खेती के लिए विभिन्न प्रकार के कृषि यंत्रों का इस्तेमाल किया जाता है। बुवाई से लगाकर कटाई तक इन यंत्रों का इस्तेमाल किया जाता है। खेती के लिए जिन कृषि उपकरणों या यंत्रों की आवश्यकता होती है।
इसकी जानकारी होनी विशेष आवश्यक है। ताकि कृषक सही कृषि यंत्र का चयन कर सकें और खेती के समस्त कार्यों को सुगम बना सकें।
सेल्फ प्रोपेल्ड वर्टिकल कन्वेयर रीपर इंजन द्वारा संचालित किया जाता है। इसे वॉक-बिहाइंड टाइप हार्वेस्टर के नाम से भी जाना जाता है। यह हार्वेस्टर धान, गेहूं और दूसरी तिलहन और दलहन जैसी फसलों की कटाई एवं बिजाई के लिए उपयोग में लिया जाता है।
इससे कृषक मजदूरी और कटाई के दौरान आने वाले खर्च की बचत कर सकता है। भारत में सेल्फ प्रोपेल्ड वर्टिकल कन्वेयर रीपर की कीमत तकरीबन 80 हजार रुपये है।
राइडिंग टाइप सेल्फ प्रोपेल्ड रीपर एक मशीन है, जिसको चालक सीट पर बैठकर संचालित किया जाता है। इसमें 6 हॉर्स पावर/4.5 किलो वॉट का डीजल इंजन आता है।
बतादें, कि इस मशीन में आपको क्लच, ब्रेक, स्टेयरिंग और हाइड्रोलिक सिस्टम सहित बहुत सारी सुविधाऐं मिल जाती हैं। इसमें फसल बार, कनवेयर बेल्ट, डिवाइडर, स्टार व्हील और वायर स्प्रिंग लगे हुए आते हैं।
इस मशीन का इस्तेमाल गेहूं, सोयाबीन, धान और अन्य अनाज एवं तिलहन जैसी फसलों की कटाई के लिए किया जाता है। भारत में राइडिंग टाइप सेल्फ प्रोपेल्ड रीपर की कीमत तकरीबन 1.20 लाख रुपये हैं।
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कंबाइन हार्वेस्टर मशीन को मक्के की फसल कटाई के लिए डिजाइन किया गया है। इस मशीन का हेडर और भी कंबाइन हार्वेस्टर पर लगाया जा सकता है।
बतादें, कि फसल कटाई के पश्चात इसे फीडर कनवेयर के माध्यम से सिलेंडर और कनकेव असेम्बली मे ले जाया जाता है। यहां पर फसल की थ्रेशिंग की जाती है। दाने एवं भूसे को भिन्न भिन्न हिस्सों मे एक दूसरे से अलग किया जाता है।
बतादें, कि इस कंबाइन हार्वेस्टर का इस्तेमाल मक्का फसल की कटाई और उसकी सफाई के लिए किया जाता है। इसका हेडर परिवर्तित कर अनाज और अन्य फसल की कटाई भी की जा सकती है।
भारत में मक्का हारवेस्टिंग कंबाइन हार्वेस्टर की कीमत लगभग 12 से 14 लाख रुपये के बीच होती है।