किसान भाइयों को अपनी खेती के कार्यों को समय से पूरा करने के लिए कृषि उपकरणों की आवश्यकता होती है। ट्रैक्टर इन कृषि उपकरणों में से सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
ट्रैक्टर को किसानों का सच्चा मित्र भी कहा जाता है। किसानों की लागत में कमी करने के लिए भारत के पहले इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर स्टार्ट-अप में से एक ऑटोनेक्स्ट ऑटोमेशन ने स्वदीप पिलारिसेट्टी के नेतृत्व में एचएनआई के एंजेल निवेश से सीड राउंड फंडिंग में 6.4 करोड़ रुपये की फंडिंग हासिल की है, जो ऑटोनेक्स्ट ऑटोमेशन के बोर्ड सदस्यों में से एक है।
फंडिंग राउंड का नेतृत्व कीरेत्सु फोरम, वीर्या मोबिलिटी 5.0 और तेल और गैस पेशेवर अयाद खलील चम्मास जैसे कुछ प्रमुख स्वर्गदूतों ने किया था।
बतादें, कि अब ईवी क्षेत्र में एक अंतरराष्ट्रीय निवेशक हैं; चांद दास, आईटीसी के पूर्व सीईओ; नितिन जौहर, रास अल खैमा सरकार में आईडीओ के सीएफओ; केकेआर कैपस्टोन के भारत प्रमुख सुवीर सिन्हा; रविचंद्रन सरगुनाराज, पूर्व कार्यकारी-निदेशक, टीवीएस लॉजिस्टिक्स सर्विसेज और अन्य।
ऑटोनेक्स्ट ऑटोमेशन का कहना है, कि उसने इस फंडिंग का उपयोग 3 वर्ष के लिए भारत के पहले इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर के अनुसंधान एवं विकास, टूलींग और परीक्षण के लिए किया है।
इसके अतिरिक्त उन्होंने ई-ट्रैक्टर के 3 अलग-अलग वेरिएंट भी प्रस्तुत किए और चालू वित्तीय वर्ष में बाजार में ई-ट्रैक्टर के 20HP, 35HP और 45HP वेरिएंट लॉन्च करने की तैयारी कर रहे हैं।
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अब यह 27 करोड़ रुपये ($3.5 मिलियन) में अपना प्री-सीरीज़ ए फंडिंग राउंड शुरू करने पर विचार कर रहा है।
AutoNxt ने जमीनी स्तर से अपनी संपूर्ण आपूर्ति श्रृंखला और असेंबली सेटअप का निर्माण किया है। इसके साथ ही, इसने उत्पादन के लिए तैयार हाई टॉर्क इलेक्ट्रिक पावरट्रेन का निर्माण किया है।
स्टार्ट-अप का दावा है कि यह बाजार में हाई वोल्टेज सिस्टम वाला एकमात्र स्टार्ट-अप है। इन सभी वर्षों के दौरान, इसने अनुभवी उद्योग पेशेवरों के साथ अपनी टीम को मजबूत किया है।
स्टार्ट-अप का कहना है, कि वह एआई और 5जी तकनीक से संचालित ऑटोमेशन स्टैक पर भी सक्रिय रूप से कार्य कर रहा है, जिसका वे ट्रैक्टरों के विभिन्न उपयोग किए गए मामलों पर परीक्षण कर रहे हैं।
कंपनी की योजना 2024 तक अपनी स्वायत्त ड्राइविंग सुविधाओं को जारी करने की है। इससे इलेक्ट्रिक ट्रैक्टरों के लाभ बढ़ेंगे और किसानों को विषम परिस्थितियों में खेत में ट्रैक्टर चलाते समय होने वाली कठिनाइयों में कमी आएगी।