खेती में लगातार पानी का उपयोग करने से भूमिगत जल का स्तर निरंतर गिरता जा रहा है, जो खेती-किसानी पर सीधा असर डालता है।
सिंचाई की समस्या को हल करने के लिए राज्य और केंद्र सरकार ने कई योजनाएं बनाई हैं। गिरते भू-जल स्तर के कारण जल का सर्वेक्षण और अधिकतम उपयोग करने के लिए "पर ड्रॉप मोर क्रॉप" और अदर इन्टरवेशन योजना का निर्माण किया जा रहा है।
राजस्थान सरकार की योजना के तहत राज्य के किसानों को कच्चे और प्लास्टिक लाइनिंग फार्म पौण्ड (खेत-तलाई) बनाने में भारी सब्सिडी दी जा रही है। राज्य के किसान योजना का लाभ लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
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राजस्थान के कृषि आयुक्त कन्हैया लाल स्वामी ने बताया कि योजना के तहत 1200 घन मीटर पर अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और सीमान्त किसानों को इकाई लागत का 70 प्रतिशत या अधिकतम 73,500 रूपये कच्चे फार्म पौंड पर, 90 प्रतिशत या 1 लाख 35 हजार रूपये प्लास्टिक लाईनिंग फार्म पौंड पर, और अन्य श्रेणी के किसानों को लागत का 60 प्रतिशत या अधिकतम 63 अनुदान केवल 400 घन मीटर की खेत तलाई (Farm Pond) पर दिया जाएगा।
कृषि आयुक्त ने कहा कि किसान अनुदान के पात्र होंगे यदि उनके पास एक ही स्थान पर स्वयं के नाम पर कम से कम 0.3 हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि है, साथ ही संयुक्त खातेदारी की स्थिति में भी 0.3 हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि है।
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अनुदान के लिए कृषक को जमाबंदी की एक प्रति छह महीने से अधिक पुरानी नहीं होनी चाहिए और राजस्व विभाग द्वारा जारी किए गए खसरे का नक्शा भी देना चाहिए।
फॉर्म पौंड में आवेदन पूरी तरह से ऑनलाइन है। जिसमें किसान राज किसान साथी पोर्टल पर जन आधार या ई-मित्र पर जाकर आवेदन कर सकते हैं।
योजना का लाभ उठाने के लिए किसान के पास आधार कार्ड, जन आधार कार्ड, तारबंदी किया गया खेत का नक्शा और जमाबंदी छह महीने से अधिक नहीं होनी चाहिए।