किसान का औजार ही उसकी जिन्दगी को संवारने का असल हथियार होता है। अगर किसान के पास सही यंत्र हो, सही औजार हो तो वह अपनी खेती और बेहतर तरीके से कर सकते हैं जिससे कि उनकी जिन्दगी खुशहाल हो सके, इसे लेकर राज्य सराकारें और केन्द्र सरकार कई योजनाएं भी चलाती रहती हैं। हाल ही में, मध्य प्रदेश सरकार ने भी ऐसा ही एक फैसला लिया है। शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया, सरकार ने कृषि से संबंधित कई योजनाओं को प्रोत्साहन देने का फैसला लिया है।
जाहिर है, ऐसे फैसलों से किसानों को बेहतर फ़ायदा मिल सकेगा और उनकी आमदनी भी बढ़ सकेगी। हालांकि, सरकार ने नरवाई जलाने के सिस्टम को कम करने और ख़त्म करने का भी संकल्प लिया है। लेकिन, सबसे बड़ी खबर यह है कि मत्स्य-पालन को बढ़ावा देने के लिए 100 करोड़ रूपये आवंटित किए गए, वहीं दूसरी तरफ फसल अवशेष के बेहतर मैनेजमेंट के लिए कृषि यंत्रों की खरीद पर सब्सिडी दी जाएगी। यदि किसी किसान को इसमें किसी भी प्रकार का कोई संशय है तो वो dbt.mpdage.org में जाकर योजना से संबंधित नियम कायदे पढ़ सकता है, इसके अलावा किसान उप संचालक कृषि कार्यालय से संपर्क कर सकता है। जहां पर योजना से सम्बंधित जानकारी प्रदान की जाएगी।
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सरकार ने पावर ड्रिवेन एग्रीकल्चरल इंस्ट्रूमेंट्स की खरीदारी पर 50 प्रतिशत तक की सब्सिडी देने का ऐलान किया है। लघु, सीमान्त, महिला, अनुसूचित जाति और जनजाति किसानों को पचास प्रतिशत और अन्य किसानों को 40 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जाएगी।
मुख्यमंत्री मत्स्य विकास योजना के लिए भी 100 करोड़ रूपये खर्च किए जाएंगे, जिससे भारी संख्या में मत्स्यजीवी फ़ायदा उठा सकेंगे।
शिवराज सरकार ने मुख्यमंत्री युवा अन्नदूत स्कीम भी चलाने का निर्णय लिया है। इसके तहत, सबसे पहले 888 बेरोजगार युवाओं को बैंक लोन दिया जाएगा। इस पैसे से उन्हें वाहन दिया जाएगा, जिसका इस्तेमाल पीडीएस के तहत राशन को सुदूर क्षेत्रों तक भेजने में किया जाएगा।
जाहिर है, इन योजनाओं से आम किसान, बेरोजगार युवा और मत्स्यजीवी समुदाय को काफी फायदा होने जा रहा है। अगर ये सारे स्कीम्स जमीन पर पूरी तरह ईमानदारी से लागू हो जाए, तो इसमें कोइ संदेह नहीं कि किसानों को इसका फ़ायदा न मिले या उनकी जिन्दगी में बदलाव न आए।