प्राईवेट फाइनेंस के मकड़जाल में अनेक किसान उलझ चुके हैं। कई छोटी जोत वाले किसानों को तो पडोसी के समान ट्रैक्टर वाला बनने के चक्कर में अपनी पेत्रक सम्पत्ति तक गंवानी पड़ गईं। कारण साफ है। महंगे ट्रक्टर, महंगा डीजल और ट्रक्टर को किस्त चुकाने लायक काम न मिलना।अब इस तरह की दिक्कतों से छोटे किसान बच सकेंगे। उन्हें बेहद बाजिव कीमत पर डीजल के बगैर चलने वाले इंजन विहीन ट्रक्टर मिल सकेंगे। किसानों के इस सपने को साकार किया है देश शीर्ष ट्रक्टर कंपनी सोनालिका ने। इस कंपनी का नये मॉडल वाला छोटा ट्रक्टर 5.99 लाख रुपए की शुरूआती कीमत पर मिल सकेगा। जीहां यह ट्रक्टर बैट्री से चलेगा। यह देश का पहला ऐसा ट्रक्टर होगा जिसकी बैट्री एक बार चार्ज होने पर समान शक्ति से आठ घंटे तक अनवरत काम करेगी। आने वाला कल इलेक्ट्रिक का बढ़ते प्रदूषण को कम करने के लिए ईवाहनों का चलन तेज हुआ है। एक दशक या थोड़ा ज्यादा वख्त निकलते निकलते हम सभी देखेंगे कि डीजन इंजन का दौर गया। ईरिक्शा, ई बाइक, सीएनजी वाहनों की कड़ी में अब ई ट्रैक्टर भी आ गया है। सोनालिका कंपनी ने छोटे किसानों के लिए डीजल ट्रैक्टर के मुकाबले एक चौथाई खर्चे में खेती के सभी काम निपटाने वाला ट्रक्टर लांच कर दिया है। नए साल के मौके पर टाईगर नामक ट्रक्टर के इस मॉडल को लांच कर दिया है। जल्द ही यह देश में सभी जगहों पर मिलने लगेगा। कंपनी ने दाबा किया है कि ट्रैक्टर में विदेशी तकनीक पर आधारित देशी बैट्री पांच साल में भी खराब नहीं होगी। सोनालिका टाईगर की खूबियां भारत का पहला इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर होन के साथ अत्याधुनिक आईपी 67 अनुरूप 25.5 केडब्ल्यू, पानी भरने के झंझट से मुक्त बैट्री, अधिकतम 10 घण्टे में चार्ज हो जाती है। घर के किसी भी सामान्य प्वाइंट पर चार्ज किया जा सकता है। इसके अलावा जल्दी चार्ज करने के लिए हाईस्पीड चार्जर से चार घंटे में चार्ज किया जा सकता है। इस ट्रैक्टर की बुकिंग शुरू हो चुकी हैं। सोनालिका बना वैश्विक ब्रांड विश्व के करीब 130 देशों में सोनालिका के ट्रैक्टर पसंद किए जाते हैं। कंपनी के हालिया टाईगर ब्रांड इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर का डिजाइन यूरोप में तैयार किया गया और इसका निर्माण भारत में किया गया। आवज एवं इंजन विहीन इस ट्रक्टर के आने से पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी काम आगे बढ़ सकेगा। इंजन न होने के कारण इसका मेंटीनेंश भी आसान है। ज्यादा कलपुर्जे न होन से कंपन व आजाव करने का भी किसी तरह का झंझट नहीं। प्रारंभ में इसके चलने का भी हार्न न बजने तक पता नहीं चलता। यह तकरीबन 25 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से 20 कुंतल माल से लदी ट्राली को लेकर आठ घंटे तक कार्य कर सकता है। नए साल में वाहन होंगे महंगे साल के जाते जाते सेल बढ़ाने को कंपनियों ने जम कर किया प्रचार कोरोना की कसक आम से लेकर खास आदमी को ताउम्र कसकाएगी। बड़ी बड़ी कंपनियां भी इस दौर में हिचकोले ले गईं। कोरोनाकाल के लिए यादगार साल जा रह है। इसके जाते जाते कंपनियां अपने नुकसान को पूरा करने की जुगत में है। अगली साल के पहले दिन से ट्रैक्टर, बाइक, गाडियां सब पर महंगाई आने वाली है। इसकी घोषणा ज्यादातर कंपनियों ने कर दी है। इसका असर भी बाजार पर वाहनों की सेल बढ़ने के रूप में दिख रहा है। यूंतो वाहन निर्माता कंपनियों ने काफी कसक त्योहारी सीजन में निकाल ली लेकिन बाकी की काफी हद तक पूर्ति वह साल के जाते जाते कर लेंगी। महेन्द्रा एण्ड महेन्द्रा ने ट्रैक्टरों की कीमतों में इजाफे का जिक्र किया है। लागत में बढ़ोत्तरी के असर को कम करने के लिए कंपनियों को ऐसा करना पड़ रहा है। हीरो बाइक के विभिन्न मॉडल्स की कीमतें भी बढ़ने की खबर है। कंपनी के डीलर साल के जाते जाते ग्राहकों को लुभाने के लिए आफर की जानकारी कालिंग के माध्यम से दे रहे हैं। विभिन्न ट्रैक्टर निर्माता कंपनी एवं विणिज्यिक वाहन निर्माता कंपनी पूर्व में भी वाहनों की कीमतों में इजाफे का जिक्र कर चुकी हैं। टाटा मोटर्स,रेनो, मारुति सुजुकी, बीएमडब्ल्यू, फोर्ड आदि कंपनियों ने भी लागत में इजाफे के अनुरूप दो से तीन प्रतिशत तक कीमतों में इजाफे का इनपुट दिया है।