गेंदा के फूल की खेती के लिए इस राज्य में मिल रहा अच्छा-खासा अनुदान

Published on: 11-Nov-2024
Updated on: 12-Nov-2024
Field of vibrant yellow marigold flowers in full bloom
समाचार सरकारी योजनाएं

किसानों की आमदनी को दोगुना करने के उद्देश्य से भारत की राज्य एवं केंद्र दोनों सरकारें अपने अपने स्तर से प्रयास कर रही हैं।

राज्य सरकारें किसानों की आय बढ़ाने के लिए बागवानी के लिए प्रोत्साहित कर रही हैं। इसके लिए बहुत सारी योजनाएं जारी की गई हैं।

इन योजनाओं के अंतर्गत कृषकों को फूल-फल की खेती को प्रोत्साहन देने के लिए अनुदान भी दिया जा रहा है।

गोवा सरकार द्वारा भी किसानों को गेंदा की खेती करने पर आर्थिक प्रोत्साहन दिया जा रहा है। जी हाँ, गोवा के बारदेज, सत्तारी, संगुएम, कैनाकोना और क्यूपेम के किसान गेंदा की खेती कर रहे हैं।

क्योंकि इससे तुरंत पैसा मिलता है। गोवा सरकार ने फूलों की खेती योजना के लिए चालू वित्त वर्ष के लिए 90 लाख रुपये आवंटित किए हैं।

फूलों की खेती का क्षेत्रफल और सब्सिडी

आपकी जानकारी के लिए बतादें, कि गोवा सरकार राज्य के किसानों को गेंदा फूल (Marigold Farming) की खेती पर प्रति हेक्टेयर 75,000 रुपये का अनुदान प्रदान कर रही है।

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गोवा सरकार की गेंदा फूल (Marigold) उत्पादकों को प्रदान की जाने वाली सब्सिडी, उत्पादकों के लिए वरदान साबित हो रही है।

बतादें, कि इससे पड़ोसी राज्य कर्नाटक और महाराष्ट्र पर निर्भरता काफी कम हो गई है। केंद्र और राज्य सरकारों की योजनाओं ने किसानों को गेंदा फूल की खेती (Marigold Cultivation) के अंतर्गत रकबा बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया है।

गेंदा फूल का रकबा और उपज कितनी है?

दशहरा, दिवाली और पड़वा जैसे त्योहारों के दौरान इस तटवर्ती राज्य में गेंदा फूल की काफी अच्छी मांग होती है।

इसके लिए पिछले कुछ वर्षों में अन्य राज्यों पर निर्भरता काफी हद तक कम हो गई है। इस साल 400 से अधिक किसानों ने 30 हेक्टेयर रकबे में 180 टन गेंदा फूल का उत्पादन किया है।

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गेंदा की खेती पर रुपये के आधार पर सब्सिड़ी

आपको एक आंकड़ों के आधार पर जानकारी दें तो वर्ष 2022 में 15 हेक्टेयर में गेंदा की खेती हुई। लेकिन, वर्ष 2023 में यह बढ़कर 25 हेक्टेयर हो गई और इस साल यह 30 हेक्टेयर है।

अधिकारी ने कहा कि किसानों को प्रति हेक्टेयर 75,000 रुपये का अनुदान मिलता है, जिसमें राष्ट्रीय बागवानी मिशन के अंतर्गत 16,000 रुपये और फूलों की खेती को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार की योजना के अंतर्गत 59,000 रुपये शामिल हैं।