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कृषि यंत्रों

जानिए किन राज्यों में मिल रही कृषि यंत्रों की खरीद पर छूट

जानिए किन राज्यों में मिल रही कृषि यंत्रों की खरीद पर छूट

फसल अवशेष प्रबंधन के लिए धान उत्पादक सभी राज्यों में व गैर धान उत्पादक राज्यों में कृषि यंत्रों पर छूट प्रदान की जा रही है। तकरीबन हर राज्य में इस तरह की छूट की तिथि खत्म होने की ओर है या फिर होने वाली है। हरियाणा के कृषि तथा किसान कल्याण विभाग द्वारा फसल अवशेष प्रबंधन हेतु कृषि यंत्रों की खरीद के लिए 7 सितंबर 2021 तक आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। एक सरकारी प्रवक्ता ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि व्यक्तिगत श्रेणी में जहां किसानों को 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा वहीं किसानों की सहकारी समिति, एफपीओ, पंजीकृत किसान समिति तथा पंचायत द्वारा कस्टम हायरिंग सैंटर स्थापित करने पर 80 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि लाभार्थियों का चयन संबंधित उपायुक्त की अध्यक्षता में गठित जिला स्तरीय कार्यकारिणी समिति द्वारा किया जाएगा तथा चयन उपरांत किसान सूचीबद्ध कृषि यंत्र निर्माताओं से मोल-भाव कर अपने यंत्र खरीद सकते हैं।

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इस राज्य में कृषकों के लिए 110 तरह के कृषि यंत्रों पर मिल रही बंपर सब्सिड़ी प्रवक्ता ने आगे बताया कि विभाग की उक्त योजना से संबंधित अधिक जानकारी के लिए किसान संबंधित उपकृषि निदेशक/सहायक कृषि अभियंता के कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं। इसके अलावा, टोल फ्री नंबर : 1800-180-2117 एवं विभागीय वेबसाइट www.agriharyana.gov.in  भी जानकारी ले सकते हैं।
इस राज्य में सुपर सीडर पर 40 प्रतिशत तक का अनुदान दिया जा रहा है

इस राज्य में सुपर सीडर पर 40 प्रतिशत तक का अनुदान दिया जा रहा है

वर्तमान में संभागीय कृषि अभियांत्रिकी विभाग सतना में किसान भाइयों के लिए सुपर सीडर उपलब्ध है। विशेष बात यह है, कि यदि किसान भाई सीडर खरीदते हैं, तो इस पर उन्हें 40 प्रतिशत तक अनुदान दिया जाएगा। मध्य प्रदेश की राज्य सरकार किसान भाइयों की आमदनी में इजाफा करने के लिए विभिन्न प्रकार की योजनाएं जारी कर रही है। इन योजनाओं के अंतर्गत किसान भाइयों की खेती करने की तकनीक वैज्ञानिक रूप धारण कर गई है। इसके अतिरिक्त मध्य प्रदेश में कृषकों को कृषि यंत्रों पर अच्छा-खासा अनुदान भी दिया जा रहा है। परंतु, फिलहाल रीवा और सतना जनपद के किसानों के लिए काफी अच्छी खुशखबरी है। यहां के कृषकों को सुपर सीडर मशीन खरीदने के लिए अच्छा-खासा अनुदान प्रदान किया जा रहा है। 

सुपर सीडर किसानों के लिए काफी उपयोगी साबित होता है

मीडिया खबरों के अनुसार, सुपर सीडर एक ऐसा यंत्र है, जिसको ट्रैक्टर के साथ जोड़कर खेती-बाड़ी करने के कार्य में लिया जाता है। इस यंत्र का सर्वाधिक इस्तेमाल फसलों की बुवाई करने हेतु किया जाता है। इसके इस्तेमाल से नरवाई की दिक्कत परेशानी दूर हो चुकी है। अब ऐसी स्थिति में गेहूं एवं चने की खेती करने वाले कृषकों के लिए सुपर सीडर यंत्र बेहद उपयोगी साबित होता है। 

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सुपर सीडर के उपयोग से नरवाई जलाने की आवश्यकता नहीं पड़ती

आपकी जानकारी के लिए बतादें, कि किसी फसल के डंठल को नरवाई कहा जाता है। सुपर सीडर धान एवं गेहूं की डंठल को छोटे- छोटे भागों में विभाजित कर मृदा में मिला देता है। अब ऐसी स्थिति में सुपर सीडर मशीन से फसलों की बिजाई करने वाले कृषकों को नरवाई को आग के जरिए जलाना नहीं पड़ता है। इससे प्रदूषण पर भी रोक लगती है। 

सुपर सीडर पर 40 प्रतिशत तक का अनुदान दिया जाएगा

फिलहाल, संभागीय कृषि अभियांत्रिकी विभाग सतना में किसान भाइयों के लिए सुपर सीडर उपलब्ध हैं। विशेष बात यह है, कि यदि किसान भाई सीडर खरीदेंगे तो 40 प्रतिशत तक अनुदान मिलेगा। मुख्य बात यह भी है, कि यह यंत्र एक घंटे में एक एकड़ भूमि में फैले नरवाई को चौपट कर देती है। इसके पश्चात फसलों की बिजाई करती है। धान के उपरांत गेहूं एवं गेंहू के बाग मूंग की खेती करने वाले कृषकों के लिए सुपर सीडर किसी वरदान से कम नहीं है। किसान भाई सुपर सीडर के माध्यम से वर्षभर में अच्छी-खासी आमदनी की जा सकती है। वैसे तो सुपर सीडर की कीमत लगभग 3 लाख रुपये है। परंतु, कृषि विभाग की तरफ से 40 प्रतिशत प्रतिशत अनुदान मिलने के पश्चात इसकी कीमत काफी हद तक कम हो जाती है।

यूपी में कृषि यंत्रों पर 40-50 फीसदी छूट

यूपी में कृषि यंत्रों पर 40-50 फीसदी छूट

उत्तर प्रदेश में किसानों के लिए कृषि यंत्रों पर अनुदान दिया जा रहा है। इसके लिए शासन ने पोर्टल पर आनलाइन डिमांड मांगी है। आम तौर खेती में प्रयुक्त होने वाली सभी मशीनों पर यह अनुदान दिया जा रहा है। यह अलग बात है कि यह अनुदान आवेदन करने वाले सभी किसानों को दिया जाएगा या फिर पहले आओ पहले पाओ के आधार पर चुनिंदा किसानों को दिया जाएगा। सरकार द्वारा जारी सूचना से तो यही लग रहा है कि सभी आवेदक किसानों को यह लाभ मिल सकेगा। सब मिशन आफ एग्रीकल्चरल मैकेनाइजेशन योजनान्तर्गत कृषि यंत्रों पर अनुदान की योजना वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए खोली गयी है।

किन यंत्रों पर मिल रही छूट

किन यंत्रों पर मिल रही छूट

हस्त चालित स्प्रेयर, शक्ति चालित स्प्रेयर, एमबी प्लाउू, लेजर लेंड लेबलर, हेरो, कल्टीबेटर, रिजर, मल्टी क्रॉप थ्रेसर, पॉवर आपरेटेड चैफ कटर, स्ट्रारीपर, मिनी राइज मिल, मिनी दाल मिल, मिलेट मिल, आयल मिल विध फिल्टर प्रेस, पैकिंग मशीन, रोटाबेटर, रेज्ड बैड  प्लांटर, पावर टिलर, कम्बाइन हार्बेस्टर सुपर एसएमएस, राइज ट्रान्सप्लानटर एवं योजना के अन्तर्गन अन्य यन्त्रोें पर छूट दी जा रही है।

कितनी मिलेगी छूट

अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, महिला किसान, लघु एवं सीमांत किसानों को 50 प्रतिशत तक अनुदान दिया जाएगा। अन्य श्रेणी के कृषकों को 40 प्रतिशत तक अनुदान दिया जाएगा।

किसान को कितनी जमानत राशि जमा करनी होगी

10 हजार रुपए तक के कृषि यंत्रों पर किसानों को कोई भी जमानत राशि जमा नहीं करनी होगी। 10 हजार से अधिक और एक लाख रुपए तक अनुदान वाले यंत्रों पर 2500 रुपए की जमानत राशि जामा करनी होगी। एक लाख से अधिक अनुदान वाले यंत्रों के लिए पांच हजार रुपए जमानत राशि जमा करनी होगी। जमानत राशि का चालान जमा करने के 45 दिन के अन्दर कृषि यंत्र क्रय करके बिल एवं आवश्यक अभिलेख विभागीय पोर्टल पर अपलोड करने होंगे। इसके अलावा जनपर स्तरीय उप कृषि निदेशक कार्यालय में अपलोड करने हेतु उपलब्ध कराने होंगे। तदनुसान लाभार्थी द्वारा क्रय किए गए यंत्र का सत्यापन होने के बाद डीबीटी के माध्यम से अनुदान राशि लाभार्थी के खाते में ट्रांसफर कर दी जाएगी।

किस तरह मिलेगा योजना का लाभ

कृषि विभाग

कृषि विभाग की किसी भी योजना का लाभ लेने के लिए सबसे पहले किसानों को कृषि विभाग के पोर्टल पर पंजीकरण होना चाहिए। जिन किसानों का पंजीकरण नहीं हुआ है वह अपने जनदीकी ब्लाक स्थित कृषि रक्षा इकाई या फिर जनपद स्तरीय उप कृषि निदेशक, जिला कृषि अधिकारी कार्यालय पर संपर्क कर सकते हैं। किसान पंजीकरण कराने के लिए जनसेवा केन्द्रों पर भी संपर्क किया जा सकता है। इसके लिए किसान का आधार कार्ड, खेत की खतौनी, बैंक की पासबुक की छाया प्रति एवं मोबाइल नंबर होना चाहिए। किसी भी यंत्र को लेने के लिए पोर्टल पर उस यंत्र के बारे में जानकारी देनी होगी। इसके बाद ओटीपी जारी होगा और इस ओटीपी के आधार पर ही चालना जैनरेट होगा। इस चालान को बैंक में जमा करना पड़ेगा। चालान फार्म में दी गई अवधि के अन्दर जमानत राशि अपनी नजदीकी यूनियन बैंक में जमा करनी होगी। 15 जुलाई तक जनपदवार यंत्रों के लक्ष्यों के अनुरूप टोकन जैनरेट होंगे। इसके बाद एक प्रतीक्षा सूची बनाई जाएगी जिसका उपयोग यंत्र न खरीदने वाले किसानों के एवज में दूसरे प्रतीक्षारत किसानों को योजना का लाभ देने के लिए होगी।

उत्तर प्रदेश में किसानों को कृषि यंत्रों पर अनुदान की योजना

उत्तर प्रदेश में किसानों को कृषि यंत्रों पर अनुदान की योजना

किसान आंदोलन को चलते चलते लगभग एक साल होने को है लेकिन अभी तक सरकार और किसानों के बीच कोई कहानी बनती नजर नहीं आ रही है. सरकार का अपना रवैया है और किसानों का अपना. धीरे धीरे सरकार अपनी योजनाएं लाकर किसानों को आकर्षित करने की कोशिश कराती नजर आ रही है. वैसे तो कृषि यंत्रों पर अनुदान की योजना साल दर साल आती ही है लेकिन इसका फायदा भोलेभाले किसानों को कितना मिलता है ये तो सबको पता है.सरकार से मेरीखेती टीम की तरफ से एक अनुरोध करना चाहूंगा की कम से कम सरकार ये पता करे की कितने किसान ऑनलाइन आवेदन करने की स्थिति में होते हैं? आज भी किसान अपना रजिस्ट्रेशन नहीं कर सकता. वो दूसरों पर इसके लिए आश्रित होता है. कई बार इसकी वजह से किसान का रजिस्ट्रेशन नहीं हो पाता है और वो योजना से वंचित रह जाता है. और उस योजना का लाभ किसान नेता ज्यादा ले जाते हैं.



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उत्तर प्रदेश में किसानों को कृषि यन्त्र अनुदान योजना का शुभारम्भ आज यानि शुक्रवार से शुरू हो रही है. कृषि विभाग के पोर्टल पर किसान ऑनलाइन बुकिंग करा सकते हैं. पोर्टल पर बुकिंग मंडल के हिसाब से होगी जिसे दिनांक के हिसाब से नीचे दिया गया है. 12 नवंबर : गोरखपुर मंडल 13 नवंबर : अयोध्या मंडल 15 नवंबर : कानपुर एवं विंध्याचल मंडल 16 नवंबर : अलीगढ़ एवं लखनऊ मंडल 17 नवंबर : चित्रकूटधाम एवं मुरादाबाद मंडल 18 नवंबर : मेरठ मंडल



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कृषि यंत्रों पर छूट पहले आओ पहले पाओ के हिसाब से मिलेगी. मंडलवार तारीख के हिसाब से आप जिस मंडल में आते हो उसी हिसाब से समय से अपना रजिस्ट्रेशन कराएं तथा इस योजना का लाभ उठायें. योजना का लाभ उठाने के लिए आप इस लिंक पर क्लिक करें : http://upagriculture.com/ आजकल किसान जोरशोर से रबी की फसल की बुवाई में व्यस्त है. सरकार की मंशा भी किसानों को कृषि यन्त्र पर अनुदान देने की थी लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री श्री कल्याण सिंह जी के आकस्मिक निधन तथा वेबसाइट हैक हो जाने के कारण यह योजना अक्टूबर में नहीं क्रियान्वय हो सकी. गोरखपुर मंडल के किसानों को पोर्टल पर रजिस्टर करने में समस्या होने पर उच्च अधिकारीयों से इसकी शिकायत की गई. शिकायत की जाँच करने पर पाया गया की तय समय से पहले ही इसमें अनुदान के लिए आवेदन हो चुके थे. उच्च अधिकारीयों की संतुति पर इसकी जाँच साइबर सेल को सौंप दी गई है जो की अभी प्रक्रिया चल रही है. संयुक्त निदेशक अभियंत्रण नीरज श्रीवास्तव जी के अनुसार अभी 9 मंडलों के लिए आवेदन की प्रक्रिया शुरू इस शुक्रवार से शुरू कर दी गई है, जिससे की किसानों को इसका फायदा मिल सके. कृषि यंत्रों की बुकिंग 12 नवंबर शुक्रवार 11 बजे से 18 नवंबर तक चलेगी. अनुदान में आने वाले यंत्रों की संख्या लगभग 30000 है.10 हजार रुपये तक के अनुदान पर कोई जमानत राशि नहीं लगेगी. कृषि विभाग की विभिन्न योजनाओं छोटे गोदाम, थ्रेसिंग फ्लोर, कस्टम हायरिंग सेंटर आदि के लिए यंत्र बुक होंगे. इसमें जिन यंत्रों पर दस हजार रुपये तक का अनुदान मिलना है, उसके लिए किसान को जमानत राशि नहीं देनी होगी. दस हजार से एक लाख रुपये तक अनुदान वाले कृषियंत्र के लिए 2500 और एक लाख रुपये से अधिक अनुदान वाले कृषि यंत्र के लिए 5000 रुपये जमानत राशि देनी होगी. अनुदान 40 से 50 प्रतिशत तक का मिलेगा.
२०२२-२३ के लिए कृषि यंत्रों पर अनुदान प्राप्त करने के लिए आवेदन की प्रकिया जारी : डा. कर्मचंद, हरियाणा

२०२२-२३ के लिए कृषि यंत्रों पर अनुदान प्राप्त करने के लिए आवेदन की प्रकिया जारी : डा. कर्मचंद, हरियाणा

कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उपनिदेशक डा. कर्मचंद ने बताया कि किसानों के लिए 2022-23 स्कीम के तहत अनुदान देने के लिए विभिन्न कृषि यंत्रों पर विभाग के द्वारा आवेदन स्वीकार किए जा रहे हैं। कृषि यंत्रों में इच्छुक किसान इस योजना का लाभ लेने के विभागीय पोर्टल पर 27 मई तक आनलाइन आवेदन कर सकते हैं। 

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२०२२-२३ के लिए कृषि यंत्रों पर अनुदान के तहत, श्री डॉ कर्म चंद बताया कि विभाग द्वारा कृषि यंत्रों जैसे- काटन सीड ड्रिल, ट्रैक्टर माउंटेड स्प्रे पंप, डायरेक्ट सीडेड राइस मशीन, ट्रैक्टर माउंटेड रोटरी वीडर (दो से तीन रो), पावर टीलर (12 एचपी से अधिक), ब्रिक्वेट मेकिग मशीन, रीपर बाइंडर स्वचालित, मेज प्लांटर, मेज थ्रेसर, न्यूमेटिक प्लांटर पर आवेदन स्वीकार किए जा रहे हैं। इसमें व्यक्तिगत व सामान्य श्रेणी में अधिकतम 40 प्रतिशत व अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, छोटे व सीमांत किसान और महिला किसान के लिए 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा। 

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डा. कर्मचंद ने बताया कि २०२२-२३ के लिए कृषि यंत्रों पर अनुदान के लाभ लेने के इच्छुक किसान को मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर अपना पंजीकरण कराना होगा, जिसके लिए किसान को एक शपथ पत्र व एक स्वयं घोषणा पत्र जमा करवाना होगा। वहीं आनलाइन आवेदन के लिए किसान के नाम जिला में पंजीकृत ट्रैक्टर की वैध आरसी (केवल ट्रैक्टर चालित यंत्रों के लिए) परिवार पहचान पत्र, बैंक खाता तथा आधार कार्ड की आवश्यकता होगी। 

इसके अलावा, एक किसान किसी भी तरह के अधिकतम तीन कृषि यंत्र ही ले सकता है और जिन किसानों ने पिछले पांच वर्षों में इन कृषि यंत्रों पर अनुदान लिया है वे इस स्कीम में उस कृषि यंत्र पर आवेदन करने के पात्र नहीं होंगे। आनलाइन आवेदन करने के लिए किसान को ढाई लाख से कम कीमत के यंत्रों के लिए 2500 रूपए एवं ढाई लाख या उससे अधिक कीमत के यंत्रों के लिए 5000 रुपये टोकन राशि अलग-अलग आनलाइन ही जमा करवानी होगी, जो कि चयन प्रक्रिया के पश्चात किसान के खाते में वापिस जमा करवा दी जाएगी। इस बारे में अधिक जानकारी के लिए उप निदेशक, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग में संपर्क किया जा सकता है।  

हरियाणा राज्य में कृषि सम्बंधित उपकरणों पर मिल रहा ८० % सब्सिडी, समय से करलें आवेदन

हरियाणा राज्य में कृषि सम्बंधित उपकरणों पर मिल रहा ८० % सब्सिडी, समय से करलें आवेदन

आजकल कृषि जगत में कृषि उपकरणों की अहम भूमिका है, आधुनिक कृषि यंत्रों से किसान की मेहनत के साथ साथ उनकी लागत में भी बेहद कमी आयी है। पहले किसान काफी परिश्रम करके फसल को उगाते थे। लेकिन आधुनिक विज्ञान की सहायता से नवीन कृषि उपकरणों की खोज हो रही है, जिससे किसानों के लिए उपयोगी कृषि यंत्रों की उपलब्धता तीव्रता से बढ़ी है। सरकार उपरोक्त सभी बातों को ध्यान में रखते हुए कृषि सम्बंधित उपकरणों पर अनुदान देने की योजना लाती रहती है। इसी सन्दर्भ में फ़िलहाल हरियाणा सरकार किसानों के लिए ८० प्रतिशत तक का अनुदान देने का आह्वान कर चुकी है, जिसमें विभिन्न प्रकार की मशीनें जैसे कि बुवाई, छिड़काव और कटाई से सम्बंधित उपकरण भी शामिल हैं।

हरियाणा सरकार ८० प्रतिशत तक क्यों दे रही है कृषि यंत्रों पर अनुदान ?

किसानों की आर्थिक हालत को देखते हुए सरकार ये भली भांति जानती है कि बहुतायत किसान आधुनिक उपकरणों को खरीदने के लिए सक्षम नहीं है। लेकिन पैदावार में वृद्धि और किसान की लागत में कमी के लिए आधुनिक कृषि उपकरणों की अत्यंत आवश्यकता है। सरकार किसानों की समस्या को समझते हुए उनके लिए ८० प्रतिशत अनुदान प्रदान करने की इस मुहिम से, किसानों को आर्थिक तंगी से निजात दिलाना चाहती है। साथ ही हरियाणा राज्य को काफी उन्नत राज्य बनाने की राह पर चलना शुरू कर रही है, क्योंकि हरियाणा राज्य में अधिकतर लोग कृषि आश्रित होते हैं, इसलिए कृषि जगत को अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी भी बोला जाता है। किसान की उन्नति से ही राज्य और देश की उन्नती का मार्ग जाता है। [embed]https://www.youtube.com/watch?v=LH7w59jnW-M[/embed]

कौन कौन से कृषि उपकरणों पर मिल रहा है अनुदान ?

हरियाणा राज्य सरकार द्वारा इन कृषि उपकरणों पर मिल रहा है अनुदान जिसमें, रोटावेटर, हे रेक मशीन, मोबाइल श्रेडर, रिप्पर बाइंडर, स्ट्रॉ बेलर, फ़र्टिलाइज़र ब्रॉडकास्टर, ट्रैक्टर ड्राइविंग पाउडर वीडर, लेसर लैंड लेवलर समेत ११ कृषि उपकरण सम्मिलित हैं। हरियाणा सरकार ने राज्य के किसानों के लिए कृषि विभाग के माध्यम से वेबसाइट https://agriharyana.gov.in/ पर जानकारी उपलब्ध कराई है, जहाँ किसान भाई आवेदन कर सकते हैं और इसके लिए कृषि केंद्र की सहायता भी ले सकते हैं।

पूर्व में भी पराली के अवशेष से निजात के लिए उपकरण अनुदान देने के लिए मांगे थे आवेदन

हरियाणा राज्य सरकार ने पराली से उत्पन्न होने वाले प्रदूषण की रोकथाम के लिए जरूरी कृषि उपकरणों पर अनुदान देने की घोषणा की और आवेदन करने के लिए बोला था, जिससे पराली के अवशेष को नष्ट किया जा सके और दिल्ली समेत अन्य शहरों को भी प्रदुषण की मार से बचाया जा सके।
मध्य प्रदेश: सरकार मेहरबान, इन यंत्रों की खरीद पर भारी सब्सिडी

मध्य प्रदेश: सरकार मेहरबान, इन यंत्रों की खरीद पर भारी सब्सिडी

किसान का औजार ही उसकी जिन्दगी को संवारने का असल हथियार होता है। अगर किसान के पास सही यंत्र हो, सही औजार हो तो वह अपनी खेती और बेहतर तरीके से कर सकते हैं जिससे कि उनकी जिन्दगी खुशहाल हो सके, इसे लेकर राज्य सराकारें और केन्द्र सरकार कई योजनाएं भी चलाती रहती हैं। हाल ही में, मध्य प्रदेश सरकार ने भी ऐसा ही एक फैसला लिया है। शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया, सरकार ने कृषि से संबंधित कई योजनाओं को प्रोत्साहन देने का फैसला लिया है। जाहिर है, ऐसे फैसलों से किसानों को बेहतर फ़ायदा मिल सकेगा और उनकी आमदनी भी बढ़ सकेगी। हालांकि, सरकार ने नरवाई जलाने के सिस्टम को कम करने और ख़त्म करने का भी संकल्प लिया है। लेकिन, सबसे बड़ी खबर यह है कि मत्स्य-पालन को बढ़ावा देने के लिए 100 करोड़ रूपये आवंटित किए गए, वहीं दूसरी तरफ फसल अवशेष के बेहतर मैनेजमेंट के लिए कृषि यंत्रों की खरीद पर सब्सिडी दी जाएगी। यदि किसी किसान को इसमें किसी भी प्रकार का कोई संशय है तो वो dbt.mpdage.org में जाकर योजना से संबंधित नियम कायदे पढ़ सकता है, इसके अलावा किसान उप संचालक कृषि कार्यालय से संपर्क कर सकता है। जहां पर योजना से सम्बंधित जानकारी प्रदान की जाएगी।

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सरकार ने पावर ड्रिवेन एग्रीकल्चरल इंस्ट्रूमेंट्स की खरीदारी पर 50 प्रतिशत तक की सब्सिडी देने का ऐलान किया है। लघु, सीमान्त, महिला, अनुसूचित जाति और जनजाति किसानों को पचास प्रतिशत और अन्य किसानों को 40 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जाएगी। मुख्यमंत्री मत्स्य विकास योजना के लिए भी 100 करोड़ रूपये खर्च किए जाएंगे, जिससे भारी संख्या में मत्स्यजीवी फ़ायदा उठा सकेंगे। शिवराज सरकार ने मुख्यमंत्री युवा अन्नदूत स्कीम भी चलाने का निर्णय लिया है। इसके तहत, सबसे पहले 888 बेरोजगार युवाओं को बैंक लोन दिया जाएगा। इस पैसे से उन्हें वाहन दिया जाएगा, जिसका इस्तेमाल पीडीएस के तहत राशन को सुदूर क्षेत्रों तक भेजने में किया जाएगा। जाहिर है, इन योजनाओं से आम किसान, बेरोजगार युवा और मत्स्यजीवी समुदाय को काफी फायदा होने जा रहा है। अगर ये सारे स्कीम्स जमीन पर पूरी तरह ईमानदारी से लागू हो जाए, तो इसमें कोइ संदेह नहीं कि किसानों को इसका फ़ायदा न मिले या उनकी जिन्दगी में बदलाव न आए।
नए साल पर अपनी खेती को बेहतर बनाने के लिए खरीदें आधुनिक कृषि यंत्र, ये सरकारें दे रही हैं बंपर सब्सिडी

नए साल पर अपनी खेती को बेहतर बनाने के लिए खरीदें आधुनिक कृषि यंत्र, ये सरकारें दे रही हैं बंपर सब्सिडी

भारत सरकार चाहती है, कि देश के किसान अपने खेतों में बंपर उत्पादन प्राप्त करें, जिससे उनकी आय में बढ़ोत्तरी हो पाए। इसके साथ ही अगर किसानों की बात करें तो अब किसानों ने भी आधुनिक खेती को अपनाया है। जिसमें किसान खेती-किसानी में आधुनिक तकनीक और कृषि यंत्रों का इस्तेमाल करने लगे हैं। लेकिन यह अभी तक सिर्फ अमीर और बड़े किसानों तक ही सीमित है। अमीर और बड़े किसानों के पास पर्याप्त संसाधन और पैसा होने के कारण वो आधुनिक तकनीक और कृषि यंत्रों को उपयोग करते हैं, लेकिन छोटे किसान अब भी इससे वंचित हैं। भारत में ट्रेंड देखा गया है, कि अब लघु-सीमांत किसानों के साथ अब छोटे किसानों की भी आधुनिक कृषि यंत्रों की तरफ रुचि बढ़ती जा रही है। आधुनिक मशीनें कम समय, कम मेहनत और कम खर्च में फसलों से ज्यादा उत्पादन हासिल करने में मदद करती हैं। इन फ़ायदों को देखते हुए कई राज्य सरकारें अपने किसानों को आधुनिक कृषि यंत्र खरीदेने के लिए प्रोत्साहित कर रही हैं। इसके तहत सरकारें आधुनिक कृषि यंत्र खरीदी पर बंपर सब्सिडी दे रही हैं, जिससे किसान भाई ये आधुनिक कृषि यंत्र अपने घर में ला पाएं और खेती किसानी में इनका उपयोग कर पाएं। कृषि यंत्रों की खरीद पर सब्सिडी देने के तहत बिहार और हरियाणा की राज्य सरकारें अपने किसानों को बंपर सब्सिडी दे रही हैं। इसके लिए दोनों राज्य की सरकारों ने योजनाओं को लागू कर दिया है। अगर बिहार सरकार की बात करें तो किसानों को 90 तरह के कृषि यंत्रों की खरीद पर पर 80 फीसदी तक अनुदान दिया जा रहा है। वहीं हरियाणा सरकार 55 तरह के कृषि यंत्रों की खरीद पर 50 फीसद तक का अनुदान दे रही है।

सब्सिडी प्राप्त करने के लिए बिहार के किसान ऐसे करें आवेदन

बिहार की सरकार ने कृषि यंत्रों की खरीद के लिए कृषि यंत्रीकरण योजना चलाई है, जिसके अंतर्गत सरकार 90 तरह के कृषि यंत्रों की खरीद पर अनुदान देती है। ये कृषि यंत्र जुताई, बुवाई, निकाई, गुड़ाई, सिंचाई, कटाई आदि कार्यों के लिए खरीदे जा सकते हैं। इसके अलावा सरकार गन्ना और बागवानी फसलों की खेती के लिए कुछ कृषि यंत्रों की खरीद पर अनुदान दे रही है।


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बिहार राज्य के कृषि विभाग के अधिकारियों ने कहा है, कि इस योजना का लाभ लेने के लिए किसान की बिहार राज्य में खेती योग्य जमीन होना अनिवार्य है। जो भी किसान इस योजना के अंतर्गत आधुनिक कृषि यंत्रों की खरीद पर अनुदान प्रात करना चाहते हैं। वो 31 दिसम्बर 2022 के पहले बिहार राज्य के कृषि विभाग के OFMAS Portal या DBT Portal पर अपना आवेदन ऑनलाइन भर सकते हैं।

हरियाणा के किसान यहां आवेदन करके प्राप्त करें अनुदान

बिहार राज्य की तरह हरियाणा की सरकार भी कृषि यंत्रों की खरीद के लिए अपने किसानों को अनुदान प्रदान करती है। राज्य सरकार ने ऐसी 55 तरह की मशीनों का चयन किया है, जिनमें किसानों को अनुदान दिया जाएगा। ये मशीनें 1500 रुपये से लेकर 25 लाख रुपये तक की हो सकती हैं। जिनमें लगभग आधी कीमत की सब्सिडी दी जाती है। हरियाणा सरकार के कृषि विभाग ने अपने नोटिस में बताया है, कि कृषि यंत्र अनुदान योजना में आवेदन करने वाला किसान हरियाणा राज्य का होना चाहिए। इसके साथ ही किसान के पास खुद की खेती योग्य भूमि होना चाहिए। किसान भाई कृषि यंत्रों की खरीद पर सब्सिडी प्राप्त करने के लिए बागवानी विभाग की ऑफिशियल वेबसाइट https://hortnet.gov.in/StatesNewDesign/Login-har.aspx पर ऑनलाइन माध्यम से आवेदन करें। इसके अलावा इस योजना की ज्यादा जानकारी के लिए अपने नजदीकी कृषि विभाग के कार्यालय में भी संपर्क कर सकते हैं। साथ ही हेल्पलाइन नंबर 18001802021 पर भी फोन करके पूछताछ कर सकते हैं।

राज्य सरकारों के साथ-साथ केंद्र सरकार भी दे रही है कृषि यंत्रों की खरीदी पर अनुदान

राज्य सरकारों के साथ-साथ अब केंद्र सरकार भी आधुनिक कृषि यंत्रों की खरीद पर अनुदान दे रही है। ताकि किसान अपनी खेती की लागत को कम कर पाएं और उत्पादन में बढ़ोत्तरी हो सके। इसके लिए केंद्र सरकार कृषि यंत्रीकरण पर उपमिशन योजना लाई है जिसके अंतर्गत अनुदान दिया जा रहा है। इस योजना के अंतर्गत केंद्र सरकार राज्यों के सहयोग से किसान भाइयों को कृषि यंत्रों की खरीद पर 25 से 90 प्रतिशत की सब्सिडी देती है। इस योजना की ज्यादा जानकारी प्राप्त करने के लिए और आवेदन करने के लिए किसान भाई ऑफिशियल वेबसाइट https://agrimachinery.nic.in/ पर विजिट कर सकते हैं।
इस राज्य में 50 प्रतिशत अनुदान पर मिल रहे ट्रैक्टर जल्द आवेदन करें

इस राज्य में 50 प्रतिशत अनुदान पर मिल रहे ट्रैक्टर जल्द आवेदन करें

हरियाणा राज्य सरकार किसानों के लिए अहम कार्य कर रही है। प्रदेश में किसानों को 50 % अनुदान पर ट्रैक्टर उपलब्ध करा रही है। जिसका लाभ लेने के लिए किसानों को 20 जनवरी तक ड्रा रजिस्ट्रेशन हेतु https://agriharyana.gov.in/ पर ऑनलाइन 10,000 रुपये का शुल्क जमा कराना होगा। आजकल कृषि क्षेत्र में मशीनीकरण एवं आधुनिक तकनीकों के उपयोग को प्रोत्साहित किया जा रहा है। क्योंकि अधिकांश खेती किसानी से जुड़े कामों में किसानों को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है और समय भी अधिक लगता है। मशीनों के उपयोग से इन दोनों समस्याओं का निराकरण किया जा सकता है। दरअसल ,मशीनों के प्रयोग से समय और मेहनत दोनों की बचत होती है। सरकार ने इसी बात को ध्यान में रखकर ट्रैक्टरों पर अनुदान देने की पहल की है। इसकी मुख्य वजह यह है कि अधिकांश कृषि यंत्र ट्रैक्टर के माध्यम से संचालित किये जाते हैं। साथ ही, ट्रैक्टर की मदद से किसान कृषि कार्यों सहित के उत्पादन को बाजार में ले जाने के लिए भी मदद मिलेगी।


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वर्ष 2023 के जनवरी महीने में किस वजह से बढ़ेगी ट्रैक्टरों की कीमत
ट्रैक्टर का मूल्य काफी महंगा होने की वजह से हर किसान इसको खरीदने के लिए सक्षम नहीं होता है। हालाँकि, किसान हित में चलाई गई योजनाओं ने इस कार्य को काफी सुगम बना दिया है। केंद्र सरकार द्वारा जारी विभिन्न योजनाओं के तहत ट्रैक्टर खरीदने हेतु कर्ज एवं अनुदान की सुविधा प्रदान की जाती है। इसी क्रम में फिलहाल हरियाणा सरकार व अन्य राज्य सरकारों द्वारा भी किसानों को ट्रैक्टर खरीदने हेतु सहायता की जा रही है। हरियाणा सरकार किसानों को 50% अनुदान की सहायता करके किसानों को ट्रैक्टर मुहैय्या करा रही है।

हरियाणा सरकार अनुदान पर उपलब्ध करा रही ट्रै्क्टर

आपको बतादें कि हरियाणा कृषि विभाग की तरफ से पानीपत जनपद के कृषकों को 30 ट्रैक्टर सब्सिडी पर उपलब्ध कराए जा रहे हैं। ट्रैक्टर पर दिए जा रहे अनुदान की अधिकतम राशि 3 लाख रुपये मतलब 50% फीसद तय की गई है। जो भी किसान अनुदान पर ट्रैक्टर खरीदना चाहते हैं, तो वह 20 जनवरी तक अपना ड्रॉ पंजीयन सुनिश्चित कर लें। इसी संदर्भ में जिला उपायुक्त ललित सिवाच का कहना है, कि प्रमाणित किसानों हेतु ड्रॉ रजिस्ट्रेशन का शुल्क 10,000 रुपये तय किया गया है। जिसे https://agriharyana.gov.in/ पर ऑनलाइन तौर पर जमा कराना होगा। यदि किसानों के द्वारा आवेदन करने के उपरांत इस शुल्क को पोर्टल के जरिए से जमा नहीं करवाया, ऐसी स्थिति में उनका आवेदन रोक लिया जाएगा। साथ ही, जो किसान शुल्क जमा कर देंगे, उनका ऑनलाइन ड्रॉ के माध्यम से जिला स्तर की समिति चयन करेगी।

किसान इस योजना का कैसे फायदा उठा सकते हैं

इस योजना के सन्दर्भ में हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के सहायक अभियंता का कहना है, कि चयन के बाद किसान को अनुमोदित निर्माता अथवा डीलर से स्वयं की रुचिनुसार ट्रैक्टर के मॉडल की खरीद लें। उसके बाद अनुदान की निर्धारित धनराशि के अतिरिक्त शेष लागत अनुमोदित वितरक के खाते में ई-वाउचर सहित जमा करानी होगी। इसी मध्य निर्माता वितरक को भी किसान की विस्तृत जानकारी, बैंक का विवरण, ट्रैक्टर का मॉडल, कीमत का निदेशालय के पोर्टल या ई-मेल के माध्यम से सब्सिडी ई-वाउचर हेतु आवेदन करना होगा।

अनुदान का लाभ लेने के लिए निर्धारित शुल्क की अंतिम तिथि

हरियाणा सरकार द्वारा ट्रैक्टर पर 50% अनुदान पाने हेतु 16 जनवरी तक शुल्क जमा करने का निर्देश दिया गया हैं। साथ ही, राज्य सरकार द्वारा कृषकों हेतु 55 प्रकार के कृषि यंत्रों पर सब्सिडी मुहैय्या कराई जा रही है। आपको यह भी बतादें, कि इस योजना का फायदा केवल अनुसूचित जाति के कृषकों को ही मिल पाएगा। जो एस.बी. 89 योजना के तहत 35hp मॉडल के ट्रैक्टर हेतु तय नियम व पात्रता के अनुरूप आवेदन किया जा सकता है।
किसानों को सस्ते में मिलेंगे कृषि यंत्र, सरकार दे रही 50% सब्सिडी

किसानों को सस्ते में मिलेंगे कृषि यंत्र, सरकार दे रही 50% सब्सिडी

पंजाब के किसानों की आय बढ़ाने के लिए पंजाब सरकार काफी कोशिशों में लगी हुई है. जिसके तहत सीएम भगवंत मान की सरकार ने किसानों के हित में एक बड़ा फैसला किया है. राज्य की सरकार कृषि के क्षेत्र को आगे बढ़ाने के लिए पुरजोर कोशिशें कर रही है. इसकी तर्ज पर वो नई से नई तकनीकों को भी बढ़ावा दे रही है. जिस वजह से किसानों को अब सस्ते में कृषि यंत्र उपलब्ध हो जाएंगे. ऐसा इसलिए क्योंकि पंजाब सरकार ने इन्हीं कृषि यंत्रो पर 50 फीसद तक सब्सिडी देने का फैसला लिया है. बता दें पंजाब सरकार के मुताबिक किसानों को अब परम्परागत खेती की बजाय तकनीकी पर आधारित खेती करने की तरफ रुख करना चाहिए. जिस वजह से उनकी आय में कुछ बढ़ोतरी हो सके. इन्हीं सब बातों को देखते हुए मुख्यमंत्री भगवंत मान की सरकार ने खेती में उपयुक्त होने वाले यंत्रों की खरीद पर करीब 50 फीसद की सब्सिडी देने का फैसला कर लिया है. ये भी देखें: २०२२-२३ के लिए कृषि यंत्रों पर अनुदान प्राप्त करने के लिए आवेदन की प्रकिया जारी : डा. कर्मचंद, हरियाणा वहीं डीसी गुरदासपुर डॉक्टर हिमांशु अग्रवाल ने कहा कि, राज्य सरकार का किसानों से यह भी आग्रह है कि, किसान अपनी खेती में नये नये यंत्रों का इस्तेमाल करें. ताकि उनकी कमाई पहले से ज्यादा हो सके. इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि, मान की सरकार कृषि यंत्रीकरण के तहत कृषि और किसान कल्याण विभाग किसानों को 28 फरवरी तक सब्सिडी देगा. इसके अलावा ट्रैक्टर अपट्रेंड, असिस्टेंट स्प्रेयर, ऑटोमेटिक और सेमी ऑटोमेटिक पोटैटो पॉटर, न्यूमेटिक प्लांटर लेजर लैंड लेवलर, पावर वीडर जैसे यंत्रों को अगर किसान खरीदते हैं, तो उन्हें इसके लिए 50 फीसद की भारी सब्सिडी दी जाएगी.

पोर्टल पर मिलेगी डीलर्स की सूची

सरकार की इस योजना का फायदा उठाने के लिए सबसे पहले किसानों को इसके लिए आवेदन करना होगा. जिसके लिए उन्हें इससे सम्बंधित आधिकारिक वेबसाइट https://www.agrimachinerypb.com/ पर विजिट करके अपना रजिस्ट्रेशन करवाना होगा. जिसने बाद ही उन्हें सब्सिडी का फायदा मिल सकेगा. इसके अलावा कस्टम हायरिंग सेंटर को स्थापित करने के लिए भी पंजाब सरकार सब्सिडी उपलब्ध करवा रही है. वहीं जानकारी के लिए बता दें कि, लाभार्थियों का चयन वेबसाइट के माध्यम से किया जाएगा. इतना ही नहीं कृषि यंत्रों के निर्माता डीलर्स की सूची भी इसी पोर्टल पर उपलब्ध करवाई जाएगी. ताकि किसानों को यंत्रों को लेने में आसानी हो.

यहां पर मिलेगी जरूरी जानकारी

डीसी ने बताया कि, जो किसान जरनल कैटेगरी के हैं, अगर वो कृषि उपकरण खरीदते हैं, तो इसके लिए उन्हें 40 फीसद की सब्सिडी दी जाएगी. वहीं अन्य कैटेगरी के किसानों को 50 फीसद सब्सिडी का फायदा मिलेगा. इसके अलावा जो भी कस्टम हायरिंग सेंटर्स की स्थापना करना चाहते हैं, उन्हें 40 फीसद की सब्सिडी सरकार की ओर से दी जाएगी. इस योजना से जुड़ी ज्यादा जानकारी के लिए किसान किसी भी प्रखंड कृषि विभाग या कृषि अभियंता ऑफिस में जाकर संपर्क कर सकते हैं.
इस राज्य में कृषकों के लिए 110 तरह के कृषि यंत्रों पर मिल रही बंपर सब्सिड़ी

इस राज्य में कृषकों के लिए 110 तरह के कृषि यंत्रों पर मिल रही बंपर सब्सिड़ी

कृषि यांत्रिकरण योजना के अंतर्गत दिए जाने वाले अनुदान के लिए रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया 10 अक्टूबर, 2023 से शुरू कर दी जाएगी। इस दौरान बिहार राज्य के किसान पंजीकरण कर 110 तरह के कृषि यंत्रों पर अनुदान प्राप्त कर सकते हैं। खेती-किसानी में मशीनीकरण के आने के उपरांत किसानों की स्थिति में निरंतर बदलाव देखने को मिल रहे हैं। कृषि कंपनियों के माध्यम से भी किसानों की सुविधा को मद्देनजर रखते हुए नवीन-नवीन मशीनों का निर्माण किया जा रहा है। साथ ही, भारत सरकार की तरफ से भी कृषि उपकरणों को खरीदने के लिए वक्त-वक्त पर योजनाएं भी जारी की जाती हैं। इसी कड़ी में बिहार सरकार ने प्रदेश के लघु किसानों को कृषि उपकरणों का फायदा उपलब्ध कराने के लिए कृषि यांत्रिकरण योजना की शुरुआत की है।

कृषि यंत्रो पर 40 से लेकर 80 प्रतिशत तक अनुदान

इस योजना के अंतर्गत राज्य के किसानों को कृषि यंत्र खरीदने के लिए 40 से 80 प्रतिशत तक अनुदान की सुविधा मुहैय्या कराई जाती है। आपकी जानकारी के लिए बतादें, कि सरकार की इस योजना के लिए प्रति वर्ष किसानों के आवेदन मांगे जाते हैं। साथ ही, बिहार सरकार ने कृषि यांत्रिकरण योजना को लेकर एक बड़ा ऐलान किया है। बतादें, कि 10 अक्टूबर, 2023 से बिहार राज्य के कृषकों के लिए कृषि यांत्रिकरण योजना में पंजीकरण की प्रक्रिया आरंभ की जाएगी।

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बिहार सरकार की तरफ से 110 कृषि यंत्रों पर अनुदान दिया जा रहा है

कृषि यांत्रिकरण योजना में बिहार के किसानों को समकुल 110 तरह के बेहतरीन कृषि यंत्रों पर सब्सिड़ी प्रदान की जाती है। खेती-किसानी के ये उपकरण खेती से जुड़े तकरीबन प्रत्येक कार्य को सुगम बनाने में संभव हैं। जैसे कि- खेत की जुताई, बुवाई, निराई-गुड़ाई, सिंचाई, कटाई एवं बाकी बहुत सारे कार्यों को मिनटों में पूर्ण कर सकते हैं। बतादें, कि इन कृषि मशीनों के लिए बिहार सरकार ने वर्ष 2023-24 में लगभग 119 करोड़ रुपये की लागत का प्लान तैयार किया है।

पंजीकरण की प्रक्रिया 10 अक्टूबर से शुरू हो जाएगी

बिहार राज्य के किसान कृषि यांत्रिकरण योजना के अंतर्गत लाभ उठाना चाहते हैं, तो वह 10 अक्टूबर, 2023 से कृषि यंत्रों की खरीद पर अनुदान पाने के लिए पंजीकरण की प्रक्रिया को पूर्ण कर दें। दरअसल, पंजीकरण की यह प्रक्रिया 1 महीने मतलब कि 10 नवंबर, 2023 तक जारी रहेगी। इस दौरान इच्छुक किसान भाई इस योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं।

योजना के लिए बेहद महत्वपूर्ण दस्तावेज

  • आधार कार्ड
  • बैंक पासबुक
  • मोबाइल नंबर
  • ईमेल आईडी
  • कृषि यांत्रिकरण योजना में पंजीकरण की प्रक्रिया
  • इस योजना का फायदा पाने हेतु इच्छुक कृषकों को बिहार कृषि विभाग पोर्टल की अधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा।
  • वेबसाइट पर जाने के बाद आपको होम पेज के कृषि यांत्रिकरण योजना विकल्प पर क्लिक करना है। फिर आपको कृषि यांत्रिकरण योजना के अंतर्गत पंजीकरण की प्रक्रिया को पूर्ण करना है।
इस राज्य में कृषि यंत्रों पर लॉटरी के जरिए अनुदान प्रदान किया जाएगा

इस राज्य में कृषि यंत्रों पर लॉटरी के जरिए अनुदान प्रदान किया जाएगा

बिहार राज्य में कृषकों की किस्मत लॉटरी द्वारा निर्धारित की जाएगी। कृषि यंत्र योजना के तहत कृषि यंत्रों की खरीद के लिए कृषकों को लॉटरी प्रक्रिया से गुजरना होगा। योजना के लिए आवेदकों की तादात ज्यादा होने की वजह से यह निर्णय लिया गया है। बिहार के हजारों कृषकों को कृषि यंत्र मुहैय्या कराने के लिए राज्य सरकार कृषि यंत्र योजना का संचालन कर रही है, जिसके अंतर्गत कृषकों को अनुदान पर कृषि यंत्र उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इस योजना के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि वर्तमान में समाप्त हो चुकी है। हालांकि, योजना का फायदा उठाने के लिए अब तक हजारों कृषक आवेदन कर चुके हैं। आवेदकों की तादात ज्यादा होने की वजह से अब राज्य सरकार ने निर्णय लिया है, कि लॉटरी के जरिए से परमिट निकाला जाएगा। इस संबंध में कृषि निदेशक ने पत्र भी जारी कर दिया है। पत्र के अनुसार, लॉटरी प्रक्रिया 27 से 30 नवंबर के मध्य की जाएगी, जिसके माध्यम से परमिट निकाला जाएगा।

स्वीकृति पत्र चयनित किसानों को ही दिया जाएगा

मीडिया खबरों के अनुसार, जिला स्तरीय कृषि यांत्रिकरण मेला का आयोजन दिसंबर माह के प्रथम सप्ताह एवं जनवरी के दूसरे सप्ताह में होने की आशंका है। ऐसी स्थिति में प्राप्त आवेदनों की जांच मेले से पूर्व की जाएगी। साथ ही, जिन आवेदनों को स्वीकार किया जाएगा, वे किसान लॉटरी की प्रक्रिया में शम्मिलित हो पाएंगे। जिसके पश्चात चयनित किसान को स्वीकृति पत्र भी जारी किया जाएगा। कृषि निदेशक के निर्देशानुसार जिला कृषि पदाधिकारी की अध्यक्षता में सहायक निदेशक के लॉगिन आईडी से ऑनलाइन लॉटरी के जरिए से लक्ष्य के मुताबिक आवेदकों का चुनाव होगा। यह संपूर्ण प्रक्रिया डीएम अथवा उनके स्तर से प्राधिकृत किसी वरीय अधिकारी की मौजूदगी में होगी। इस दौरान जनपद के समस्त बीएओ, स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं प्रगतिशील किसान भी उपस्थित रहेंगे।

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इस समयावधि में कृषि यंत्र की खरीद करनी होगी

लॉटरी प्रक्रिया में चयनित किए गए कृषकों को हांसिल होने वाले स्वीकृति-पत्र की वैधता 15 दिनों की होगी। इसका अर्थ है, कि इस समयावधि में संबंधित किसान को यंत्र की खरीद करना अनिवार्य होगा। स्वीकृति-पत्र अर्जित होने के पश्चात आवेदक कृषि विभाग में पंजीकृत औद्योगिक विक्रेताओं से ही यंत्र की खरीद करेंगे। किसान कृषि मेलों अथवा बाजारों के बाहर स्वयं की पसंद के मुताबिक, यंत्र खरीद सकते हैं। विभाग ने स्पष्ट कर दिया है, कि उक्त योजना के अंतर्गत पात्र किसान कृषि यंत्रों के मूल्य से अनुदान धनराशि कम करके शेष धनराशि का भुगतान करके पर्याप्त विक्रेता से यंत्र खरीद सकेंगे। वहीं, अनुदान की धनराशि संबंधित किसान के खाते में हस्तांतरित की जाएगी।

जानें कौन-कौन से कृषि यंत्रों पर अनुदान मिल रहा है

आपकी जानकारी के लिए बतादें, कि यह सरकार की एक प्रमुख वित्तीय योजना है, जिसके अंतर्गत 108 कृषि यंत्रों पर सब्सिडी प्रदान की जा रही है। इनके अंतर्गत पैडी ट्रांसप्लांटर, मिनी दाल मिल, राइस मिल, रोटावेटर, पंपसेट, कल्टीवेटर, पावर स्प्रेयर, मैन्युअल कृषि यंत्र किट, पैडी थ्रेसर, रीपर, सीड ड्रिल, रीपर कम बाइंडर, सिंचाई पाइप, थ्रेसर, दो और चार डब्लू डी ट्रैक्टर सहित विभिन्न कृषि यंत्र शम्मिलित हैं।