Published on: 24-Sep-2023
आपकी जानकारी के लिए बतादें कि कृषि विभाग के उपनिदेशक विनय कुमार यादव के अनुसार ब्लूकॉन की नर्सरी नवंबर महीने में तैयार की जाती है। साथ ही, रोपाई करने के तीन माह के पश्चात पौधों पर फूल आने लगते हैं। ब्लूकॉन के फूल से आयुर्वेदिक औषधियां निर्मित की जाती हैं। यही कारण है, कि ब्लूकॉन के फूल को दवा कंपनियां हाथों-हाथ खरीद लेती हैं।
बुंदेलखंड का नाम कान में पड़ते ही लोगों के दिमाग में सबसे पहले सूखाग्रस्त क्षेत्रों की तस्वीर उभरकर सामने आती है। क्योंकि बुदेलखंड क्षेत्रों में पानी की काफी ज्यादा परेशानी है। बारिश भी उत्तर प्रदेश के बाकी जिलों की अपेक्षा यहां पर बेहद कम होती है। ऐसी स्थिति में यहां के किसान अधिकांश मक्का एवं बाजरा जैसे मोटे अनाज की ही खेती करते हैं। इससे किसानों की काफी कम आमदनी होती है। परंतु, अब यहां के किसान भी अन्य दूसरे राज्यों के किसानों की भांति ही आधुनिक फसलों की खेती कर रहे हैं। यहां के कृषक अब बागवानी में जरूरत से कुछ ज्यादा ही रूचि ले रहे हैं। इससे किसान भाइयों की आमदनी बढ़ गई है।
बुंदेलखंड के किसान कर रहे ब्लूकॉन फूल की खेती
आपकी जानकारी के लिए बतादें, कि बुदेलखंड इलाकों के कृषक अब ब्लूकॉन
फूल की खेती कर रहे हैं। यह एक प्रकार का विदेशी फूल होता है। इसकी खेती केवल जर्मनी में की जाती है। परंतु, अब बुंदेलखंड इलाकों में भी कृषकों ने ब्लूकॉन की खेती चालू कर दी है। इस फूल की सबसे बड़ी विशेषता यह है, कि इसे सिंचाई की बहुत कम जरूरत पड़ती है। मतलब कि इसे सूखाग्रस्त क्षेत्र में भी उगाया जा सकता है। यही कारण है, कि जर्मनी के सूखाग्रस्त क्षेत्रों में ब्लूकॉन को उगाया जाता है।
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ब्लूकॉन के फूल बेचकर 9 लाख रुपये तक की आय कर सकते हैं
विशेष बात यह है, कि यदि आप एक बीघे में इसकी खेती करते हैं, तो आप प्रतिदिन 15 किलो तक आसानी से फूल तोड़ सकते हैं। मतलब कि आप एक बीघे भूमि से प्रतिदिन 30 हजार रुपये की आमदनी कर सकते हैं। इस प्रकार किसान भाई फूल बेचकर प्रति माह 9 लाख रुपये कमा सकते हैं।
ब्लूकॉन का फूल 2000 रुपए प्रति किलो मिलता है
दरअसल, फिलहाल बुंदेलखंड और झांसी में भी इसकी खेती को प्रोत्साहन देने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार प्रयास कर रही है। विशेषज्ञों की मानें तो यहां की जलवायु ब्लूकॉन
फूल की खेती के लिए अनुकूल है। साथ ही, कृषि विभाग इन फूलों की नर्सरी तैयार कर रहा है। सरकार किसानों को इसकी खेती करने के लिए वितरित कर रही है। बाजार के अंदर ब्लूकॉन का फूल 2000 रुपए प्रति किलो मिलता है।