हरियाणा सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जेपी दलाल ने फसल विविधीकरण को बढ़ावा देने के लिए कृषि क्षेत्र को कई सहूलियतों का भरोसा दिया है। उन्होंने एक कार्यक्रम में कहा की सरकार हर खेत तक पानी पहुंचाने के लिए किसानों के खेतों पर टैंक निर्माण, फसलों की कम पनी में पर्याप्त सिंचाई के लिए टपक सिंचाई एवं अब्बारा सिंचाई के संयंत्रों पर 85 परसेंट की छूट दे रही है। विदित हो कि हरियाणा पंजाब सहित पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान गेहूं धान फसल चक्र के पीछे पड़ गए हैं। इन दोनों फसलों में दाना बनता है और दाने के लिए जमीन से पोषक तत्वों का अवशोषण ज्यादा होता है। परिणाम स्वरूप जमीन की उर्वरा शक्ति कमजोर पड़ रही है। धान गेहूं फसल चक्र के चलते पानी की खपत भी लगातार बढ़ रही है। फसल विविधीकरण का उद्देश्य ही है कि किसान हिंदू फसलों के बीच में कुछ और सोच ले लेना शुरू करें। सरकार इसके लिए जरूरी संसाधनों पर भरपूर अनुदान दे रही है। श्री दलाल ने यह बातें नारनौल पंचायत भवन में जिला लोक संपर्क एवं जन परिवेदना समिति की बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहीं। स्पष्ट किया कि दक्षिणी हरियाणा मैं हर खेत तक पानी पहुंचाने के लिए सरकार ने योजना बनाई है। कृष्णा के अंतर्गत अकेले यह सामूहिक रूप से टैंक बनाने वाले किसानों को 70 से 85% तक के अनुदान की व्यवस्था की गई है। इस योजना के लिए किसान काडा हरियाणा पोर्टल पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकता है। कृषि मंत्री ने बताया कि हर खेत पानी योजना के तहत सरकार किसानों को फव्वारा व ड्रिप सिंचाई पर 85 फीसदी सब्सिडी दे रही है और अब सरकार इन टैंकों पर सोलर पैनल भी लगवा रही है। जिस पर किसानों को 85 फीसदी तक अनुदान दिया जा रहा है। फसल विविधीकरण के माध्यम से ही किसानों की आय को बढ़ाया जा सकता है। सरकार इस दिशा में किसानों को प्रेरित करने के लिए कई योजनाएं लाई है।