तीखुर एक औषधीय पौधा हैं इसका उपयोग कई रोगो के उपचार के लिए किया जाता हैं। तीखुर का वानस्पतिक नाम कर्कुमा अंगस्टिफोलिया (Curcuma angustifolia) है।
इसे संस्कृत में ट्वाक्सिरा और हिंदी में तीखुर कहा जाता है। यह हल्दी की तरह दिखने वाला औषधीय पौधा है, जिसे सफेद हल्दी भी कहते हैं।
इसके कंदों से कपूर जैसी खुशबू आती है, जिससे इसे जंगलों में पहचानना आसान होता है।
तीखुर एक बिना तने वाला कंदीय पौधा है। इसकी जड़ें मांसल और सिरों पर हल्के भूरे रंग के कंदों से युक्त होती हैं।
इसकी भालाकार पत्तियां 30-40 सेंटीमीटर लंबी और नुकीली होती हैं। इसके पीले फूल गुलाबी सहपत्रों से घिरे होते हैं।
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तीखुर मुख्य रूप से मध्य भारत, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, और हिमालयी क्षेत्रों में उगाया जाता है। इसे रेतीली दोमट मिट्टी और 25-35°C तापमान की आवश्यकता होती है।
अक्टूबर-नवंबर में इसकी पत्तियां सूखने लगती हैं, जबकि अप्रैल-मई में इसका पौधा पहचानना मुश्किल हो जाता है।
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