बुंदेलखंड एक ऐसी जगह है जिसका आप कहीं भी नाम पढ़ते हैं तो आपके जहन में एक तस्वीर उभर आती है. और यह तस्वीर खूबसूरत नहीं होती है क्योंकि बुंदेलखंड का नाम सुनते ही पानी की किल्लत से भरी हुई जगह और फटे हाल किसानों की तस्वीरें नजर के सामने आने लगती हैं. लेकिन आपको बता दें कि यह बातें बेहद पुरानी हो गई है और अब बुंदेलखंड के किसानों के भाग बदलने वाले हैं क्योंकि अब यहां के किसानों ने मोटे अनाज से तरह-तरह के फूड आइटम बनाने और उन्हें बेचने का फैसला लिया है. साथ ही सरकार की तरफ से भी इस कदम को प्रोत्साहित किया जाएगा. मीडिया से आ रही रिपोर्ट के अनुसार बुंदेलखंड के किसान अब सिर्फ मोटे अनाज की खेती पर ही निर्भर नहीं रहेंगे बल्कि उस अनाज की प्रोसेसिंग कर उससे ब्रेड, नूडल, और नान खटाई जैसी चीजें बनाकर देश भर में बिक्री करेंगे जिससे न सिर्फ उनकी इनकम बढ़ेगी बल्कि लोगों को भी पोष्टिक भोजन कम कीमत पर मिलना शुरू होगा. इसके सेवन से इंसान तंदरुस्त और निरोग रहता है. सभी मोटे अनाजों पर विश्वविद्यालय में अभी शोध चल रहा है और उसके बाद ही इस पर आगे की प्रोसेसिंग शुरू की जाएगी. हम सभी जानते हैं कि लगभग 40 से 50 साल पहले हमारे पूर्वज मोटे अनाजों की बढ़-चढ़कर खेती करते थे और उन्हें दिनचर्या में इस्तेमाल भी किया जाता था लेकिन जैसे ही हरित क्रांति आई इन सभी मोटे अनाजों की जगह है और चावल जैसी फसलों ने ले ली. एक समय ऐसा आ गया कि लोगों की थाली से यह मोटा अनाज पूरी तरह से गायब ही हो गया और लोगों ने इसे पूरी तरह से काम बंद कर दिया था. लेकिन एक बार फिर से लोगों को मोटे अनाज में मिलने वाले वाइट अमीन और पोषक तत्वों के बारे में जानकारी मिलनी शुरू हो गई है और उन्हें यह भी पता चल गया है कि इसके सेवन से व्यक्ति तंदुरुस्त और निरोगी रहता है. इसीलिए एक बार फिर से मोटे अनाज की तरफ लोगों का रुझान आया है