भारत के किसान खेती के साथ पशुपालन भी करते हैं। पशुपालन में पशुओं के चारे का इंतज़ाम करना पशुपालकों के लिए सबसे बड़ा कार्य होता हैं।
पशु चारे के रूप में गेहूं के भूसे को इस्तेमाल करते हैं। गेहूं की फसल से बीज को निकले के बाद जो भूसा बचता हैं उसे चारे या तुड़ी के रूप में इस्तेमाल किया जाता हैं।
तुड़ी बनने के लिए स्ट्रॉ रीपर मशीन की आवश्यकता होती हैं, इसलिए आज के इस लेख में हम आपके लिए स्ट्रॉ रीपर मशीन से जुडी जानकारी लेकर आए हैं।
स्ट्रॉ रीपर एक विशेष मशीन है जो एक ही प्रक्रिया में भूसे को काटने, गहाई करने और साफ करके तुड़ी में बदलने का काम करती है।
यह मशीन गेहूं की कटाई के बाद बचे डंठल को उपयोगी तुड़ी में बदलने के लिए महत्वपूर्ण होती है।
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कंबाइन हार्वेस्टर से कटाई के बाद बचे गेहूं के डंठल को स्ट्रॉ रीपर में घूमने वाले ब्लेड से काटा जाता है।
मशीन की घूमने वाली रील इन डंठलों को पीछे की ओर धकेलती है और बरमा द्वारा मशीन के अंदर भेजती है।
यहां से डंठल थ्रेसिंग सिलेंडर तक पहुंचते हैं, जो इन्हें छोटे-छोटे टुकड़ों में काटकर तुड़ी में बदल देता है।