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इस राज्य सरकार ने सरसों की खेती करने वाले किसानों के हित में उठाया महत्वपूर्ण कदम

इस राज्य सरकार ने सरसों की खेती करने वाले किसानों के हित में उठाया महत्वपूर्ण कदम

सरसों की खेती करने वाले हरियाणा के किसानों के लिए एक खुशखबरी है। राज्य के मुख्य सचिव संजीव कौशल का कहना है, कि रबी सीजन के दौरान सरकार किसानों की सरसों, चना, सूरजमुखी व समर मूंग की निर्धारित एमएसपी पर खरीद करेगी। साथ ही, मार्च से 5 जनपदों में उचित मूल्य की दुकानों के माध्यम से सूरजमुखी तेल की आपूर्ति की जाएगी।

मुख्य सचिव ने फसलों के उत्पादन को लेकर क्या कहा है ?

एक बैठक में मुख्य सचिव ने कहा कि इस सीजन में 50 हजार 800 मीट्रिक टन सूरजमुखी, 14 लाख 14 हजार 710 मीट्रिक टन सरसों, 26 हजार 320 मीट्रिक टन चना और 33 हजार 600 मीट्रिक टन समर मूंग की पैदावार होने की उम्मीद है। मुख्य सचिव ने बताया कि हरियाणा राज्य वेयरहाउसिंग कारपोरेशन, खाद्य एवं आपूर्ति विभाग व हैफेड मंडियों में सरसों, समर मूंग, चना और सूरजमुखी की खरीद प्रारंभ करने के लिए तैयारियां शुरू करने के आदेश भी दिए हैं।

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सरकार कब से सरसों की खरीद चालू करेगी 

सरकार मार्च के अंतिम सप्ताह में 5 हजार 650 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से सरसों की खरीद चालू करेगी। इसी प्रकार 5 हजार 440 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से किसानों का चना खरीदा जाएगा। 15 मई से 8 हजार 558 रुपये प्रति क्विंटल की दर से समर मूंग की खरीद होगी। इसी प्रकार एक से 15 जून तक 6760 रुपये प्रति क्विंटल के भाव से सूरजमुखी की खरीद होगी।

लापहरवाही करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा 

मुख्य सचिव ने खरीद प्रक्रिया के दौरान किसानों की सुविधा के लिए अधिकारियों को समस्त आवश्यक प्रबंध करने एवं खरीदी गई पैदावार का तीन दिन के अंदर भुगतान करने के लिए कहा है। साथ ही, उन्होंने कहा कि काम में लापरवाही करने वालों को बिल्कुल बख्शा नहीं जाएगा। इस फैसले से किसानों को उनके उत्पाद का उचित मूल्य भी मिल जाएगा।

हरियाणा सरकार ने धान खरीदी को लेकर घोषणा की है, बाजरे के लिए कोई MSP निर्धारित नहीं की

हरियाणा सरकार ने धान खरीदी को लेकर घोषणा की है, बाजरे के लिए कोई MSP निर्धारित नहीं की

हरियाणा में बाजरे की सरकार द्वारा खरीद शुरू हो गई है। हैफेड (हरियाणा राज्य सहकारी आपूर्ति और विपणन संघ लिमिटेड) द्वारा सर्व प्रथम रेवाड़ी, कनीना, चरखी दादरी, भिवानी और कोसली की मंडियों में बाजरे की खरीद की जाएगी। वहीं, धान की सरकारी खरीद के लिए किसानों को थोड़ा इंतजार करना होगा। माना जा रहा है, कि 1 अक्टूबर तक धान की खरीद की जा सकती है। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की तरफ से दिए गए निर्देश के उपरांत बाजरे की सरकारी खरीद चालू हो गई है। परंतु, किसानों को अब भी धान की सरकारी खरीद की प्रतीक्षा है। ऐसा माना जा रहा है, कि 1 अक्टूबर से धान की खरीद चालू हो सकती है। आपको बतादें, कि बाजरे की खरीद का भुगतान राज्य सरकार की भावांतर भरपाई योजना के अंतर्गत किया जाएगा। फसल की खरीद का पैसा 72 घंटे में सीधा किसानों के बैंक खातों में भेजा जाएगा। साथ ही, बेहतर और औसत क्वालिटी (FAQ) वाले बाजरे की खरीद प्रचलित बाजार दर पर होगी। साथ ही, यह खरीद उन किसानों से की जाएगी, जो मेरी फसल-मेरा ब्योरा पोर्टल पर रजिस्टर्ड और वेरीफाइड हैं।

भावांतर भरपाई योजना के अंतर्गत भुगतान किया जाएगा

किसानों को प्रचलित मंडी दर एवं एमएसपी (MSP) के अंतर का भुगतान राज्य सरकार की भावांतर भरपाई योजना के अंतर्गत किया जाएगा। फसल खरीद की धनराशि सीधे किसानों के बैंक एकांउट में भेजा जाएगा।

धान खरीदी एक अक्टूबर से शुरू हो सकती है

बाजरा के एमएसपी 2,500 रुपये की अपेक्षा 1,900 रुपये प्रति क्विंटल का भाव मिलेगा। निजी व्यापारियों द्वारा बासमती चावल की 1509 किस्म की दर 3,000 रुपये प्रति क्विंटल की खरीद अब तक स्थिर बनी हुई है। परमल किस्म के धान की सरकारी खरीद अक्टूबर के दूसरे सप्ताह तक शुरू होने की संभावना है।

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जनपद की मंडियों में खरीद नहीं हो पा रही है

बाजार समिति के अधिकारी का कहना है, कि बाजारा और धान की खरीद का ऐलान 25 सिंतबर से शुरू होने के निर्देश दिए गए हैं। परंतु, सरकारी एजेसियों द्वारा अभी तक विभिन्न जिलों की मंडियों में प्रक्रिया तक चालू नहीं हुई है। बाजरे की खरीद 2,200 रुपये के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर निर्धारित की गई है। परंतु, निजी व्यापारियों द्वारा बाजरे की खरीद 1,900 रुपये प्रति क्विंटल की दर पर की जा रही है।

किसान को 300 रुपये का नुकसान उठाना पड़ रहा है

कमीशन एजेंट एसोसिएशन के पदाधिकारी गौरव तेवतिया ने खरीफ फसल की खरीद में हो रहे विलंभ पर अधिकारियों को दोषी ठहराया है। उनका कहना है, कि बाजरे की खरीदी के लिए किसी आधिकारिक एजेंसी का चयन नहीं किया गया है। इससे किसानों को प्रति क्विंटल 300 रुपये की हानि हो रही है। साथ ही, अब किसानों को भी विश्वास नहीं है, कि भावांतर भरपाई योजना के जरिए से हो रही हानि की भरपाई की जाएगी अथवा नहीं।

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बाजरा इस कारण से कम कीमत पर बिकेगा

फसल बिक्री के लिए जो सरकारी पोर्टल में रजिस्ट्रेशन प्रणाली 888999 है उसमें गड़बड़ी है। वहीं, अब तक केवल 35 फीसद ही धान उत्पादक किसान पंजीकृत हो पाए हैं। इससे यह संभावना है, कि ज्यादातर लोग बाजरा एवं धान एमएसपी से नीचे कम भाव में बेचेंगे। मंडियों में तकरीबन 2,200 क्विंटल बाजरा, 5,400 गांठ कपास और 20,000 क्विंटल से ज्यादा बासमती धान की आवक हुई है।
यह राज्य सरकार बाढ़ पीड़ित किसानों को 15 हजार प्रति एकड़ मुआवजा प्रदान करेगी

यह राज्य सरकार बाढ़ पीड़ित किसानों को 15 हजार प्रति एकड़ मुआवजा प्रदान करेगी

बाढ़ में किसानों के फसल को होने वाले नुकसान के लिए राज्य सरकारें मुआवजा दे रही हैं, ताकि उनकी आर्थिक स्थिति बेहतर हो सके। भारत में विगत कई दिनों से भारी बारिश की वजह फसलों को काफी क्षति पहुंची है। ऐसे में विभिन्न राज्य सरकारें अपने किसानों के फायदे के लिए कोई ना कोई कदम उठा रही हैं। हरियाणा राज्य की सरकार ने भी एक ऐसा ही कदम उठाया है। सरकार के अनुसार, इस भारी बारिश से उत्पन्न हुई बाढ़ में यदि किसी किसान की फसल 100 प्रतिशत तक खराब हो गई है, तो उसे 15000 रुपये प्रत‍ि एकड़ की दर से मुआवजा प्रदान किया जाएगा। इसके अतिरिक्त कम एकड़ में बर्बाद हुई फसलों को उसके अनुसार मुआवजा प्रदान किया जाएगा।

हजारों एकड़ में किसानों की फसल बर्बाद

हरियाणा सरकार द्वारा जारी किए गए आंकड़े के अनुसार, राज्य में बाढ़ से अब तक तकरीबन 18000 से अधिक एकड़ की फसल बर्बाद हो चुकी है। राज्य के लगभग 1353 गांवों में जलभराव हो गया और अब तक कुल 35 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। राज्य सरकार के अनुसार, जिन जगहों पर फसलों को दोबारा लगाने की गुंजाइश है, वहां के किसानों के लिए भी अलग से मुआवजे का इंतजाम किया गया है। सरकार का यह भी कहना है, कि इस बाढ़ के चलते जिसके घर के किसी भी व्यक्ति की जान गई है तो उनके परिजनों को 4 लाख रुपये के मुआवजे का भी इंतजाम किया जायेगा। ये भी पढ़े: बारिश से किसानों की बर्बाद हुई फसल का सरकार मुआवजा प्रदान करेगी

मुआवजा प्राप्त करने के लिए इस तरह क्लेम करें

अगर आपकी फसल को इस बाढ़ से काफी क्षति पहुंची है, तो मुआवजे के लिए आप राज्य सरकार द्वारा जारी किए गए ई-क्षत‍िपूर्त‍ि पोर्टल पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। आपके आवेदन के उपरांत दिए गए विवरण का प्रमाणीकरण किया जाएगा और फिर एक वेरिफिकेशन के बाद ही मुआवजे की धनराशि आपके बैंक खाते में हस्तांतरित कर दी जाएगी। इसके अतिरिक्त सरकार ने ड‍िजास्टर मैनेजमेंट फंड से बाढ़ प्रभाव‍ित क्षेत्रों के जानवरों के रख-रखाव के लिए भी मुआवजा देने का निर्णय लिया है। पशुओं को इस बरसात के सीजन में कोई बीमारी ना लग पाए इसके लिए 50 लाख पशुओं के टीकाकरण का भी इंतजाम किया जा रहा है।
हरियाणा सरकार ने 14 फसलों पर MSP से खरीद शुरू की है

हरियाणा सरकार ने 14 फसलों पर MSP से खरीद शुरू की है

हरियाणा सरकार की तरफ से गेहूं एवं धान के साथ-साथ सरकार 367 मंडियों के जरिए मूंग, तिलहन, बाजरा और अन्य खाद्यान्नों की भी खरीद कर रही है। हरियाणा के अंदर वर्तमान मे मक्का, बाजरा, कपास, सूरजमुखी, मूंग, मूंगफली, अरहर, उड़द, तिल, गेहूं, सरसों, जौ, चना और धान की खरीद एमएसपी पर की जा रही है। हरियाणा न्यूनतम समर्थन मूल्य ( एमएसपी ) पर 14 फसलें खरीदने वाला भारत का प्रथम राज्य बन चुका है। हरियाणा सरकार की तरफ से 14 खाद्यान्न फसलों को इस बार एमएसपी मूल्य पर खरीदा गया है। राज्य सरकार की तरफ से गेहूं एवं धान समेत सरकार 367 मंडियों के जरिए मूँग, तिलहन, बाजरा और बाकी खाद्यान्नों की भी खरीद कर रही है। वर्तमान में हरियाणा राज्य के अंदर मक्का, बाजरा, कपास, सूरजमुखी, मूंग, मूंगफली, अरहर, उड़द और तिल की खरीद एमएसपी पर हो रही है। आपको जानकारी के लिए बतादें, कि अधिकांश राज्य गेहूं, धान, कपास एवं गन्ना जैसी कुछ लोकप्रिय फसलों को एमएसपी पर खरीदते हैं। परंतु, हरियाणा भारत का प्रथम ऐसा राज्य है, जिसने 14 फसलों को MSP के भाव पर खरीदा है।

फसल क्षतिग्रस्त होने पर मुआवजा मिलेगा

खट्टर सरकार द्वारा किसानों की चौपट हुई फसलों को लगाकर मुआवजा देने की बात भी कही थी, जो सीधे किसानों के खातों में पहुंचाई जाऐगी। राज्य सरकार ने अत्यधिक बारिश की वजह किसानों की क्षतिग्रस्त हुई फसलों के लिए यह कदम उठाया है। उन्होंने कहा, राज्य सरकार फसल नुकसान का आकलन कर रही है। इस आकलन के उपरांत सरकार किसानों की क्षतिग्रस्त हुई फसलों के लिए मुआवजे की धनराशि को उनके खाते में हस्तांतरित करेगी।

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हरियाणा सरकार किसानों की आर्थिक स्थिति को बेहतर कर रही है

हरियाणा सरकार किसानों को आर्थिक एवं सामाजिक तौर पर सक्षम बनाने की हर संभव कोशिश की जा रही है। इस दिशा में राज्य सरकार की तरफ से विभिन्न योजनाओं का भी संचालन किया जा रहा है। इनमें कुछ प्रमुख योजनाओं में किसान क्रेडिट कार्ड योजना, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना, डेयरी उद्यमिता विकास योजना (डीईडीएस), किसान ट्रैक्टर योजना, किसान मित्र योजना, कृषि उड़ान योजना, पशु किसान क्रेडिट कार्ड योजना आदि शम्मिलित हैं। बतादें, कि इन योजनाओं के जरिए अनुदान से लेकर अन्य विभिन्न प्रकार के लाभ मिल रहे हैं।

मेरी फसल-मेरा ब्योरा योजना से कृषकों को लाभ

राज्य सरकार की तरफ से इस योजना को 5 जुलाई 2019 में जारी किया गया था। इस योजना की मदद से कृषक अपनी फसल का पूरा ब्योरा इस पोर्टल पर अपलोड कर सकते हैं। वहीं, इसके साथ-साथ अपनी फसलों को लेकर होने वाली किसी भी तरह की बर्बादी आदि का विवरण भी इस पोर्टल में दे सकते हैं।
कृषि यंत्रों की खरीदी पर सरकार देगी 50% से 80% अनुदान, जानें इसकी आवेदन प्रक्रिया के बारे में

कृषि यंत्रों की खरीदी पर सरकार देगी 50% से 80% अनुदान, जानें इसकी आवेदन प्रक्रिया के बारे में

सरकार समय समय पर किसानों के लिए नयी योजना लेकर आती रहती है। किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत करने की दिशा में सरकार निरंतर प्रयाश कर रही है। अब हरियाणा सरकार प्रदेश के किसानों के लिए नई योजना लेकर आयी है। हरियाणा सरकार ने राज्य के किसानों को कृषि उपकरण खरीदने पर व्यक्तिगत श्रेणी में 50% अनुदान देने की घोषणा की है, जबकि सहकारी समिति एफपीओ और पंचायतों ने किसानों के लिए कस्टम हायरिंग केंद्र बनाने पर 80% अनुदान दिया है। इस योजना को सरकार ने खेती में आधुनिक उपकरणों का उपयोग करने के लिए शुरू किया है। किसानों को इस योजना का लाभ मिलेगा, जिससे उनकी आय में वृद्धि होगी, क्योंकि वे नवीनतम उपकरणों को आसानी से खरीद सकेंगे। आज यहां आप इस योजना से जुड़ी सम्पूर्ण जानकारी के बारे में विस्तार से जानेंगे

हरियाणा कृषि यंत्र अनुदान योजना के लाभ एवं विशेषताएं

सरकार हरियाणा राज्य के किसानों को इस योजना के तहत कृषि उपकरण खरीदने पर सब्सिडी देगी। इस योजना के अंतर्गत किसानों को 50 प्रतिशत से 80 प्रतिशत की अनुदान राशि मिलेगी। किसानों को आधुनिक कृषि उपकरणों से लाभ मिलेगा। राज्य के किसानों की आर्थिक हालत भी सुधरेगी। राज्य के किसानों को आधुनिक कृषि उपकरणों का उपयोग करने से उत्पादन में भी वृद्धि होगी।

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हरियाणा कृषि अनुदान योजना के लिए पात्रता एवं आवश्यक दस्तावेज  

योजना में आवेदन करने वाले किसान हरियाणा के स्थायी निवासी होने चाहिए। आवेदन करने वाले किसान के पास कृषि योग्य भूमि होनी बहुत आवश्यक है। साथ ही, इसके लिए किसान भाइयों के पास पैन कार्ड, बैंक पासबुक, परिवार पहचान पत्र, शपथ पत्र, पटवारी रिपोर्ट, मोबाइल नंबर, ट्रैक्टर आरसी जैसे महत्वपूर्ण दस्तावेजों का होना अनिवार्य है। 

हरियाणा कृषि यंत्र अनुदान योजना के तहत किन यंत्रो पर मिलेगी सब्सिड़ी 

हरियाणा कृषि यंत्र अनुदान योजना के अंतर्गत हरियाणा सरकार विभिन्न कृषि यंत्रो पर अनुदान देने का ऐलान किया है। इस योजना के तहत मिलने वाले यंत्रो की सूची में स्ट्रॉ बेलर, राइस ड्रायर, फर्टिलाइजर ब्रॉडकास्ट, लेजर लैंड लेवलर, ट्रैक्टर ड्रिवन स्प्रे, पैडी ट्रांसप्लांटर, है रेक, मोबाइल श्रेडर।, रोटावेटर, रीपर बाइंडर, ट्रैक्टर ड्राइविंग पाउडर वीडर आदि यंत्र सम्मिलित हैं। 

हरियाणा कृषि यंत्र अनुदान योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया  

इस योजना का लाभ लेने के लिए पात्र किसानों को आवेदन करना होगा, हरियाणा कृषि यंत्र अनुदान योजना में आवेदन करने के लिए सबसे पहले आपको आधिकारिक वेबसाइट agriharyana.gov.in पर जाना होगा। इसके बाद आपके सामने होम पेज खुलेगा,होम पेज पर आपको Farmers Corner वाले ऑप्शन पर क्लिक करके Apply For Agriculture Schemes के ऑप्शन पर क्लिक कर देना है। 

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इसके बाद आपके सामने एग्रीकल्चर की सभी स्कीम्स जाएगी। इसमें आपको हरियाणा कृषि यंत्र सब्सिडी योजना पर क्लिक कर देना है। जैसे ही आप अपनी स्कीम के सामने View वाले का ऑप्शन पर क्लिक करेंगे आपके सामने एक नया पेज खुलेगा। इसमें आपको हेयर टू Register के ऑप्शन पर क्लिक करना होगा। अब आपको पूछी गई जानकारी भरनी है।  अब आवश्यक दस्तावेजों को अपलोड करना होगा। हरियाणा कृषि यंत्र अनुदान योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन करने के लिए आपको फॉर्म सबमिट करना होगा ,पूरी जानकारी सही-सही देना होगा। इस प्रक्रिया को को पूरा करने के बाद आपका आवेदन हो संपन्न हो जाऐगा।