लंपी वायरस क्या होता है और इसके लक्षण एवं बचाव क्या हैं?

Published on: 13-Dec-2024
Updated on: 13-Dec-2024
Close-up of a cow suffering from a skin disease, showcasing visible lesions on its skin, emphasizing the importance of animal health care and disease management in livestock
पशुपालन पशुपालन गाय-भैंस पालन

कोरोना वायरस महामारी के बीच एक और वायरस ने दस्तक दी थी। इस वायरस की चपेट में आने से अब तक हजारों मवेशी काल के गाल में समा गए।

सरकारी रिपोर्ट की मानें तो 50 हजार से अधिक गायों और भैंसों की मौत हो चुकी हैं। वहीं, लाखों की संख्या में मवेशी लंपी वायरस की चपेट में हैं।

ऐसे में आज हम लेख में आपको इस रोग से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करेंगे।

खासकर, राजस्थान में लंपी वायरस का कहर अधिक देखने को मिल रहा है। सरकार की तरफ से सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।

जानकारों की मानें तो अब तक लंपी वायरस का एंटीडोज तैयार नहीं हुआ है। इस वजह से बड़ी संख्या में मवेशियों की मौत हुई है। इससे पहले साल 2019 में लंपी वायरस का कहर भारत में देखने को मिला था।

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लंपी वायरस क्या होता है?

लंपी स्किन डिजीज को ‘गांठदार त्वचा रोग वायरस’ भी कहा जाता है। वहीं, शार्ट में LSDV कहा जाता है। यह एक संक्रामक बीमारी है, जो एक पशु से दूसरे पशु को होती है।

आसान शब्दों में कहें तो संक्रमित पशु के संपर्क में आने से दूसरा पशु भी बीमार हो सकता है।

यह बीमारी Capri Poxvirus नामक वायरस के चलते होती है। इस वायरस का संबंध गोट फॉक्स और शीप पॉक्स वायरस के फैमिली से है।

जानकारों की मानें तो मच्छर के काटने और खून चूसने वाले कीड़ों के जरिए यह बीमारी मवेशियों को होती है।

लंपी स्कीन डिजीज के क्या लक्षण हैं?

  • शरीर पर दाने निकलना
  • दूध कम देना
  • भूख न लगाना
  • संक्रमित पशु को बुखार आना
  • पशुओं के वजन में कमी
  • आंखों से पानी टपकना
  • लार बहना

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लंपी स्किन डिजीज से कैसे बचाव करें?

  • संक्रमित पशु को अलग रखें।
  • तबेले की साफ सफाई रखें।
  • मच्छरों को भगाने के लिए स्प्रे करें।
  • संक्रमित पशु को गोट पॉक्स वैक्सीन लगवाएं।
  • पशुओं को चिकित्सक की सलाह पर दवा दे सकते हैं।