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कीटनाशक के नुकसान पर मिलेगा किसान को मुआबजा

Published on: 13-Feb-2020

केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने कीटनाशक प्रबंधन विधेयक 2020 के मसौदे को 11 फरवरी को मंजूरी देदी। इसके बाद कीटनाशकों का सुरक्षित एवं प्रभावी उपयोग हो सकेगा। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस आशय का निर्णय लिया गया। इसे संसद में पेश किया जाना बाकी है। इससे पूर्व यह विधेयक 2008 में आया था लेकिन यह संसद से पारित नहीं हो सका था। कीटनाशक के कारण किसान की फसल को यदि नुकसान होता है तो उसे उचित मुआबजे की व्यवस्था हो सकेगी। इसके अलावा इनके सुरक्षित उपयोग व नकली कीटनाशकों पर बंदिशें ज्यादा होंगी। 

उल्लेखनीय है कि कीटनाशक कंपनियों का बाजार लगातार बढ़ता जा रहा है। आमजन इस बात से अनजान हैं कि कीमती स​​​ब्जियों व अनाजों में भी जहरीले कीटनाशकों का असर बाकी है। किसान इस बात से अनजान होते हैं कि किस जहर का असर कितने दिन तक होता है। इधर दुकानदार जहरीले से जहरीला रसायन ही किसानों को देते हैं ताकि उनकी फसलों की कीट आदि की समस्या बाकी न रहे। यदि समस्या बाकी रही तो किसान उनके पास शिकायत करने आएंगे। 

इन सब हालात के चलते ज्यादातर मामलों में कई ऐेसे कीटनाशकों का छिड़काव किसान करते हैं जिनका असर तैयार फसल में भी रह जाता है। इसका असर बाद में इसे खाने वाले उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य पर पड़ता है। 

केन्द्र सरकार कीटनाशक प्रबंधन विधेयक ला रही है। देखने वाली बात यह है कि इस विधेयक के बाद यह कैसे नियंत्रित होगा कि किस फसल में कौनसा कीटनाशक डाला जाए कौनसा नहीं। यह बड़ी जटिल प्रक्रिया है। विधेयक में किसानों को नकली और अनधिकृत कीटनाशक से बचाने के उपाय किये गये हैं। विधेयक के मुताबिक अगर कोई मिलावटी कीटनाशक और बिना पंजीकरण वाला कीटनाशक बेचता है तब उस पर जुर्माना लगाया जा सकता है और आपराधिक मामला भी चलाया जा सकता है। हालांकि यह व्यवस्था अभी भी है। 

कीटनाशक के बारे में किसानों को सभी प्रकार की जानकारी मिले जिसमें उसके उपयोग, उससे जुड़े खतरे आदि के बारे में इस विधेयक में प्रावधान किया गया है। इसमें आर्गेनिक कीटनाशक के उपयोग को प्रोत्साहित करने की बात भी कही गई है। इसमें सबसे बड़ी बात यह है कि गलत कीटनाशक के कारण खेती का या व्यक्ति को कोई नुकसान होता है, तब इसमें मुआवजे की भी व्यवस्था की गई है। कीटनाशक के विज्ञापन किस तरह के हों इसका भी निर्धारण हो सकेगा।

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