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एक गाय 30 एकड़ खेती को देगी खाद

Published on: 13-Feb-2020

एक गाय के गोबर और गौमूत्र से 30 एकड़ जमीन के लिए खाद तैयार किया जा सकता है। श्रेष्ठ प्राकृुुुुुतिक उत्पादन लिया जा सकता है। उत्पाद की बाजिव कीमत मिलने और उपज में गिरावट के बाद भी आधुुनिक खेती से मुकाबले पैसा मिल सकता है। उपभोक्ताओं को भी रसायन मुक्त सस्ते खाद्य उत्पाद मुहैया कराए जा सकते हैं। जैविक एवं प्राकृतिक खेती जैसे विचार इसी दिशा में काम को आगे बढ़ा रहे हैं। अब पंजाब के बाद आधुनिक खेती के मामले में अग्रणी राज्य हरियाणा के हर गांव में प्राकृृतिक खेती की दिशा में अलख जगाने का काम तेज हो गया है। 

जीरो बजट खेती के जनक और प्रयोगधर्मी सुभाष पालेकर को हरियाणा बुलाकर विशेष प्रशिक्षण शिविर आयोजित करने की तैयारी सरकार ने कर ली है। प्रशिक्षण शिविर में महिलाओं की 50 फीसदी भागीदारी रहेगी। इसके लिए सरकार ने गुजरात के खेडा जिले में एक दल को भेजकर प्राकृतिक खेती के विचार की हकीकत जानकर सुझाव मांगे थे। इस पर दल द्वारा सहमति जताने के बाद यह कदम बढ़ाया गया है। कृषि मंत्री जेपी दलाल की विशेष दिलचस्पी के चलते विभाग ने इसकी विस्तृत कार्ययोजना तैयार की है।

प्राकृतिक खेती में एक गाय से 30 एकड़ खेत को जैविक खाद मिल सकती है इसके अलावा खेत में लगने वाले पानी को भी 70 फीसदी तक बचाया जा सकता है। गाय के गोबर और गौमूत्र का उपयोग करने से खेतों की जलधारण क्षमता बढ़ जाती है। जमीन पानी कम सोखती है। यादि सोखती भी है तो वह जल्दी से सूखता नहीं है। हरियाणा के कई इलाकों में जल स्तर 20 मीटर से भी ज्यादा नीचे चला गा है। प्राकृतिक खेती से इसकी गिरावट भी रुकेगी।

हर गांव में होगा एक मास्टर ट्रेनर  

इस परियोजना को परवान चढ़ाने के लिए छोटी जोत वाले किसान, युवा और महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी। हर गांव में एक मास्टर ट्रेनर तैयार किया जाएगा ताकि वह इस काम को गांव में रहकर ही सही तरीके से अंजाम दिला सके। हरियाणा में करीब 36 लाख हेक्टेयर में खेती की जाती है। इसमें बहुत कम एरिया में ही जैविक खेती होती है। सरकार की रुचि के मद्दे नजर अफसर भी इस दिशा में तेजी दिखा रहे हैं। वह इस काम को मूर्तरूप् देने वाले हर बिन्दु पर काम कर रहे हैं।

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