Published on: 29-Dec-2023
आज हम आपको बताऐंगे आलू की बेहतरीन किस्म के बारे में। विश्व का सबसे महंगा आलू फ्रांस का ले बोनोटे अपने अलहदा स्वाद की वजह से विश्व के सबसे महंगे आलू के तौर पर जाना जाता है। यह 50,000 से लेकर 90,000 रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से बिकता है। आलू को सब्जियों का राजा कहा जाता है। क्योंकि, यह स्वाद में अव्वल स्थान पर आता है। आलू हम सबकी जिंदगी में विशेष स्थान रखता है। बतादें, कि कभी सब्जी तो कभी स्नैक्स के तौर पर इसका भर-भरकर उपयोग होता है।
सामान्यतः आलू का पूरी साल उपभोग किया जाता है। क्योंकि, इसकी कीमत कम होती है। साथ ही, हर किसी व्यंजन के साथ यह घुलमिल सकता है। फिलहाल, फुटकर में इसकी कीमत 10 से 15 रुपये प्रति किलो है। साथ ही, वर्ष भर यह अधिक से अधिक 20 से 50 रुपये के मध्य ही बिकता है। परंतु, क्या आपको जानकारी है, कि आलू की एक ऐसी भी किस्म है, जो सोने-चांदी की कीमत पर आती है।
ले बोनोटे आलू की पैदावार किस देश में की जाती है ?
हम जिस आलू की बात कर रहे हैं, उस किस्म का नाम
ले बोनोटे Le Bonnotte है। यह किस्म केवल फ्रांस के अंदर ही उगाया जाता है। इस एक किलो आलू की कीमत इतनी अधिक है, कि किसी भी मध्यमवर्गीय परिवार के घर का वर्षभर का राशन आ जाए। यह 50,000 रुपये से लेकर 90,000 रुपये प्रति किलोग्राम की कीमत पर बिक्रय किया जाता है। अब इसमें चकित करने वाली बात यह है, कि इतना महंगा होने के बावजूद ले बोनोटे की खूब खरीदारी होती रहती है। इसकी वजह है, इसकी कम पैदावार। वर्षभर में इसका उत्पादन मई एवं जून के मध्य ही होता है। बेशक इसकी कीमत सातवें आसमान पर है। परंतु, तब भी लोग इसको खरीदकर खाने के लिए सदैव तैयार रहते हैं।
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आलू की पैदावार कितनी होती है ?
आलू की इस किस्म के आलू के स्वाद को जो चीज सबसे हटकर बनाती है। वह है, इसकी विशेष प्रकार की खेती, जो कि केवल 50 वर्ग मीटर की रेतीली जमीन पर की जाती है। इसको उगाने के लिए खाद के तौर पर समुद्री शैवाल का उपयोग किया जाता है। पारंपरिक तौर पर अटलांटिक महासागर के लॉयर क्षेत्र के तट के फ्रांसीसी द्वीप नोइमोर्टियर पर इसका उत्पादन होता है। खेती के उपरांत आलू का चयन करने के लिए लगभग 2500 लोग सात दिन तक लगे रहते हैं।10,000 टन
आलू की फसल में से केवल 100 टन ही ला बोनेटे उत्पादित होते हैं।
इस किस्म का आलू कैसा होता है ?
यदि हम ला बोनेटे के स्वाद पर नजर डालें तो इसमें नींबू के साथ नमक एवं अखरोट का भी स्वाद होता है, जो और किसी आलू के अंदर नहीं पाया जाता है। यह काफी मुलायम एवं नाज़ुक होते हैं। ऐसा कहा जाता है, कि इसको सामान्य तौर पर उबालकर ही निर्मित किया जाता है। इसको मक्खन और समुद्री नमक के साथ परोसा जाता है। यह आकार में काफी छोटे होते हैं। साथ ही, गोल्फ की गेंद के आकार से बड़े नहीं होते। वहीं, अगर इनके गूदे की बात करें, तो मलाईदार सफेद होता है। इस आलू की कीमत इसकी उपलब्धता के अनुरूप प्रति वर्ष होती है। परंतु, आज तक यह 50,000 से 90,000 रुपये प्रति किलो के बीच ही बिक्रय किया गया है।