खुशखबरी: इस राज्य में पशुओं का निःशुल्क बीमा

Published on: 14-Jan-2025
Updated on: 14-Jan-2025
A cheerful farmer using a smartphone while holding Indian currency notes, standing near grazing cows in a rural setting, symbolizing agricultural earnings and digital advancements in farming
समाचार सरकारी योजनाएं

किसान और पशुपालकों को आर्थिक सशक्त बनाने के लिए केंद्र व राज्य सरकारें अपने अपने स्तर से कई तरह की योजनाएं जारी करती रहती हैं।

प्रधानमंत्री फसल बीमा के अतिरिक्त पशु बीमा योजना का भी फायदा प्रदान किया जा रहा है। इसके अंतर्गत पशुपालन करने वाले किसानों के पशुओं का बीमा निःशुल्क किया जा रहा है।

हालांकि, मवेशियों का निःशुल्क बीमा कराने की सुविधा कुछ ही कृषकों को दी जा रही है। इसके अतिरिक्त बाकी किसानों के पशुओं का बीमा इस योजना के अंतर्गत बहुत ही कम कीमत पर किया जा रहा है।

इससे हर एक किसान इस योजना का फायदा प्राप्त कर सकते हैं। विशेष बात यह है, कि इस पशु बीमा योजना के अंतर्गत पशुपालक किसान अपने दुधारू पशु गाय, भैंस के साथ ही अन्य बड़े से लेकर छोटे पशु का बीमा कर सकते हैं।

जानिए कौन-से कृषक निःशुल्क बीमा का लुफ्त उठा सकेंगे

पंडित दीन दयाल उपाध्याय सामूहिक पशुधन बीमा योजना के अंतर्गत प्रदेश में पशुपालक कृषकों के पशुओं का बीमा किया जाएगा।

इस योजना के अंतर्गत बड़े पशुओं का बीमा 100 रुपए से लगाकर 300 रुपए और छोटे पशुओं का बीमा 25 रुपए में किया जाएगा।

वहीं, अनुसूचित जाति के पशुपालकों के लिए यह बीमा निःशुल्क मतलब मुफ्त में मुहैय्या कराया जाएगा।

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बीमा प्रीमियम धनराशि पशुओं की वैराइटी पर आधारित है

जानकारी के लिए बतादें, कि इस योजना के अंतर्गत प्रदेश के पशुपालक बड़े पशु की दूध उत्पादकता के अनुरूप महज 100 से 300 रुपए में वर्षभर के लिए अपने पशु का बीमा करा सकते हैं।

बड़े मवेशियों के अंतर्गत इस योजना में गाय, भैंस जैसे दुधारू पशु के साथ ही बैल, ऊंट, घोड़ा इत्यादि पशुओं का बीमा कराया जा सकता है।

साथ ही, इस योजना के अंतर्गत छोटे मवेशियों में भेड़, बकरी, सूअर, खरगोश जैसे पशुओं का बीमा मात्र 25 रुपए के काफी कम प्रीमियम पर कराया जा सकता है।

बीमा की उच्चतम सीमा प्रति बड़ा पशु 1,25,000 रुपए और प्रति छोटा पशु 5,000 रुपए तय की गई है। इस योजना के तहत पशुपालक किसान अधिकतम 5 बड़े पशु व 50 छोटे पशुओं का बीमा आसानी से करा सकते हैं।

योजना के तहत लाभ लेने हेतु आवेदन प्रक्रिया क्या है?

हरियाणा की पंडित दीन दयाल उपाध्याय सामूहिक पशुधन बीमा योजना का फायदा पाने के लिए इच्छुक पशुपालकों को हरियाणा सरल पोर्टल पर जाकर ऑनलाइन आवेदन करना पड़ेगा।

सरल पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया की बात करें तो सबसे पहले आवेदक को हरियाणा सरल पोर्टल पर अपना पंजीकरण करना होगा।

पंजीकरण के बाद आवेदक को लॉगिन आईडी और पासवर्ड मिल जाएगा। इसकी सहायता से आप पोर्टल पर लॉगिन कर सकेंगे।

पोर्टल पर लॉगिन करने के बाद आवेदक को अपनी निजी जानकारी पोर्टल पर दर्ज करनी होगी। सभी जानकारियां भरने के बाद आवेदन पत्र को सबमिट करना होगा।

आवेदन जमा होने के बाद आवेदन पत्र से संबंधित जानकारी अधिकारी द्वारा सत्यापित की जाएगी। आवेदन पत्र स्वीकृत हो जाने के बाद आवेदक को सूचित कर दिया जाएगा और उसे नियमानुसार योजना का लाभ प्रदान किया जाएगा।

योजना में आवेदन के लिए किन दस्तावेजों की होगी आवश्यकता?

अगर आप हरियाणा के किसान हैं, तो आप पंडित दीन दयाल उपाध्याय सामूहिक पशुधन बीमा योजना हरियाणा का फायदा अर्जित कर सकते हैं। इसके लिए आपको इस योजना के अंतर्गत आवेदन करना होगा।

आवेदन के लिए आपको कुछ दस्तावेजों की जरूरत होती है। योजना के अंतर्गत आवेदन करने के लिए आपको आवेदन करने वाले पशुपालक किसान का परिवार पहचान-पत्र, आवेदक किसान का मतदाता पहचान पत्र/राशन कार्ड/ ड्राइविंग लाइसेंस, राजकीय पशु।

चिकित्सालय द्वारा जारी पशु का स्वास्थ्य प्रमाण-पत्र, जाति प्रमाण-पत्र (अनुसूचित जाति के लिए जरूरी), पशुपालक किसान के बैंक खाते विवरण आदि डॉक्यूमेंट्स की जरूरत होगी।

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योजना हेतु अधिक जानकारी के लिए संपर्क सूत्र

हरियाणा पंडित दीन दयाल उपाध्याय सामूहिक पशुधन बीमा योजना के संबंध में अधिक जानकारी के लिए राज्य के किसान पशुपालन और डेयरी विभाग, हरियाणा पशुधन भवन बेस नंबर 9-12 पंचकुला स्थित कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं।

इसके अलावा किसान पशुपालक और डेयरी विभाग, हरियाणा के हेल्पलाइन नंबर 0172-2574663, 0172-2574664 या 0172-2586837 पर भी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

हरियाणा में कृषकों के लिए उठाए गए अन्य संबंधित विशेष कदम

हरियाणा ने गौ संरक्षण, पशुधन और जैविक खेती को प्रोत्साहन देने के लिए विभिन्न योजनाओं और नीतियों का ऐलान किया हुआ है।

पशुपालन एवं डेयरी हरियाणा में प्रति व्यक्ति, प्रतिदिन 1105 ग्राम दूध उपलब्ध है, जो देश में तीसरे स्थान पर आती है। प्रदेश में गायों के संरक्षण के लिए बहुत सारी महत्वपूर्ण योजनाएं जारी की गई हैं।

हरियाणा सरकार ने गौशालाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए पंचकूला के सुखदर्शनपुर में हरियाणा गोवंश अनुसंधान केंद्र स्थापित किया है। यहां गायों के गोबर और मूत्र से जैविक पेंट, हवन सामग्री, गमले, ईंटें और दीये जैसे उत्पाद निर्मित किए जा रहे हैं।