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CG: छत्तीसगढ़ मिसल बंदोबस्त रिकॉर्ड ऑनलाइन (Chhattisgarh Misal Bandobast Record) ऑनलाइन ऐसे देखें

CG: छत्तीसगढ़ मिसल बंदोबस्त रिकॉर्ड ऑनलाइन (Chhattisgarh Misal Bandobast Record) ऑनलाइन ऐसे देखें

CG Misal Bandobast Record से जुड़े ऑनलाइन मंत्र

छत्तीसगढ़ सरकार ने केंद्रीय डिजिटल भारत मिशन के अंतर्गत छत्तीसगढ़ मिसल बंदोबस्त रिकॉर्ड (Chhattisgarh Misal Bandobast Record) प्रक्रिया को पूर्णतः ऑनलाइन (Online) कर दिया है। CG मिसल बंदोबस्त रिकॉर्ड (CG Misal Bandobast Record) प्रक्रिया के ऑनलाइन होने से
छत्तीसगढ़ प्रदेश के नागरिकों को संबंधित रिकॉर्ड की वर्तमान स्थिति जानने में आसानी होगी। इस प्रक्रिया के तहत छत्तीसगढ़ शासन कार्यालय कलेक्टोरेट ने प्रदेश के सभी जिलों के लिए अलग-अलग जिलों के अनुसार मिसल बंदोबस्त रिकॉर्ड का डिजिटल ऑनलाइन खाका (फॉर्मेट) बनाकर उसको जिलेवार उपलब्ध कराया है। संबंधित नागरिक इस कार्य के लिए तैयार की गई आधिकारिक वेबसाइट www.cg.nic.in/ के माध्यम से मिसल बंदोबस्त रिकॉर्ड स्थिति का ऑनलाइन अध्ययन कर प्रतिलिपि प्राप्त कर सकते हैं।

नो दफ्तर, ऑनलाइन अवसर

छत्तीसगढ़ में मिसल बंदोबस्त रिकॉर्ड इंटरनेट पर मुहैया हो जाने के कारण आदिवासी बहुल प्रदेश के किसी भी जिले के निवासी अब ऑनलाइन तरीके से मिसल बंदोबस्त रिकॉर्ड की खाना तलाशी कर सकेेंगे।


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छत्तीसगढ़ में दुर्ग, धमतरी, जांजगीर, कोरबा, रायगढ़, बिलासपुर, रायपुर जैसे प्रमुख शहर आधारित जिलों के साथ ही सुदूरवर्ती ग्रामीण अंचल से नाता रखने वाले जिलों का मिसल बंदोबस्त रिकॉर्ड तैयार कर ऑनलाइन उपलब्ध कराने से शासकीय प्रक्रिया में गति आएगी। छत्तीसगढ़ के नागरिकों को अब CG मिसल बंदोबस्त रिकॉर्ड की जानकारी प्राप्त करने के लिए सरकारी दफ्तर तक नहीं जाना पड़ेगा। छत्तीसगढ़ के नागरिक अब इंटरनेट की मदद से लगभग सभी जिलों से संबंधित मिसल बंदोबस्त रिकॉर्ड को प्राप्त कर सकते हैं। इस सुविधा से पटवारियों पर से भी काम का बोझ कम होगा।


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डाउनलोड एंड प्रिंट

छत्तीसगढ़ मिसल बंदोबस्त रिकॉर्ड (Chhattisgarh Misal Bandobast Record) प्रक्रिया को पूर्णतः ऑनलाइन (Online) करने का सबसे प्रमुख लाभ यह है कि, जानकारी हासिल करने के लिए लोगों की पटवारी पर निर्भरता अब समाप्त हो गई है। अतिरिक्त लाभ यह भी है कि इससे कागज, बिजली, स्याही की तक बचत होगी। वेबसाइट पर जिलों के रिकॉर्ड को डाउनलोड करने यानी कंप्यूटर, मोबाइल या फिर किसी मैमोरी में सेव करने का विकल्प भी प्रदान किया गया है। आवश्यक होने पर संबंधित जानकारी जुटाने वाला नागरिक सूचनाओं का प्रिंट भी इस वेबसाइट से ले सकता है। स्क्रीन शॉट से भी संबंधित जानकारी को अपने पास इमेज के रूप में सुरक्षित रखा जा सकता है।

CG मिसल बंदोबस्त रिकॉर्ड क्या है

छत्तीसगढ़ मिसल बंदोबस्त रिकॉर्ड प्रदेश के नागरिकों के लिए एक अत्यंत महत्वपूर्ण दस्तावेज है।


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ब्रिटिश हुकूमत ने भारत में 1929-30 के दशक में संपूर्ण देश की भूमि संबंधी मूल रिकॉर्ड का दस्तावेजीकरण किया था। मिसल रिकॉर्ड को पी1 रिकॉर्ड भी कहा जाता है। इसे 1929-30, 1938-39, 1942-43 के वर्षों के दौरान रिकॉर्ड किया गया था। इस महत्वपूर्ण दस्तावेज में किसानों के नाम और उनकी मूल जाति का उल्लेख किया जाता है। अंग्रेजों द्वारा निर्मित यह दस्तावेजीकरण ही मिसल बंदोबस्त के नाम से पहचाना जाता है। यह वही रिकॉर्ड है जिसके आधार पर देश के राज्य एवं केंद्र सरकार जमीनों का प्रबंधन करती आई हैं। मध्यप्रदेश से विखंडित होकर छत्तीसगढ़ राज्य का सृजन भी मिसल बंदोबस्त के आधार पर ही हुआ था। नए राज्य के गठन के बाद छत्तीसगढ़ राज्य में कई जिलों के मिसल बंदोबस्त रिकॉर्ड न मिलने की शिकायतें भी सामने आईं। मिसल बंदोबस्त कई तरह के शासकीय कार्यों के लिए अति महत्वपूर्ण दस्तावेज है।

जानिये ऑनलाइन प्रक्रिया के बारे में

छत्तीसगढ़ सरकार ने जिलों की जानकारी के मान से जिलेवार सूचनाओं का समंकन किया है। इस प्रक्रिया के तहत अलग-अलग जिलों के लिहाज से मिसल रिकॉर्ड के डिजिटल फॉर्म को ऑनलाइन प्रक्रिया के लिए तैयार किया गया है।

इस ऑनलाइन सुविधा का लाभ छत्तीसगढ़ प्रदेश के सभी नागरिक उठा सकते हैं।

छत्तीसगढ़ मिसल बंदोबस्त रिकॉर्ड (Misal Bandobast Records Chhattisgarh ) देखने के लिए पहले कुछ आसान प्रक्रिया को पूरा करना होगा। वेबसाइट www.cg.nic.in/ के होमपेज पर संबंंधित जिला, तहसील, राजस्व न., प.ह.नं, गांव, अभिलेख, CG मिसल बंदोबस्त रिकॉर्ड आदि के बारे में चयन करने के बाद सर्च (खोजें) विकल्प पर क्लिक करने से संबंधित उपयोगकर्ता को मिसल बंदोबस्त के बारे में इच्छित जानकारी प्राप्त हो सकती है। सर्च ऑप्शन को क्लिक करने के बाद स्क्रीन पर संबंधित क्रमांक के तहत शामिल गांव का संपूर्ण मिसल बंदोबस्त रिकॉर्ड नाम सहित दिखने लगेगा। इसी तरह अन्य विकल्पों के माध्यम से उपयोगकर्ता संबंधित रिकॉर्ड को डाउनलोड करने के साथ ही उसका प्रिंट भी प्राप्त कर सकता है।
कृषि मशीनों पर सब्सिडी दे रही बिहार सरकार, 31 दिसंबर तक करें आवेदन

कृषि मशीनों पर सब्सिडी दे रही बिहार सरकार, 31 दिसंबर तक करें आवेदन

जब से बिहार में सरकार बदली है, उसके बाद से नीतिश कुमार छात्रों ही नहीं, किसानों पर भी बड़े मेहरबान नजर आ रहे हैं। खेती में मशीनों का इस्तेमाल आज कल बेहद जरूरी हो गया है, क्योंकि इनके उपयोग से ही किसान अपना ज्यादा काम कम समय में कर पाते हैं। इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए बिहार सरकार ने कृषि मशीनों पर सब्सिडी देने का ऐलान किया है। इस सब्सिडी का असर ये होगा कि जो किसान ज्यादा लागत की मशीन खरीदने में सक्षम नहीं हैं, वे भी इन्हें खरीद पाएंगे। गौर करने वाली बात है कि सरकार यह सब्सिडी 90 प्रकार की कृषि में इस्तेमाल होने वाली मशीनों पर दे रही है। सब्सिडी वाली मशीनों के लिए एप्लिकेशन प्रोसेस भी शुरू हो गया है। इच्छुक किसान इसके लिए 31 दिसंबर तक एप्लिकेशन दे सकते हैं


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इस योजना की शुरुआत बिहार के कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने की है। इस योजना का नाम कृषि यंत्रीकरण है। इसी योजना के अंतर्गत सरकार ने कृषि मशीनों पर सब्सिडी देने का ऐलान किया है। अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर वे किस तरह की मशीनें हैं जिन पर सब्सिडी दी जा रही है, तो आपको बता दें कि इसके लिए कटाई, सिंचाई, गुडाई, निराई गन्ना और बागवानी से जुड़ी मशीनें शामिल हैं। अगर आपको इन सारी मशीनों की लिस्ट चाहिए और सब्सिडी के बारे में विस्तार से जानना है, तो आपको OFMAS पोर्टल (OFMAS - Online Farm Mechanization Application Software) पर जाना होगा। यहां आपका पूरा ब्योरा मिल जाएगा।

इस योजना को लेकर बिहार के कृषि विभाग ने ट्वीट किया था, जिसमें पूरा ब्योरा बताया गया था

लेकिन इस बीच गौर करने वाली बात है कि जो लोग पहले अप्लाई करेंगे तो उन्हें लाभ पहले मिलेगा, क्योंकि यह पूरा प्रक्रिया पहले आओ पहले पाओ के तहत है। चूंकि बिहार सरकार ने आवेदन आमंत्रित कर दिए हैं, इसलिए जरूरी है कि आप फौरन कृषि विभाग की वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर दें ताकि आपका नंबर पहले लग सके। लेकिन आवेदन के पहले आपको पंजीकरण करना होगा, जो अनिवार्य है। बिहार सरकार ने इस योजना के लिए अच्छा खासा बजट जारी किया है। इसी बजट के अंर्तगत किसानों को कृषि मशीनों पर सब्सिडी दी जाएगी। बिहार में किसान अक्सर की मौसम की मार झेलते रहे हैं। ऐसे में सरकार का यह कदम कई मायनों में शानदार है। इस योजना से छोटे व मझोल किसानों को मदद मिलेगी।
इस नंबर पर फोन करके जान सकते हैं किसान सम्मान निधि योजना का स्टेटस

इस नंबर पर फोन करके जान सकते हैं किसान सम्मान निधि योजना का स्टेटस

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM Kisan) केंद्र सरकार द्वारा चलाए गए लाभकारी योजनाओं में से एक है, इस योजना का उद्देश्य भूमि धारक किसानों के परिवारों को कृषि के क्षेत्र में कार्य करने हेतु वित्तीय सहायता प्रदान करनी है। इस योजना का लाभ काफी संख्या में किसान ले रहे हैं। योजना के अंतर्गत भूमि धारक किसानों के परिवारों को ₹6000 प्रति वर्ष का वित्तीय लाभ दिया जाता है, जो हर 4 महीने में ₹2000 की तीन किस्तों में मिलता है।


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सरकार ने जारी किया है टॉल फ्री नंबर

इस योजना के एप्लीकेशन स्टेटस को जानने के लिए सरकार ने एक टोल फ्री नंबर जारी किया है जिस पर किसान कॉल करके अपने आवेदन की स्थिति को जान सकता है। इस योजना के अंतर्गत किसानों को सरकार ने 11 किस्तों की राशि का भुगतान कर दिया है। वहीं 12वीं किस्त की राशि भुगतान करने से पहले सरकार ने EKYC कराना जरूरी कर दिया है। जिन किसानों के द्वारा EKYC नहीं कराया गया है, उनके खाते में 12वीं किस्त का भुगतान नहीं किया जाएगा। ऐसा सरकार ने हाल ही के दिनों में नियम बनाया है। ऐसा नियम बनाने का कारण यह है कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना मेंलगातार फर्जीवाड़े की खबर सामने आ रही थी। योजना के लिए अपात्र लोग भी इसका फायदा ले रहे थे। यूपी में व्यापक पैमाने पर फर्जीवाड़ा हो रहा था। ज्ञात हो कि पिछले दिनों लगभग 21 लाख लोगों को यूपी सरकार के द्वारा अपात्र चिन्हित किया गया है।


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जो इस योजना का लाभ ले रहे थे इस योजना का लाभ परिवार के सिर्फ एक ही सदस्य के द्वारा लिया जा सकता है लेकिन उत्तर प्रदेश, राजस्थान जैसे अन्य राज्यों में इस योजना में लगातार फर्जीवाड़ा का मामला सामने आ रहा था। वैसे लोग जो इनकम टैक्स पे करते हैं वह भी इस योजना का लाभ ले रहे थे। सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि जो भी अपात्र लोग इस योजना का लाभ ले रहे थे उन पर सरकार कड़ी कार्रवाई करते हुए अभी तक जितनी भी राशि का भुगतान हुआ है उसकी रिकवरी करेगी साथ ही योजना में फर्जीवाड़े को रोकने के लिए सरकार ने 12वीं किस्त पर रोक लगाते हुए EKYC कराना जरूरी कर दिया है। जो किसान EKYC नहीं कराए हैं उनके खाते में 12वीं किस्त की राशि नहीं जाएगी। कृषि मंत्रालय ने ट्वीट करके यह जानकारी दिया है की, टोल फ्री नंबर 155261 पर किसान फोन करके अपने आवेदन की स्थिति के साथ ये पता लगा सकते हैं कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के लाभार्थी सूची में उनका नाम है या नही, दरअसल सरकार के द्वारा पीएम किसान सम्मान निधि योजना के लिए ईकेवाईसी कराने की अंतिम तिथि ३१ जुलाई तक ही थी, जिसे ३१ अगस्त तक बढ़ाया गया था। ३१ अगस्त से पहले जिन किसानों ने अपना एक केवाईसी करा लिया है, उन किसानों के खाते में 12वीं किस्त की राशि का भुगतान किया जाएगा।जो किसान इस योजना का लाभ भविष्य में लेना चाहते है उन्हे अपने नजदीकी सीएससी केंद्र पर जाकर EKYC को करना होगा, उसके बाद सरकार के द्वारा जारी किए गए टोल फ्री नंबर पर कॉल करके किसान अपने आवेदन की स्थिति और लाभार्थी सूची में नाम है या नहीं इसका घर बैठे पता लगा पाएंगे। वहीं जिन किसानों का लाभार्थी सूची में नाम है, उनके लिए खुशी की खबर यह है कि उनके खाते में जल्दी 12वीं किस्त की राशि का भुगतान होना है। खबर आ रही है की सरकार ने 12वीं किस्त को लाभार्थी के खाते में ट्रांसफर करने के लिए इस योजना के लिए करीब 21000 करोड़ के बजट की घोषणा की है।


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12वीं किस्त की स्थिति की जांच कैसे करें

12 वीं किस्त की अपडेट के लिए आपको सबसे पहले प्रधानमंत्री किसान योजना की वेबसाइट pmkisan.gov.in पर जाना होगा। वहां स्क्रीन पर दिख रहे PM Kisan Yojana 12th Kist Status Online 2022 पर क्लिक करना होगा, उसके बाद आपको अपना लॉगिन डिटेल सबमिट करना होगा और ओटीपी पाने के लिए मोबाइल नंबर देना होगा। उसके बाद आपके इस स्क्रीन पर 12वीं किस्त की स्थिति दिखने लगेगी, वहां आपके खाते में 12वीं किस्त की राशि आई है या नहीं यह जान पाने में आप सक्षम होंगे।
जानें पीएम किसान योजना जी 13 वीं किस्त कब तक आएगी

जानें पीएम किसान योजना जी 13 वीं किस्त कब तक आएगी

किसानों को पीएम किसान योजना की 13 वीं किस्त की बेहद उत्सुकता से प्रतीक्षा है। किसानों को अनुमान है, शायद इस हफ्ते उनकी 13 वीं किस्त उनके खाते में डाल दी जाएगी। केंद्र सरकार भी 13 वीं किस्त किसानों के खाते में भेजने हेतु पूर्ण व्यवस्था में लगी हुई है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की 12वीं किस्त किसानों को मिल चुकी है। किसान वर्तमान में 13 वीं किस्त की प्रतीक्षा में बैठे हैं। आखिर कब तक उनको 13 वीं किस्त मिलेगी। इस बात के लिए किसान सड़कों पर निरंतर बातचीत में लगे हुए हैं। किसानों द्वारा केंद्र सरकार से भी अनुग्रह किया जा रहा है, कि वह इसी माह में शीघ्र से शीघ्र उनके खाते में 13 वीं किस्त ड़ाल दें।

किसानों को कब तक 13 वीं किस्त मिल सकती है

अगर जनवरी माह में 13 वीं किस्त किसानों को कब तक मिलेगी। किसान इस विषय पर निरंतर चर्चा कर रहे हैं। मीडिया खबरों के मुताबिक, लोहड़ी एवं मकर संक्राति के त्यौहार से पूर्व किस्त किसानों को मिलने की आशा की जा रही थी। परंतु, फिलहाल जो खबरें देखने को मिल रही हैं। उनके मुताबिक तो आने वाले हफ्ते में अथवा जनवरी माह के किसी भी दिन किसानों के खातों में पहुँचा दी जा सकती है। केंद्र सरकार के अधिकारियों के मुताबिक, किसानों को चिंतित होने की कोई आवश्यकता नहीं है। केंद्र सरकार निर्धारित समय पर 13 वीं किस्त किसानों के खाते में भेज देगी। दरअसल, केंद्र सरकार की तरफ से किस्त जारी करने के संबंध में कोई अधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। लेकिन, इसी हफ्ते अथवा 26 जनवरी से पूर्व किसानों के खातों में उनकी 13 वीं किस्त आने की संभावना है।


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किसानों को ऑनलाइन तौर पर इस कार्य को करना अति आवश्यक है

पीएम किसान योजना की आगामी किस्त प्राप्त करने हेतु कृषकों को ई-केवाईसी होनी आवश्यक है। जिसके लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना भी बेहद आवश्यक होता है। पंजीयन करते समय राशन कार्ड का सॅाफ्ट कार्ड जमा करना होगा। आपको हार्ड कॉपी जमा करने की कोई आवश्यकता नहीं है। आप इसके लिए पीएम किसान पोर्टल की अधिकारिक वेबसाइट पर विजिट करें। वेबसाइट पर आपको राशन कार्ड की PDF फाइल तैयार कर अपलोड करदें। यदि किसानों ने राशन कार्ड की कॉपी जमा नहीं की तो उस स्थिति में किसान किस्त से वंचित रह जाएंगे।

आधार कार्ड का बैंक खाते से जुड़े रहने की स्थिति में ही मिल पायेगा लाभ

केंद्र सरकार के निर्देशानुसार आधार कार्ड को बैंक से जोड़ना बहुत आवश्यक कर दिया है। बैंक से आधार कार्ड जुड़ने की स्थिति में आपकी ई-केवाईसी पूर्ण हो जाएगी। केंद्र सरकार के अधिकारियों के मुताबिक, किस्त प्राप्त करने हेतु किसानों का आधार कार्ड बैंक से जुड़ा होना चाहिए। उसके उपरांत ही 13 वीं किस्त किसानों को मिल सकेगी। बतादें, कि अपात्र एवं E-KYC नहीं होने की वजह से 2 करोड़ से ज्यादा किसानों के खाते में 12 वीं किस्त नहीं पहुँच पायी थी। वर्तमान में केंद्र सरकार द्वारा पात्र किसानों को ई-केवाईसी कराने का अवसर प्रदान किया जा रहा है। जिससे कि वह पीएम किसान योजनासे लाभान्वित हो सकें।
प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना के तहत दी जाएगी किसानों को पेंशन; जाने क्या है स्कीम

प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना के तहत दी जाएगी किसानों को पेंशन; जाने क्या है स्कीम

भारत सरकार किसानों के कल्याण के लिए समय-समय पर कई तरह की योजनाएं चलाती रहती है. अभी भी सरकार द्वारा किसानों के हित का ध्यान रखते हुए पीएम किसान सम्मान निधि, किसान समृद्धि केंद्र, किसान क्रेडिट कार्ड और प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना समेत कई तरह की योजनाएं चलाई जा रही है. 

हम सभी जानते हैं कि पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत किसानों को हर साल ₹6000 दिए जाते हैं जो उन्हें ₹2000 की किस्त में तीन बार खाते में दिए जाते हैं. 

सरकार द्वारा किसानों को उनके बुढ़ापे के दौरान मदद करने के लिए एक पेंशन स्कीम भी चलाई जा रही है. प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना के तहत किसान सरकार से पेंशन ले सकते हैं.

क्या है प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना?

प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना सरकार के द्वारा चलाई गई योजना है जो छोटे और सीमांत किसानों के लिए चालू की गई है. इस योजना का मुख्य उद्देश्य बुढ़ापे में किसानों को सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा देना है. 

18 से 40 साल की उम्र के किसान इस योजना के तहत फायदा ले सकते हैं. अगर जमीन की बात की जाए तो 2 हेक्टेयर तक की खेती योग्य भूमि वाले छोटे और सीमांत किसान इस योजना के लिए आवेदन दे सकते हैं. 

इसके अलावा अगर उनके नाम पर राज्य या फिर केंद्र शासित प्रदेशों में किसी भी तरह की भूमिका रिकॉर्ड है तो इस योजना के तहत उन्हें योग्य नहीं माना जाएगा. प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना के अनुसार एक बार किसान जब 60 वर्ष की उम्र पूरी कर लेता है तो उसके बाद उन्हें हर महीने ₹3000 की न्यूनतम पेंशन सरकार द्वारा दी जाएगी.  

इसके अलावा अगर किसी कारण से किसान की मृत्यु हो जाती है तो किसान की पत्नी या फिर परिवार को पेंशन का आधा हिस्सा यानी कि 50% पेंशन मुहैया करवाई जाएगी. सरकार द्वारा दी जाने वाली यह पेंशन केवल पति पत्नी के लिए ही लागू है एक बार किसान की मृत्यु होने पर उसके बच्चे इस योजना के तहत लाभ नहीं उठा सकते हैं. 

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कितने किसान  दे रहे हैं आवेदन?

इस योजना के तहत 18 से 40 वर्ष की आयु के बीच में किसान आवेदन दे सकता है.  इस स्कीम का लाभ उठाने के लिए किसानों को 60 साल की उम्र तक हर महीना केवल 55 से ₹200 का योगदान करना होगा. 

एक बार 60 वर्ष का हो जाने के बाद आप इस स्कीम के तहत पेंशन राशि प्राप्त करने के लिए योग्य हो जाते हैं. इसके बाद हर महीने उनके पेंशन खाते में एक निश्चित राशि सरकार द्वारा जमा होती रहेगी. 

इस योजना में सरकार मिलान योगदान देती है. उदाहरण के लिए अगर कोई भी किसान खाते में ₹200 जमा कर रहा है तो सरकार की तरफ से भी उस खाते में ₹200 जमा किए जाएंगे. आंकड़ों की मानें तो अभी तक लगभग 2 करोड़ से ज्यादा किसान प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना के विकल्प को चुनने के लिए आवेदन दे चुके हैं

फोन पर प्राप्त हुए इस मैसेज के आने पर खाते में नहीं आ पाएगी 13 वीं किस्त

फोन पर प्राप्त हुए इस मैसेज के आने पर खाते में नहीं आ पाएगी 13 वीं किस्त

पीएम किसान सम्मान निधि की 13वीं किस्त डीबीटी के जरिये से हस्तांतरित की जा चुकी है। किसानों को फोन पर एसएमएस के द्वारा अपडेट प्राप्त हो रही है। इसी मध्य एक संदेश नाम कटने का भी हो सकता है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत भारत के किसानों को आर्थिक रूप से सुदृढ़ एवं शक्तिशाली करने का कार्य चल रहा है। इससे लघु किसानों को देश में एक नाम और एक पहचान प्राप्त हुई है। इस योजना के अंतर्गत प्रति वर्ष 6,000 रुपये की आर्थिक सहायता लाभार्थी किसानों को दी जाती है। यह धनराशि दो-दो हजार रुपये की तीन किस्तों के अंतर्गत प्रति 4 माह की समयावधि पर केवल पात्र किसानों के खातों में भेजा जाता है। सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सम्मान निधि की 13वीं किस्त लागू की जा चुकी है। इस बार पीएम किसान सम्मान निधि योजना के माध्यम से भारत के 8 करोड़ से भी ज्यादा किसानों को फायदा हुआ है। बतादें कि इनके खातों में 16,000 रुपये की धनराशि डीबीटी के जरिए से हस्तांतरित की जा चुकी है। आहिस्ते-आहिस्ते किसानों को फोन पर एसएमएस के माध्यम से किस्तें आने की जानकारी प्राप्त हो रही है। बेहतर होगा किसान स्वयं किस्त के अपडेट के साथ स्वयं के स्टेटस की भी जाँच करते रहें, क्योंकि यदि आपके मोबाइल पर कुछ संदिग्ध संदेश प्राप्त हो रहा है। तब समझ लें कि वर्तमान में आप पीएम किसान योजना का फायदा नहीं उठा पा रहे हैं।

अपडेट स्टेटस की जाँच इस प्रकार करें

अगर आप भी पीएम किसान योजना के पात्र हैं। आपने ई-केवाईसी से लेकर आधार सीडिंग एवं लैंड सीडिंग प्रमाणीकरण कराया है। फिर भी आपको सतर्क रहने की बेहद जरूरत है, क्योंकि संभावना है कि आप पीएम किसान योजना के तय नियमों के अनुरूप फिलहाल पात्र ना रहे हों।
  • इससे संबंधित जानकारी हेतु आधिकारिक वेबसाइट pmkisan.gov.in पर जाना होगा।
  • आप यहां दाईं तरफ Beneficiary Status के विकल्प का चयन करें।
  • फिलहाल किसान स्वयं मोबाइल नंबर अथवा पंजीयन नंबर दर्ज करायें।
  • आप यहां Captcha Code दर्ज भी करें और Submit बटन पर क्लिक कर दें।

इस स्थिति में नहीं मिलेगी किस्त

किसान भाइयों अगर पीएम किसान योजना में अपना बेनेफिशियरी स्टेटस की जाँच करने के उपरांत अगर किसान 'No' लिखा पाएं। तो समझलें कि अब आप योजना का फायदा नहीं उठा पाएंगे। यहां 13वीं किस्त के स्टेटस पर लैंड-आधार सीडिंग एवं ई-केवाईसी के समक्ष 'No' लिखा हो तो समझलें कि आपका प्रमाणीकरण नहीं हो पाया है। यही कारण से 12वीं किस्त बाधित हो गई थी एवं फिलहाल 13वीं किस्त भी प्राप्त नहीं हो पाएगी। ये भी पढ़ें: जानें पीएम किसान योजना जी 13 वीं किस्त कब तक आएगी

ऐसे करें इस समस्या का निराकरण

अगर आपके भी बेनेफिशियरी स्टेटस पर NO लिखा दिखाई दे तब आप अतिशीघ्र अपना ई-केवाईसी प्रमाणीकरण करालें। साथ ही, लैंड एवं आधार सीडिंग का कार्य भी पूर्ण करलें। आपको यदि इस कार्य में कोई भी परेशानी आ रही है, तो अपने जनपद के कृषि विभाग के कार्यालय को सूचना देदें। ज्यादा जानकारी लेने के लिए हेल्पलाइन नंबर-1555261 और 1800115526 या 011-23381092 पर कॉल कर संपर्क कर सकते हैं।
नीति आयोग का मास्टर प्लान, गौशालाओं की होगी मदद, आवारा पशुओं से मिलेगा छुटकारा

नीति आयोग का मास्टर प्लान, गौशालाओं की होगी मदद, आवारा पशुओं से मिलेगा छुटकारा

देश में गौशालाओं को बनाने के लिए लोगों को हर तरह से जागरूक किया जा रहा है. बढ़ती जागरूकता को देखते हुए, नीति आयोग ने गौशालाओं की मदद के लिए मास्टर प्लान बना लिया है. बताया जा रहा है कि, इसका सीधा फायदा हमारे किसान भाइयों के साथ साथ खेती बाड़ी को भी होगा. जिससे स्वभाविक रूप से आवारा पशुओं से लोगों को छुटकारा मिल सकेगा. साथ ही उनसे होने वाली दिक्कतें भी कादी हद तक दूर हो जाएंगी. जब से देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार बनी है, तभी से पूरे देश में गौशालाओं की स्थापना को लेकर काफी जागरूकता बढ़ गयी है. ताजा रिपोर्ट्स के मुताबिक आवारा पशुओं के साथ साथ आवारा गायों में भी लोगों को खूब परेशान कर दिया है. जहां एक तरफ इनकी वजह से खेत खलियानों में दिक्कते बढ़ रही हैं, वहीं दूसरी तरफ चाहे गांव हो या शहर, हर जगह गौशालाओं का भी निर्माण किया जा रहा है. जिसे देखते हुए नीति आयोग ने एक ओस मास्टर प्लान तैयार किया है, जिससे वो एक तीर से एक नहीं बल्कि दो-दो निशाने लगाएगी. इस मास्टर प्लान के तहत देशभर में बनी गौशालाओं की स्थिति और सूरत तो सुधरेगी ही, साथ ही वो न्य बिजनेस भी कर आसानी से पाएंगी.
  • गौशालाओं को वित्तीय मदद देने की सिफारिश

नीति आयोग के सदस्य पड़ पर कार्यरत रमेश चंद की अध्यक्षता में एक समिति बनाई गयी. जिसमें गौशालाओं को वित्तीय मदद देने की सिफारिश की गयी है. इसके अलावा उन्हें नये बिजनेस का भी आइडिया दिया गया है. जिसके तहत गाय का गोबर और गोमूत्र से बनी चीजों की मार्केटिंग कर सकें. हालांकि इन सभी चीजों का इस्तेमाल कृषि सेक्टर में खूब किया जाता है.
  • ऑनलाइन होगा गौशालाओं का रजिस्ट्रेशन

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक समिति का एक और प्रस्ताव भी है. जिसमें सभी गौशालाओं के ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की बात कही गयी. इसके लिए एक पोर्टल भी बनाया जाना चहिये. इस पोर्टल को नीति आयोग के दर्पण पोर्टल की तरह बनाने का सुझाव दिया गया है. जो पशु कल्याण बोर्ड सहायता हासिल करने के लायक बनाया जाएगा. यह भी पढ़ें: गौशालाओं से होगी अच्छी कमाई, हरियाणा सरकार ने योजना बनाई
  • आवारा पशु नहीं बनेंगे परेशानी का सबब

इतना ही नहीं समिति ने अपनी एक रिपोर्ट पेश की है. जिसके मुताबिक गौशालाओं को आर्थिक मदद देने की बात कही गयी है. जिससे लोगों को आवारा पशुओं की वजह से होने वाली परेशानियों का समाधान मिल सकेगा. समिति का कहना है कि, गौशालाओं को जो भी मदद दी जाएगी, उसको गायों की कुल संख्या से जोड़ना चाहिए. इसके अलावा आवारा और बिमारी से बचाई गयी गायों की स्थिति में सुधार किया जा सके.
  • रियायती ब्याज पर मिल सकता है फाइनेंस

समिति के मुताबिक गौशालाएं आर्थिक रूप से सक्षम बनें. इसके लिए उन्हें वित्तीय मदद मिलनी चाहिए. जिससे उन्हें अपना बिजनेस चलाने और क्यादा मुनाफा कमाने में मिलने वाले अंतर के बराबर आर्थिक मदद को विअबले गैप फंडिंग के रूप में दिया जाना चाहिए. इसके साथ ही गौशालाएं जो भी पूंजी निवेश करें, उसके लिए और वर्किंग कैपिटल के लिए रियायती ड्रोन पर फाइनेंस किया जाना चाहिए.

ये बिजनेस कर सकती हैं गौशालाएं

  • गौशालाओं को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए, उनकी पूंजीगत तरीके से मदद की जानी चाहिए.
  • पूंजीगत तरीके से हुई मदद से गौशालाएं गोबर और गोमूत्र से बने उत्पादकों की मार्केटिंग आसानी से कर सकेंगी.
  • गोबर और गोमूत्र से बने उत्पादकों का इस्तेमाल जैविक कृषि को आगे बढ़ाने में काफी हद तक कारगार हो सकता है.
  • नीति आयोग के मास्टर प्लान से गौशालाओं को गोबर और गोमूत्र से बनी चीजों के प्रोडक्शन और पैकेजिंग के साथ साथ मार्केटिंग और वितरण करने में मदद मिल सकती है.
  • अगर प्राइवेट सेक्टर मरीं निवेश किया जाएगा तो, जैविक उर्वरक का ज्यादा और भारी पैमाने पर उत्पादन हो सकेगा.
प्रोडक्शन एंड प्रमोशन ऑफ ऑर्गेनिक एंड बायो फर्टिलाइजर्स विथ स्पेशल फोकस ऑन इंप्रूविंग इकोनॉमिक वायबिलिटी ऑफ गौशाला की रिपोर्ट में समिति की ओर से ये सभी सुझाव दिए गये हैं.
यदि तीन सप्ताह बाद भी नहीं आई है प्रधानमंत्री किसान योजना की किस्त तो यहां दर्ज करें शिकायत

यदि तीन सप्ताह बाद भी नहीं आई है प्रधानमंत्री किसान योजना की किस्त तो यहां दर्ज करें शिकायत

देश के किसानों को सशक्त करने के लिए केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना लागू की है। जिसके अंतर्गत हर साल किसानों को 6 हजार रुपये की सहायता राशि प्रदान की जाती है। यह राशि तीन किस्तों में दी जाती है। अब तक केंद्र सरकार प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की 13 किस्तें किसानों के बैंक खातो में ट्रांसफर कर चुकी है। आखिरी किस्त 27 फरवरी को ट्रांसफर की गई थी। जिसे पीएम मोदी ने डीबीटी के माध्यम से सभी किसान भाइयों के बैंक खातों में सीधे राशि पहुंचाई थी। सरकार के सूत्रों ने बताया है कि इस दौरान 8,000 करोड़ से अधिक किसानों के बैंक खातों में 16,000 करोड़ से अधिक की राशि ट्रांसफर की गई थी। लेकिन अभी भी बहुत सारे किसान भाई ऐसे हैं जिन्हें 13वीं किस्त प्राप्त नहीं हुई है। यह सभी किसान प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत सहायता राशि पाने के हकदार हैं, लेकिन कुछ तकनीकी खामियों के चलते तीन सप्ताह बीत जाने के बाद भी किसानों को किस्त नहीं मिल पाई है। जिन भी किसानों को अभी तक राशि नहीं मिली है वो पीएम किसान योजना के ऑनलाइन हेल्प डेस्क नंबर पर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं साथ ही इन अन्य विकल्पों से भी मदद प्राप्त कर सकते हैं।

पीएम किसान की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर अपनी गलतियां सुधारें किसान

ऐसे किसान जिनकी प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की 13वीं किस्त नहीं आई है वो योजना की आधिकारिक वेबसाइट pmkisan.gov.in पर जाकर फॉर्म भरते समय की गई गलतियों को सुधार लें। कई बार ऐसा होता है कि किसान आवेदन करते समय गलत जानकारियां भर देते हैं जिससे किसानों के दस्तावेजों का मिलान करने में कठिनाई होती है, जिससे समय पर सही अपडेट नहीं मिल पाता।

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कई बार आवेदन में गलत मोबाइल नंबर की वजह से किसानों को पता ही नहीं चलता कि उनके बैंक खाते में किस्त का पैसा जमा हो चुका है। किसानों को समय पर मैसेज नहीं मिल पाता जिसके कारण किसान यह समझते हैं कि उनका पैसा अभी तक बैंक खाते में जमा नहीं किया गया है। ऐसे में सभी वांछित जानकारियां आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर अपडेट कर दें। साथ ही वेबसाइट के माध्यम से किसान भाई अपने लाभार्थी स्टेटस की जानकारी भी बेहद आसानी से ले सकते हैं।

लिस्ट में नाम जरूर चेक करें

इस साल प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से 1.86 लाख किसानों के नाम हटाए गए हैं। क्योंकि कई फर्जी किसान इस योजना का गलत तरीके से लाभ ले रहे थे। इसलिए लिस्ट में अपना नाम जरूर चेक करें ताकि यह पता लग पाए कि अन्य किसानों के साथ कहीं आपका नाम भी तो लिस्ट से नहीं कट गया। अपना नाम चेक करने के लिए पीएम किसान की ऑफिशियल वेबसाइट pmkisan.gov.in पर जाएं। वहां पर Farmers Corner के सेक्शन में जाएं। इसके बाद नीचे दिए गए Beneficiary Status के विकल्प पर क्लिक करें। इसके बाद आपसे अकाउंट नंबर, आधार नंबर और फोन नंबर मांगा जाएगा। इन सभी चीजों को उचित स्थान पर दर्ज करें। इसके बाद Get Data पर क्लिक करते ही लाभार्थी के स्टेटस की जानकारी मिल जाएगी।

यहां पर संपर्क करें किसान भाई

बहुत सारे कारण होते हैं जिनकी वजह से कई बार प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की किस्त किसानों के बैंक खाते में समय पर नहीं पहुंच पाती। इससे किसान भाइयों को किसी भी प्रकार की चिंता करने की जरूरत नहीं है। किसान भाई चाहें तो इस समस्या के निराकरण के लिए अपने जिले के कृषि विभाग के कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं। साथ ही अधिक जानकारी के लिए  pmkisan-ict@gov.in पर अपनी समस्या लिखकर भेज सकते हैं। साथ ही हेल्पलाइन नंबर- 155261, 1800115526 या फिर 011-23381092 पर कॉल करके जानकारी हासिल कर सकते हैं।
इस योजना के अंतर्गत सरकार किसानों को देगी 18 लाख रुपये, ऐसे करें आवेदन

इस योजना के अंतर्गत सरकार किसानों को देगी 18 लाख रुपये, ऐसे करें आवेदन

सरकार लगातार किसानों की आमदनी बढ़ाने का प्रयास कर रही है। इसके लिए सरकार ने विभिन्न स्तरों पर ढेरों योजनाएं चला रखी हैं। जिनसे देश के किसान लगातार लाभान्वित हो रहे हैं। इसी क्रम में सरकार ने एक और योजना शुरू की है। जिसे 'पीएम किसान एफपीओ योजना' नाम दिया गया है। इस योजना के अंतर्गत सरकार किसान को एग्रीकल्चर बिजनेस शुरू करने के लिए 18 लाख रुपये तक की सहायता देती है। योजना का लाभ लेने के लिए कम से कम 11 किसानों को मिलकर एक किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) बनाना जरूरी है।

क्या है पीएम किसान एफपीओ योजना

किसान एफपीओ योजना को केंद्र सरकार ने किसानों के कल्याण के लिए चलाई है। जिसमें खेती बाड़ी से जुड़े बिजनेस शुरू करने के लिए 18 लाख रुपये तक की राशि मुहैया कवाई जाती है। यह राशि आवेदन करने के बाद आगामी 3 साल में सरकार की तरफ से प्रदान की जाएगी। इस योजना से जुडने पर और भी कई तरह के फायदे होते हैं। जैसे:- किसान सस्ती दरों पर बैंकों से लोन हासिल कर सकते हैं। इसके साथ ही इस योजना के अंतर्गत उपज को बेंचने के लिए किसानों के लिए आसानी से बाजार उपलब्ध हो जाता है। साथ ही किसान भाई बेहद रियायती दरों पर फर्टिलाइजर, सीड, केमिकल और कृषि यंत्र जैसे जरूरी सामान भी खरीद सकते हैं। ये भी पढ़े: इन कृषि यंत्रों पर सरकार दे रही है भारी सब्सिडी, आज ही करें आवेदन

ये लोग इस योजना का लाभ उठा सकते हैं

आवेदक का कृषि का व्यवसाय होना जरूरी है। इसके साथ ही उसके पास कृषि योग्य भूमि होना चाहिए। आवेदक किसान उत्पादक संगठन का हिस्सा होना चाहिए। मैदानी क्षेत्र में किसान उत्पादक संगठन में कम से कम 300 सदस्य होने चाहिए, इसी प्रकार पहाड़ी क्षेत्र में किसान उत्पादक संगठन में 100 सदस्य होने चाहिए।

आवेदनकर्ता के लिए ये दस्तावेज होंगे जरूरी

आवेदनकर्ता के पास आधार कार्ड, निवास प्रमाण पत्र, जमीन के कागजात, राशन कार्ड, आय प्रमाण पत्र, पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ, बैंक खाता विवरण और मोबाइल नंबर होना अनिवार्य है। इन सभी दस्तावेजों की जानकारी आवेदन करते समय देनी होगी।

ऐसे करें पीएम किसान एफपीओ योजना में आवेदन

जो  भी किसान इस योजना के अंतर्गत लाभ उठाना चाह रहे हैं उन्हे सर्वप्रथम किसान उत्पादक संघ (एफपीओ) में अपना रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। यह प्रक्रिया ई-नाम पोर्टल के माध्यम से बेहद आसानी से पूरी की जा सकती है। रजिस्ट्रेशन करने के लिए ई-नाम की आधिकारिक वेबसाइट https://www.enam.gov.in पर जाएं। वहां पर ई-नाम का पेज होगा। इस पेज में अपनी जानकारी भरने के बाद सबमिट कर दें। इसके अलावा किसान भाई ई-नाम मोबाइल ऐप और नजदीकी ई-नाम मंडी जाकर भी रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं।
इस राज्य में किसानों को घर बैठे अनुदानित दर पर बीज मुहैय्या कराए जाएंगे

इस राज्य में किसानों को घर बैठे अनुदानित दर पर बीज मुहैय्या कराए जाएंगे

खेती किसानी में बेहतर पैदावार जब ही प्राप्त हो सकती है, जब उर्वरक भूमि के साथ-साथ बेहतरीन गुणवत्ता के बीज भी होने चाहिए। बिहार सरकार फिलहाल उत्तम गुणवत्ता के बीजों को किसानों के घर तक पहुंचाएगी। बेहतरीन खेती के लिए अच्छी गुणवत्ता के बीजों का होना काफी आवश्यक होता है। किसान बीज प्राप्त करने के लिए बाजार एवं बीज केंद्रों के चक्कर काटते रहते हैं। उत्तम गुणवत्ता का बीज न मिलने की वजह से किसानों की फसल उतनी खास नहीं हो पाती है। किसानों के समक्ष चुनौती यह भी रहती है, कि बेहतरीन गुणवत्ता के बीजों की पहचान किस तरह की जाए। राज्य सरकार के स्तर से भी किस तरह अच्छे बीज प्राप्त हो सकें। किसान इसको लेकर भी मांग करते रहते हैं। फिलहाल, बिहार सरकार ने इसी दिशा में पहल की जा रही है। किसानों की काफी परेशानियां भी समाप्त कर दी है।

बिहार सरकार की तरफ से बीजों की होम डिलीवरी की सुविधा दी गई है

बिहार सरकार खरीफ सीजन में उगाई जाने वाली विभिन्न फसलों के बीजों को अनुदान देकर मुहैय्या करा रही है। बीजों को किसानों के घर तक मुहैय्या कराने के लिए होम डिलीवरी की सुविधा भी दी गई है। राज्य सरकार के अधिकारियों ने बताया है, कि जो किसान घर पर बीज प्राप्त करना चाहते हैं। उनको एक अलग विकल्प भरना होगा। होम डिलीवरी हेतु उनसे अतिरिक्त धन भी लिया जाएगा। यह भी पढ़ें:
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बिहार सरकार द्वारा किया अपील की गई है

बिहार सरकार, कृषि विभाग द्वारा सोशल मीडिया पर यह जानकारी प्रदान की है। बिहार सरकार की तरफ से बताया गया है, कि किसान भाइयों एवं बहनों, कृपया गौर करें! खरीफ मौसम, 2023 में विभिन्न फसलों के बीज की सब्सिड़ी दर पर उपलब्धता से जुड़ी सूचना। कृषि विभाग द्वारा बिहार राज्य बीज निगम के जरिए से खरीफ मौसम, 2023 की विभिन्न योजनाओं में खरीब फसलों के बीज अनुदानित दर पर वितरण करने की योेजना तैयार कर ली है।

किसान ऑनलाइन आवेदन यहां कर सकते हैं

इच्छुक किसान अनुदानित दर पर विभिन्न खरीफ फसलों के बीज प्राप्त करने के लिए DBT Portal (https://dbtagriculture.bihar.gov.in) / BRBN Portal (brbn.bihar.gov.in) के बीज अनुदान / आवेदन लिंक पर दिनांक 15 अप्रैल, 2023 से 30 मई, 2023 तक आवेदन किया जा सकता है। किसान सुविधानुसार   साइबर कैफ / वसुधा केंद्र / कॉमन सर्विस सेंटर अथवा स्वयं के Android Mobile के उपयोग से आवेदन किया जा सकता है।

बीज की डिलीवरी इस प्रकार से की जाएगी

किसानों का आवेदन संबंधित एग्रीकोऑर्डिनेटर को भेजा जाएगा। एग्री कोऑर्डिनेटर जिस स्थान पर बीज आवंटित करेगा, उस जगह की जानकारी किसान को दी जाएगी। किसान बीज विक्रेता को बीज वितरण के दौरान आधार कार्ड आधारित फिंगर प्रिंट अथवा आईरिस पहचान द्वारा आधार प्रमाणीकरण करवाकर एवं पंजीकृत मोबाइल नंबर साझा करना होगा। इसके उपरांत पंजीकृत नंबर पर ओटीपी आ जाएगा। उसको दर्ज करने के उपरांत अनुदान की धनराशि भी घट जाएगी एवं शेष धनराशि का भुगतान कर दें।
कृषि मंत्रालय के सहयोग से बने इस एप से किसान असली व नकली बीजों की अब तुरंत जाँच कर लेंगे

कृषि मंत्रालय के सहयोग से बने इस एप से किसान असली व नकली बीजों की अब तुरंत जाँच कर लेंगे

आजकल सामान्यतः बीजों के असली-नकली की जांच करने की समस्या किसानों के समक्ष रहती है। केंद्र सरकार द्वारा इसी से संबंधित SATHI एप जारी किया है। किसान एप से बीजों के बारे में काफी जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। किसानों के फायदे के लिए केंद्र एवं राज्य सरकारें निरंतर कदम उठा रही हैं। यही प्रयास रहता है, कि किसान भाइयों को उनका अधिकार प्राप्त हो सके। बीजों पर अनुदान, कृषि यंत्रों के मूल्यों पर छूट ऐसी ही सहूलियत होती हैं, जिनकी मदद से किसान को बड़ी राहत मिलती है। खेती करने के लिए अत्यंत आवश्यक होता है, कि बीज उत्तम गुणवत्ता वाला होना चाहिए। परंतु, अब तक किसान के पास ऐसा कोई पैमाना नहीं है, जिससे जल्दी मालूम हो सके कि बीज असली है अथवा नकली। अब ऐसी ही पहल केंद्र सरकार की तरफ से भी की गई है। एप की सहायता से तुरंत पता चल जाएगा कि बीज असली है या नकली।

बीज के असली व नकली होने की पहचान कराएगा SATHI एप

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने नकली बीज विक्रेताओें पर कार्रवाई करने हेतु अधिकारियों निर्देश दिए हैं। वहीं, किसान भी सजग होकर नकली बीज खरीदने से बच सकें, इसके लिए भी किसानों को जागरुक किया जा रहा है। साथ ही, अब बीज असली है अथवा नकली, इसके बारे में जाँच करने के लिए केंद्रीय कृषि मंत्री की तरफ से साथी (SATHI- सीड ट्रैसेबिलिटी, ऑथेंटिकेशन एंड होलिस्टिक इन्वेंटरी) नाम से पोर्टल एवं मोबाइल ऐप जारी किया है। नकली बीजोें के विषय में जानकारी करने के उद्देश्य से एक सेंट्रलाइज्‍ड ऑनलाइन व्यवस्था बनाई गई है। ये भी पढ़े: किसानों को सस्ते में मिलेंगे कृषि यंत्र, सरकार दे रही 50% सब्सिडी

एनआईसी ने कृषि मंत्रालय के सहयोग से SATHI एप निर्मित किया है

साथी एप को एनआईसी द्वारा कृषि मंत्रालय की सहायता से निर्मित किया है। एनआईसी द्वारा इसे उत्तम बीज-समृद्ध किसान सब्जेक्ट पर विकसित किया है। कृषि मंत्री तोमर का कहना है, कि किसान भाइयों के समक्ष नकली बीज का पता लगाने का काफी बड़ा संकट रहता है। साथी एप ऐसे लोगों की काफी मदद करेगा। केंद्र सरकार योजना एवं कार्यक्रमों के माध्यम से किसानों की हर संभव सहायता करने का प्रयास कर रही है।

भारत के लाखों किसान भाइयों को SATHI एप से जोड़ने की तैयारी

कृषि मंत्री का कहना है, कि साथी पोर्टल से भारत के लाखों किसान भाइयों को जोड़ा जाएगा। दरअसल, अभी इस साथी पोर्टल का प्रथम चरण है। शीघ्र अति शीघ्र इसका द्वितीय फेज भी चालू कर दिया जाएगा। केंद्रीय मंत्री का कहना है, कि अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं, कि दूसरे चरण को जारी करने में ज्यादा समय नहीं लगना चाहिए।
केंद्र सरकार की तरफ से जारी किया गया ई-नाम पोर्टल, फल-सब्जियों के कारोबार को मिली नई दिशा

केंद्र सरकार की तरफ से जारी किया गया ई-नाम पोर्टल, फल-सब्जियों के कारोबार को मिली नई दिशा

भारत में आजकल बहुत सारे व्यवसाय एक अच्छी दिशा की तरफ बढ़ रहे हैं। बदलते दौर और आधुनिक युग में कारोबार और व्यवसाय एक मजबूत स्तंभ के रूप में कार्य कर रहा है। इसी कड़ी में भारत में ई-नाम का कारोबार भी काफी तेजी से बढ़ता जा रहा है। दो साल में ई-नाम का ऑनलाइन टर्नओवर लगभग 80 हजार रूपये तक पहुँच चुका है। केंद्र सरकार निरंतर किसानों के फायदे में कदम उठाती रही है। केंद्र सरकार का सदैव प्रयास रहता है, कि किसान भाइयों को उनकी फसलों का समुचित भाव किसानों को प्राप्त हो पाए। केंद्र सरकार की तरफ से इसी को लेकर e- NAM पोर्टल जारी किया है। बतादें, कि करीब 7 साल में ही इस पोर्टल से लाखों की तादाद में किसान जुड़ चुके हैं। हजारों करोड़ रुपये की खरीदारी इसी पोर्टल की सहायता से की गई है। इस पोर्टल की सफलता का आलम यह है, कि साल 2022-23 में e-NAM पोर्टल का आंकड़ा 32 फीसद तक बढ़ चुका है। बतादें, कि इसका कारोबार लगभग 80 हजार करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है। केंद्र सरकार के अधिकारियों का कहना है, कि e-NAM पोर्टल पूर्व से ज्यादा चर्चा में हैं और ज्यादा लोग इस पोर्टल से जुड़ रहे हैं।

ई-नाम ने कारोबार को नई दिशा दी है

7 साल पूर्व ई- नाम फल-सब्जियों के व्यवसाय को ऑनलाइन करने के लिए निर्मित किया गया था। खास बात यह है, कि व्यापारी, किसान और किसान संघठन को पसंद कर रहे हैं। मीडिया खबरों के मुताबिक, साल 2022 में ई-नाम पोर्टल के अंतर्गत टर्नओवर 56497 करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जबकि साल 2022 में यह 31366 करोड़ रुपये था। मतलब कि इस पोर्टल पर किसान, उससे संबंधित संगठन फल-सब्जी एवं उससे जुड़े उत्पाद खरीद सकते हैं। कहा गया है, कि ई-नाम पर सीफूड एवं दूध को छोड़कर समस्त प्रकार का व्यवसाय किया जाता है।

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कृषि उत्पादों का कारोबार मिलियन्स तक पहुंच चुका है

ई-नाम के जो आंकड़ें सामने आए उनके मुताबिक, साल 2023 में 18.6 मिलियन टन जींस का व्यापार हो चुका है। साथ ही, विगत वर्ष 13.2 मीट्रिक टन कृषि उत्पाद का कारोबार ई-नाम से किया था। यह लगभग 41 प्रतिशत का इजाफा है। भारत के विभिन्न राज्यों में ई-नाम का चलन और इस्तेमाल काफी तीव्रता से बढ़ा है।

ई-नाम से किन किन राज्यों में खरीदारी हो रही है

झारखंड, बिहार, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, केरला और ओड़िशा के खरीदारों को विभिन्न उत्पादों की बिक्री हो रही है। इनमें चना, सोयाबीन, जीरा, आलू, सेब, सरसों और रागी की बिक्री इसी पोर्टल के जरिए से की गई। इनके अतिरिक्त पश्चिम बंगाल, तमिलानाडु, ओडिशा, महाराष्ट्र और राजस्थान आदि प्रदेशों में भी विभिन्न उत्पादों का विक्रय किया जा रहा है।