Published on: 06-Jan-2023
कुंदरु एक ऐसी सब्जी है, जो भारत में हर मौसम में प्राप्त की जा सकती है। इनके पेड़ों को एक बार लगाने पर कई सालों तक इससे उत्पादन ले सकते हैं। कुंदरु की फसल में धान, गेहूं, दलहन, तिलहन जैसी पारंपरिक फसलों की अपेक्षा लागत भी कम आती है। इसके साथ ही इसकी खेती करने में मेहनत भी बेहद कम लगती है। इसकी अपेक्षा इस खेती में मुनाफा ज्यादा होता है, जिससे कम मेहनत पर किसानों की कमाई में तेजी से बढ़ोत्तरी होती है।
कुंदरु की खेती के लिए इस तरह की मिट्टी होती है उपयुक्त
कुंदरु की खेती के लिए वैसे तो हर प्रकार की मिट्टी उपयुक्त है। हर तरह की मिट्टी में इसकी खेती बेहद आसानी से की जा सकती है। लेकिन यदि बलुई दोमट मिट्टी में इसकी खेती की जाए तो इस फसल का शानदार उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है। इस फसल के अंदर मिट्टी में लवणता को सहन करने की क्षमता होती है। इसके साथ ही यदि कृषि भूमि का pH मान 7 हो तो यह कुंदरु की फसल के लिए बेहद उपयुक्त है। इसकी खेती के लिए गर्म और नमी युक्त environment ठीक रहता है। फसल की शानदार उपज के लिए 30 से 40 डिग्री सेल्सियस तापमान सही रहता है।
इस तरह से करें कुंदरु के बीजों की बुवाई
इसके बीजों को सीधे खेत में बोया जा सकता है। इसके अलावा बीजों को नर्सरी में भी तैयार किया जा सकता है। इसके बाद खेत में मेड़ तैयार करके वहां पर पौधों को स्थानान्तरित कर दिया जाता है। कुंदरु के पौधों को इस तरह से लगाना चाहिए ताकि खरपतवार तैयार न हो।
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इसके लिए सबसे पहले गर्मी शुरू होते ही खेत की गहरी जुताई करके खेत को खुला छोड़ दें। इसके साथ ही खेत को अच्छी तरह से साफ कर दें। बाद में खेत में दो से तीन बार हैरो या कल्टीवेटर लगाकर खेत को समतल कर लें। इसके बाद बांस के खंबों को लगा दें। खेत में बांस के खंबों को लगाकर खेती करने को पांडाल प्रणाली कहते हैं। इससे उत्पादन ज्यादा होता है।
कुंदरु की खेती में इतना होता है उत्पादन
पहली बार कुंदरु में 50 दिन बाद फल लगते हैं। इसके बाद हर 15 दिन में इसके फलों की तुड़ाई की जा सकती है। हर 15 से 20 दिन के अंतराल में इसमें दोबारा फल आने लगते हैं। अगर कुंदरु के प्रति हेक्टेयर उत्पादन की बात करें तो एक हेक्टेयर में किसान भाई 450 क्विंटल तक कुंदरु उत्पादित कर सकते हैं। इसके एक बार पौधे लगाने पर अगले 4 सालों तक इससे फसल ली जा सकती है। अगर वर्तमान भाव की बात करें तो कुंदरु का भाव थोक बाजार में 4500 से लेकर 5000 रुपये प्रति क्विंटल है। जिससे इसकी खेती करके किसान भाई बंपर कमाई कर सकते हैं।
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भारत में कुंदरु की खेती ज्यादातर ऐसे स्थानों पर होती है जहां कम ठंड पड़ती है। साल में कम से कम 8 से लेकर 9 महीने तक इसके पेड़ फल देते रहते हैं। जिससे कहा जाता है, कि यह साल भर फल देने वाला पेड़ है।