Published on: 29-Dec-2023
सरकार की तरफ से किसानों के हित में बहुत सारे कार्य किए जा रहे हैं। अब ऐसी स्थिति में किसानों की आमदनी को बढ़ाने के लिए सरकार ने एक बेहद महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। कृषकों तथा कृषि उपज मंडी से संबंधित कारोबारियों को एक शानदार तोहफा देते हुए यूपी की योगी सरकार ने उपज मंडी कानून में संशोधन करने का निर्णय लिया है। कृषि विभाग के इस प्रस्ताव को उत्तर प्रदेश कैबिनेट द्वारा मंजूरी भी प्रदान कर दी गई है। अब इससे प्रदेश के किसानों को दूसरे राज्यों के व्यापारियों को अपनी पैदावार बेचने का अवसर मिल सकेगा। साथ ही, प्रदेश के व्यापारी भी दूसरे राज्य के कृषकों से कृषि उत्पाद खरीद पाऐंगे।
राज्य के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने मंत्रिमंडल की बैठक के पश्चात कहा कि अब तक जो किसान प्रदेश से बाहर अपने उत्पादों की बिक्री नहीं कर सकते थे। उनको अनुमति देने के लिए और मुख्य रूप से उनकी आमदनी को बढ़ाने के लिए मंडी उत्पादन 28वां संशोधन नियमावली 2023 को अमल में लाने से जुड़ा प्रस्ताव आया था। इस पर योगी कैबिनेट की तरफ से मुहर लगा दी गयी है। सरकार के इस फैसले से प्रदेश के किसान अपना कृषि उत्पाद राज्य के बाहर बाकी दूसरे राज्यों में भी आसानी से बेच सकते हैं। वहीं, अन्य राज्यों के कृषक भी अपने उत्पाद उत्तर प्रदेश में बेच पाएंगे।
किसानों को इस संसोधन से लाभ मिलेगा ?
आपकी जानकारी के लिए बतादें, कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में यूपी कृषि उत्पादन मंडी (28 वां संशोधन) नियमावली 2023 में संशोधन करने के प्रस्ताव पर कैबिनेट ने मुहर लगा दी है। इसके जरिए से कृषि उत्पादन की खरीद फरोख्त के लिए अब नए सिरे से लाइसेंस जारी किया जाएगा। उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने मंत्रिमंडल की बैठक के पश्चात संवाददाताओं को बताया है, कि फिलहाल प्रदेश के किसान राज्य से बाहर अपना उत्पाद उस राज्य में बिक्रय कर सकेंगे जहां उन्हें समुचित भाव प्राप्त हो रहे होंगे और बाहर के किसान भी अपनी उपज यूपी में बेच सकेंगे। उन्होंने बताया कि किसानों को उपज का बेहतर दाम मिल सके, इसके लिए मंडी कानून में संशोधन करने से ज्यादा विकल्प मिल सकेंगे।
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इस संसोधन से उपभोक्ताओं को क्या लाभ होगा ?
वित्त मंत्री खन्ना का कहना है, कि "इससे कृषि उपज मंडी के बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी। इससे न केवल किसानों को लाभ मिलेगा, बल्कि बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ने से राज्य के उपभोक्ताओं को भी लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि सरकार के इस फैसले से उत्तर प्रदेश में कृषि उत्पादों के लिए राष्ट्रीय स्तर पर बाजार उपलब्ध कराया जा सकेगा। दूसरे राज्यों के व्यापारियों को उत्तर प्रदेश के किसानों की उपज खरीदने एवं प्रदेश के व्यापारियों को बाहर के राज्यों के किसानों की उपज खरीदने के लिए लाइसेंस जारी किया जाएगा।"
नवीन जैविक मंडियां इन जनपदों में निर्मित की जाऐंगी
आज के समय की बात करें, तो गाजीपुर, हरदोई, कासगंज, कौशाम्बी, शाहजहांपुर, उन्नाव, बलिया, बिजनौर, बदायूं, बुलंदशहर, फर्रुखाबाद जिलों में जैविक ढ़ंग से तिल, अरहर, धान,
मक्का, गन्ना,
बासमती धान, बाजरा व शकरकंद के अतिरिक्त सब्जियों और फल का उत्पादन किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त, राज्य के पांच जनपद ऐसे हैं, जहां पहले से ही बड़े पैमाने पर जैविक पद्धति से खेती होती है। इनके अंतर्गत अलीगढ़, कानपुर नगर, कानपुर देहात, मुजफ्फनगर और फतेहपुर में नियमित रूप से जैविक खेती होती है। बतादें, कि जैविक मंडियों की इन्हीं जनपदों में सरकार स्थापना कराएगी।