आजकल फल और सब्जियों को लेकर भी देश में काफी ज्यादा शोध होने लगे हैं। देश भर के वैज्ञानिक प्रयास में लगे हुए हैं, कि वह कुछ उन्नत किस्म के फल और सब्जियों की नस्ल खोज सकें।
हमेशा ऐसी किस्म बनाने की कोशिश रहती है, जिसमें पानी की आवश्यकता कम हो। लागत कम लगे और उत्पादन अधिक हो जाए। इनका लाभ भी किसानों को मिलता है।
लंबे प्रयास के बाद वैज्ञानिकों द्वारा बैंगन की एक ऐसी प्रजाति विकसित की गई है। जिससे किसानों का मुनाफा काफी ज्यादा बढ़ जाएगा और किसान के लिए लाभकारी साबित होंगी।
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इस तकनीक की मदद लेकर ही बैंगन की नई प्रजाति जनक और बीएसएस- 793 की बीटी किस्मों को विकसित किया गया है। इस प्रजाति में बीटी जीन, क्राय 1 एफए 1 जीन का प्रयोग किया है।
इसे आईएआरआई ने पेंटेंट भी कराया है। माना जा रहा है, कि इस तकनीक का इस्तेमाल कर बनी किस्म से गुणवत्ता की सब्जी तो होगी ही। साथ ही, उपज में बढ़ोतरी भी हो सकेगी।
इस तकनीक को इस तरह से इस्तेमाल किया जाता है, कि शूट और फ्रूट बोरर ल्यूसिनोड्स ऑर्बोनालिस जैसे कीटों का इस पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। इन किस्मों की अच्छी बात यह है, कि बीजों का नुकसान प्रतिशत बहुत कम है।
उदाहरण के लिए माना जा रहा है, कि अगर आप किसी भी फल या सब्जी के 100 बीज लेते हैं। तो उनमें से 97 बीज जरूर अच्छी तरह से उग जाते हैं।
इसके लिए यह भी देखना होगा कि कितने बीज की जरूरत पड़ेगी। साथ ही यहां पर यह पूरा परीक्षण वैज्ञानिकों की देखरेख में ही पूरा किया जाएगा।