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छत पर उगाएं सेहतमंद सब्जियां

छत पर उगाएं सेहतमंद सब्जियां

भोजन की थाली में मौजूद हानिकारक रसायनों से ज्यादातर लोग अनभिज्ञ रहते हैं। वजह से खरीदी गई चमकीले और सुंदर फल तथा सब्जियां हम खरीदते तो सेहत के लिए हैं लेकिन कई दफा यह हमारी सेहत से खिलवाड़ का कारण भी बनते हैं। फसलों पर कीड़ों के प्रभाव को कम करने के लिए किसान जहरीले रसायनों का प्रयोग करते हैं। उन्हें इस बात का इल्म नहीं होता की वह जिन फलों को सेहत सुधारने के लिए खा रहे हैं, वही सेहत के लिए लड़ने की वजह बन रहे हैं। इन हालात में लोक अनेक तरह की बीमारियों के शिकार होने लगे हैं। यदि हमें अपने आप को इन बीमारियों से बचाना है तो छोटे छोटे प्रयोग अपनाने होंगे। घर के आंगन एवं छत पर सब्जी उगाने के तरीके इसी कडी के दो अंग हैं। बड़े शहरों, कस्बा व गांव में बहुत लोग ऐसे हैं जिनके पास सब्जियां उगाने के लिए जगह नहीं है। ऐसी हालत में मकान की छत, छज्जा व मकान के चारों ओर की खाली जगह में जैविक तरीके से कुछ मात्रा में सब्जियां तैयार की जा सकती हैं। वह एक ऐसी जगह है जहां हवा और धूप सही मात्रा में मिलती है। छत पर सब्जियां गमलों में उगाई जा सकती हैं। जून के महीने में छत पर लौकी, तुरई, टिंडा, करेला, भिंडी, बैंगन, टमाटर, मटर, ग्वारफली, पालक, मूली, गाजर, जैसी सब्जियां उगाई जा सकती हैं। इस तरह से सब्जियों को बोने से घर के लोगों को कुछ काम भी मिलेगा और घर में दो-तीन दिन जैविक तरीके से सब्जियां भी मिल सकेंगी।

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छत पर सब्जी उगाने का तरीका

छत पर सब्जी उगाने के लिए मिट्टी सीमेंट और प्लास्टिक के गमले इस्तेमाल किए जा सकते हैं। गमले में मिट्टी भरने की क्षमता 10 किलोग्राम से लेकर ढाई सौ किलोग्राम तक होनी चाहिए। गमलों की गहराई फसल के अनुसार 1 से ढाई सौ तक होनी चाहिए। सब्जी के लिए सीमेंट की नालियों का इस्तेमाल भी किया जा सकता है। नालियों के नीचे थोड़ी थोड़ी दूरी पर पानी निकासी के छेद होने चाहिए। भारी गमलों को दीवार के ऊपर रखना चाहिए और बेल वाली सब्जियों के गमले दीवार के पास नीचे रखने चाहिए। मध्यम में छोटे आकार के गमले छत के पीछे छज्जे पर रखे जा सकते हैं ।अधिक धूप चाहने वाली सब्जियों को छत के दक्षिण दिशा और छाया वाले पौधों को उत्तर दिशा में लगाना चाहिए । सब्जी की नालियां भी दीवार के सहारे घर के दरवाजे और पिछवाड़े की तरफ बनाई जा सकती हैं।

गमलों को भरना

सब्जियों को गमलों में उगाने के लिए पहली प्राथमिकता अच्छी मिट्टी की होती है। उपजाऊ मिट्टी, बालू, वर्मी कंपोस्ट, सड़ी हुई गोबर की खाद, समान मात्रा में गमलों में भरनी चाहिए। गमले की तली में पानी निकलने के लिए बने सुराख के ऊपर कोई पुराना बर्तन का टुकड़ा रखते हैं ताकि अतिरिक्त पानी निकल जाए मिट्टी और बालू रुकी रहे। गमलों में बीज लगाने के बाद अंकुरण के लिए हल्की नमी बनाए रखनी चाहिए। पौध लगाने के बाद हल्की सिंचाई करते रहना चाहिए

सिंचाई

गमलों में किसी भी तरह के पौधों को लगाने के लिए और उनकी अच्छी बढ़वार के लिए अच्छे पानी की बेहद आवश्यकता रहती है। चतुर घर के आंगन में फुलवारी और सब्जियों की खेती करने वाले लोग यदि बरसात के सीजन में बेकार जाने वाले बरसाती पानी को घर के अंदर किसी टैंक में सुरक्षित करना है तो वह पूरे साल के लिए उनके किचन गार्डन की संजीवनी का काम करेगा। पौधों में साबुन और सर्फ वाले पानी का प्रयोग कतई नहीं करना चाहिए।

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पौधों की रक्षा

गमलों में लगाई सब्जियों में कई तरह के कीट व बीमारियां नुकसान पहुंचाते हैं। उनका सही समय पर उपचार करना जरूरी है। गमलों को इस्तेमाल में लेने से पहले उन्हें उपचारित करना चाहिए। बस 15 दिन की अंतर पर सब्जियों के पौधों व पेड़ों पर नीम की पत्तियों का रस व गाय के पेशाब का छिड़काव करना चाहिए। पत्तियों में फूलों का रस चूसने वाले कीड़ों से बचने के लिए तंबाकू या नीम की खली का अर्क बनाकर छिड़काव करना चाहिए। यदि कीटों का असर ज्यादा होने लगे तो नींद वाली दवाओं का 7 से 10 दिन के अंतर पर दो-तीन बार छिड़काव करना चाहिए। जड़ गलन व फोटो भी से लगने वाली बीमारियों से बचने के लिए गमले में 5 से 10 ग्राम ट्राइकोडरमा का इस्तेमाल करना चाहिए। बीमारी से ग्रसित पौधों को उखाड़ कर फेंक देना चाहिए। गिलहरी जैसे जीवो से पौधों को बचाने के लिए नायलॉन की जाली से पौधों को सुरक्षित रखना चाहिए। गमलों में लगी सब्जियों को समय-समय पर तोड़ते रहना चाहिए। ऐसा न करने पर उनका उत्पादन प्रभावित होता है। गमलों में हो गई सब्जी कच्ची और ताजी स्थिति में ही उपयोग में ली जानी चाहिए।
गर्मियों की हरी सब्जियां आसानी से किचन गार्डन मे उगाएं : करेला, भिंडी, घीया, तोरी, टिंडा, लोबिया, ककड़ी

गर्मियों की हरी सब्जियां आसानी से किचन गार्डन मे उगाएं : करेला, भिंडी, घीया, तोरी, टिंडा, लोबिया, ककड़ी

गर्मियों का मौसम हालांकि हर किसी को पसंद नहीं आता है लेकिन गर्मी के मौसम मे बनने वाली कुछ ऐसी सब्जियां हमें जरूर पसंद आती हैं। भारत के कई ऐसे इलाके हैं जहां पर गर्मियों के समय मे इन सभी सब्जियों की बड़े पैमाने पर खेती की जाती हैं और गर्मियों के मौसम मे इनकी बिक्री भी काफी तेजी पर होती है। गर्मियों की हरी सब्जियां हर जगह उपलब्ध भी नहीं हो पाती हैं। ऐसे मे हर समय गर्मी के मौसम मे बाजार से इन सब्जियों को लाने मे हम सभी को कई परेशानियां होती हैं। इन सभी परेशानियों का समाधान आप अपने घर के किचन के गार्डन के अंदर ही इन सभी सब्जियों को आसानी से लगा सकते हैं। तो आज हम आपको ऐसी ही कुछ अच्छी सब्जियों के बारे मे बताने वाले है, जिन्हें आप गर्मियों के समय मे अपने घर के गार्डन मे बड़ी ही आसानी से लगा सकते है । साथ ही साथ स्वादिष्ट ताजा सब्जी खाने का लुत्फ भी उठा सकते है । तो आईये जानते हैं गर्मियों की हरी सब्जियां जो आसानी से उगाई जा सकती हैं। 

किचन गार्डन में उगाई जाने वाली सब्जियां:

  1. करेला :

kerala करेले को तो आप सभी जानते ही होंगे लेकिन ,जितना यह कड़वा होता है अपने स्वाद मे उतना ही हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभदायक भी होता है। गर्मियों के मौसम मे आप किचन के गार्डन मे करेले को बड़ी ही आसानी से उगा सकते है, इसे या तो आप बीज के द्वारा लगवा सकते है या फिर आप सीधे पौधे की रोपाई भी कर सकते है। 

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 तो चलिए चलिए अब हम आपको बताते है, की आप किस प्रकार गर्मियों की हरी सब्जियां में प्रथम करेली की सब्जी को अपने गार्डन मे उगा सकते है: -

  • सबसे पहले आपको मिट्टी तैयार करनी होगी करेले को उगाने के लिए।
  • इसके लिए आप 50% मिट्टी 30% खाद और 20% रेत डाल दीजिए।
  • उसके बाद आप अपने हाथों से बीज की बुवाई कर सकते है या फिर सीधे पौधे की रोपाई।
  • करेले को उगाने के लिए सबसे अच्छा समय फरवरी से लेकर मार्च माह तक का होता है।
  • किचन के गार्डन मे करेले को लगाने के लिए आप एक बड़े आकार के गमले का इस्तेमाल करें क्योंकि यह बेलदार सब्जी है।
  • करेले को गर्मी का मौसम सबसे ज्यादा पसंद आता है ऐसे मे आप ज्यादा पानी की सिंचाई ना करे।
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करेले को हमेशा कम पानी की आवश्यकता होती है,चाहे गर्मी का मौसम हो या सर्दी का आप केवल दो-तीन दिन में एक बार पानी जरूर सींचे। 

  1. गर्मियों की हरी सब्जियां : भिंडी

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 हर घर मे एक ऐसी सब्जी होती है, जो सबकी पसंदीदा होती है और वह है भिंडी। भिंडी हमारे शरीर को कई सारी बीमारियों से बचाती है और हमारे इम्यूनिटी सिस्टम को मजबूत बनाए रखती है। भिंडी को भी आप अपने किचन के गार्डन मे काफी आसानी से लगा सकते है, जिसके लिए आपको कुछ टिप्स को जानना जरूरी होगा। भिंडी मे बहुत सारे विटामिन और कार्बोहाइड्रेट भी पाए जाते है जो हमारे शरीर मे कोलेस्ट्रॉल और मधुमेह जैसी बीमारियों को कंट्रोल करने के काम आते हैं। 

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तो चलिए जानते है आप किस प्रकार भिंडी को अपने किचन के बाग बगीचे मे लगा सकते है :-

  • भिंडी को यदि आप गमले मे उगाना चाहते है तो इसके लिए आपको बड़ी साइज का गमला लेना होगा।
  • इसके बाद आप अच्छी क्वालिटी के भिंडी के बीजों को 3 इंच की गहराई तक गमले के अंदर बुवाई कर दें।
  • भिंडी के पौधे का बीज बोने के बाद आप गमले को ज्यादा देर तक कभी भी धूप मे ना रखें क्योंकि यह ज्यादा धूप सहन नहीं कर पाता है और पौधा मुरझा कर नष्ट हो जाता है।
  • जब भिंडी का पौधा थोड़ा बड़ा हो जाए तो नियमित रूप से इसकी सिंचाई करें और पानी की बिल्कुल भी कमी ना आने दे।
  • कीड़े मकोड़ों और अन्य बीमारियों से बचाने के लिए भिंडी के पौधों पर समय समय पर कीटनाशकों का छिड़काव अवश्य करें।
  • भिंडी के पौधों को खाद देने के लिए आप अपने घर के अच्छी क्वालिटी वाले खाद का ही इस्तेमाल करें।
  • बीजों को अच्छे से अंकुरित होने के लिए आप थोड़ी देर पानी मे जरूर भिगो दें ताकि पौधे को विकसित होने मे ज्यादा समय ना लगे।
  1. घीया

गर्मियों की हरी सब्जियां : घीया [ghiya] 

 लौकी जिसे कई जगहों पर गिया के नाम से भी जाना जाता है। लौकी की सब्जी खाने मे बहुत ही स्वादिष्ट होती है। इसलिए हर किसी की पसंद यही होती है कि वह ताजा और फ्रेश लौकी की सब्जी खाएं। ऐसे मे लौकी हमारे शरीर के लिए भी काफी फायदेमंद होती हैं। 

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लौकी खाने से हमारा मस्तिष्क तनाव मुक्त रहता है और हृदय रोगी यानी कि मधुमेह रोगियों के लिए भी यह काफी लाभदायक साबित होती है। इसके अलावा लड़कियों में लौकी खाने से उनके बाल काले मोटे और घने होते हैं और सफेद बालों से भी छुटकारा मिल जाता। तो चलिए आज हम आपको बताते है ,की आप किस प्रकार लौकी को अपने घर के गार्डन में किस प्रकार लगा सकते हैं: -

  • इसके लिए सबसे पहले आप बड़े कंटेनर या गमले के अंदर मिट्टी का भराव कर लें और बीज को आधे इंच से ज्यादा गहराई मे ना लगाए।
  • आधे इंच की गहराई मे बीज को लगाने के बाद आप नियमित रूप से मिट्टी को पानी देते रहें और नमी बनाए रखें।
  • लौकी का बीज चार-पांच दिनों मे अंकुरित होने लगता है और इसके बाद पौधे मे विकसित होता है।
  • जब पौधा लग जाए तो उसके बाद आप यह जरूर ध्यान रखें कि लौकि को ज्यादा पानी ना डालें क्योंकि यह ज्यादा पानी के साथ सड़ने लगता है।
  • लौकी को ऊगाने के लिए सबसे अच्छा समय सितंबर से फरवरी के बीच मे होता है।
  • लौकी के पौधे को समय-समय पर अच्छी खाद और कीटनाशकों का अवश्य से छिड़काव करें।
  • पौधे की समय समय पर जरूर जांच कर देखें क्योंकि इन पर कीट पतंगे बहुत जल्दी लगने लग जाते हैं।
  1. तोरई :toori गर्मियों की हरी सब्जियां : तोरी

भारत के कई इलाकों जैसे उत्तर प्रदेश और बिहार में तोरई की सब्जी बहुत ही चाव से बनाई और परोसी जाती है। तोरी की सब्जी बहुत ही ज्यादा स्वादिष्ट और लाभदायक भी होती हैं। इसके अंदर विटामिन ए, विटामिन सी, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और मिनरल फाइबर जैसे कई सारे फायदेमंद पोषक तत्व होते है। हालांकि तोरई की खेती पूरे देश मे होती हैं लेकिन इसे आप अपने घर के गार्डन बगीचे मे भी बड़ी ही आसानी से लगा सकते हैं। तो चलिए जानते हैं कि, आप किस प्रकार तोरी की सब्जी को अपने घर मे लगा सकते हैं :-
  • इसके लिए आप सबसे पहले एक बड़ा गमला लेवे और उसके अंदर खाद ,उर्वरक और मिट्टी को अच्छे से डाल दें।
  • अब बीजों को आधे से 1 इंच के भीतर भीतर मिट्टी के अंदर इसकी बुवाई कर दें।
  • तोरई के पौधे को फलदार बनने में 40 से 45 दिनों का समय लगता है , ऐसे मे आप इसकी नियमित रूप से सिंचाई करना ना भूलें।
  • घर के बगीचे मे लगाने वाले पौधे जैसे तोरी के लिए आप कभी भी रासायनिक खाद उर्वरकों का इस्तेमाल ना करें।
  • कीटों और अन्य बीमारियों से बचाने के लिए सप्ताह मे दो तीन बार अच्छे से छिड़काव करें।
  • एक बार तोरई का पौधा बड़ा हो जाने के बाद आप इसे ज्यादा पानी ना देवे क्योंकि ज्यादा पानी के प्रति तोरई का पौधा काफी संवेदनशील माना जाता है।
  • तोरई को उगाने के लिए सबसे अच्छा समय फरवरी से मार्च माह के मध्य मे होता है।
  1. गर्मियों की हरी सब्जियां : टिंडा

गर्मियों की हरी सब्जियां : टिंडा [tinda] 

 उत्तरी भारत के कई सारे इलाकों मे टिंडे गर्मियों की सबसे अच्छी सब्जी मानी जाती है ,और काफी स्वादिष्ट भी होती है। हम आपको बता देते है, कि टिंडे का मूल स्थान भारत ही है। भिंडी की सब्जी बनाने के लिए इसके कच्चे फलों का इस्तेमाल किया जाता है ना कि इसके पके हुए फलों का। टिंडे के पके हुए फलों मे बीज काफी बड़े और अंकुरित होते हैं ।लेकिन आप इसे अपने घर के बगीचे में बड़े ही आसानी से लगा सकते हैं और ताजा और फ्रेश सब्जी का लुफ्त उठा सकते हैं। तो चलिए जानते तो चलिए जानते है, कि आप किस प्रकार टिंडे की सब्जी को लगा सकते हैं :-

  • टिंडे को लगाने के लिए सबसे अच्छी मिट्टी रेतीली दोमट मिट्टी मानी जाती है, जिसे आप अपने बड़े से गमले मे खाद के साथ तैयार कर लेवे।
  • इसके बाद बीजों को 2 इंच की गहराई तक अंदर बुवाई कर ले और चार-पांच दिन तक पानी की सिंचाई करते रहे।
  • टिंडे का पौधा 1 सप्ताह के भीतर - भीतर अंकुरित हो जाता है।
  • एक बार पौधा बड़ा हो जाने पर आप इसकी नियमित रूप से अच्छे से सिंचाई करना ना भूलें और इसी के साथ-साथ कीटनाशकों का छिड़काव जरूर करें।
  • टिंडे की बीमारियों से बचने के लिए आप खाद्य उर्वरक का इस्तेमाल जरूर करें और साथ ही साथ समय-समय पर इसकी जांच भी करें।
  • टिंडे की सब्जी को लगाने के लिए सबसे अच्छा समय मार्च से अप्रैल माह के बीच मे होता है।
  1. गर्मियों की हरी सब्जियां : लोबिया

Lobia 

 लोबिया की फली बहुत ही ज्यादा स्वादिष्ट होती है, जिसे भारत के कई इलाकों मे सब्जी के रूप मे भी बनाते है। भारत के कई राज्यों में लोबिया की खेती बड़े पैमाने पर होती है, लेकिन यदि आप अपने घर पर छोटी सी बागबानी करना चाहते हैं, तो आप बड़ी ही आसानी से लोबिया को अपने घर के गार्डन मे लगा सकते है। यह स्वादिष्ट होने के साथ-साथ हमारे शरीर के लिए काफी लाभदायक भी होती है। यह हमें कई प्रकार की हृदय संबंधी और जोड़ों मे दर्द होने जैसी परेशानियों से छुटकारा दिलाती है। इसकी सबसे अच्छी बात यह है कि इसे आप कहीं पर भी लगा सकते है अपने घर के आंगन मे छत मे।

ये भी पढ़े: कटाई के बाद अप्रैल माह में खेत की तैयारी (खाद, जुताई ..) तो चलिए जानते हैं, कि आप किस प्रकार लोबिया की सब्जी को अपने घर मे लगा सकते हैं :-

  • इसको लगाने के लिए सबसे पहले आप मिट्टी को अच्छी तरह से तैयार कर लीजिए खाद और उर्वरक के साथ।
  • अब इसके अंदर लोबिया के बीजों को लगा दीजिए और इसकी नियमित रूप से सिंचाई करते रहे।
  • जब लोबिया का पौधा विकसित हो जाए तो उसको प्रति सप्ताह दिन मे दो से तीन बार पानी जरूर डालें।
  • लोबिया मे कई सारी अलग-अलग बीमारियां होती हैं जो मौसम के परिवर्तन और कीट पतंगों के कारण लग जाती हैं।
  • इन बीमारियों और कीट पतंगों से बचने के लिए आप समय-समय पर कीटनाशक दवाइयों का छिड़काव अवश्य करें।
  • जब इसकी फलियां पूर्ण रूप से विकसित हो जाती हैं तो इसे आप अपने हाथों द्वारा तोड़ लें और उसके बाद आप इसकी सब्जी या फिर किसी भी प्रकार की औषधि रूप में भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
  • सबसे अच्छा समय लोबिया को लगाने के लिए सितंबर से नवंबर माह के बीच का होता है।
  1. गर्मियों की हरी सब्जियां : ककड़ी

गर्मियों की हरी सब्जियां ककड़ी kakdi 

 दरअसल, ककड़ी की उत्पत्ति हमारे देश भारत से ही हुई है और यह तोरई के समान सब्जी बनाने के काम मे आती हैं। खासकर गर्मियों के समय मे ककड़ी का सेवन करना हमारे शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होता है, क्योंकि यह हमारे शरीर में डिहाइड्रेशन की कमी को पूर्ण करती हैं। इसी के साथ साथ यह हमारे मस्तिष्क को तनावमुक्त रखती है, और  कोलेस्ट्रॉल और उच्च रक्तचाप को भी सामान्य रखती है। ककड़ी की स्वादिष्ट सब्जी हर किसी की पसंदीदा होती है, ऐसे में हर कोई इसे अपने घर के अंदर बगीचे में लगाना जरूर पसंद करेगा। तो चलिए जानते हैं, कि आप किस प्रकार ककड़ी की सब्जी को अपने बगीचे में लगा सकते हैं :-

  • ककड़ी को लगाने के लिए आप सबसे पहले एक बड़े आकार का गमला लें और उसमें ककड़ी के बीजों के अंकुरण के लिए अच्छी खाद और मिट्टी तैयार कर लेवे।
  • मिट्टी तैयार हो जाने के बाद आप इसमें ककड़ी के बीज को लगा देवें और उसको चार-पांच दिनों तक नियमित रूप से थोड़ा-थोड़ा पानी देवे।
  • ककड़ी के बीज को अंकुरित होने मे 1 सप्ताह का समय लगता है उसके बाद आप ककड़ी को नियमित रूप से पानी जरूर देवे।
  • ककड़ी की बेल थोड़ी लंबी हो सकती हैं इसके लिए आप इसे किसी दीवार या फिर घर की छत पर भी लगा सकते हैं।
  • इसमें कई सारी बीमारियां और फलियों के सड़ने की परेशानी आ सकती हैं ऐसे मे आप इस पर समय-समय पर कीटनाशकों और उर्वरकों का छिड़काव करें।
  • ककड़ी को जरूरत से ज्यादा पानी ना देवे क्योंकि यह कम पानी में भी अच्छे से विकसित हो जाती हैं।
  • पौधे के पूर्ण रूप से विकसित होने के बाद ककड़ी को 40 से 50 दिन का समय लगता है फलियों को तैयार करने मे।
अतः जैसा कि हमने आपको ऊपर इन सात सब्जियों के बारे मे बताया है जिन्हें आप गर्मियों के मौसम मे बड़ी ही आसानी से लगा सकते हैं। इन सब्जियों को लगाने के लिए आपको जितनी भी जानकारियां जाननी थी वह सभी हमने ऊपर बता दी हैं और इसके अलावा आप इसे अपने घर पर आसानी से लगा सकते हैं।