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फूलों की खेती को बढ़ावा देने के लिए मिल रहा 40% प्रतिशत अनुदान

Published on: 08-May-2023

फ्लोरीकल्चर को प्रोत्साहन देने के लिए केंद्र और राज्य सरकार दोनों अपने अपने स्तर से कवायद कर रही हैं। केंद्र एवं राज्य सरकार की तरफ से भी कुछ ऐसा ही कदम उठाया गया है। राजस्थान में किसानों को खेती करने पर 40 प्रतिशत तक अनुदान प्राप्त होगा। फूलों का इस्तेमाल कार्यालय, घर के साथ बाकी जगहों पर होने वाले कार्यक्रमों में किया जाता है। किसान इससे अच्छी आमदनी कर लेते हैं। एक-एक फूल बाजार में 10 रुपये तक बेचा जाता है। कभी-कभी तो इनकी कीमत 500 रुपये प्रति फूल अथवा ज्यादा भी हो जाती है। भारतीय किसान फल, सब्जी के अतिरिक्त फूलों की खेती से भी मोटी आमदनी कर सकते हैं। केंद्र और राज्य सरकार फूलों की खेती को प्रोत्साहन देने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। राजस्थान सरकार की तरफ से हाल ही में फ्लोरीकल्चर को प्रोत्साहन देने के लिए बड़े कदम उठाए गए हैं। इसका प्रत्यक्ष रूप से आर्थिक फायदा किसानों को मिल सकता है।

राजस्थान सरकार फूलों की खेती पर अनुदान प्रदान कर रही है

राजस्थान में फूलों की खेती को बढ़ावा देने की कवायद की जा रही है। राजस्थान में फूलों की खेती करने वाले कृषकों को अनुदान दिया जाएगा। 2 हेक्टेयर क्षेत्र में लूज फ्लावर मतलब गुलदाउदी, गैलार्डिया, देसी गुलाब, गेंदा की खेती करने के लिए लघु एवं सीमांत कृषकों को कुल लागत पर 40 प्रतिशत तक का अनुदान दिया जाएगा। जो कि अधिकतम 16 हजार रुपये तक होगी। साथ ही, प्रति हेक्टेयर 40 हजार रुपये तक की लागत आने का अंदाजा है। साथ ही, अन्य कृषकों को 25 प्रतिशत, अधिकतम 10,000 रुपये का अनुदान दिया जाएगा।

यह जरुरी दस्तावेज होने बेहद आवश्यक हैं

फूलों की बागवानी करने हेतु कृषकों के समीप कुछ आवश्यक दस्तावेज होने आवश्यक हैं। इसमें आधार कार्ड की प्रति, जमाबंदी की कॉपी, किसान का शपथपत्र, जन आधार अथवा भामाशाह कार्ड की कॉपी होनी चाहिए। ये भी पढ़े: जरबेरा के फूलों की खेती से किसानों की बदल सकती है किस्मत, होगी जबरदस्त कमाई

राजस्थान के किन जनपदों में यह योजना चल रही है

फूलों के बगीचों के लिए अनुदान योजना विभिन्न जनपदों में जारी की गई है। इनके अंतर्गत डूंगरपुर, श्रीगंगानगर, जयपुर, जैसलमेर, जालौर, झालावाड़, झुंझुंनू, जोधपुर, कोटा, नागौर, पाली, सिरोही, सवाई माधोपुर, टोंक, उदयपुर, बारां, करौली, अजमेर, अलवर, बांसवाडा, बाडमेर, भीलवाड़ा, बूंदी और चित्तौड़गढ़ शम्मिलित हैं।

किसान बगीचों पर बोर्ड जरूर लगाएं

अगर कोई कृषक संपर्क करता है, तो ऐसे किसान को गोबर से निर्मित खाद 1.00 रुपये प्रति किलोग्राम एवं वर्मीकंपोस्ट 1.50 रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से उपलब्ध करवाया जाएगा। फूलों के बगीचे पर अपना विस्तृत विवरण भी भरना होगा। इसके लिए किसान को बगीचे पर एक बोर्ड लगवाना होगा। उस बोर्ड पर किसान का नाम, पता, फूलों की किस्म का नाम, किस वर्ष में बगीचा लगा, कुल क्षेत्रफल और अनुदान का विवरण भी स्पष्ट करना होगा।

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