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बागवानी के साथ-साथ फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाकर हर किसान कर सकता है अपनी कमाई दोगुनी

Published on: 14-Jan-2023

आजकल पारंपरिक तरीकों से खेती करते हुए किसान मुनाफा तो कमाते हैं। लेकिन अगर वह ज्यादा आमदनी कमाना चाहते हैं, तो केवल पारंपरिक तरीके की खेती करना इसका हल नहीं है। सरकार और सभी तरह के कृषि वैज्ञानिक लगातार इस चीज के पीछे प्रयासरत रहते हैं, कि किसान किसी ना किसी तरह से खेती के साथ-साथ कुछ अन्य चीजें जोड़कर अपनी आमदनी को बढ़ा सकें। इन सबके बीच ही सरकार की तरफ से किसानों को खेती के साथ-साथ बाकी मल्टीटास्किंग (Multitasking) काम करने की सलाह दी जाती है। ताकि उनकी आय में बढ़ोतरी हो सके। इसके लिए फूड प्रोसेसिंग यूनिट (Food Processing Unit) को बढ़ावा दिया जा रहा है, क्योंकि ज्यादा वैल्यू एडीशन उत्पादन की प्रोसेसिंग और डायरेक्ट मार्केटिंग में है। इसी आधार पर राज्य सरकारें अब किसानों को फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाने में भी भरपूर मदद दे रही है। ये भी देखें: भारत में 2 बिलियन डॉलर इन्वेस्ट करेगा UAE, जानिये इंटीग्रेटेड फूड पार्क के बारे में हरियाणा सरकार की तरफ से ऐसी ही एक पहल की गई है और बागवानी विभाग किसानों की इस मुद्दे में मदद कर रहा है। किसान सुभाष सिंह भी बागवानी विभाग की सहायता से फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाने वाले किसानों में शामिल हैं।

सुभाष सिंह को बागवानी विभाग से मिला सहयोग

हरियाणा के एक सामान्य से किसान सुभाष सिंह ने अपने ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी करने के बाद फैसला लिया कि वह खेतीबाड़ी से जुड़कर ही अपनी आमदनी कम आने वाले हैं। पहले से ही उनके पिता फलों की बागवानी करते आ रहे थे और उन्होंने भी इसी क्षेत्र में अपना हुनर आजमाने की कोशिश की है। अपने पिता के फलों की बागवानी को काम को आगे बढ़ते हुए फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाई। साल 2003 में यह बिजनेस लगाने के बाद काफी समस्याएं आईं। लेकिन इस काम में बागवानी विभाग का सहयोग मिला और किसान सुभाष ने अपने बिजनेस को बेहतर बनाने के लिए लोन लिया। इस प्रोसेस में बागवानी विभाग ने भी 25 प्रतिशत सब्सिडी का लाभ दिया।

मार्केटिंग के लिए बनाए खुद के स्टोर

आज के समय में सुभाष सिंह फलों की बागवानी तो कर ही रहे हैं, इसके साथ-साथ वह फूड प्रोसेसिंग का बिजनेस भी अच्छी तरह से कर रहे हैं। इनकी इस फूड प्रोसेसिंग यूनिट में 40 से 50 तरह के उत्पाद बनाए जाते हैं। साथ ही, गांव के करीब 20 से 25 लोगों को प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रोजगार भी मिल रहा है। इन प्रोडक्ट्स की मार्केटिंग के लिए सुभाष जी ने अपने 3 स्टोर भी बनाए हैं। इसके अलावा, खादी-ग्राम उद्योग विभाग को भी कुछ प्रोडक्ट्स (Product) दिए जाते हैं। अपने अनुभव से सुभाष सिंह किसानों को यह बताना चाहते हैं, कि किसान अगर अपनी उपज का अच्छा दाम हासिल करना चाहते हैं। तो उन्हें अपने किसानी के व्यवसाय के साथ-साथ कुछ ना कुछ वैल्यू एडिशन जरूर करना होगा। खेती के साथ-साथ फूड प्रोसेसिंग का बिजनेस बेहद आसानी से हो जाता है और यह बहुत फायदा भी देता है। ये किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने में भी मददगार है।

किस योजना के तहत मिलेगा लाभ

देश में उद्यमिता (Entrepreneurship) को बढ़ावा दिया जा रहा है। इस बीच किसानों को भी खेती के साथ-साथ एग्री बिजनेस से जोड़ा जा रहा है, ताकि किसान आत्मनिर्भर बन सकें, अपनी उपज को बेहतर दाम पर बेचकर अपनी आय बढ़ा सकें। इसके लिए केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना भी चलाई है। जिसके तहत फूड प्रोसेसिंग से जुड़ी हुई सभी तरह की जरूरतें जैसे खाद्य उत्पादों के प्रसंस्करण यानी फल, सब्जी, मसाले, फूल और अनाजों की प्रोसेसिंग, वेयर हाउस और कोल्ड स्टोरेज आदि स्थापित करने के लिए 35 फीसदी तक अनुदान दिया जाता है। सरकार ने इस योजना की पात्रता के लिए अलग-अलग तरह के नियम बनाएं हैं। अगर आप इन सभी नियम के अनुसार योग्य हैं तो आपको सरकार की तरफ से 10 लाख की आर्थिक मदद मिल सकती है। इस काम के लिए नाबार्ड और अन्य वित्तीय संस्थाएं भी सस्ती दरों पर लोन की सुविधा देती हैं।

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