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इस राज्य में किसानों को जैविक खेती के लिए मिलेगा अनुदान, किसान शीघ्र आवेदन करें

Published on: 09-May-2023

आजकल किसानों की दिलचस्पी जैविक खेती की तरफ बढ़ती जा रही है। इस वजह से राजस्थान सरकार की ओर से जैविक खेती करने के लिए किसानों को अच्छा-खासा अनुदान मुहैय्या कराया जा रहा है। किसान भाई इसका फायदा उठा सकते हैं। मृदा की घटती उर्वरकता के चलते देश की खेती में फर्टिलाइजर का इस्तेमाल किया जाता है। सामान्य रूप से लोग रसायनिक उर्वरकों का उपयोग करते हैं। बाजार में इन उर्वरकों की सुगमता से उपलब्धता एक प्रमुख वजह है। इसका छिड़काव करने में भी काफी समस्या नहीं होती है। साथ ही, जैविक खेती में आर्गेनिक फर्टिलाइजर तैयार करना काफी बड़ा चुनौतीपूर्ण कार्य होता है। परंतु, जैविक खाद का मृदा और लोगों की सेहत के हिसाब से अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। यह मृदा और शरीर दोनों के टॉक्सिंस निकालने का कार्य करता है। जैविक खेती को प्रोत्साहन देने के लिए अब एक प्रदेश ने बड़ी पहल की है।

राजस्थान सरकार की तरफ से जैविक खेती पर अनुदान दिया जा रहा है

कृषकों को जैविक खेती को लेकर जागरूक किया जा रहा है। किसानों का रुख भी जैविक खेती की दिशा में बढ़ रहा है। राजस्थान सरकार भी किसानों को अनुदान प्रदान कर रही है। फिलहाल, राजस्थान सरकार ने इसको लेकर एक अहम पहल की है। राज्य सरकार की तरफ से कृषकों को जैविक खेती पर अनुदान देने का फैसला लिया गया है। ये भी पढ़े: जैविक खेती कर के किसान अपनी जमीन को स्वस्थ रख सकते है और कमा सकते हैं कम लागत में ज्यादा मुनाफा

राजस्थान सरकार कृषकों को कितना अनुदान प्रदान करेगी

राजस्थान सरकार किसानों को जैविक खेती करने पर 50 प्रतिशत तक अनुदान प्रदान किया जा रहा है। बागवानी फसलों में जैविक खेती को प्रोत्साहित करने के लिए समकुल खर्च का 50 प्रतिशत या अधिकतम 10000 रुपये प्रति हेक्टेयर ही किसान को प्रदान किए जाएंगे। यह धनराशि प्रति हेक्टेयर प्रति लाभार्थी अधिकतम 4 हेक्टेयर क्षेत्र तक तीन वर्षाे में 40 प्रतिशत, 30 प्रतिशत, 30 प्रतिशत के अनुपात के तौर पर दिया जाएगा। अगर किसान जैविक उत्पाद का प्रमाणीकरण कराना चाहता है, तो 50 हेक्टेयर क्लस्टर हेतु 5 लाख रुपये प्रदान किए जाएंगे। इसको भी 3 वर्षों में विभाजित किया गया है। पहले साल में 1.50 लाख रुपये, दूसरे में 1.50 लाख रुपये और तीसरे साल में 2 लाख रुपये का अनुदान दिया जाएगा।

योजना का फायदा लेने के लिए यह बेहद जरुरी है

किसान के पास स्वयं की न्यूनतम 1 एकड़ भूमि होनी अत्यंत आवश्यक है। इसके अतिरिक्त पशुधन, पानी और कार्बनिक पद्धार्थ में मौजूद होने चाहिए। निरंतर 3 साल तक चुने हुए खेत में जैविक विधि से फसल उत्पादन करना चाहता हो। जैविक खेती प्रमाणीकरण हेतु प्रमाणीकरण संस्था से जुड़ने की रूचि भी होनी चाहिए। समस्त फसलों का उत्पादन जैविक ढ़ंग से ही किया जाए। इसमें प्राथमिकता जैविक खेती कार्यक्रम से जुड़े कृषकों को ही दी जाएगी।

राज्य के इन जनपदों के किसान अनुदान का फायदा उठा सकते हैं

राजस्थान के विभिन्न जनपदों के किसान योजना का फायदा उठा सकते हैं। नागौर, पाली, सिरोही, सवाई माधोपुर, टोंक, उदयपुर, बारां, करौली, अजमेर, अलवर, बांसवाडा, बाडमेर, भीलवाड़ा, बूंदी, चित्तौड़गढ़, डूंगरपुर, श्रीगंगानगर, जयपुर, जैसलमेर, जालौर, झालावाड़, झुंझुंनू, जोधपुर और कोटा इन्हीं जनपदों में शामिल हैं। ये भी पढ़े: पर्वतीय क्षेत्रों पर रहने वाले किसानों के लिए कृषि वैज्ञानिकों ने सुझाई विदेशी सब्जी उत्पादन की नई तकनीक, बेहतर मुनाफा कमाने के लिए जरूर जानें

किसान भाई यहां आवेदन कर सकते हैं

राज्य के कृषकों को अनुदान प्राप्त करने के लिए आवेदन करना बेहद आवश्यक है। किसानों को इसके लिए अपने नजदीकी ई-मित्र केंद्र पर जाना होगा। अगर किसान चाहे तो अपने आपको ई-मित्र खाते से आवेदन कर सकते हैं। जैविक खेती के लिए किसी भी प्रकार के शुल्क की व्यवस्था नहीं की गई है। इसके लिए दस्तावेजों के तौर पर किसान का शपथ पत्र, जमाबंदी की कॉपी, एड्रेस प्रूफ की कॉपी, बैंक पासबुक की कॉपी जैसे दस्तावेज होने जरूरी हैं। किसानों को अनुदान आरटीजीएस के जरिए से भेजी जाएगी।

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