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मनरेगा पशु शेड योजना और इसके लिए आवेदन से संबंधित जानकारी

मनरेगा पशु शेड योजना और इसके लिए आवेदन से संबंधित जानकारी

खेती के उपरांत पशुपालन किसानों के लिए दूसरा सबसे बड़ा कारोबार है। बहुत सारे किसान खेती के साथ पशुपालन करना बेहद पसंद करते हैं, क्योंकि खेती के साथ पशुपालन काफी मुनाफे का सौदा होता है। 

पशुओं के लिए ज्यादा से ज्यादा हरा और सूखा चारा खेती से ही प्राप्त हो जाता है। यही कारण है, कि सरकार पशुपालक किसानों के लिए भी विभिन्न अच्छी योजनाएं लाती हैं, जिससे पशुपालक किसानों को ज्यादा से ज्यादा लाभान्वित किया जा सके। 

किसान की आमदनी का मुख्य साधन कृषि होता है, जिसके माध्यम से भारत के ज्यादातर पशुपालक आवश्यकताओं को भी पूरा कर सकते हैं। अधिकांश किसान कमजोर आर्थिक स्थिति की वजह से पशुओं के लिए मकान निर्मित नहीं कर पाते हैं। 

ठंड के मौसम में समान्यतः पशुओं को परेशानी होती है। क्योंकि ठंड के समय ही मकान की जरूरत सबसे ज्यादा होती है। बारिश और ठंड से पशुओं को बचाने के लिए जरूरी है, कि पशुओं के लिए शेड का निर्माण किया जाए। 

सरकार पशुओं के लिए शेड या घर बनाने के लिए किसानों को 1 लाख 60 हजार रुपए का अनुदान प्रदान कर रही है।

कितना मिलेगा लाभ

मनरेगा पशु शेड योजना से किसानों को व्यापक स्तर पर लाभ मिलेंगे। गौरतलब यह है, कि किसानों को ठंड के मौसम में सामान्य तौर पर दुधारू पशुओं में दूध की कमी का सामना करना पड़ता है। 

दरअसल, इसकी बड़ी वजह पशुओं के लिए ठंड के मौसम में उचित घर या शेड का न होना भी है। मनरेगा पशु शेड योजना के अंतर्गत पशुओं के लिए घर निर्मित पर सरकार द्वारा किसानों को अनुदान उपलब्ध किया जाता है। 

इससे पशुओं की सही तरह से देखभाल सुनिश्चित हो सकेगी। शेड में यूरिनल टैंक इत्यादि की व्यवस्था भी कराई जा सकेगी। इससे पशुओं की देखभाल तो होगी ही साथ ही किसानों की आमदनी में भी बढ़ोतरी होगी। साथ ही, किसानों के जीवन स्तर में सुधार देखने को मिलेगा।

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मनरेगा पशु शेड योजना

पशुपालक किसानों को पशुओं के लिए घर बनाने पर यह अनुदान प्रदान किया जाता है। इस योजना से ठंड या बारिश से पशुओं को बचाने के लिए घर बनाने के लिए धनराशि मिलती है। 

पशुओं का घर बनाकर किसान अपने पशु की देखभाल कर सकेंगे और पशु के दूध देने की क्षमता में भी वृद्धि कर सकेंगे। मनरेगा पशु शेड योजना से किसानों को व्यापक लाभ मिल पाएगा।

मनरेगा पशु शेड से कितना लाभ मिलता है

मनरेगा पशु शेड योजना के तहत किसानों को पशु शेड बनाने पर 1 लाख 60 हजार रुपए का अनुदान दिया जाता है। इस योजना का लाभ किसानों को बैंक के माध्यम से दिया जाता है। इस योजना से मिलने वाला पैसा एक तरह से किसानों के लिए ऋण होता है जिसकी ब्याज दर बहुत कम होती है।

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योजना के तहत किसको लाभ मिलेगा

मनरेगा पशु शेड योजना के तहत मिलने वाले लाभ की कुछ पात्रता शर्तें इस प्रकार है।

इस योजना का फायदा केवल भारतीय किसानों को ही मुहैय्या कराया जाएगा। पशुओं की तादात कम से कम 3 अथवा इससे अधिक होनी आवश्यक है।

योजना के लिए अनिवार्य दस्तावेज

पशुओं के लिए घर बनाने वाली इस योजना में आवेदन करने के लिए कुछ जरूरी दस्तावेजों का होना अनिवार्य है। जैसे कि - आधार कार्ड, पैन कार्ड, कृषक पंजीयन, बैंक पासबुक, मोबाइल नम्बर, ईमेल आईडी (अगर हो)

योजना में आवेदन करने की प्रक्रिया

पशुओं के लिए घर निर्मित करने की योजना में अनुदान लेने के लिए नजदीकी सरकारी बैंक शाखा में संपर्क करें। एसबीआई, इस योजना के अंतर्गत लोन प्रदान करती है। शाखा में ही आवेदन फॉर्म भर कर जमा करें। इस प्रकार इस योजना का लाभ किसानों को प्राप्त हो जाएगा।

क्या आपके राज्य के दिहाड़ी मजदूर का हाल भी गुजरात और मध्य प्रदेश जैसा तो नहीं

क्या आपके राज्य के दिहाड़ी मजदूर का हाल भी गुजरात और मध्य प्रदेश जैसा तो नहीं

अगर आंकड़ों की बात की जाए तो देश में हर 12 मिनट में एक दिहाड़ी मजदूर आत्महत्या कर लेता है, अब सोचने की बात यह है कि ऐसा क्यों है ?? हाल ही में जारी किए गए आरबीआई के आंकड़ों की तरफ देखा जाए तो आरबीआई ने हर राज्य के अनुसार दिहाड़ी मजदूरों की राष्ट्रीय औसत आय बताई है। जहां पर केरल में दिहाड़ी मजदूरों को जहां लगभग ₹730 मिले वहीं पर कुछ राज्य जैसे कि मध्यप्रदेश और गुजरात के आंकड़े बहुत ज्यादा चौंका देने वाले हैं। गुजरात में जहां दिहाड़ी मजदूरों की आय ₹220 के लगभग है, वहीं पर मध्यप्रदेश में तो हालात और भी खराब हैं। मध्य प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में दिहाड़ी मजदूरों की आय लगभग ₹217 के करीब है। ऐसे में अगर आंकड़ों को देखा जाए तो गुजरात में अगर एक दिहाड़ी मजदूर महीने में लगभग 25 दिन काम करता है। तो उसकी आमदनी लगभग 5500 ₹ होती हैं, जो तीन-चार लोगों के परिवार को पालने के लिए काफी नहीं है।

कितना है अलग अलग दिहाड़ी मजदूरों की आमदनी का आंकड़ा

अगर बागवानी कंस्ट्रक्शन और गैर कृषि से जुड़े हुए मजदूरों की आमदनी के बारे में बात की जाए तो वहां भी केरल राज्य सबसे आगे है। गुजरात और मध्य प्रदेश सबसे नीचे पाए गए हैं। अगर उदाहरण के लिए देखा जाए तो 2020-21 के आंकड़ों के अनुसार जहां केरल में कंस्ट्रक्शन वर्कर्स को लगभग ₹840 के करीब दिया जाता है, वही गुजरात और मध्यप्रदेश में यह आंकड़ा ₹237 के करीब है। औसतन आधार पर देखा जाए तो केरल के मुकाबले यह लगभग 4 गुना कम है। यही हाल बागवानी और गैर कृषि से जुड़े हुए मजदूरों का भी है, इन दोनों क्षेत्रों में भी केरल सबसे आगे है एवं गुजरात और मध्य प्रदेश सबसे निचले स्तर पर आते हैं और आमदनी का अंतर लगभग 2 गुना कम है।


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मनरेगा में मिलने वाली दिहाड़ी

मजदूरों के लिए खास तौर पर बनाई गई योजना मनरेगा के तहत सरकार की तरफ से किसानों को साल में 120 दिन के लिए काम देना अनिवार्य है। अगर यहां पर मजदूरों की दिहाड़ी की बात की जाए तो हरियाणा में यह सबसे ज्यादा है। हरियाणा में लगभग 1 दिन काम करने के लिए मजदूरों को ₹331 दिए जाते हैं। यहां पर लिस्ट में इससे नीचे गोवा है, जहां पर यह आमदनी ₹315 है और उसके बाद 311 रुपए के साथ केरल तीसरे नंबर पर बना हुआ है।


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कम मजदूरी है चिंता का विषय

इन सबके अलावा काम में आ रही कमी लोगों की चिंता का विषय बनती जा रही है। माना जा रहा है, कि मनरेगा के तहत भी नौकरियों की मांग कम होती जा रही है, और उन्हें काम मिलने की संभावनाएं ना के बराबर हो गई हैं। ऐसे में जरूरी है, कि सरकार कुछ ऐसे कदम उठाए, जिसमें एक दिहाड़ी मजदूर भी मेहनत कर अच्छी तरह से अपने परिवार का पेट पाल पाए। राज्य सरकारों को इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि उनके राज्य में दिहाड़ी मजदूरों की आमदनी का क्या स्तर चल रहा है, जिससे वह समय आने पर इस पर सही तरह का एक्शन ले सकें।
बिहार पशु शेड योजना 2024 क्या है?

बिहार पशु शेड योजना 2024 क्या है?

बिहार पशु शेड योजना के अंतर्गत पशुपालकों को पशु शेड निर्माण के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है। इस योजना के अंतर्गत पशुपालकों को उनके पशुओं के रखरखाव के लिए शेड निर्माण हेतु आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है। 

बिहार पशु शेड योजना को बिहार और केंद्र सरकार द्वारा निर्मित किया गया है। यह योजना चार राज्यों में लागू की जाएगी जिसमें सम्मिलित है उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश और पंजाब। आने वाले समय में यह योजना पूरे देश में लागू की जाएगी। 

इस योजना के अंदर वह पशुपालक आवेदन कर सकते है जिनके पास अपने पशुओं के रखरखाव के लिए उचित जगह नहीं है। ऐसे ही पशुपालकों के हित के लिए यह योजना शुरू की गई है। 

बिहार पशु शेड योजना के अंदर राज्य सरकार द्वारा पशुपालकों को पशुओं के हिसाब से आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। 

यदि किसी पशुपालक के पास तीन पशु है तो उसे 75000 से 80000 तक की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। यदि पशुपालक के पास 4 पशु है तो उसे 116000 और चार से अधिक पशु होने पर उन्हें 160000 की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। 

आर्थिक सहायता के रूप में मिलने वाली इस राशि से पशुपालक अपने पशुओं के रखरखाव के लिए शेड, हवादार छत और जमीन की व्यवस्था कर सकता है। 

बिहार पशु शेड योजना का मुख्य उद्देश्य 

यह योजना बिहार और केंद्र सरकार द्वारा बिहार राज्य के पशुपालकों के लिए शुरू की गई है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य बिहार राज्य के पशुपालकों को पशुओं के रखरखाव के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करना है। 

इस योजना के जरिये पशुपालकों की आय में भी वृद्धि होगी। इस योजना में जिन पशुपालको के पास पशुओं के रखरखाव के लिए सुविधाजनक जगह नहीं है उन्हें आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है। 

पशुओं का अच्छा से रखरखाव न होने पर पशु कभी कभी बीमार भी पड जाते है। यह योजना मनरेगा योजना के जैसे ही है जिसकी आर्थिक राशि पशुपालकों को सम्बंधित अधिकारी द्वारा प्रदान की जाएगी। 

बिहार पशु शेड योजना के माध्यम से बहुत से पशुपालकों द्वारा पशुओं के लिए शेड बनवाई गयी है। इन शेड की वजह से पशुओं को स्वच्छः वातावरण मिल रहा है जिससे पशुओं के दुग्ध उत्पादन में भी वृद्धि होगी। 

इसके अलावा किसानों को खेती के अलावा पशु पालन के लिए भी प्रोत्साहित किया जा रहा है, ताकि किसानों की आय में भी वृद्धि की जा सके। 

बिहार पशु शेड योजना का लाभ किन किन पशुओं पर दिया जाएगा ?

बिहार पशु शेड योजना के अंतर्गत भैंस, बकरी, गाय और मुर्गी पर आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। इन सभी पशुओं का पालन कर पशुपालक लाभ उठा सकते है। 

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बिहार पशु शेड योजना की निर्धारित शर्ते क्या है ?

  1. बिहार राज्य के वो सभी पशुपालक जो गाय ,भैंस, बकरी और मुर्गी पालन कर रहे है वो इस योजना का लाभ उठा सकते है। 
  2. पशुओं के लिए शेड निर्माण हेतु समतल भूमि होना आवश्यक है। 
  3. पशुपालक जिस भूमि पर शेड का निर्माण कर रहा है वो भूमि खुद पशुपालक की होनी चाहिए। 
  4. पशुपालक के पास यदि चार पशु है तो वह 116000 रुपए की सब्सीडी प्राप्त करेगा। 

बिहार पशु शेड योजना के लाभ 

बिहार पशु शेड योजना से पशुपालकों को मिलने वाले बहुत से लाभ है , आइये बात करते है बिहार पशु शेड योजना के लाभों के बारे में। 

  1. बिहार राज्य सरकार द्वारा पशुपालकों को उनके पशुओं के रखरखाव के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है। इस योजना का पशुपालक लाभ उठाकर दुग्ध उत्पादन में भी वृद्धि कर सकता है। यह योजना बिहार और केंद्र सरकार द्वारा उत्तरप्रदेश , बिहार , मध्य प्रदेश और पंजाब के लिए बनाई गई है। 
  2. जिन पशुपालकों के पास तीन पशु है उन्हें 75000 से 80000 तक के बीच में आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। जिन पशुपालकों के पास 4 पशु है उन्हें 116000 रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। जबकि 4 से अधिक पशु होने पर पशुपालकों को 160000 की आर्थिक सहायता बिहार सरकार की ओर से प्रदान की जाएगी।
  3. बिहार पशुपालक शेड योजना के अंतर्गत पशुपालक गाय, बकरी, भैंस और मुर्गी पर आर्थिक सहायता प्राप्त कर सकता है। इस योजना के जरिये पशुओं को स्वस्थ वातावरण प्राप्त हुआ है जिसकी वजह से पशु कम बीमार पड़े है और पशु के दुग्ध उत्पादन में भी काफी वृद्धि हुई है। 
  4. इस योजना के जरिये बिहार सरकार कृषि के अलावा पशु पालन को भी बढ़ावा प्रदान कर रही है ,जिससे पशुपालको के विकास के साथ उनके  आर्थिक स्तर में भी काफी सुधार आया है। 

बिहार पशु शेड योजना की पात्रता 

  1. योजना का लाभ उठाने वाला आवेदक बिहार का स्थायी निवासी होना चाहिए। 
  2. बिहार पशु शेड योजना के अंतर्गत केवल वो ही इस योजना का लाभ उठा सकते जिनका जीवन पशुपालन पर निर्भर है।
  3. बिहार पशु शेड योजना का लाभ उठाने की लिए आवेदक के पास मनरेगा योजना का जॉब कार्ड होना जरूरी है। 
  4. गाय, भैंस, बकरी और मुर्गी का पालन करने वाले पशुपालक इस योजना में आवेदन कर सकते है। 

बिहार पशु शेड योजना के लिए आवश्यक दस्तावेज 

  1. आधार कार्ड 
  2. बैंक खाता विवरण 
  3. पासपोर्ट साइज फोटो 
  4. मनरेगा जॉब कार्ड 
  5. निवास प्रमाण पत्र 
  6. मोबाइल नंबर 

बिहार पशु शेड योजना में कैसे आवेदन करें ?

  1. बिहार पशु शेड योजना में आवेदन करने के लिए सबसे पहले इस योजना की आधारिक वेबसाइट nrega.nic.in पर जाए। या फिर किसी सरकार बैंक में जाकर इस योजना के लिए आवेदन कर सकते है। 
  2. वेबसाइट पर जाने के आवेदन फॉर्म को फिल करें , उसके साथ मांगे गए सभी डाक्यूमेंट्स को उसमे अटैच कर दे। 
  3. आवेदन फॉर्म को बैंक में ही जमा कर दे, उसके बाद आपके द्वारा भरी गई सभी जानकारी और दस्तावेजों की जांच की जाएगी। जानकारी सही प्राप्त होने पर आपको पशु शेड योजना के तहत लाभान्तित किया जायेगा।