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केंद्र सरकार का गेहूं खरीद पर बड़ा फैसला, सस्ता हो सकता है आटा

केंद्र सरकार का गेहूं खरीद पर बड़ा फैसला, सस्ता हो सकता है आटा

पिछले साल गेहूं की खरीद पर काफी कमी आई थी. जिसके पीछे का कारण घरेलू उत्पादन में गिरावट के साथ साथ ज्यादा निर्यात था. साल 2023 से साल 2024 में गेहूं का उत्पादन रिकॉर्ड 11 करोड़ टन से भी ज्यादा की आशंका है. हालांकि यह अनुमान कृषि मंत्रालय के अनुसार लगाया गया है.

केंद्र सरकार ने तय किया लक्ष्य

अप्रैल के महीने में शुरू होने वाले विपणन साल 2023 से 2024 के लिए केंद्र सरकार ने लगभग 341.5 लाख टन
गेहूं खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया है. हालांकि पिछले साल के आंकड़े की बात करें तो यह 187.9 लाख टन ही था. जानकारी के मुताबिक यह लक्ष्य खरीद व्यवस्था पर रचा के लिए राज्यों के खाद्य सचिवों ने निर्धारित किया है.

इन राज्यों में रखा गया खरीद का लक्ष्य

खाद्य मंत्रियों के एक सम्मेलन में इस बैठक का आयोजन किया गया. जिसकी अध्यक्षता खाद्य सचिव सचिव संजीव चोपड़ा ने की थी. इसके अलावा खाद्य मंत्रालय की ओर से एक बयान भी जारी किया गया. जिसमें विपणन साल 2022 से 2023 के लिए गेहूं की कुल खरीद का लक्ष्य अन्य राज्यों के लिए भी रखा गया. जिसमें से मध्य प्रदेश से 20 लाख टन, पंजाब से 25 लाख टन और हरियाणा से करीब 15 लाख टन गेहूं की खरीद का लक्ष्य रखा जाएगा. ये भी देखें: गेहूं की बुवाई हुई पूरी, सरकार ने की तैयारी, 15 मार्च से शुरू होगी खरीद

इस बार रिकॉर्ड 11.22 करोड़ टन का अनुमान

आपको बता दें कि, पिछले साल गेहूं की खरीद में कमी घरेलू उत्पादन में गिरावट और ज्यादा निर्यात की वजह से हुई थी. वहीं बात कृषि मंत्रायल की करें तो, दूसरे अनुमान के मुताबिक फसल साल 2023 से 2024 में गेहूं उत्पादन रिकॉर्ड करीब 11.22 करोड़ टन तक रहने का जताया जा रहा है.

जल्द लागू हो सकती है स्मार्ट पीडीएस

सरकार ने विपणन साल 2022 से 2023 में चावल की खरीद का लक्ष्य भी तय किया है. जिसके मुताबिक चावल की क्रीड 106 टन होनी है. वहीं मोटे अनाजों की क्रीड के लिए इस साल करीब 7.5 लाख टन तक जाने की उम्मीद है. इसके अलावा सभी राज्यों की सरकारों से स्मार्ट पीडीएस को लागू करने की अपील भी सम्मेलन के दौरान की गयी है. खबरों के मुताबिक गेहूं और गेहूं की आटे की लगातार बढ़ती कीमतों को देखते हुए, इन पर लगाम लगाने की कोशिश में एफसी आई ने ई नीलामी के चौथे दौर में करीब 5.40 लाख टन गेहूं की बिक्री की थी. वहीं सरकारी बयानों के मुताबिक अब तक कुल 11.57 लाख टन गेहूं की पेशकश में लगभग 23 राज्यों में एक हजार से ज्यादा दावेदारों को गेहूं बेचा गया, जोकि 5.40 लाख टन था.
दिवाली से पहले ही गेहूं की कीमतों में रिकॉर्ड इजाफा दर्ज किया गया

दिवाली से पहले ही गेहूं की कीमतों में रिकॉर्ड इजाफा दर्ज किया गया

दिवाली से आने से पूर्व पुनः एक बार फिर से गेहूं महंगा हो चुका है। बतादें, कि इससे राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में गेहूं की कीमत थोक बाजार में 27,390 रुपये प्रति मीट्रिक टन तक पहुंच चुकी है। ऐसा कहा जा रहा है, कि आगामी दिनों में इसका भाव और बढ़ सकता है। साथ ही, इससे पूर्व जनवरी माह में भी गेहूं की कीमत सातवें आसमान पर पहुँच गई थी। केंद्र सरकार के बहुत सारे प्रयासों के बावजूद भी महंगाई कम ही नहीं हो पा रही है। आलम यह है, कि एक वस्तु सस्ती होती है, तो दूसरी वस्तु महंगी हो जाती है। टमाटर एवं हरी सब्जियों के भाव में गिरावट दर्ज की है। वर्तमान में गेहूं एक बार पुनः महंगा हो गया है। ऐसा बताया जा रहा है, कि त्योहारी सीजन से पूर्व ही गेहूं के भाव 8 माह के अपने सबसे उच्चतम स्तर पर पहुंच चुकी है। ऐसी स्थिति में फूड इन्फ्लेशन बढ़ने की संभावना एक बार पुनः बढ़ गई है। साथ ही, व्यापारियों ने बताया है, कि इंपोर्ट ड्यूटी के कारण विदेशों से खाद्य पदार्थों का आयात प्रभावित हो रहा है। इससे सरकार के ऊपर निर्यात ड्यूटी हटाने को लेकर काफी दबाव बढ़ रहा है। ऐसी स्थिति में केंद्र सरकार को महंगाई पर लगाम लगाने के लिए समय-समय पर सरकारी भंडार से भी गेहूं और चावल जैसे खाद्य पदार्थ को जारी करना पड़ रहा है।

गेंहू की कीमत बढ़ने से इन खाद्यान पदार्थों की कीमत भी बढ़ेगी

कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक, त्योहारी दिनों की वजह से बाजार में गेहूं की डिमांड बढ़ गई है। वहीं, मांग में बढ़ोतरी से गेहूं की आपूर्ति काफी प्रभावित हो गई है, जिससे कीमतें 8 माह के अपने सबसे उच्चतम स्तर पर पहुंच चुकी हैं। यदि कीमतों में इजाफे का यह हाल रहा तो, आगामी दिनों में खुदरा महंगाई और भी बढ़ सकती है। गेहूं एक ऐसा अनाज है, जिससे विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थ तैयार किए जाते हैं। अगर
गेहूं की कीमत में बढ़ोतरी होती है, तो रोटी, बिस्कुट, ब्रेड एवं केक समेत विभिन्न खाद्य पदार्थ काफी महंगे हो जाएंगे।

भारत सरकार द्वारा गेहूं पर 40% फीसद इंपोर्ट ड्यूटी

मुख्य बात यह है, कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में गेहूं के भाव में मंगलवार को 1.6% का इजाफा दर्ज किया गया। इससे गेहूं की कीमत थोक बाजार में 27,390 रुपये प्रति मीट्रिक टन तक पहुंच गई, जोकि 10 फरवरी के बाद का सर्वोच्च स्तर है। ऐसा बताया जा रहा है, कि विगत छह महीनों के दौरान गेहूं का भाव तकरीबन 22% प्रतिशत बढ़ा हैं। साथ ही, रोलर फ्लोर मिलर्स फेडरेशन के अध्यक्ष प्रमोद कुमार एस ने केंद्र सरकार के समक्ष गेहूं के आयात पर से ड्यूटी हटाने की मांग उठाई है। दरअसल, उन्होंने बताया है, कि अगर सरकार गेहूं पर से इंपोर्ट ड्यूटी हटा देती है, तो निश्चित रूप से इसकी कीमत कम हो सकती है। दरअसल, भारत सरकार द्वारा गेहूं पर 40% फीसद आयात ड्यूटी लगाई है, जिसे हटाने को लेकर कोई तत्काल योजना नजर नहीं आ रही है।

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खाद्य पदार्थों की कीमतों में इस तरह गिरावट होगी

साथ ही, 1 अक्टूबर तक सरकारी गेहूं भंडार में केवल 24 मिलियन मीट्रिक टन ही गेहूं का भंडार था। जो पांच वर्ष के औसतन 37.6 मिलियन टन के मुकाबले में बेहद कम है। हालांकि, केंद्र ने फसल सीजन 2023 में किसानों से 26.2 मिलियन टन गेहूं की खरीदारी की है, जो लक्ष्य 34.15 मिलियन टन से कम है। वहीं, केंद्र सरकार का अंदाजा है, कि फसल सीजन 2023-24 में गेहूं उत्पादन 112.74 मिलियन मीट्रिक टन के करीब होगा। इससे खाद्य पदार्थों के भाव में गिरावट आएगी।
जानें लहसुन की कीमत में कितना इजाफा हुआ है

जानें लहसुन की कीमत में कितना इजाफा हुआ है

मंडी समिति के सचिव मदन लाल गुर्जर ने बताया है, कि विगत एक सप्ताह से लहसुन के भाव में यह बढ़ोत्तरी हुई है। मंगलवार को लहसुन की कीमत में 300 रुपये प्रति क्विंटल की दर से वृद्धि दर्ज की गई। राजस्थान में लहसुन के भाव में काफी उछाल आया है। अब ऐसी स्थिति में मंडियों में लहसुन की आवक बढ़ गई है। अत्यधिक कीमत होने की वजह से बड़ी तादात में किसान लहसुन की उपज को विक्रय करने के लिए मंडी पहुंच रहे हैं। साथ ही, ऐसा भी सुनने को मिल रहा है, कि आगामी समय में कीमतों में और वृद्धि दर्ज होने की संभावना होती है। विशेष बात यह है, कि लहसुन के भाव में यह वृद्धि प्रतापगढ़ की मंडी में अधिक देखने को मिल रही है। इससे लहसुन उत्पादक किसान बेहद खुश दिखाई दे रहे हैं। लहसुन की खेती करना काफी मुनाफे का सौदा साबित होता है। लहसुन शरीर के लिए काफी फायदेमंद होता है। कई बार चिकित्सक भी मरीजों को लहसुन खाने की सलाह देते हैं। अधिकांश लोग सब्जी में लहसुन का तड़का दिए बिना सब्जी पसंद नहीं करते हैं।

लहसुन के भाव में 300 रुपए प्रति क्विंटल की दर से वृद्धि

मीडिया एजेंसियों के अनुसार, मंडी समिति के सचिव मदन लाल गुर्जर ने बताया है, कि विगत एक सप्ताह से लहसुन के भाव में यह वृद्धि सामने आ रही है। मंगलवार को लहसुन की कीमत में 300 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से वृद्धि दर्ज की गई है। वर्तमान में मंडी के अंदर एक क्विंटल लहसुन का भाव 13000 हो चुका है। यही कारण है, कि किसान अपनी फसल विक्रय करने हेतु बड़ी तादात में मंडी पहुँच रहे हैं। मंडी में प्रतिदिन लगभग 1500 बोरी लहसुन की आवक हो रही है। लहसुन व्यापारी नितिन चंडालिया का कहना है, कि आगामी दिनों में लहसुन की कीमत में और उछाल आएगा। साथ ही, यहां से लहसुन का निर्यात फिलहाल अन्य राज्यों में भी चालू हो चुका है। यह भी पढ़ें: मध्य प्रदेश के किसान लहसुन के गिरते दामों से परेशान, सरकार से लगाई गुहार

टमाटर के भाव में अच्छा-खासा इजाफा हुआ है

बतादें, कि राजस्थान में लहसुन के भाव में काफी इजाफा दर्ज हुआ है। महाराष्ट्र राज्य में टमाटर भी काफी महंगा हो चुका है। 30 रुपये किलो में मिलने वाले टमाटर की कीमत फिलहाल 60 रुपये तक पहुँच चुका है। बतादें, कि टमाटर उत्पादक काफी प्रसन्न हैं। वर्तमान, व्यापारी कृषकों से ज्यादा कीमत पर टमाटर खरीद रहे हैं। कृषकों को पहले एक किलो टमाटर के लिए 2 से 3 रुपये मिला करते थे। लेकिन, फिलहाल उनको काफी अच्छा भाव अर्जित हो रहा है।

राजस्थान के इस जनपद में हजारों हेक्टेयर में लहसुन की खेती

जानकारी के लिए बतादें, कि विगत वर्ष राजस्थान में लहसुन की उपज का समुचित भाव नहीं मिला था। सरकार द्वारा बाजार हस्तक्षेप योजना को मंजूरी मिलने के पश्चात भी उत्पादकों को लहसुन की समुचित कीमत नहीं मिल पाई थी। बतादें, कि किसान 14 रुपये किलो की दर से लहसुन का विक्रय करने हेतु विवश थे। बतादें, कि राजस्थान में किसान 1.31 लाख हेक्टेयर भूमि में लहसुन का उत्पादन करते है। बारा, हाड़ौती, बूंदी, झालावाड़ और कोटा इलाकों में किसान सर्वाधिक लहसुन की खेती करते हैं। इन इलाकों से 90 प्रतिशत लहसुन का उत्पादन होता है। इसी कड़ी में बारा जनपद में उत्पादकों ने 30 हजार 420 हेक्टेयर भूमि पर लहसुन का उत्पादन किया है।
टमाटर ने इन 2 किसानों का कराया लाखों का फायदा

टमाटर ने इन 2 किसानों का कराया लाखों का फायदा

टमाटर की बढ़ती कीमतों का बहुत सारे किसानों को किसी तरह का लाभ नहीं मिल पा रहा तो वहीं कर्नाटक के किसान टमाटर बेचकर लाखों का मुनाफा कमा रहे हैं। भारत में महंगाई चरम सीमा पर है। विशेष रूप से टमाटर की बात की जाए तो इसकी कीमतें कम होने का नाम ही नहीं ले रही हैं। सरकारी आंकड़ों की बात की जाए तो जून में खुदरा मंहगाई दर 4.81 प्रतिशत रही। महंगाई बढ़ने की एक वजह टमाटर भी है। आम जनता के किचन से टमाटर लापता हो चुका है। हर तरफ खबरें आ रही है, कि किसानों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। लेकिन आज आपको कुछ ऐसे किसानों के संबंध में बताऐंगे जो कि टमाटर बेचकर लखपति बन चुके हैं। इन किसान परिवारों ने टमाटर बेचकर 1000, 2000 नहीं बल्कि पूरे 38 लाख रुपए कमा लिए हैं। अब आप यह सोच रहे होंगे कि ये सब कैसे हुआ है। आइए आपको बताते हैं इन किसानों की पूरी कहानी।

किसान को कैसे मिली 38 लाख की रकम

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, विगत एक माह में
टमाटर की कीमतों में 326 प्रतिशत का उछाल देखा गया है। इकोनॉमिक्स टाइम्स की एक खबर के अनुसार, कर्नाटक के एक किसान परिवार ने टमाटर बेचकर पूरे 38 लाख रुपए की बड़ी रकम कमा डाली। दरअसल, इस किसान परिवार ने टमाटर के 2000 बॉक्स बेचे, जिससे उन्हें पूरे 38 लाख रुपए मिले हैं।

इन किसानों की लाखों में हुई आय

कर्नाटक के इस किसान के अतिरिक्त एक ओर किसान जिनका नाम वेंकटरमण है। चिंतामणि तालुका के इस किसान ने टमाटर के एक बॉक्स को 2200 रुपए में बेचा है। कोलार के मंडी में जब वो टमाटर बेचने गए तो उनके पास समकुल 54 बॉक्स थे। एक बॉक्स के अंदर 15 किलो टमाटर होता है। इस प्रकार से 54 में 26 बक्सों को 2200 रुपए प्रति बॉक्स के हिसाब से बेचा। आपकी जानकारी के लिए बतादें, कि बाकी बक्सों के लिए उन्हें 1800 रुपए की ही कीमत मिली।इस तरह 54 बक्सों को बेचकर उन्हें 17 लाख से ज्यादा की रकम मिली। ये भी पढ़े: इन राज्यों में 200 रुपए किलो के टमाटर को राज्य सरकार की मदद से 60 रुपए किलो में बेचा जा रहा है

इस मंडी से किसान बने लखपति

उपर जिन दो किसानों की कहानी बताई गई है। ये दोनों कर्नाटक के कोलार मंडी में टमाटर बेचकर लखपति बन रहे है। दरअसल, कोलार मंडी में टमाटर की कीमतें सातवें आसमान पर पहुँच गई है। यहां 15 किलो के डब्बे की कीमत 1900 रुपए से 2200 रुपए तक पहुँच गया है। बतादें, कि इससे किसानों की अच्छी-खासी आमदनी हो रही है।
केंद्र सरकार दिलाएगी महंगाई से निजात देश की राजधानी समेत इन शहरों में 90 रुपए किलो बिकेगा टमाटर

केंद्र सरकार दिलाएगी महंगाई से निजात देश की राजधानी समेत इन शहरों में 90 रुपए किलो बिकेगा टमाटर

केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने ट्वीट कर कहा है, कि दिल्ली और नोएडा के अतिरिक्त आज से पटना, लखनऊ और मुजफ्फरपुर में रियायती दरों पर टमाटर की बिक्री चालू हो गई है। मानसून की दस्तक के साथ ही टमाटर की कीमतों में जो इजाफा चालू हुआ था। वह कम होने का नाम भी नहीं ले रही है बल्कि इसकी कीमतों में और बढ़ोत्तरी भी होती जा रही है। महंगाई का मामला यह है, कि सोमवार को खुदरा बाजार में टमाटर का भाव 250 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच चुका है। विशेष बात यह है, कि टमाटर का यह भाव तकरीबन भारत के सभी प्रमुख शहरों में दर्ज किया गया। परंतु, फिलहाल आम जनता को टमाटर की बढ़ती कीमतों को लेकर चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। सरकार ने टमाटर के बढ़ते दाम पर रोक लगाने के लिए बड़ी योजना बनाई है। अब लोग कम भाव पर टमाटर खरीद पाएंगे।

सरकार ने टमाटर की बढ़ती कीमतों को रोकने की बनाई योजना

मानसून के दस्तक के साथ ही टमाटर की कीमतों में इजाफा शुरू हुआ था, जो कि कम होने का नाम भी नहीं ले रहा है। इसकी कीमत में और बढ़ोत्तरी ही होती जा रही है। महंगाई का आलम यह है, कि शनिवार को खुदरा बाजार में टमाटर का भाव 250 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गया। विशेष बात यह है, कि टमाटर का यह भाव तकरीबन भारत के समस्त प्रमुख शहरों में दर्ज किया गया। परंतु, फिलहाल आम जनता को टमाटर की बढ़ती कीमतों को लेकर चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है। सरकार ने टमाटर की बढ़ती कीमतों पर नियंत्रण बनाने के लिए बड़ी योजना बनाई है। फिलहाल, लोग कम कीमत पर टमाटर खरीद सकेंगे। ये भी पढ़े: जानें टमाटर की कीमतों में क्यों और कितनी बढ़ोत्तरी हुई है

केंद्र सरकार दिलाएगी महंगाई से राहत

दरअसल, केंद्र सरकार ने आम जनता को महंगाई से निजात दिलाने हेतु स्वयं टमाटर बेचने का निर्णय किया है। केंद्र सरकार दिल्ली-एनसीआर, पटना और लखनऊ समेत भारत के प्रमुख शहरों में 90 रुपये प्रति किलो की दर से टमाटर बेचेगी। हालांकि, अभी दिल्ली- एनसीआर में भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ और भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ मोबाइल वैन माध्यम से टमाटर बेच रहे हैं। नोएडा, दिल्ली और ग्रेटर नोएडा में विभिन्न स्थानों पर महासंघ के द्वारा टमाटर बेचे जा रहे हैं।

मदर डेयरी से संपर्क चल रहा है

केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने ट्वीट कर बताया है, कि दिल्ली और नोएडा के अतिरिक्त आज से पटना, लखनऊ और मुजफ्फरपुर में रियायती दरों पर टमाटर की विक्री चालू हो चुकी है। उन्होंने बताया है, कि एनसीसीएफ कल से दिल्ली में तकरीबन 100 स्थानों पर अपने आउटलेट के जरिए टमाटर बेचना चालू कर देगा। विशेष बात यह है, कि एनसीसीएफ आने वाले दिनों में दिल्ली-एनसीआर के अंतर्गत 400 स्थानों पर मदर डेयरी के साथ मिलकर टमाटर बेचेगा। इसके लिए मदर डेयरी के साथ बातचीत चल रही है। ये भी पढ़े: टमाटर ने इन 2 किसानों का कराया लाखों का फायदा

महाराष्ट्र में टमाटर 150 रुपए किलोग्राम बिका

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, राष्ट्रीय स्तर पर आज टमाटर का औसत भाव 117 रुपये प्रति किलो रहा है। वहीं, अधिकतम भाव 250 रुपये प्रति किलोग्राम और न्यूनतम भाव 25 रुपये प्रति किलोग्राम था। साथ ही, टमाटर का मॉडल प्राइस 100 रुपये प्रति किलोग्राम है। अगर बात भारत के प्रमुख महानगरों की करें तो आज दिल्ली में टमाटर का भाव 178 रुपये किलो, मुंबई में 150 रुपये किलो और चेन्नई में 132 रुपये किलो था। लेकिन, सबसे अधिक महंगा टमाटर उत्तर प्रदेश के हापुड़ में बिका था। यहां पर लोगों को एक किलो टमाटर खरीदने के लिए 250 रुपये खर्च करने पड़े। वैसे भी मानसून आने के पश्चात टमाटर की कीमत में बढ़ोत्तरी हो जाती है। जुलाई से नवंबर माह के दौरान इसका भाव काफी अधिक ही रहता है।
मुंबई में आज भी टमाटर की कीमतें सातवें आसमान पर हैं

मुंबई में आज भी टमाटर की कीमतें सातवें आसमान पर हैं

मुंबई में जून में, टमाटर की कीमतें 30 रुपये प्रति किलोग्राम के रेगुलर भाव से तकरीबन दोगुनी होकर 13 जून को 50-60 रुपये हो गईं। जून के समापन तक 100 रुपये को पार कर गईं।

मुंबई में टमाटर की कीमतें

आपकी जानकारी के लिए बतादें, कि कंज्यूमर अफेयर के आंकड़ों के मुताबिक, भारत में टमाटर के मैक्सीमम प्राइस 200 रुपये से नीचे आ गए थे। साथ ही, बात यदि मुंबई की करें तो विभाग के मुताबिक टमाटर का खुदरा भाव 160 रुपये प्रति किलोग्राम था। परंतु, वीकेंड पर टमाटर के रिटेल भावों के सारे रिकॉर्ड तोड़ने की खबरें सामने आ रही हैं। जी हां, मुंबई में टमाटर का भाव 200 रुपये प्रति को पार करते हुए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। कीमतों में बढ़ोतरी के कारण खरीदारों की संख्या पर भी प्रतिकूल प्रभाव देखने को मिला है। यह अब तक के सबसे निचले स्तर पर आ चुकी है, जिससे ग्राहकों की कमी की वजह से कुछ इलाकों में टमाटर की दुकानें बंद करनी पड़ीं।

टमाटर की कीमत विगत सात हफ्ते में 7 गुना तक बढ़ी है

मूसलाधार बारिश की वजह से कुल फसल की कमी एवं बड़े पैमाने पर क्षतिग्रस्त होने की वजह से बहुत सारी जरूरी सब्जियों के अतिरिक्त टमाटर की कीमतें जून से लगातार बढ़ रही हैं। जून में, टमाटर की कीमतें 30 रुपये प्रति किलोग्राम के रेगुलर भाव से तकरीबन दोगुनी होकर 13 जून को 50-60 रुपये हो गईं। जून के आखिर तक 100 रुपये को पार कर गईं। 3 जुलाई को इसने 160 रुपये का एक नया रिकॉर्ड बनाया, सब्जी विक्रेताओं ने भविष्यवाणी की कि रसोई का प्रमुख उत्पाद अंतिम जुलाई तक 200 रुपये की बाधा को तोड़ देगा, जो उसने किया है। ये भी पढ़े: सरकार अब 70 रुपए किलो बेचेगी टमाटर

किस वजह से टमाटर के भाव में आया उछाल

टीओआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक, एपीएमसी वाशी के डायरेक्टर शंकर पिंगले के मुताबिक टमाटर का थोक भाव 80 रुपये से 100 रुपये प्रति किलोग्राम के मध्य है। हालांकि, लोनावाला लैंडस्लाइड की घटना, उसके पश्चात ट्रैफिक जाम और डायवर्जन की वजह से वाशी मार्केट में प्रॉपर सप्लाई की बाधा खड़ी हो गई, जिसकी वजह से कीमतों में अस्थायी तौर पर इजाफा देखने को मिला। डायरेक्टर ने बताया है, कि कुछ दिनों के भीतर सप्लाई पुनः आरंभ हो जाएगी।

जानें भारत में कहाँ कहाँ टमाटर 200 से ऊपर है

बतादें, कि वाशी के एक और व्यापारी सचिन शितोले ने यह खुलासा किया है, कि टमाटर 110 से 120 रुपये प्रति किलोग्राम पर विक्रय किया जा रहा है। दादर बाजार में रोहित केसरवानी नाम के एक सब्जी विक्रेता ने कहा है, कि वहां थोक भाव 160 से 180 रुपये प्रति किलो है। अचंभित करने वाली बात यह है, कि उस मुख्य दिन पर वाशी बाजार में अच्छी गुणवत्ता वाले टमाटर मौजूद नहीं थे। माटुंगा, फोर बंगलोज, अंधेरी, मलाड, परेल, घाटकोपर, भायखला, खार मार्केट, पाली मार्केट, बांद्रा और दादर मार्केट में विभिन्न विक्रेताओं ने टमाटर की कीमतें 200 रुपये प्रति किलोग्राम तक बताईं। लेकिन, कुछ लोग 180 रुपये किलो बेच रहे थे।

बहुत सारे विक्रेताओं ने बंद की अपनी दुकान

रविवार को ग्राहकों की कमी के चलते फोर बंगलों और अंधेरी स्टेशन इलाके में टमाटर की दोनों दुकानें बिल्कुल बंद रहीं। टमाटर विक्रेताओं का कहना है, कि जब टमाटर की कीमतें गिरेंगी तब ही वो दुकान खोलेंगे। वैसे कुछ विक्रेताओं ने यह कहा है, कि त्योहारी सीजन जैसे कि रक्षाबंधन अथवा फिर जन्माष्टमी के दौरान दुकान खोलेंगे। बाकी और भी बहुत सारे दूसरे सब्जी दुकानदारों ने अपने भंडार को कम करने अथवा इसे प्रति दिन मात्र 3 किलोग्राम तक सीमित करने जैसे कदम उठाए गए हैं। विक्रेताओं में से एक ने हताशा व्यक्त की क्योंकि ज्यादातर ग्राहक सिर्फ और सिर्फ कीमतों के बारे में पूछ रहे हैं और बिना कुछ खरीदे वापिस लौट रहे हैं।

NCR में इस वजह से टमाटर के दाम फिर से बढ़े, मांग की तुलना में सप्लाई मात्र 15 प्रतिशत है

NCR में इस वजह से टमाटर के दाम फिर से बढ़े, मांग की तुलना में सप्लाई मात्र 15 प्रतिशत है

आजादपुर टमाटर एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक कौशिक का कहना है, कि दिल्ली में पिछले तीन दिनों में टमाटर की मांग की तुलना में आपूर्ति काफी गिर गई है। मूसलाधार बारिश की वजह से टमाटर उत्पादक राज्यों में फसल क्षतिग्रस्त हो गई है। संपूर्ण भारत में महंगाई से हड़कंप मच गया है। करेला, लौकी, शिमला मिर्च, परवल और भिंडी समेत तकरीबन समस्त प्रकार की हरी सब्जियां महंगी हो गई हैं। परंतु, टमाटर का भाव सबको परेशान कर रहा है। आज भी भारत के विभिन्न राज्यों में टमाटर 120 से 150 रुपये किलो बिक रहा है। परंतु, देश की राजधानी दिल्ली में टमाटर सबसे ज्यादा महंगा है। यहां पर बुधवार को विभिन्न स्थानों पर 259 रुपये किलो टमाटर बेचा गया।

यह कीमतों में उछाल की मुख्य वजह है

हालांकि, एक सप्ताह पूर्व दिल्ली में टमाटर की कीमतों में कुछ हद तक कमी देखने को मिली थी। राष्ट्रीय राजधानी के विभिन्न बाजारों में टमाटर 120 से 150 रुपये किलो पहुँच गया था। परंतु, मंगलवार से एक बार पुनः कीमतें बढ़ने लगीं है। अब ऐसी स्थिति में लोगों को लग रहा है, कि अन्य राज्यों की तुलना में दिल्ली में ही टमाटर इतना महंगा क्यों है। आखिर कीमतों में गिरावट आने के पश्चात पुनः बढ़ोत्तरी क्यों हुई है। इन सवालों के साथ दिल्ली वासी महंगाई को लेकर काफी चिंता में हैं। परंतु, उनको टेंशन लेने की आवश्यकता नहीं है। कीमतों में तेजी से उछाल की असली वजह सामने आ गई है।

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इन राज्यों में 200 रुपए किलो के टमाटर को राज्य सरकार की मदद से 60 रुपए किलो में बेचा जा रहा है

जानें दिल्ली में कितने ट्रक टमाटर की आवक हुई है

आपकी जानकारी के लिए बतादें, कि टमाटर उत्पादक राज्यों में बारिश के चलते टमाटर का उत्पादन काफी प्रभावित हुआ है। इससे दिल्ली में मांग के अनुसार, टमाटर की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। दिल्ली की आजादपुर मंडी में बुधवार को केवल 6 ट्रक ही टमाटर की आवक हुई, जो कि इसकी मांग का 15 प्रतिशत ही है। इसका अर्थ यह है, कि दिल्ली में आज भी 85 फीसद टमाटर की सप्लाई प्रभावित है। ऐसी स्थिति में मार्केट में टमाटर की उपलब्धता कम होने से कीमतों में वृद्धि हो रही है। वर्तमान में दिल्ली के अंदर कर्नाटक और आंध्र प्रदेश से टमाटर की आपूर्ति हो रही है। ऐसी स्थिति में माल ढ़लाई का खर्चा भी बढ़ रहा है।

मदर डेयरी की सफल रिटेल दुकानों में 259 रुपये किलो टमाटर बेचा गया

साथ ही, आजादपुर टमाटर एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक कौशिक का कहना है, कि दिल्ली में पिछले तीन दिनों में टमाटर की आवक कम हो गई है। भारी बारिश की वजह से टमाटर उत्पादक राज्यों में फसल बर्बाद हो गई है। उन्होंने बताया कि आजादपुर मंडी में बुधवार को टमाटर की केवल 15 प्रतिशत ही आपूर्ति हो पाई है। यही कारण है, कि दिल्ली में टमाटर की कीमतों में एक बार फिर तेजी से बढ़ने लगी हैं। साथ ही, मदर डेयरी ने बुधवार अपनी सफल रिटेल दुकानों में 259 रुपये किलो टमाटर बेचा है।
होली के समय ऐसा रहने वाला है मौसम

होली के समय ऐसा रहने वाला है मौसम

भारत में आजकल निरंतर मौसमिक परिवर्तन की स्थिति देखी जा रही है। जहां गुजरे दिनों फरवरी के माह में ही गर्मी ने अपना कहर मचाना आरंभ कर दिया था। साथ ही, मार्च के पूर्व सप्ताह में मौसम की स्थिति थोड़ी नाजुक है। देशभर में मौसम ने एक बार पुनः अपना रंग परिवर्तित किया है। मार्च माह की शुरुआत ही दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर प्रदेश में धीमी बारिश एवं बूंदाबांदी  हुई, जिसके उपरांत मौसम काफी अच्छा हो गया है। जहां फरवरी माह से ही गर्मी ने खुद का भयंकर रूप प्रदर्शित करना आरंभ कर दिया था। तब वही फिलहाल मार्च माह में मौसम अच्छा बना हुआ है। मार्च के प्रारंभिक दिनों में सुबह एवं शाम के समय मौसम में हल्की सर्दी बनी हुई है। जिसकी वजह से बढ़ता तापमान दिक्कत नहीं कर रहा है। हालांकि, दिन गुजरने के साथ ही कड़ी धूप में बाहर जाना लोगों के लिए चुनौती सा हो रहा है।

होली पर मौसम कैसा रहने वाला है

इस माह होली का पर्व है। होली में फिलहाल एक सप्ताह से भी कम वक्त शेष है। ऐसी परिस्थिति में इसी कड़ी में सवाल है, कि आखिरकार होली के वक्त मौसम कैसा रहेगा। क्या होली के दिन बरसात होगी अथवा फिर गर्मी से लोग तपेंगे ? मौसम विभाग के अनुसार इस मार्च माह के चालू होते ही भारत के विभिन्न राज्यों में
गर्मी का अलर्ट जारी कर दिया है। होली तक प्रचंड गर्मी से लोगों को राहत मिलती रहेगी। परंतु, होली के तुरंत उपरांत मौसम में गर्मी बढ़ जायेगी। साथ ही, न्यूनतम एवं अधिकतम तापमान में इजाफा देखने को मिलेगा। मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक, ताजा पश्चिमी विक्षोभ 4 मार्च तक पश्चिमी हिमालय तक पहुंचने की संभावना है, जिससे विभिन्न क्षेत्रों में धीमी बरसात पाई जाएगी।

इन राज्यों में बारिश व बर्फबारी की आशंका है

वेदर एजेंसी स्काईमेट वेदर के हिसाब से आने वाले 24 घंटों के दौरान हिमाचल प्रदेश उत्तराखंड एवं जम्मू कश्मीर के बहुत से इलाकों में हल्की से मध्यम बरसात की आशंका है। इसके साथ ही विभिन्न क्षेत्रों में बर्फबारी के साथ-साथ एक या दो जगहों पर प्रचंड वर्षा देखने को मिल सकती है। ये भी पढ़ें: सावधान: पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आने वाले दिनों में ऐसा मौसम रहने वाला है

आज मौसम कैसा रहने वाला है

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आज दिन के वक्त गगन में आंशिक तौर से बादल छाए रहने एवं बेहद हल्की वर्षा अथवा बूंदाबांदी होने की आशंका जताई गई है। आज उत्तर-पश्चिमी उत्तर प्रदेश एवं पंजाब के उत्तरी इलाकों में एक-दो जगहों पर गरज सहित बौछारें पड़ने का अनुमान व्यक्त किया गया हैं। इसके साथ ही आगामी 48 घंटों के चलते उत्तर पश्चिमी भारत में न्यूनतम तापमान के अंदर 2 से 3 डिग्री की गिरावट देखी जा सकती है।
पूसा परिसर में बिल गेट्स ने किया दौरा, खेती किसानी के प्रति व्यक्त की अपनी रुची

पूसा परिसर में बिल गेट्स ने किया दौरा, खेती किसानी के प्रति व्यक्त की अपनी रुची

गेट्स फाउंडेशन के चेयरमैन ब‍िल गेट्स (Bill Gates) द्वारा पूसा कैंपस में गेहूं एवं चने की उन प्रजातियों की फसलों के विषयों में जाना जो जलवायु पर‍िवर्तन की जटिलताओं का सामना करने में समर्थ हैं। विश्व के अरबपति बिल गेट्स (Bill Gates) द्वारा भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (ICAR) का भृमण करते हुए, यहां के पूसा परिसर में तकरीबन डेढ़ घंटे का समय व्यतीत किया एवं खेती व जलवायु बदलाव के विषय में लोगों से विचार-विमर्श किया।

बिल गेट्स ने कृषि क्षेत्र में अपनी रुची जाहिर की

आईएआरआई के निदेशक ए.के. सिंह द्वारा मीडिया को कहा गया है, कि बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के सह-अध्यक्ष एवं ट्रस्टी बिल गेट्स (Bill Gates) द्वारा आईएआरआई के कृषि-अनुसंधान कार्यक्रमों, प्रमुख रूप से जलवायु अनुकूलित कृषि एवं संरक्षण कृषि में गहन रुचि व्यक्त की।

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इसी मध्य गेट्स (Bill Gates) द्वारा आईएआरआई की जलवायु में बदलाव सुविधा एवं कार्बन डाइऑक्साइड के उच्च पैमाने के सहित खेतों में उत्पादित की जाने वाली फसलों के विषय में जानकारी अर्जित की है। बिल गेट्स ने मक्का-गेहूं फसल प्रणाली के अंतर्गत सुरक्षित कृषि पर एक कार्यक्रम में भी मौजूदगी दर्ज की। गेट्स ने संरक्षण कृषि के प्रति अपनी विशेष रुचि व्यक्त की। उसकी यह वजह है, कि गेट्स का एक लक्ष्य विश्व स्तर पर कुपोषण की परेशानी का निराकरण करना है। इसलिए ही वह स्थायी कृषि उपकरण विकसित करने के लिए निवेश कर रहे हैं। बिल गेट्स द्वारा खेतों में कीड़ों एवं बीमारियों की निगरानी हेतु आईएआरआई द्वारा विकसित ड्रोन तकनीक समेत सूखे में उत्पादित होने वाले छोले पर हो रहे एक कार्यक्रम को ध्यानपूर्वक देखा।

बिल गेट्स (Bill Gates) ने दौरा करने के बाद क्या कहा

संस्थान के निदेशक डॉ. अशोक कुमार स‍िंह द्वारा गेट्स के दौरा को कृषि अध्ययन एवं जलवायु परिवर्तन के क्षेत्र में कारगर कदम बताया है। गेट्स का कहना है, क‍ि देश में कृष‍ि के राष्ट्रीय प्रोग्राम अपनी बेहद अच्छी भूमिका निभा रहे हैं। फाउंडेशन से जुड़कर कार्य करने एवं सहायता लेने हेतु योजना निर्मित कर दी जाएगी। जलवायु परिवर्तन, बायोफोर्टिफिकेशन से लेकर फाउंडेशन सहयोग व मदद करेगा तब और बेहतर होगा। आईएआरआई को जीनोम एडिटिंग की भाँति नवीन विज्ञान के इलाकों में जीनोम चयन एवं मानव संसाधन विकास का इस्तेमाल करके पौधों के प्रजनन के डिजिटलीकरण पर परियोजनाओं हेतु धन उपलब्ध कराया जाएगा।
अत्यधिक गर्मी होने से बाजार में फलों की उपलब्धता में आएगी कमी

अत्यधिक गर्मी होने से बाजार में फलों की उपलब्धता में आएगी कमी

आजकल गर्मी बढ़ने की वजह से भारत के विभिन्न क्षेत्रों में फलों एवं सब्जियों के उत्पादन में 10 से 30% फीसद तक की कमी देखने को मिलेगी। जैसे-जैसे गर्मी पास आ रही है। भारत में सब्जियों और फलों के उत्पादन का संकट बढ़ता दिख रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार, आगामी दिनों में फल एवं सब्जियों के भाव सातवें आसमान पर हैं। इसका यह कारण है, कि वक्त से पूर्व गर्मी में बढ़ोत्तरी होने से फलों और सब्जियों के उत्पादन में करीब 30% प्रतिशत तक की गिरावट हो सकती है। नतीजतन इसका प्रभाव फलों के राजा आम पर वर्तमान से ही पड़ना शुरू हो गया है। किसानों के अनुसार, इस बार आम की बौर एवं फलों में काफी गिरावट देखने को मिली है। साथ ही, तापमान में अधिक वृद्धि होने की वजह से नींबू, तरबूज, केले, काजू और लीची की फसल भी प्रभावित हुई है।

(IIHR) के डायरेक्टर एसके सिंह ने इस विषय पर क्या कहा है

बेंगलुरु के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ हॉर्टिकल्चर रिसर्च (IIHR) के डायरेक्टर एसके सिंह के अनुसार, गर्मी में अचानक वृद्धि की वजह से भारत के विभिन्न क्षेत्रों में फलों एवं सब्जियों के उत्पादन में 10 से 30% तक की कमी हो सकती है। इसकी वजह समय से पहले गर्मी का होना है। इसकी वजह से आम, लीची, केले, अवाकाडो, कीनू, और संतरे की फसल प्रभावित हुई है। फरवरी माह का औसत तापमान भारत में 29.5 डिग्री सेल्सियस रहा था जो कि एक रिकॉर्ड है।

आपूर्ति में गिरावट आने की संभावना है

मौसम विभाग के जरिए मार्च से मई माह के मध्य भारत के नार्थ वेस्ट क्षेत्रों में गर्म हवा चलने की संभावना जताई गई है। वहीं, गर्मी में वृद्धि होने की वजह से सब्जियां वक्त से पूर्व पक रही हैं। इसी कारण से सब्जियों की आपूर्ति आवश्यकता से अधिक हो सकती है। लेकिन, कुछ समयोपरांत इसमें गिरावट भी हो सकती है। साथ ही, इसकी आपूर्ति में कमी आने से सब्जियों के भाव में वृद्धि देखने को मिलेगी।

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भारत में अधिक आबादी होने से फलों व सब्जियों की होगी किल्लत

जैसा सा कि हम सब भली भाँति जानते हैं, कि भारत एक बड़ी आबादी वाला देश है। इसलिए यहां खाद्यान आपूर्ति को सुनिश्चित करने के लिए केंद्र व राज्य सरकारें काफी सजग और जागरूक रहती हैं। इसके साथ ही भारत एक कृषि प्रधान देश भी है। उपरोक्त में सब्जिओं और फलों के विषय में जैसा वर्णन किया गया है। उसका एक कारण यहां की घनी आबादी भी है। यदि अनाज और बागवानी फसलों में कमी आती है, तो इसका प्रत्यक्ष रूप से इसका असर आम जनता पर पड़ता है।
बिना प्रौद्योगिकी के 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था मुमकिन नहीं - राज्य मंत्री कैलाश चौधरी

बिना प्रौद्योगिकी के 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था मुमकिन नहीं - राज्य मंत्री कैलाश चौधरी

अनुसूचित जाती आयोग के अध्यक्ष विजय सांपला ने कहा है, कि बदलते युग में टेक्नोलॉजी के माध्यम से भारत 2047 तक विकसित देश बनने में सक्षम होगा। साथ ही, अन्न उत्पादन में आत्मनिर्भर होने के साथ-साथ विश्व के लिए उत्पादन भी करेगा। कृषि में प्रौद्योगिकी (टेक्नोलॉजी) के महत्व पर प्रकाश डालते हुए, केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा है, कि यदि भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य प्राप्त करना है, तो कृषि क्षेत्र में सटीक खेती (प्रिसिजन फार्मिंग), कृत्रिम मेधा (एआई) और कृषि-ड्रोन आदि जैसी नवीन तकनीकों को बड़े स्तर पर अपनाना होगा। उन्होंने ईटी एज की मदद से भारत की प्रमुख कृषि-रसायन कंपनी धानुका समूह द्वारा नई दिल्ली में आयोजित "कृषि में भविष्य की नई तकनीकें: भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक परिदृश्य परिवर्तक" पर एक दिन के सेमिनार में यह कहा है।

अनाज उत्पादन के मामले में आत्मनिर्भरता हेतु मिलेगा सहयोग

स्वयं के खेती के अनुभव को याद करते हुए उन्होंने कहा, "ट्रैक्टर तकनीक की शुरुआत से पहले किसानों के पास बारिश के 4-5 दिनों के भीतर खेतों को जोतने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। बैल जोतते थे, इसलिए गति धीमी होने की वजह से आधे खेत अनुपयोगी रह जाते थे। ट्रैक्टर प्रौद्योगिकी ने किसानों को कुछ दिनों में खेतों के बड़े भू-भाग को जोतने में सक्षम बनाया और इससे हमें अनाज उत्पादन में आत्मनिर्भरता हांसिल करने में मदद मिली। इसी तरह हमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के निकट भविष्य के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए खेती में कृत्रिम मेधा (एआई), ड्रोन, सटीक खेती, ब्लॉकचेन जैसी नवीन तकनीकों का फायदा उठाने की जरुरत है।"

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फसलीय पैदावार में वृद्धि करने के लिए तकनीक बेहद जरूरी - कैलाश चौधरी

कैलाश चौधरी ने संगोष्ठी में मौजूद वैज्ञानिकों को नवीन कृषि प्रौद्योगिकियों के साथ किसानों को सशक्त बनाकर कृषि उत्पादन में पर्याप्त इजाफा करने के लिए भारत के वर्षा-सिंचित जनपदों में 40 प्रतिशत कृषि योग्य जमीन में तकनीक का इस्तेमाल कर उत्पादन बढ़ाने का भी आह्वान किया। भारत सरकार के कृषि और किसान कल्याण राज्य मंत्री ने कहा, "देश में अधिकांश कृषि भूमि की क्षमता समाप्त हो गई है। केवल बारिश पर निर्भर क्षेत्र बचा है, जिसकी क्षमता का दोहन करने की जरुरत है।"

भारत के पूर्व राष्ट्रपति महामहिम राम नाथ कोविंद ने संगोष्ठी को भेजा संदेश

संगोष्ठी के लिए भेजे गए अपने संदेश में भारत के पूर्व राष्ट्रपति महामहिम राम नाथ कोविंद ने कहा, “भारतीय कृषि विज्ञान आधारित प्रौद्योगिकियों को अपनाने के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था के भविष्य को आकार दे रही है। स्पष्ट रूप से गतिशील कृषि वैज्ञानिकों, नीति निर्माताओं, किसानों के प्रतिनिधियों और उद्योग जगत के दिग्गजों की मौजूदगी में यह चर्चा एक सदाबहार क्रांति के जरिए से कृषि के भविष्य में क्रांति लाने का मार्ग प्रशस्त करेगी।”

कृषि में प्रौद्योगिकी किसानों को सशक्त और मजबूत बना सकती है

अपने जमीनी अनुभव को साझा करते हुए राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष विजय सांपला ने कहा है, कि किसानों के जीवन स्तर को ऊपर उठाने के लिए प्रौद्योगिकी के विवेकपूर्ण इस्तेमाल की वकालत की है। उन्होंने कहा,“जब मैंने एक स्कूल में छात्रों से बातचीत की, तो उनमें से तकरीबन सभी वैज्ञानिक, इंजीनियर और डॉक्टर बनना चाहते थे। परंतु, उनमें से कोई भी किसान बनना नहीं चाहता था। ऐसा इसलिए है, क्योंकि देश ने खाद्यान्न उत्पादन में आत्मनिर्भरता तो हांसिल कर ली है। लेकिन, किसान आज भी गरीब है। यही वजह है, कि हमें इस बात पर विचार करने की काफी जरुरत है, कि किस तरह कृषि में प्रौद्योगिकी प्रत्यक्ष तौर पर किसानों को मजबूत और शक्तिशाली बना सकती है। साथ ही, उनके जीवन को अच्छा बनाकर उन्हें सम्मानित जीवन प्रदान कर सकती है।

डॉ दीपक पेंटल ने कृषि-रसायन को लेकर क्या कहा है

दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व वाइस चांसलर डॉ दीपक पेंटल द्वारा जीएम फसलों की सशक्त वकालत करते हुए कहा, "अमेरिका ने बहुत पहले जीएम फसलों को पेश करके कृषि उत्पादन में 35% की वृद्धि की है, जबकि यूरोप सिर्फ 6-7% तक ही सीमित रहा है। वैसे भी यूरोप में जनसंख्या नहीं बढ़ रही है, इसलिए उनके पास विकल्प है। लेकिन क्या हमारे पास विकल्प है? इसलिए हमें यह तय करने की आवश्यकता है, कि हम विभाजन के किस तरफ रहना चाहते हैं। डॉ. पेंटल ने कृषि-रसायनों के इस्तेमाल का समर्थन करते हुए कहा है, कि यदि हम चाहते हैं कि फसलों को कम हानि पहुँचे, तो उच्च गुणवत्ता वाले कृषि-रसायन जरूरी हैं।
मौसम विभाग ने जारी किया पूर्वानुमान, इन राज्यों में भारी बारिश की संभावना

मौसम विभाग ने जारी किया पूर्वानुमान, इन राज्यों में भारी बारिश की संभावना

मौसम विभाग द्वारा भारत के विभिन्न राज्यों में 29 जून तक मूसलाधार बारिश के साथ आंधी एवं बिजली गिरने की चेतावनी जारी कर दी है। यहां जानें आज कहां बारिश होगी। जानकारी के लिए बतादें, कि मौसम ने अपना रुख बदलना चालू कर दिया है। यदि देखा जाए तो मानसून 2023 ने भारत के विभिन्न राज्यों में दस्तक दे दी है। ऐसी स्थिति में IMD ने भी मौसम से जुड़ी ताजा जानकारी जारी कर दी है। जिससे कि लोग बारिश और गर्मी से अपने आप को बचा कर रख सकें। आइए जानते हैं कि आज आपके शहर में मौसम का हाल कैसा रहने वाला है।

देश की राजधानी दिल्ली में हुई बारिश

दिल्ली में कल रात्रि से हो रही हल्की बारिश से दिल्ली का मौसम अचानक ठंडा हो गया है। अनुमान यह है, कि आज भी दिल्ली के विभिन्न इलाकों में प्रचंड वर्षा होने की संभावना है। मौसम विभाग का कहना है, कि दिल्ली में बारिश का यह दौर 29 जून तक बना रह सकता है। IMD के अनुसार, आज दिल्ली का न्यूनतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस एवं अधिकतम तापमान 36 डिग्री सेल्सियस तक दर्ज किया जा सकता है। यह भी पढ़ें: मौसम विभाग: यूपी में आने वाले दिनों में होगी हल्की बारिश

भारत के इन क्षेत्रों में प्रचंड बारिश की चेतावनी

ओडिशा में अच्छी-खासी बारिश होने की संभावना है। इसके अतिरिक्त IMD के अनुसार, आगामी दिनों में मतलब कि 28 और 29 तारीख को असम, मेघालय एवं अरुणाचल प्रदेश के भिन्न-भिन्न क्षेत्रों में हल्की से भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।मौसम विभाग का अनुमान है, कि अगले 2 दिनों के दौरान पूर्वी भारत के कुछ इलाकों में छिटपुट वर्षा होने की संभावना है। 28 जून को पूर्वी राजस्थान में तीव्र हवाओं के साथ अत्यधिक भारी बारिश होने की चेतावनी जारी की गई है। 26, 27 एवं 29 तारीख तक उत्तराखंड के भिन्न-भिन्न इलाकों में भारी बारिश हो सकती है। छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और विदर्भ में हल्की/मध्यम सी बारिश के साथ आंधी एवं बिजली गिरने की संभावना है। साथ ही, आगामी 2 दिनों के दौरान केरल, कर्नाटक और माहे में भी काफी प्रचंड वर्षा होने की संभावना है।