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परेशानी का निकाला तोड़, पथरीली जमीन पर उगा दिया आलू

Published on: 14-Feb-2023

पारम्परिक खेती क्लाइमेट बदलने की वजह से काफी बर्बाद हो रही है. लेकिन आजकल की पीढ़ी के युवा किसानों ने इस परेशानी का तोड़ निकाल लिया है. खेती से जुड़े नये नये प्रयोग से युवा किसान ने पथरीली जमीन को भी उपजाऊ बना दिया और उसमें आलू की दो नई किस्में बो दी. जैसा की हम सब जानते हैं, कि क्लाइमेट बदलने की वजह से मौसम की मार बुरी तरह से पारम्परिक खेती को बर्बाद कर देता है. जिसके चलते अब पारम्परिक खेती करने के तरीके में बदलाव आ चुका है. हालांकि राजस्थान के सिरोही जिले के गांवों में खेती करके के ही किसान अपना और अपने परिवार का पेट पाल रहे हैं. जिस जगह पर जीरा, गेहूं और सौंफ जैसी फसलों की पैदावार वाले इलाके में युवा किसान आलू बो रहे हैं. इस जिले से करीब 25 किलोमीटर की दूरी पर बसे भूतगांव के युवा किसान दिनेश माली ने अपनी 34 साल की उम्र में आलू की दो किस्में संताना और एलआर को 80 बीघा जमीन पर बोया है. दिनेश माली की मानें तो उन्होंने पहले पपीते का व्यापार किया. जिस वजह से उनका आना जाना गुजरात में होता था. आलू की स्पेशल क्रॉप को बोने का ये आईडिया भी उन्हें वहीं से मिला. उन्होंने बताया कि इसके लिए उन्होंने काफी ज्यादा मेहनत की है. इसके लिए उन्होंने पहले पथरीली जमीन को उपजाऊ बनाया. फिर गुजरात से लाल और सफेद रंग के आलू को 80 बीघा जमीन पर बोया. उनका कहना है कि, यह उनकी पहली फसल है. ये भी देखें: हवा में आलू उगाने की ऐरोपोनिक्स विधि की सफलता के लिए सरकार ने कमर कसी, जल्द ही शुरू होगी कई योजनाएं युवा किसान दिनेश ने बताया कि उन्होंने अपनी 30 बीघा जमीन पर लाल आलू बोया है. वहीं 10 बीघा प्रति टन के हिसाब से यह फसल चार महीने में तैयार हो जाएगी. वहीं सफ़ेद आलू की फसल तीन महीने में तैयार हो जाएगी. शार्ट टर्म में इस खेती में अच्छी खाद, पानी और गुड़ाई की जरूरत पड़ती है. अगर इन सब चीजों का अच्छे से ध्यान रखा जाए तो, यह फसल अच्छी कमाई करवाएगी.

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