नई दिल्ली। भारतीय बाजार में पिपरमिंट की मांग लगातार बढ़ रही है, किसान बदलते समय के साथ पारंपरिक फसलों के साथ-साथ आधुनिक खेती करने का तरीका भी खूब सीख रहे हैं, और नए नए प्रयोग करके फसलों, फलों व सब्जियों की खेती करके अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं। आप भी पिपरमिंट (Peppermint; वैज्ञानिक नाम - मेंथा-पिपरिता; Mentha piperita Linn; मेंथा; Mentha)की खेती करके भी लाखों रुपए कमाना चाहते हैं, तो पढ़िए कैसे करते हैं पिपरमेंट की खेती। पिपरमेंट या पिपरमिंट बेहतरीन पौधों में से एक है, जिसकी पैदावार करके अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है।
पिपरमिंट को देसी भाषा मे मेंथा या पिपरमेंट भी कहा जाता है, यह क्रैश क्रॉप फसलों की श्रेणी में आती है। पिपरमिंट का पौधा दिखने में पुदीना जैसा दिखाई देता है। जनवरी से फरवरी महीने के बीच पिपरमेंट की खेती करने का सबसे अच्छा समय है, क्योंकि इन दिनों की जलवायु पिपरमिंट के लिए काफी बेहतर होती है।
पिपरमिंट की खेती के लिए बलुई दोमट अथवा मटियारी दोमट मिट्टी होनी चाहिए, खेत को समतल करके अच्छे से जुताई करें। इसके बाद मिट्टी में 20 से 25 टन देसी गोबर से बनी खाद डाल दें, इससे मिट्टी अच्छी तरह नम और उपजाऊ बन जाये। ततपश्चात तैयार खेत मे पिपरमिंट के पौधों की रोपाई की जाएगी, पौध लगाने के तुरंत बाद खेत मे हल्के पानी के साथ सिंचाई करनी चाहिए।
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पिपरमिंट की खेती के लिए खेत को इस तरह तैयार करें कि उस खेत में जलभराव नहीं होना चाहिए। खेत में जलनिकासी की व्यवस्था पहले ही कर लें।
पिपरमिंट की खेती के लिए समतल जगह होनी चाहिए, पहाड़ी अथवा जंगली जमीन पर पिपरमिंट की खेती नहीं हो सकती है। अधिक ठंड वाले स्थानों पर भी पिपरमिंट की खेती करना संभव नहीं है। जहां बर्फ या पाला पड़ता है, ऐसे स्थानों पर पिपरमिंट का पौधा विकास नहीं कर पाता है। हालांकि कुछ ठंड के इलाकों में मार्च महीने में पिपरमिंट की पौध लगाई जा सकती है।
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पिपरमिंट की फसल की केवल 40 से 50 दिन में ही कटाई शुरू हो जाती है, दूसरी कटाई 60 से 70 दिन के बीच हो जानी चाहिए। इस तरह कुल 100 दिन के अंदर पिपरमिंट की फसल का पूरा उत्पादन मिल जाता है।
पिपरमिंट की खेती करना का सबसे बड़ा फायदा यह है कि बाज़ार में इस पौधे से निकलने वाले तेल की मांग बहुत ज्यादा है, जिसकी वजह से यह पौधा और भी कीमती हो जाता है। अगर आप 1 बीघा जमीन में पिपरमिंट की खेती करते हैं, तो उसके पौधों से लगभग 20 से 25 लीटर या उससे ज्यादा तेल निकल सकता है।
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भारतीय बाज़ार में एक लीटर पिपरमिंट तेल की कीमत लगभग 2 हजार से 3 हजार रुपए के बीच है, ऐसे में किसान 20 से 25 लीटर तेल बेचकर अच्छा खासा मुनाफा कमा सकते हैं। पिपरमिंट की खेती से लेकर उसकी पेराई तक, प्रति लीटर पिपरमिंट आयल के उत्पादन पर लगभग 500 रुपए लागत आती है, जबकि मार्केट में पिपरमिंट तेल की कीमत लागत से दोगुना है।
पिपरमिंट तेल (peppermint oil) का इस्तेमाल एक दर्द निवारक के रूप में किया जाता है, जो कई औषधीय गुणों से भरपूर होता है। इस तेल में मेन्थोन, मेंथाल और मिथाइल जैसे एसीटेट पाए जाते हैं, जो सिर दर्द, कमर दर्द समेत घुटनों के दर्द और सांस सम्बंधी समस्याओं को दूर करने मददगार साबित होते हैं। इसके अतिरिक्त पिपरमिंट ऑयल का इस्तेमाल ब्यूटी प्रोडक्ट्स तैयार करने के लिए भी किया जाता है, जिससे कई प्रकार की क्रीम और साबुन इत्यादि तैयार किए जाते हैं। पिपरमिंट ऑयल की खुशबू बहुत अच्छी होती है, इसलिए इसका इस्तेमाल पेय पदार्थ, पर्फ्यूम और पान मसाला बनाने के लिए भी किया जाता है। यही कारण हैं कि भारतीय बाज़ार में पिपरमिंट ऑयल की मांग तेजी से बढ़ रही है, जिसकी वजह से किसान इस पौधे की खेती करने में रूचि ले रहे हैं। पिपरमिंट की फसल को दो बार काटकर उससे तेल निकाला जा सकता है, जिससे किसानों को अच्छा खासा मुनाफा हो जाता है।