Published on: 23-Dec-2022
अगर आप अपने लिए दवाई लेने किसी भी मेडिकल स्टोर पर जाते हैं, तो वहां पर दवाई बेचने के लिए मेडिकल स्टोर के पास लाइसेंस होना बेहद जरूरी है। यह लाइसेंस फार्मेसी की डिग्री या डिप्लोमा के होने पर ही बनाया जा सकता है। अगर कोई भी स्टोर बिना लाइसेंस के दवाइयां बेच रहा है, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जा सकती है।
लेकिन ऐसा ही प्रावधान कीटनाशक दवाइयों के लिए नहीं है। लेकिन हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार इसके खिलाफ सख्त कदम उठा रही है। सख्ती का पालन न करने वाले कीटनाशक दुकान संचालकों के खिलाफ प्रदेश का एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट कार्यवाही करेगा।
उत्तर प्रदेश में कीटनाशक बेचने के लिए डिग्री, डिप्लोमा होना जरूरी
बहुत समय से उत्तर प्रदेश सरकार के बाद किसानों की शिकायतें आ रही थी, कि कीटनाशक दवाई बेचने वाले लोगों के पास उस दवाई के बारे में किसी भी तरह की जानकारी नहीं होती है। यह विक्रेता किसानों के किसी भी सवाल का जवाब नहीं दे पाते हैं और उन्हें कभी कभी इस तरह की दवाइयां दे दी जाती हैं। जो उनकी फसलों के अनुसार सही नहीं होती हैं। इस तरह से दी गई दवाइयां फसलों को लाभ पहुंचाने की बजाय बहुत ज्यादा नुकसान करवा देती हैं। इसी को लेकर अब प्रदेश सरकार की ओर से निर्देश जारी किए हैं, कि सभी कीटनाशक दुकान संचालकों के पास संबंधित डिग्री या डिप्लोमा होना अत्यंत आवश्यक है।
31 दिसंबर है डिग्री जमा करवाने की अंतिम तारीख
उत्तर प्रदेश के औरैया एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट ने इस संबंध में जिले के सभी कीटनाशक दवा विक्रेताओं को निर्देश जारी किए हैं। अगर मीडिया रिपोर्ट की मानें तो ऐसा कहा जा रहा है, कि कीटनाशक दवाइयां बेचने के लिए केवल डिग्री या फिर डिप्लोमा धारी लोग ही नियुक्त किए जाएंगे। कोई भी विक्रेता जो कीटनाशक दवाइयां बेच रहा है, वह 31 दिसंबर तक अपनी यह डिग्री या डिप्लोमा जमा करवा सकता है। अगर 31 दिसंबर तक विक्रेता ने अपनी डिग्री या डिप्लोमा जमा नहीं करवायी तो उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी एवं साथ ही दुकान खोलने की अनुमति भी नहीं दी जाएगी।
ये डिग्री, डिप्लोमा है जरूरी
विक्रेताओं के पास किसी भी मान्यता प्राप्त
यूनिवर्सिटी या संस्थान से कृषि विभाग, जैव रसायन, जैव प्रौद्योगिकी की स्नातक डिग्री हो। इसके अलावा कृषि बागवानी का 1 वर्षीय डिप्लोमा से भी दवा बेच सकते हैं। विभाग के स्तर से इस संबंध में दवा विक्रेताओं को 12 दिन का ट्रेनिंग दी जा रही है, संचालक ट्रेनिंग में दवाओं के बारे में जानकारी ले सकते हैं। इसके अलावा विक्रेता को दवाइयों के बारे में भी सभी जानकारी होने की जरूरत है। अगर उनके द्वारा किसी भी तरह की गलत दवाई बेची गई तो उनके खिलाफ शिकायत दर्ज की जा सकती है।