पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश जैसे कई राज्यों में गेहूं की खेती मुख्य फसल के रूप में की जाती है। गेहूं की अच्छी फसल के लिए यदि कुछ बातों का किसान भाई ध्यान रखें तो उन्हें उत्पादन बेहद अच्छा मिल सकता है। ज्यादा यूरिया से करें तौबा फसल की हरियाली देखने के लिए किसान भाई अंधाधुंध यूरिया का प्रयोग करते हैं यदि वह इसमें थोड़ा सा बदलाव कर दें तो फसल अच्छी तो होगी ही साथ ही प्राप्त होने वाली उपज की गुणवत्ता में भी सुधार हो जाएगा। माइक्रोन्यूट्रिएंट का करें प्रयोग किसान भाई गेहूं में ज्यादा यूरिया ना लगाएं।पहले पानी के साथ ही ढाई किलोग्राम प्रति एकड़ की दर से माइक्रोन्यूट्रिएंट का प्रयोग करें। इसे यूरिया के साथ मिलाकर फसल में बुरकाव करने से फसल का रंग रूप एवं उत्पादन सभी के परिणाम संतोषजनक होंगे। क्यों जरूरी है माइक्रोन्यूट्रिएंट माइक्रोन्यूट्रिएंट्स का काम फसल को मजबूती प्रदान करना है। माइक्रोन्यट्रिएंट्स उन तत्वों को कहते हैं जिनकी ओर किसानों का ध्यान नहीं जाता। इनमें जिंक, तांबा, लोहा, मैग्निशियम सहित कुल 16 तत्व पाए जाते हैं। इन तत्वों की जमीन में कमी है और हम ऊपर से भी नहीं डालते। यूरिया के साथ मिलाकर इन तत्वों वाले माइक्रोन्यूट्रिएंट्स को डालने से फसल का विकास सतत रूप से होता है। उस पर तापमान के उतार-चढ़ाव का दुष्प्रभाव भी नहीं होता। फसल को भरपूर खुराक मिलने से पौधा मजबूत खड़ा रहता है। वह नाइट्रोजन के रूप में डाले जाने वाले यूरिया जैसे तत्वों के प्रयोग के चलते कमजोर नहीं होता और तेज हवाओं में गिरता भी नहीं है। चमकदार होंगे दाने जिन फसलों में माइक्रोमीटर का प्रयोग किया जाता है उसके दाने बेहद चमकदार निकल कर आते हैं। इसका कारण यह है कि फसल को संपूर्ण विकास के लिए सभी तत्वों की पूर्ति माइक्रोन उज्जैन के माध्यम से होती है।