनका पहचान पत्र के निर्माण हेतु चालू किया गया है। भारत में अधिकाँश मवेशियों को बीमारियों अथवा दुर्घटनाओं से जान-माल का खतरा होता है। बहुत बार तो पशुओं की पहचान करना बेहद कठिन होता है। इस तरह की परिस्थितियों में पशुओं की टैगिंग कर पहचान पत्र (12 अंकों का नंबर) प्रदान किया जाता है, इसकी सहायता से वर्तमान में पशुओं की पूर्ण जानकारी ऑनलाइन प्राप्त होगी।

राजस्थान के कोटा जनपद में टीकाकरण किया जा रहा है

आपको जानकारी हेतु बतादें, कि राजस्थान राज्य के कोटा जनपद में केंद्र सरकार के द्वारा संचालित
राष्ट्रीय पशुरोग नियंत्रण कार्यक्रम के माध्यम से पशुओं में खुरपका-मुंहपका रोग से बचाने हेतु राष्ट्रीय टीकाकरण अभियान को चलाने का कार्य कर रहे हैं। इस अभियान के अंतर्गत मवेशियों को एफएमडी वैक्सीनेशन होगा। साथ ही, मिशन पशु आरोग्य योजना के माध्यम से पशुओं की पहचान हेतु कान में पीले रंग का 12 अंको का टैग होना भी बेहद आवश्यक है। अब हर पशुपालक को अपने पशु की यूआईडी टैगिंग करवानी होगी। पशु चिकित्सक के पास जाके स्वयं आधार कार्ड एवं रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर दें, उसके कुछ समय बाद आपके पशु का पंजीयन कर दिया जाएगा।

वैक्सीन लगवाने के लिए बेहद आवश्यक है टैगिंग

सरकार द्वारा पशुपालन के क्षेत्र में बहुत सारे बड़े परिवर्तन किए जा रहे हैं। लम्पी जैसी बीमारियों द्वारा गंभीर रूप से प्रभावित होने के कारण फिलहाल पशुओं की सेहत को लेकर बेहद कड़ाई बरती जा रही है। सरकार के निर्देशानुसार, अब से उन्हीं पशुओं का टीकाकरण कराया जाएगा, जिनके पास आधार कार्ड (12 अंकों का यूआईडी टैग) होगा।


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राजस्थान राज्य के कोटा जनपद में पशुओं के टीकाकरण से संबंधित यह शर्त रखी गई है, कि यहां तकरीबन 2.5 लाख गौवंश एवं भैंस है, उन सबका टीकाकरण कराना अति आवश्यक है। अभी तक 20,000 पशुओं का टीकाकरण किया जा चुका है। लंपी के संक्रमण की वजह से पशुओं के टीकाकरण के अधूरे लक्ष्य को जल्द पूर्ण किया जायेगा।

आखिर पशुओं को क्या लाभ मिलेगा

देश के आम नागरिक की पहचान उसके आधार कार्ड से होती है, इसी आधार पर समस्त सरकारी योजनाओं का फायदा लिया जाता है। अब इसी तरह मवेशियों की यूआईडी टैगिंग करके 12 अंक का आधार नंबर उपलब्ध करवाया जा रहा है। आपको बतादें कि इसके आधार पर पशुपालक को खुद के पशुओं का कृत्रिम गर्भाधान मतलब Artificial insemination की व्यवस्था की जाती है। इसके अलावा इस टैगिंग के माध्यम से पशुओं के अगले-पिछले टीकाकरण की पूर्ण जानकारी पशुपालकों को फोन पर ही प्राप्त हो जाएगी एवं पशुपालन से संबंधित बहुत सारी सरकारी योजनाओं से फायदा लेना भी आसान रहेगा।