भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने किसानों के लिए एक बड़ा और महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए कृषि ऋण की सीमा में बढ़ोतरी का ऐलान किया है।
ऐसे में किसान प्रति उधारकर्ता 2 लाख रुपये तक का ऋण बिना किसी अतिरिक्त प्रतिभूति/जमानत के ले सकते हैं। यह सीमा पूर्व में 1.6 लाख रुपये थी, इस नवीन व्यवस्था को 1 जनवरी, 2025 से लागू किया जाएगा।
भारत में निरंतर बढ़ती महंगाई और कृषि क्षेत्र में बढ़ती लागतों को मद्देनजर रखते हुए यह निर्णय लिया गया है।
किसानों के लिए यह एक सहूलियत भरा समाचार है। क्योंकि, अब वे अपनी परिचालन और विकासात्मक आवश्यकताओं को सुगमता से पूर्ण कर सकेंगे।
जानकारी के लिए बतादें कि इस फैसले के अंतर्गत हर एक किसान अब 2 लाख रुपये तक का ऋण बिना किसी प्रतिभूति के हांसिल कर सकता है, जिससे छोटे और सीमांत किसानों को खास तौर पर लाभ मिलेगा।
भारत में ऐसे किसानों की संख्या 86% फीसद से ज्यादा है। इसके अलावा, बैंकों को निर्देश दिया गया है कि वे वक्त पर कृषकों को ऋण उपलब्ध कराएं और ऋण संबंधी नवीन सुविधाओं एवं योजनाओं को लेकर किसानों में जागरूकता फैलाएं।
किसानों को 3 लाख रुपये तक के ऋण पर संशोधित ब्याज अनुदान योजना के अंतर्गत 4 फीसद की दर पर ऋण मिलेगा, जो उनकी आर्थिक स्थिति को और सुदृढ़ करेगा।
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यह फैसला ना सिर्फ किसानों की वित्तीय पहुंच को बढ़ाएगा, बल्कि उनकी आर्थिक स्थिरता में भी काफी सकारात्मक सुधार करेगा।
किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) के अंतर्गत ऋण प्राप्त करना अब और भी सुगम हो जाएगा। इससे कृषकों को कृषि उपकरण खरीदने, फसल उत्पादन बढ़ाने और अपने कृषि कार्यों में निवेश करने का अवसर मिलेगा।
आरबीआई ने बैंकों को सख्त निर्देश दिए हैं कि वे इन नए नियमों को शीघ्र प्रभाव से लागू करें। इसके अतिरिक्त, बैंकों को यह निर्धारित करना पड़ेगा कि इस योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए, जिससे कि ज्यादा से ज्यादा किसान इसका लाभ प्राप्त कर सकें।
किसान 1 जनवरी, 2025 के पश्चात अपने नजदीकी बैंक से संपर्क साध कर इस नवीन योजना का फायदा उठा सकते हैं। समस्त किसान क्रेडिट कार्ड धारक और लघु एवं सीमांत किसान इस योजना के दायरे में शम्मिलित हैं।