Published on: 23-Jun-2023
बाबा रामदेव का कहना है, कि तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और असम समेत 12 राज्यों में किसान पतंजलि के संपर्क में पाम ऑयल की खेती कर रहे हैं। उन्होंने कहा है, कि पतंजलि की नर्सरी में पाम ऑयल के एक करोड़ पौधे तैयार किए जा चुके हैं।
पतंजलि अब स्वयं पाम ऑयल की खेती करेगी। रामदेव बाबा ने स्वयं ही इस बात की घोषणा की है। उन्होंने गुरुवार के दिन मीडिया को संबोधित करते हुए कहा है, कि पतंजलि अब स्वयं पाम तेल का उत्पादन करेगी। इसकी खेती के लिए किसानों को पतंजलि के साथ जोड़ा जाएगा। बाबा रामदेव के मुताबिक, अभी तक पाम ऑयल की खेती करने वाले 40 हजार किसान पतंजलि से जुड़ गए हैं। आगामी वक्त में इनकी तादात 5 लाख तक करनी है। अब ऐसी स्थिति में पतंजलि में पाम ऑयल की पैदावार चालू होने से 5 लाख किसानों को प्रत्यक्ष तौर पर रोजगार मिलेगा।
नई किस्मों के माध्यम से 20 से 25 टन उत्पादन मिलेगा
बाबा रामदेव का कहना है, कि किसान विशेष किस्म की पाम ऑयल की खेती करेंगे। इससे पहले की तुलना में अधिक उत्पादन मिलेगा। उन्होंने कहा है, कि इस नवीन किस्म के पाम ऑयल के पौधों की आयु भी पहले की तुलना में अधिक है। अब इसकी खेती चालू करने पर आप इससे 40 साल तक फसल काट सकते हैं। बाबा रामदेव ने बताया कि पहले पाम ऑल का उत्पादन 16 से 18 टन प्रति हेक्टेयर था। परंतु, फिलहाल नवीन किस्म की खेती करने पर 20 से 25 टन उत्पादन मिलेगा। यदि किसान भाई एक हेक्टेयर में पाम ऑयल की खेती करते हैं। तब आपके बाग में पांच साल के भीतर ही फल आने चालू हो जाएंगे। इस प्रकार एक हेक्टेयर से 2 लाख रुपये की आमदनी होगी।
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भारत प्रतिवर्ष लाखों टन पाम ऑयल की खपत करते हैं
बतादें, कि भारत में पाम ऑयल की खपत बेहद ही ज्यादा है। यह पाम ऑयल की खपत के मामले में विश्व का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता है। भारत में प्रति वर्ष पाम ऑयल की खपत 90 लाख टन है। विशेष बात यह है, कि भारत में खाद्य तेल की कुल खपत में पाम ऑयल की भागीदारी 40% फीसदी है।
भारत को इससे करोड़ों की बचत होगी
बाबा रामदेव ने बताया है, कि तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और असम समेत 12 राज्यों में किसान पतंजलि के साथ जुड़कर पाम ऑयल की खेती कर रहे हैं। बाबा रामदेव ने कहा कि पतंजलि की नर्सरी में
पाम ऑयल के एक करोड़ पौधे तैयार किए हैं। आगामी 5 से 6 सालों में इसकी तादात बढ़ाकर 8 से 10 करोड़ करनी है। साथ ही, उन्होंने कहा है, कि पतंजलि द्वारा पाम ऑल का उत्पादन चालू करने से देश को बेहद लाभ मिलेगा। उसे विदेशों से धन खर्च करके पाम ऑयल का आयात करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। इससे भारत को 2 लाख करोड़ रुपये की बचत होगी।