Published on: 15-Jun-2023
आपकी जानकारी के लिए बतादें कि कीट नियंत्रण एक उपचार है। लेकिन कीट प्रबंधन कीट संक्रमण से पूर्व ही किया जा सकता है। इस लेख में हमने कीट नियंत्रण एवं कीट प्रबंधन के मध्य अंतराल को विस्तृत रूप से बताया है।
खेती-बाड़ी में आम तौर पर दो शब्द कीट नियंत्रण एवं कीट प्रबंधन सुनने को मिलता है। परंतु, क्या आपको पता है, कि इन दोनों में कोई खास ज्यादा अंतर नहीं होता है। कीट से जुड़े इन दोनों ही शब्दों का अर्थ काफी बड़ा होता है। क्योंकि इनके इस्तेमाल से आपकी फसल एवं कृषि क्षेत्र पर भी इसका असर पड़ता है। अब ऐसी स्थिति में हम आपके लिए इन दोनों में अंतराल समेत इनके महत्व के संदर्भ में जानकारी देने वाले हैं।
कीट नियंत्रण क्या होता है
कीट नियंत्रण कीट में शामिल किस्मों का प्रबंधन है। यह खेत में उपस्थित अवांछित कीड़ों को कम करने, प्रबंधित करने और नियंत्रित करने व हटाने की प्रक्रिया है। कीट नियंत्रण के दृष्टिकोण में एकीकृत कीट प्रबंधन (आईपीएम) शम्मिलित हो सकता है। खेती किसानी में कीटों को सांस्कृतिक,
जैविक, रासायनिक और यांत्रिक तरीकों से संरक्षण किया जाता है। बिजाई से पूर्व खेत की जुताई एवं मिट्टी की जुताई करने से कीटों का भार घटता है। वहीं, फसल चक्रण से निरंतर होने वाले कीट प्रकोप को कम करने में काफी सहयोग मिलता है। कीट नियंत्रण तकनीक में फसलों का निरीक्षण, कीटनाशकों का इस्तेमाल एवं सफाई जैसी विभिन्न चीजें शम्मिलित हैं।
आखिर कीट नियंत्रण का महत्व क्या होता है
मानव स्वास्थ्य का संरक्षण: यह मच्छरों, टिक्स एवं कृन्तकों जैसे कीटों द्वारा होने वाली बीमारियों के प्रकोप को कम कर मानव स्वास्थ्य की रक्षा करने में सहयोग करता है।
संपत्ति का संरक्षण: कीटों को नियंत्रित करके फसलों, संरचनाओं एवं संग्रहीत उत्पादों को क्षति से बचाता है। संपत्ति को संक्रमण से जुड़े विनाश से बचाता है।
खाद्य सुरक्षा: कृषि प्रणाली में फसल पैदावार को बनाए रखना एवं भोजन की सुरक्षा और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए कीट नियंत्रण उपाय जरूरी है।
आर्थिक प्रभाव: प्रभावी कीट नियंत्रण क्षतिग्रस्त फसलों एवं संपत्ति के नुकसान की वजह से होने वाली वित्तीय हानियों को रोक सकता है।
कीट प्रबंधन होता क्या है
कीट प्रबंधन को अवांछित कीटों का खात्मा करने एवं हटाने की एक विधि के तौर पर परिभाषित किया गया है, जिसमें रासायनिक उपचारों का इस्तेमाल शम्मिलित हो सकता है अथवा नहीं भी हो सकता है। प्रभावी कीट प्रबंधन का उद्देश्य कीटों की तादात को एक सीमा तक कम करना है।
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कीट प्रबंधन का महत्व क्या होता है
रसायनों पर कम निर्भरता: यह जैविक नियंत्रण एवं सांस्कृतिक प्रथाओं जैसे वैकल्पिक तरीकों के इस्तेमाल पर बल देता है। रासायनिक कीटनाशकों पर निर्भरता को कम करने के साथ उनके संभावित नकारात्मक प्रभावों को भी कम करता है।
पर्यावरणीय स्थिरता: कीट प्रबंधन पारिस्थितिक संतुलन बरकरार रखने एवं स्थिरता को प्रोत्साहन देने की कोशिश करता है।
एकीकृत कीट प्रबंधन: कीट प्रबंधन में निगरानी, निवारक उपाय एवं जरूरत पड़ने पर कीटनाशकों का लक्षित इस्तेमाल शम्मिलित है, जिससे ज्यादा प्रभावशाली एवं टिकाऊ कीट नियंत्रण होता है।
दीर्घकालिक रोकथाम: कीट प्रबंधन का उद्देश्य कीट संबंधित परेशानियों की मूल वजहों को दूर करना है। साथ ही, आने वाले समय में होने वाले संक्रमण को न्यूनतम करने के लिए निवारक उपायों को इस्तेमाल करना है, जिससे निरंतर एवं गहन कीट नियंत्रण उपचार की जरूरतें कम हो जाती हैं।
कीट नियंत्रण और कीट प्रबंधन में फर्क बताने हेतु निम्नलिखित बिंदु
लक्ष्य के आधार पर अंतर
कीट नियंत्रण- कई सारे तरीकों से कीटों का खत्मा करना अथवा नियंत्रित करना
कीट प्रबंधन- पर्यावरण एवं मानव स्वास्थ्य को होने वाली हानि को कम करते हुए अथवा उनकों ध्यान में रखते हुए कीटों की रोकथाम करना
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दृष्टिकोण के आधार पर अंतर
कीट नियंत्रण- कीटों के तत्काल उन्मूलन पर ध्यान केंद्रित करना
कीट प्रबंधन- लम्बे समय तक नियंत्रण एवं रोकथाम रणनीतियों पर बल देना
तरीकों के आधार पर अंतर
कीट नियंत्रण- कीटनाशकों पर काफी ज्यादा निर्भरता
कीट प्रबंधन- जैविक नियंत्रण, सांस्कृतिक प्रथाओं एवं रासायनिक नियंत्रण समेत कई सारी तकनीकों का उपयोग करना
दायरे के आधार पर अंतर
कीट नियंत्रण- विशेष रूप से वर्तमान में कीट संक्रमणों को कम करना अथवा उनका खत्मा करना
कीट प्रबंधन- वर्तमान संक्रमण एवं भावी संभावित खतरों दोनों का खत्मा अथवा कम करना।
वहनीयता के आधार पर अंतर
कीट नियंत्रण- पर्यावरण एवं गैर-लक्षित किस्मों पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।
कीट प्रबंधन- पारिस्थितिक संतुलन बरकरार रखने एवं स्थिरता को प्रोत्साहन देने की कोशिश करता है।
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एकीकृत कीट प्रबंधन (आईपीएम) के आधार पर अंतर
कीट नियंत्रण- स्वाभाविक रूप से एक आईपीएम दृष्टिकोण नहीं है।
कीट प्रबंधन- आम तौर पर सभी उपलब्ध कीट प्रबंधन तकनीकों पर विचार करते हुए आईपीएम के सिद्धांतों का पालन करता है।
पारिस्थितिकी तंत्र के आधार पर अंतर
कीट नियंत्रण- समस्त पारिस्थितिकी तंत्र के लिए कम विचार
कीट प्रबंधन- पारिस्थितिक संदर्भ एवं पारिस्थितिकी तंत्र पर कीट प्रबंधन क्रियाओं के प्रभाव पर विचार करना
निगरानी के आधार पर अंतर
कीट नियंत्रण- सीमित निगरानी या कुछ निगरानी प्रणाली पर ध्यान
कीट प्रबंधन- कीटों का पता लगाने और प्रबंधन रणनीतियों की प्रभावशीलता का आकलन करने के लिए निरंतर निगरानी और नियमित निरीक्षण पर निर्भरता।