Published on: 28-Jul-2023
अगर आप भी आने वाले महीने यानी की अगस्त माह में अपनी फसल व पशुओं से अच्छा लाभ चाहते हैं, तो यह कार्य जरूर करें। किसानों को फसल से अच्छा मुनाफा पाने के लिए खेत पर सीजन के अनुसार ही फसलों की रोपाई करनी चाहिए। जिससे कि वह समय पर अच्छा लाभ और साथ ही अच्छी उत्पादन बढ़ा सके। इसी कड़ी में आज के इस लेख में हम आपके लिए अगस्त माह के कृषि कार्य की संपूर्ण जानकारी लेकर आए हैं। तो आइए इनके बारे में जानते हैं, सबसे पहले अगस्त माह की फसलों के विषय में जानने का प्रयास हैं।
अगस्त महीने में खेती किसानी से जुड़े संबंधित कार्य
धान, सोयाबीन, मूँगफली और सूरजमुखी से जुड़े कार्य
धान इस वक्त धान की रोपाई पर विशेष ध्यान देना चाहिए, जिससे कि आप इससे अच्छी पैदावार ले सको। सोयाबीन की फसल अगस्त माह में किसानों को अपनी
सोयाबीन की फसल बुआई पर सबसे अधिक ध्यान रखने की आवश्यकता है। साथ ही, इनके रोग पर नियंत्रण करने के लिए कदम उठाने चाहिए। इसके लिए आप डाईमेथोएट 30 ई.सी. की एक लीटर मात्रा 700-800 लीटर पानी में घोल कर प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव करें। मूंगफली की बात की जाए तो इस माह में मूंगफली के खेत में मिट्टी चढ़ा देनी चाहिए। सूरजमुखी की ओर ध्यान दें तो अगस्त माह में किसानों को खेत में सूरजमुखी के पौधे लाइन से लगाने चाहिए। ध्यान रहे कि पौधों का फासला कम से कम 20 सेमी तक कर होनी चाहिए।
बाजरा, गोभी, बैगन, कद्दू और अगेती गाजर से जुड़े कार्य
बाजरा की बात की जाए तो इस दौरान बाजरे के कमजोर पौधों को खेत से निकालकर फैंक देना चाहिए। पौधों से पौधों की दूरी 10-15 सेंमी तक होनी चाहिए। अरहर के लिए अगस्त में अरहर फसल के खेत में निराई-गुड़ाई करके आपको खरपतवार को निकाल देना है। बतादें, कि रोग निवारण के उपायों को अपनाना चाहिए। गोभी की बात की जाए तो इस महीने में गोभी की नर्सरी की तैयार करनी चाहिए। अगस्त में अगेती
गाजर की बुवाई चालू कर देनी चाहिए। कद्दू की बात करें तो इस समय आपको मचान बनाकर सब्जियों पर बेल चढ़ा देनी चाहिए। बैंगन की सब्जी में इस समय बीज उपचारित करके फोमोप्सिस अंगमारी तथा फल विगलन की रोकथाम करें।
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आम और नींबू से संबंधित कार्य
आम की बात करें तो अगस्त महीने में आपको आम के पौधों में लाल रतुआ एवं श्यामवर्ण (एन्थ्रोक्नोज ) की बीमारी पर कॉपर ऑक्सिक्लोराइड (0.3 प्रतिशत ) दवा का छिड़काव करना चाहिए। नींबू के लिए अगस्त महीने में नींबू में रस चूसने वाले कीड़े आने पर मेलाथियान (2 मिली/ लीटर पानी) का छिड़काव अवश्य करें। किसान भाई हमेशा पारंपरिक खेती करके किसान ज्यादा मुनाफा नहीं उठा सकते हैं।
अगस्त माह के दौरान पशुपालन से संबंधित में कार्य
अगस्त माह में
पशुपालन से संबंधित बात करें तो इस महीने में पशुओं को सबसे ज्यादा मौसम से जुड़ी बीमारी का खतरा होता है। क्योंकि, अगस्त माह में भारत के विभिन्न राज्यों में बारिश का सिलसिला सुचारु रहता है। इससे बचने के लिए पशुपालक भाइयों को विभिन्न प्रकार के अहम कदम अवश्य उठाने चाहिए। इसके अतिरिक्त सुनील ने यह भी कहा है, कि पशुओं में छोटा रोग भी होने पर उसका अतिशीघ्र उपचार करें, जिससे कि वह फैल कर बड़ा रूप ना ले पाए।