ट्रैक्टर में हाइड्रोलिक सिस्टम एक अत्यंत महत्वपूर्ण तंत्र है, जिसका उपयोग भारी उपकरणों को उठाने, पकड़ने और संचालन के लिए किया जाता है।
यह प्रणाली ट्रैक्टर के तीन-बिंदु अड़चन (3-point linkage) को चलाने में मदद करती है, जिससे खेती के औजारों को नियंत्रित करना आसान होता है।
हाइड्रोलिक सिस्टम का कार्य सिद्धांत प्रसिद्ध वैज्ञानिक पास्कल के नियम पर आधारित है, जिसके अनुसार जब किसी बंद प्रणाली में तरल पर दबाव डाला जाता है, तो वह दबाव हर दिशा में समान रूप से फैलता है।
इसी सिद्धांत का उपयोग ट्रैक्टर के पीछे लगे हाइड्रोलिक वाल्व के माध्यम से औजारों और ट्राली को उठाने या नीचे करने में किया जाता है।
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ट्रैक्टर के इंजन से चलने वाला हाइड्रोलिक पंप तेल को खींचता है और नियंत्रण वाल्व की मदद से इसे हाइड्रोलिक सिलेंडर में भेजता है।
वहाँ पिस्टन को आगे-पीछे की गति मिलती है जो लिफ्टिंग आर्म्स को संचालित करती है और औजारों को उठाया या नीचे किया जाता है।
इस पूरी प्रणाली का उद्देश्य खेत में कार्य को सरल, तेज़ और कुशल बनाना है। उचित देखरेख और समय-समय पर तेल और फिल्टर की जांच करके हाइड्रोलिक सिस्टम को लंबे समय तक प्रभावशाली बनाए रखा जा सकता है। यह खेती के आधुनिक तरीकों में एक अनिवार्य तकनीक बन चुकी है।