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गेंहू व आटे की कीमतों को नियंत्रण में रखना सरकार की जिम्मेदारी होती है। अब जैसा कि हम सब जानते हैं, कि अनाज की कीमतों में इजाफा देखा जा रहा है। इसके लिए सरकार ने कीमतों को कम करने हेतु 3.46 लाख टन गेहूं और 13,164 टन चावल खुले बाजार में विक्रय किया है। लेकिन, 5 लाख टन और खाद्यान्न बाजार में उतारने की योजना बनाई है, जिससे कि कीमतों को नियंत्रण में रखा जा सके। खाद्य वस्तुओं की बढ़ती महंगाई ने सरकार की चिंता को बढ़ा रखा है। बाजार में पर्याप्त उपलब्धता बरकरार रखने के लिए सरकार ने लगभग 4 लाख टन गेहूं एवं चावल खुले बाजार में उतार दिया है। वहीं, वर्तमान में 5 लाख टन अनाज तथा उतारने की तैयारी चल रही है। ऐसा कहा जा रहा है, कि जनवरी के दूसरे सप्ताह तक यह खाद्यान्न खुले बाजार में उतार दिया जाएगा।
गेहूं की खेती करने वाले किसान भाइयों के लिए 2023 की तुलना में 2024 अत्यंत लाभदायक साबित हो सकता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि भारत भर की मंडियों में नवीन गेहूं ने दस्तक दे दी है और प्रारंभिक तौर पर गेहूं की फसल को काफी उचित भाव मिल रहा है।
भारत भर की मंडियों में नए गेहूं की आवक चालू हो गई है। शुरुआती तौर पर गेहूं को काफी अच्छा भाव मिल रहा है, जिससे किसान भाई बेहद खुश दिखाई दे रहे हैं।
भारत की अधिकांश मंडियों में गेहूं का मूल्य MSP से भी ऊपर पहुँच रहा है। कीमतों में निरंतर बढ़ोतरी को देखकर किसान भाई काफी ज्यादा खुश नजर आ रहे हैं। किसानों को यह आशा है, कि कीमतों में निरंतर वृद्धि जारी रहेगी।
बतादें, कि बाजार के जानकारों के अनुसार, गेहूं की कीमतों में वृद्धि का यह आलम आगे भी जारी रहने की पूर्ण संभावना है। विशेषज्ञों ने बताया कि भारतभर की मंडियों में नए गेहूं की आवक चालू हो गई है, जिससे कीमतों में काफी तेजी बनी हुई है।
अगले कुछ महीनों तक कीमतों में यह इजाफा जारी रहेगा। हालांकि, उसके पश्चात हल्की गिरावट भी देखने को मिल सकती है। परंतु, कीमतें MSP से ऊपर ही रहेंगी। विशेषज्ञों के मुताबिक, जहां गेहूं की घरेलू मांग काफी अच्छी है, तो वहीं निर्यात बाजार में भी भारत के गेहूं की अच्छी-खासी मांग है, जिस कारण से कीमतों में गिरावट की वर्तमान में कोई संभावना नहीं है।
अगर हम गेंहू के मूल्य पर नजर डालें तो अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग कीमत चल रही हैं। हालांकि, भारत की अधिकांश मंडियों में गेहूं का भाव MSP से भी ऊपर चल रहा है।
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वर्तमान में केंद्र सरकार गेहूं पर 2275 रुपये की एमएसपी प्रदान कर रही है। वहीं, गेहूं का औसतन भाव 2,275 रुपये प्रति क्विंटल के करीब बना हुआ है।
केंद्रीय कृषि व किसान कल्याण मंत्रालय के एगमार्कनेट पोर्टल के मुताबिक, सोमवार को कर्नाटक की गडग मंडी में गेहूं को सबसे उचित भाव मिला है। जहां, गेहूं की पैदावार 5039 रुपये/क्विंटल के मूल्य पर बिकी। वहीं, मध्य प्रदेश की आष्टा मंडी में गेहूं का 4500 रुपए/क्विंटल का भाव मिला है।
इसके अतिरिक्त मध्य प्रदेश की अशोकनगर मंडी में गेहूं को 3960 रुपये/क्विंटल, शरबती मंडी में 3780 रुपये/क्विंटल, कर्नाटक की बीजापुर मंडी में 3700 रुपए/क्विंटल और गुजरात की सेचोर मंडी में 3830 रुपये/क्विंटल का भाव प्राप्त हुआ। वहीं, बाकी राज्यों की बात की जाए तो वहां भी कीमत MSP के समान या उससे ज्यादा चल रही है।
बतादें, कि किसी भी फसल का भाव उसकी गुणवत्ता पर भी निर्भर होता है। ऐसे में व्यापारी गुणवत्ता के हिसाब से ही कीमत निर्धारित करते हैं। फसल जितनी शानदार गुणवत्ता की होगी, उसके उतने ही अच्छे भाव मिलेंगे।
यदि आप भी अपने राज्य की मंडियों में भिन्न-भिन्न फसलों का भाव देखना चाहते हैं, तो आधिकारिक वेबसाइट https://agmarknet.gov.in/ पर जाकर पूरी सूची चेक कर सकते हैं।
गेहूं की कीमतों में वृद्धि निरंतर होती जा रही है। गेहूं की खेती करने वाले कृषकों के लिए 2023 की अपेक्षा 2024 शानदार मुनाफा दिलाने वाला वर्ष सिद्ध हो सकता है।
हम यह बात इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि मंडियों में गेहूं की नई फसल की आवक जल्द शुरू होने वाली है और इसी बीच गेहूं की कीमतों में निरंतर उछाल देखने को मिल रहा है।
भारत की अधिकांश मंडियों में गेहूं का भाव न्यूनतम समर्थन मूल्य मतलब कि MSP से भी अधिक चल रहा है। कीमतों में आए उछाल को देख किसान भी काफी खुश दिखाई दे रहे हैं।
किसानों को आशा है, कि कीमतों में ये वृद्धि निरंतर जारी रहेगी। गेंहू किसानों को मार्च-अप्रैल में आने वाली नई फसल का काफी अच्छा भाव मिलेगा।
आपकी जानकारी के लिए बतादें, कि कृषि विशेषज्ञों के अनुसार भी गेहूं की कीमतों में तेजी का ये आलम आगे भी ज्यों का त्यों बने रहने की संभावना है। जानकारों ने कहा कि मार्च-अप्रैल में गेहूं की नई फसल आते ही पहले तो भाव तेजी से चढ़ेगा।
परंतु, उसके बाद हल्की गिरावट भी देखने को मिल सकती है। विशेषज्ञों के मुताबिक, जहां गेहूं की घरेलू मांग काफी अच्छी है, तो वहीं निर्यात बाजार में भी भारत के गेहूं की बड़े पैमाने पर मांग है।
इस वजह से गेंहू की कीमतों में गिरावट आने की फिलहाल कोई संभावना नहीं है।
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अगर गेहूं के भाव की बात करें तो फिलहाल भिन्न-भिन्न राज्यों में गेहूं के भाव अलग-अलग निर्धारित किए गए हैं। हालांकि, देश की अधिकांश मंडियों में गेहूं का भाव MSP से भी ऊपर चल रहा है।
वर्तमान में केंद्र सरकार गेहूं पर 2275 रुपये की एमएसपी प्रदान कर रही है। वहीं, गेहूं का औसतन भाव 2,275 रुपये प्रति क्विंटल के तकरीबन बना हुआ है। केंद्रीय कृषि व किसान कल्याण मंत्रालय के एगमार्कनेट पोर्टल के अनुसार, बुधवार (21 फरवरी) को कर्नाटक की मंडियों में गेहूं को सबसे शानदार भाव मिला।
कर्नाटक की बीदर और शिमोगा मंडी में गेहू 4500 रुपये/क्विंटल के भाव में बिका है। इसी प्रकार मध्य प्रदेश की जोबट मंडी में गेहूं को 4400 रुपये/क्विंटल का भाव मिला है।
जबकि, आष्टा मंडी दाम 3881 रुपए/क्विंटल रहा है। इसके अतिरिक्त गुजरात की जेतपुर मंडी में गेहूं 3150 रुपये/क्विंटल और कर्नाटक की मैसूर मंडी में 3450 रुपये/क्विंटल के भाव पर बिका।
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भारत में इस बार गेहूं की बंपर पैदावार होने की भी संभावना है। केंद्र सरकार भी पैदावार में बढ़ोतरी होने की बात कह चुकी है। साथ ही, बाजार जानकारों का कहना है, कि गेहूं की कीमतों में फिलहाल कोई बड़ी गिरावट की आशंका नहीं है।
हालांकि, इसमें कुछ कमी अथवा वृद्धि भी संभावित है। परंतु, यह ज्यादा होने की संभावना नहीं है। गेहूं के दाम तेजी से बढ़ते रहेंगे, जब तक मंडियों में नई फसल न आ जाए।
नई फसल के आते ही दामों में कमी की संभावना है। हालांकि, गेंहू की कीमतें न्यूनतम समर्थन मूल्य से ज्यादा ही रहेंगी।
पंजाब और हरियाणा में 1 अप्रैल से गेहूं की खरीद चालू हो गई है। खरीद के लिए तीनों राज्यों में प्रशासन ने सभी इंतजाम पूरे कर लिए हैं। सरकार का कहना है, कि किसानों को किसी भी तरह की कोई दिक्कत पेश नहीं आने दी जाएगी।
गेहूं की खेती करने वाले किसान भाइयों के लिए खुशखबरी है। गेहूं की सरकारी खरीद अब चालू हो गई है। दरअसल, 1 अप्रैल से हरियाणा और पंजाब में गेहूं की खरीद शुरू हो गई है।
गेहूं की खरीद के लिए दोनों राज्यों में प्रशासन ने सभी इंतजाम पूरे कर लिए हैं। सरकार का कहना है कि किसानों को किसी भी तरह की कोई दिक्कत पेश नहीं आने दी जाएगी। तीनों राज्यों में सरकार ने क्या-कुछ व्यवस्था कर रखी है।
अगर हरियाणा की बात की जाए तो सरकार ने प्रदेश भर में गेहूं की खरीद के लिए 414 क्रय केंद्र खोले हैं। बाजार समिति के अधिकारियों का कहना है, कि उन्होंने गेहूं खरीद के लिए पूरी तैयारियां कर ली हैं।
खाद्य एवं आपूर्ति विभाग द्वारा खरीदे गए स्टॉक को मंडियों से गोदामों तक पहुंचाने के लिए टेंडर्स भी जारी कर दिए हैं। खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामलों के निदेशालय ने कहा कि कुल 414 खरीद केंद्रों में से सर्वाधिक 63 सिरसा जनपद में स्थापित किए गए हैं।
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इसके पश्चात फतेहाबाद में 51 क्रय केंद्र खोले गए हैं। कैथल और जींद जनपदों में क्रमशः 43 और 41 खरीद केंद्र तैयार किए गए हैं।
बतादें, कि इस बार बीते साल की तुलना में गेहूं की अधिक आवक आने की संभावना है, जिसको देखते हुए फसलों की खरीद की बेहतरीन व्यवस्था की गई है।
इस बार भी फसल खरीद का भुगतान इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से 48 से 72 घंटे के अंदर-अंदर सीधे कृषकों के खातों में भेजा जाएगा। सरकार ने खरीद के संबंध में सभी चीजों का ब्यौरा दिया है।
खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ सुमिता मिश्रा ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिला उपायुक्तों, पुलिस अधीक्षकों और जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक (डीएफएससी) के साथ खरीद की तैयारियों के संबंध में बैठक कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए हैं।
हम यदि पंजाब की बात करें तो यहां भी आज से खरीद प्रारंभ हो चुकी है। मंडी बोर्ड ने गेहूं की खरीद के लिए अपनी तैयारियां पूर्ण कर ली हैं। खरीद का कार्य 45 दिनों में पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
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पंजाब मंडी बोर्ड ने ऐलान किया है, कि खरीद एजेंसियों की सलाह के मुताबिक विभिन्न एजेंसियों को 1,908 खरीद केंद्र आवंटित किए जाएंगे।
मुख्य सचिव ने डीसी को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है, कि खरीद के दौरान किसानों को किसी तरह की दिक्कत-परेशानी का सामना ना करना पड़े। इसके साथ ही उन्होंने किसानों को परेशानी मुक्त तरीके से शीघ्र भुगतान करने के भी निर्देश दिए हैं।