नई किस्मों के माध्यम से 20 से 25 टन उत्पादन मिलेगा
बाबा रामदेव का कहना है, कि किसान विशेष किस्म की पाम ऑयल की खेती करेंगे। इससे पहले की तुलना में अधिक उत्पादन मिलेगा। उन्होंने कहा है, कि इस नवीन किस्म के पाम ऑयल के पौधों की आयु भी पहले की तुलना में अधिक है। अब इसकी खेती चालू करने पर आप इससे 40 साल तक फसल काट सकते हैं। बाबा रामदेव ने बताया कि पहले पाम ऑल का उत्पादन 16 से 18 टन प्रति हेक्टेयर था। परंतु, फिलहाल नवीन किस्म की खेती करने पर 20 से 25 टन उत्पादन मिलेगा। यदि किसान भाई एक हेक्टेयर में पाम ऑयल की खेती करते हैं। तब आपके बाग में पांच साल के भीतर ही फल आने चालू हो जाएंगे। इस प्रकार एक हेक्टेयर से 2 लाख रुपये की आमदनी होगी।
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भारत प्रतिवर्ष लाखों टन पाम ऑयल की खपत करते हैं
बतादें, कि भारत में पाम ऑयल की खपत बेहद ही ज्यादा है। यह पाम ऑयल की खपत के मामले में विश्व का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता है। भारत में प्रति वर्ष पाम ऑयल की खपत 90 लाख टन है। विशेष बात यह है, कि भारत में खाद्य तेल की कुल खपत में पाम ऑयल की भागीदारी 40% फीसदी है।
भारत को इससे करोड़ों की बचत होगी
बाबा रामदेव ने बताया है, कि तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और असम समेत 12 राज्यों में किसान पतंजलि के साथ जुड़कर पाम ऑयल की खेती कर रहे हैं। बाबा रामदेव ने कहा कि पतंजलि की नर्सरी में पाम ऑयल के एक करोड़ पौधे तैयार किए हैं। आगामी 5 से 6 सालों में इसकी तादात बढ़ाकर 8 से 10 करोड़ करनी है। साथ ही, उन्होंने कहा है, कि पतंजलि द्वारा पाम ऑल का उत्पादन चालू करने से देश को बेहद लाभ मिलेगा। उसे विदेशों से धन खर्च करके पाम ऑयल का आयात करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। इससे भारत को 2 लाख करोड़ रुपये की बचत होगी।
ये कंपनियां भी सक्रिय प्रचार और हिस्सेदारी कर रही हैं
मिशन के अंतर्गत राज्य सरकारों ने ऑयल पाम प्रोसेसिंग कंपनियों के साथ मिलकर भारत में ऑयल पाम की खेती को और प्रोत्साहन देने के लिए 25 जुलाई 2023 से एक मेगा ऑयल पाम प्लांटेशन अभियान चालू किया है। तीन प्रमुख ऑयल पाम प्रोसेसिंग कंपनियां- पतंजलि फूड प्राइवेट लिमिटेड, गोदरेज एग्रोवेट एवं 3एफ (3F) विस्तार के लिए अपने-अपने राज्यों में किसानों के साथ सक्रिय तौर से प्रचार और हिस्सेदारी कर रहे हैं।
मेगा प्लांटेशन अभियान की शुरुआत 25 जुलाई 2023 से हो चुकी है। बतादें, कि यह अभियान 12 अगस्त 2023 तक सुचारू रहेगा। इस पहल के अंतर्गत प्रमुख तेल पाम उत्पादक राज्यों जैसे कि ओडिशा, कर्नाटक, गोवा, असम, त्रिपुरा, नागालैंड, मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और तमिलनाडु भागीदारी करेंगे। यह अभियान 25 जुलाई 2023 को रेस्ट ऑफ इंडिया (ROI) मतलब कि ओडिशा, गोवा, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और तमिलनाडु में शुरू हुआ और 08-08-2023 तक सुचारू रहेगा। यह तकरीबन 7000 हेक्टेयर क्षेत्रफल को कवर करेगा, जिसमें से 6500 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र आंध्र प्रदेश और तेलंगाना को कवर करने का संकल्प है।
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पूर्वोत्तर क्षेत्र (NER) के राज्यों जैसे कि त्रिपुरा, मिजोरम, नागालैंड, असम और अरुणाचल प्रदेश में यह अभियान 27 जुलाई 2023 को आरंभ हुआ और 12 अगस्त 2023 तक 19 जनपदों में 750 हेक्टेयर से ज्यादा क्षेत्रफल को कवर करते हुए जारी रहेगा।
असम सरकार ने कितने हेक्टेयर रकबे को कवर करने का लक्ष्य तय किया
असम सरकार 75 हेक्टेयर से ज्यादा क्षेत्रफल को कवर करने का लक्ष्य निर्धारित कर रही है। बतादें, कि 27 जुलाई 2023 से 05 अगस्त 2023 तक मेगा प्लांटेशन अभियान 8 जनपदों में चलेगा। इस अभियान में हिस्सेदारी लेने वाली कंपनियां पतंजलि फूड्स प्राइवेट लिमिटेड, गोदरेज एग्रोवेट लिमिटेड, 3एफ ऑयल पाम लिमिटेड एवं विभिन्न कल्टीवेशन शम्मिलित हैं। अरुणाचल प्रदेश सरकार तकरीबन 700 हेक्टेयर रकबे को कवर करने का लक्ष्य तय कर रही है। 29 जुलाई 2023 से 12 अगस्त 2023 तक अभियान के दौरान 6 जनपदों में अभियान जारी रहेगा। राज्य के लिए इस अभियान में हिस्सा लेने वाली कंपनियां 3F प्राइवेट लिमिटेड और पतंजलि फूड्स प्रा. लिमिटेड हैं।